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नई दिल्ली । दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड ने जीना मुश्किल कर दिया है। उत्तर पश्चिम भारत के ज्यादातर राज्यों में कोल्ड डे से लेकर गंभीर कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है, इसकारण दिन के समय में भी ठिठुरन भरी ठंड कायम है। अब मौसम विभाग ने बताया हैं कि 11 जनवरी से उत्तर पश्चिम भारत में सर्दी का सितम कुछ कम होना शुरु होगा है। हालांकि, अगले चार से पांच दिनों तक सुबह और रात के समय घना कोहरा छाया रहेगा।
मौसम विभाग के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान 5-10 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया जा रहा है, जबकि मध्य प्रदेश और बिहार में यह 11-13 डिग्री के बीच बना हुआ है।
मौसम विभाग ने कई राज्यों में बारिश का भी अलर्ट जारी किया है। अगले दो दिनों के दौरान तमिलनाडु, केरल, तटीय कर्नाटक और लक्षद्वीप में मध्यम बारिश होगी। उत्तरी राजस्थान में 11 और 12 जनवरी की सुबह बहुत घना कोहरा पड़ने की संभावना है। इसके बाद इसमें कमी आएगी। वहीं, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, असम, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा में 11-15 जनवरी, जम्मू डिविजन, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी मध्य प्रदेश, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम में 11 और 12 जनवरी को सुबह कोहरा छाया रहेगा।
हालांकि, उसके बाद खुशखबरी है कि 11 जनवरी से स्थिति सुधरेगी और कोल्ड डे और गंभीर कोल्ड डे जैसे हालात खत्म हो जाएंगे। इसके अलावा, मध्य और पूर्वी भारत में अगले तीन से चार दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस के बीच गिरावट देखने को मिलेगी। वहीं, देशभर में अगले पांच दिनों तक कहीं भी शीतलहर नहीं चलने वाली है।

बेंगलुरु । बेंगलुरु में मंदिर प्रबंधन बुधवार से एक ड्रेस कोड लागू कर रहा है। अब भक्तों को केवल भारतीय पारंपरिक ड्रेस में ही मंदिरों में प्रवेश करने की अनुमति होगी। कर्नाटक देवस्थान महासंघ और हिंदू जनजागृति समिति इस संबंध में मंदिरों के सामने बोर्ड लगाएगी और बुधवार से इस संबंध में सख्त नियम लागू करने को कहा है। ड्रेस कोड के अनुसार, पुरुषों को शॉर्ट्स, बरमूडा, फटी जींस, सीना दिखाने वाली टी-शर्ट पहनने की अनुमति नहीं है। वहीं, महिलाओं को शॉर्ट्स, मिडी, फटी जींस में मंदिरों के अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी।
बोर्ड ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अशोभनीय, अश्लील पोशाक पहनकर मंदिरों में प्रवेश न करें। इसमें यह भी कहा गया है कि मंदिर की पवित्रता की रक्षा करना परम धार्मिक कर्तव्य है। कर्नाटक मंदिर-मठ और धार्मिक संस्थान संघ ने पिछले महीने सभी मंदिरों के पुजारियों और ट्रस्टियों की बैठक बुलाई थी और जनवरी में नियम लागू करने का फैसला किया था।
पहले अपील की गई थी और हिंदू संगठनों ने फैसले का समर्थन किया था। बेंगलुरु के वसंत नगर में श्री लक्ष्मी वेंकटरमण मंदिर के सामने इस संबंध में एक बोर्ड लगाकर मंदिरों के लिए ड्रेस कोड अभियान भी चलाया जाएगा।

 

मुंबई । प्रधानमंत्री मोदी 12 जनवरी को मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का उद्घाटन करेंगे। इसे देश का सबसे लंबा समुद्री पुल बताया जा रहा है। मुंबई के सेवरी और रायगढ़ जिले के न्हावा शेवा क्षेत्र के बीच 21.8 किलोमीटर लंबा यह पुल है। इसके उद्घाटन के बाद यात्रा में केवल 15-20 मिनट का समय लगेगा जिसमें अभी 2 घंटे लग जाते हैं।
अधिकारियों के अनुसार एमटीएचएल मेन मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा जो राज्य के 2 सबसे बड़े शहरों को जोड़ता है। यह 6 लेन वाला पुल है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के उद्घाटन को लेकर कुछ दिनों पहले जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि पीएम मोदी 12 जनवरी को एमटीएचएल का उद्घाटन करेंगे। इस पुल से इससे जुड़े क्षेत्रों में तेजी से आर्थिक विकास संभव हो सकेगा। एमटीएचएल मुंबई के सेवरी को नवी मुंबई के चिरले से जोड़ेगा और प्रतिदिन इससे 70 हजार वाहनों की आवाजाही हो सकती है। कहा जा रहा है कि मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के उद्घाटन से आवागमन में क्रांतिकारी बदलाव आने वाला है। इससे कनेक्टिविटी में सुधार के साथ ही आवास की मांग में भी वृद्धि होने वाली है। खासतौर से पनवेल इलाके में संपत्तियों के मूल्यों में बढ़ोतरी होने का अनुमान है। एमटीएचएल के तैयार होने से मध्य और दक्षिण मुंबई से पनवेल तक पहुंचना काफी सुविधाजनक हो जाएगा। एमटीएचएल को एलिवेटेड कॉरिडोर के जरिए मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा। इससे मुंबई से पुणे लगातार यात्रा करने वालों को लाभ होगा।

