ईश्वर दुबे
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Bhilai
हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस घटना ने लोगों के जेहन में दिल्ली के निर्भया कांड का यादें ताजा कर दी हैं। अब इस मामले में कोताही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर राज्य पुलिस ने कार्रवाई की है। वहीं गुस्साई भीड़ ने थाने के बाहर प्रदर्शन किया। थाने के अंदर घुसने की कोशिश कर रही भीड़ को जब पुलिस ने रोका तो लोगों ने पुलिस पर चप्पलें फेंकी। स्थानीय अदालत ने सभी आरोपियों को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है।
तीन पुलिसकर्मी निलंबित
साइबराबाद पुलिस अधीक्षक वीसी सज्जनार ने कहा, '27-28 नवंबर की दरम्यानी रात को एक महिला के लापता होने के मामले में शमशाबाद पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने में देरी होने के संबंध में अपनी ड्यूटी में कोताही बरतने के मामले में विस्तृत जांच की गई।' उन्होंने आगे बताया कि जांच के परिणाम के आधार पर सब इंस्पेक्टर एम. रवि कुमार, हेड कांस्टेबल पी वेणुगोपाल रेड्डी और हेड कांस्टेबल ए सत्यनारायण गौड़ को अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया गया है।
परिवर ने लगाया लापरवाही का आरोप
महिला चिकित्सक के परिवारवालों ने पुलिस पर लापरवाही करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि साइबराबाद पुलिस उन्हें इधर-उधर दौड़ाती रही। यदि उन्होंने समय रहते कार्रवाई की होती तो पीड़िता को जिंदा बचाया जा सकता था। पीड़िता की मां ने कहा था कि घटना के बाद मेरी छोटी बेटी थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची लेकिन उसे शमशाबाद थाने भेज दिया गया।
गुस्साई भीड़ ने की थाने में घुसने की कोशिश
हैदराबाद की घटना को लेकर तेलंगाना सहित कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन किया गया। गुस्साई भीड़ ने शादनगर पुलिस स्टेशन का घेराव किया और उसके अंदर घुसने की उस समय कोशिश की जब चारों आरोपियों को अदालत में पेश करने से पहले थाने में रखा गया है। इस दौरान लोगों ने पुलिसवालों पर चप्पलें भी फेंकी। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि आरोपियों को उनके हवाले किया जाए। प्रदर्शनकारियों ने जब थाने में घुसने की कोशिश की तो पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज की। चारों आरोपियों को शनिवार को रंगारेड्डी अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।