ईश्वर दुबे
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Bhilai
सारंगढ़। अन्न उगाकर सबकी भूख मिटाने वाले होते है अन्नदाता -किसान ,लेकिन आज किसान कि दसा दुख दयनीय है ,धान बेचने के लिए हो रहे है मोहताज किसान ,बीते कुछ दिनों से किसानो की सबसे बड़ी समस्या धान पंजीयन है,किल्लत भरा जीवन जी कर गुजर बसर करने वाले लाखो परिवार खेती के भरोसे अपना जीवन निर्वाह करता है , अपनी खून पसीने बहाकर कड़ी मेहनत करते हुए पाई पाई पैसे जमाकर खेती करता है ,ताकि उसे अच्छे मूल्य में बेचकर अपना कर्ज चुका सके और अपने परिवार का भरण पोषण कर सके,लेकिन आज किसान धान पंजीयन की समस्या से जूझ रहा है ,साथ ही किसान धान पंजीयन छूट न जाए इस भय में जी रहा है , समय समय पर माननीय मुख्यमंत्री द्वारा कहा गया कि अन्नदाता के उगाए हुए फसल बेकार नहीं जाएगा उगाए हुए एक एक दाने को खरीदेंगे, किए वादे आज याद कर किसान के आसू झलक रहे है।
धान पंजीयन की तिथि हुई समाप्त
छत्तीसगढ़ में धान बिक्री हेतु किसानो के फसल पंजीयन की तिथि तय की गई समय अवधि 17-11-2020 को समाप्त हो गया है , लेकिन अब भी कई किसानो का पंजीयन होना अब भी बाकी है ,अगर किसान का धान पंजीयन ना हो पाए तो अन्नदाता ही अपने हक से वंचित हो जाएगा ,धान पंजीयन न होना किसानो के ऊपर अन्याय होगा,और किसान आक्रोशित स्थिति में आ जाएगा,किसानो के ऊपर अन्याय न हो और किसी भी किसान का धान पंजीयन छूट न जाए समय अवधि बढ़ाने हेतु अनुरुद्ध पटेल के नेतृत्व में कई किसान एकत्रित होकर माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी से निवेदन करते हुए कहा गया कि आपके ऊपर पूरी आस्था और विश्वास रखते हुए की कोई भी अन्नदाता( किसान) अपना फसल बेचने से वंचित ना हो ,जिससे किसानों का धान पंजीयन छूट न जाए मुख्यमंत्री के नाम सारंगढ़ एसडीएम नंद कुमार चौबे को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन सौंपने वालों में अनुरुद्ध पटेल,हरिनाथ खुटे,टारजन महेश ,रोशन सोनी,संजय सोनी, पुरन्दर जोल्हे,नील ध्वज ,पीक ध्वज,कमलेश खूंटे,अन्य किसान उपस्थित थे।