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मालदीव सरकार के तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके बाद भी भारतीयों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा। इस बीच डैमेज कंट्रोल की कोशिश कर मालदीप सरकार लगातार दोनों देशों की दोस्ती का हवाला दे रही है। ये सब इसकारण हो रहा है, क्योंकि मालदीव की इकनॉमी काफी हद तक इंडियन टूरिस्ट्स पर निर्भर है। हर साल वहां लाखों भारतीय छुट्टियां मनाने जाते हैं।
अब लक्षद्वीप मालदीव को रिप्लेस कर सकता है। वैसे सुन्नी-बहुत मालदीव के बारे में अमेरिका तक कह चुका कि ये हद से ज्यादा चरमपंथी देश है, जिसके लोगों का आतंकवादियों से लिए नरम रूख रहा। काफी हद तक ये सही भी है। एक समय पर बौद्ध आबादी वाला ये देश तेजी से मुस्लिम आबादी में बदला। अब हालत ये है कि यहां नॉन-मुस्लिमों को नागरिकता तक नहीं मिलती।
इतिहासकार क्या मानते हैं
ज्यादातर स्कॉलर्स का मानना है कि चोल साम्राज्य से भी पहले वहां कलिंग राजा ब्रह्मदित्य का शासन था। ये 9वीं सदी की बात है। इसके बाद राजसी शादियों के जरिए वहां तक चोल वंश पहुंच गया। 11वीं सदी में मालदीप पर महाबर्णा अदितेय का शासन रहा, जिसके प्रमाण वहां आज भी शिलालेखों पर मिलते हैं।
इससे पहले से ही बौद्ध धर्म भी वहां फल-फूल रहा था। ईसा पूर्व तीसरी सदी में वहां की ज्यादातर आबादी बौद्ध थी। हिंदू राजाओं के आने के बाद दोनों ही धर्म एक साथ बढ़ते रहे। अब भी वहां के 50 से ज्यादा द्वीपों पर बौद्ध स्तूप मिलते हैं। लेकिन ज्यादातर या नष्ट हो चुके, या तोड़े जा चुके। आखिरी बौद्ध राजा धोवेमी ने साल 1153 में इस्लाम अपना लिया और उनका नाम पड़ा, मुहम्मद इब्न अब्दुल्ला।
असल में द्वीप देश में लंबे समय से अरब व्यापारियों का आना-जाना था। शुरुआत में बात व्यापार तक रही, लेकिन धीरे-धीरे वे अपने धर्म का प्रचार करने लगे। राजा के धर्म परिवर्तन के बाद लगभग सारी आबादी ने मुस्लिम धर्म अपना लिया और देश का इस्लामीकरण हो गया। इस बात का जिक्र नोट ऑन द अर्ली हिस्ट्री ऑफ मालदीव्स नाम की किताब में मिलता है।
हिंद महासागर में स्थित ये द्वीप देश अब 98 प्रतिशत मुस्लिम है. बाकी 2 प्रतिशत अन्य धर्म हैं, लेकिन उन्हें अपने धार्मिक प्रतीकों को मानने या पब्लिक में त्यौहार 0मनाने की छूट नहीं। यहां तक कि अगर किसी को मालदीव की नागरिकता चाहिए तब वहां मुस्लिम,वहां भी सुन्नी मुस्लिम होना पड़ता है।
वैसे ये पर्यटन का देश है, लेकिन टूरिस्ट्स को भी यहां अपने धर्म की प्रैक्टिस पर मनाही है। वे सार्वजनिक जगहों पर पूजा-पाठ नहीं कर सकते। अमेरिकी रिपोर्ट ने भी लगाई मुहर यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट ने साल 2022 में मालदीव में रिलीजियस फ्रीडम पर एक रिपोर्ट जारी की। इसमें बताया गया कि वहां के द्वीप पर भगवान की मूर्तियां स्थापित करने के जुर्म में तीन भारतीय पर्यटकों को गिरफ्तार कर लिया गया था। देश में लगभग 29 हजार भारतीय रह रहे हैं, लेकिन या तब वे इस्लाम अपना चुके, या फिर अपना आधिकारिक धर्म छिपाते हैं।
क्या है आईएसआईएस से संबंध
लगभग 12 सौ द्वीपों से बने देश के बारे में माना जाता है कि कि यहां पर कैपिटा आबादी पर सबसे ज्यादा युवा इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ने गए। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 से लेकर 2018 की शुरुआत तक, यहां से ढाई सौ से ज्यादा लोग आईएसआईएस में भर्ती के लिए सीरिया चले गए। ये जनसंख्या के हिसाब से दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसमें काफी लोग मारे गए, जबकि ज्यादातर मालदीवियन महिलाएं नॉर्थईस्ट सीरिया के कैंपों में हैं। खुद मालदीव की सरकार ने उन्हें वापस लाने के लिए नेशनल रीइंटीग्रेशन सेंटर बनाया हुआ है, जो दूसरों देशों के साथ संपर्क में है। मालदीव का अड्डू शहर इस्लामिक चरमपंथियों का गढ़ बना हुआ है। ये शहर साल 2018 के बाद सक्रिय हुआ, और लगातार आईएसआईएस की विचारधारा पर काम करने लगा। इसके अलावा युवाओं के दिमाग में जहर भरकर उन्हें भड़काना भी इनका काम है। काफी लोग अल-कायदा को भी सपोर्ट करते हैं।

