संसद में हैदराबाद गैंगरेप और मर्डर केस पर गुस्साए सांसद, जया बच्चन ने की आरोपियों को भीड़ के हवाले करने की मांग Featured

नई दिल्ली. हैदराबाद में महिला डॉक्टर को रेप के बाद मारकर जला डालने की हत्या का मामला आज सोमवार 2 दिसम्बर को संसद में भी गूंजा. इस मामले पर राज्यसभा में दो सांसदों ने बेहद कड़ी टिप्पणी की और एसपी सांसद जया बच्चन ने तो दोषियों को भीड़ के हवाले कर देने तक का सुझाव दे डाला.

जया ने संसद के ऊपरी सदन में चर्चा के दौरान कहा कि रेप के आरोपियों को बाहर लाना चाहिए और उन्हें भीड़ के हवाले कर देना चाहिए. वहीं, एआईएडीएमके की सांसद विजिला सत्यानंद ने दोषियों को 31 दिसंबर तक फांसी दे दिए जाने की मांग की. 27 नवंबर को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में रात 9.35 से 10 बजे के बीच 27 वर्षीय महिला डॉक्टर का चार लोगों ने गैंगरेप किया और उसकी हत्या कर दी.

इससे पहले कुछ राज्यसभा सांसदों ने हैदराबाद की नृशंस घटना पर चर्चा के लिए नोटिस दिया. चर्चा के दौरान एसपी सांसद जया बच्चन अपनी भावना पर काबू नहीं रख सकीं और बेहद कड़ी टिप्पणी कर दीं. उन्होंने सभापति वेंकैया नायडू से मुखातिब होते हुए कहा, सर, इस तरह की चीजें कुछ देशों में होती हैं, वहां आम लोग इसका न्याय करती है. मेरा सुझाव है, मुझे पता है कि थोड़ा कठोर है, लेकिन मेरा मानना है कि ऐसे लोगों को भीड़ के हवाले कर देना चाहिए और उन्हें लिंच कर देना चाहिए. जया के इस सुझाव पर सभापति असहज भी हो गए और उन्होंने लिंच्ड शब्द पर हैरानी जताई.

संसद में क्या बोला कौन

इससे पहले एसपी सांसद ने यह कहते हुए अपने वक्तव्य की शुरुआत की कि पता नहीं इस तरह के अत्याचार पर सदन कितनी बार चर्चा कर चुका है. उन्होंने कहा, पता नहीं कि हम कितनी बार इस पर चर्चा करते हैं. हैदराबाद हुआ, निर्भया हुआ, कठुआ हुआ. मुझे लगता है कि इस पर सरकार से इस पर सवाल पूछा जाना चाहिए और उन्हें इस पर सटीक जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा, इस बार सरकार से पूछा जाना चाहिए कि क्या हुआ, उन्होंने इससे कैसे टैकल किया और इसमें इन लोगों को अब तक कितना न्याय मिला है? 

31 दिसंबर तक चारों दोषियों को मिले फांसी

उधर, एआईएडीएमके की विजिला सत्यानंद चर्चा के दौरान भावुक हो गईं और उन्होंने कहा कि बेटियों के लिए भारत सुरक्षित नहीं रहा. उन्होंने भी अपराधियों के खिलाफ कठोर सजा की मांग की. उन्होंने रुंधे गले से कहा, मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाकर 31 दिसंबर से पहले चारों दोषियों को फांसी दे देनी चाहिए. वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह ने कहा कि देश में सख्त कानूनों पर अमल नहीं हो पा रहा है. 

लोकसभा में भी चर्चा

उधर, संसद के निचले सदन लोकसभा में भी इस मामले पर चर्चा चल रही है. शिवसेना ने इस मामले में सदन में स्थगन प्रस्ताव लाया था जिसे स्वीकार करते हुए चर्चा की अनुमति दी गई.

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