 

नई दिल्ली। अरब सागर में भारत ने समुद्री निगरानी बढ़ा दी हैं। भारतीय नौसेना के एक्शन के बाद पाकिस्तानी नौसेना ने भी अरब सागर में हालिया घटनाओं के बाद पाकिस्तान ने ये युद्धपोत तैनात किए हैं। पाकिस्तान का कहना है उसने अपने समुद्री व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा नौसेना के लिए अरब सागर में गश्त शुरू की है। समुद्री डाकूओं और अपहरण की घटनाओं को देखते हुए भारत के द्वारा यहां 10 युद्धपोत तैनात किए हैं। नौसेना ने 10 दिनों के भीतर यहां युद्धपोतों की संख्या दोगुनी कर दी है। वॉरशिप पर नेवी के हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए हैं। अरब सागर में समुद्री डाकूओं द्वारा किए गए हाल के हमलों को ध्यान में रखते हुए, बीते दिनों भारतीय नौसेना ने यहां गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता तैनात किए थे। भारत के इस कदम के बाद अब पाकिस्तान ने भी अरब सागर में अपने युद्धपोत तैनात किए हैं।

पटना । बिहार के पटना के फुलवारी शरीफ स्थित एक गांव में दो नाबालिग बच्चियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। घटना के बाद एक बच्ची की मौत हो गई तो वहीं, दूसरी बुरी तरह घायल है। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना की सूचना मिलने के बाद फुलवारी शरीफ थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। घटना के बाद गांव के लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

 

शिवमोग्गा। कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले की रहने वाली 19 साल की लडक़ी की मंकी वायरस से मौत हो गई। इस बीमारी को क्यासानूर फॉरेस्ट डिजीज भी कहा जाता है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, लडक़ी को तेज बुखार की शिकायत थी। 4 जनवरी को उसका केएफडी टेस्ट किया गया था। टेस्ट में पॉजिटिव आने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया गया था। यहां इलाज के लिए उसकी मौत हो गई। विभाग का कहना है कि मंकी वायरस से यह राज्य में साल की पहली मौत है।

 

मुंबई । महाराष्ट्र की राजनीति के लिए बुधवार का दिन अहम होने जा रहा है। शिवसेना के बागी 16 विधायकों की अयोग्यता पर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर आज अपना फैसला सुनाएंगे। इससे पहले प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। फैसले से पहले बयानबाजी तेज है। सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात पर उद्धव ठाकरे की आपत्ति पर स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि मुख्यमंत्री और स्पीकर की मुलाकात होती रहती है। आज का फैसला ऐतिहासिक और संविधान तथा सुप्रीम कोर्ट के अनुसार होगा।

राज्य का मुख्यमंत्री असंवैधानिक: संजय राउत

शिवसेना (यूबीटी गुट) के नेता संजय राउत ने कहा, आज यह तय हो जाएगा कि यह सरकार अवैध है। पीएम मोदी आगामी चुनावों के लिए रैली करने के लिए महाराष्ट्र आ रहे हैं...देखना यही है कि क्या किसी तरह की मैच फिक्सिंग होती है? उन्हें इतना भरोसा कैसे है कि यह सरकार बनी रहेगी। आज जो भी फैसला होगा वह महज औपचारिकता होगी। राज्य का मुख्यमंत्री असंवैधानिक है।


फैसले से पहले एकनाथ शिंदे सरकार में उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भरोसा जताया है कि सरकार स्थिर रहेगी। वहीं शिवसेना (उद्धव गुट) का दावा है कि स्पीकर का फैसला आते ही राज्य में शिदे सरकार गिर जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष उचित एवं कानून सम्मत निर्णय करेंगे। भाजपा एवं शिवसेना के शिंदे गुट द्वारा बनाई गई सरकार कानूनी रूप से मजबूत है। हमारा पक्ष मजबूत है। हमें विधानसभा अध्यक्ष से न्याय मिलने का भरोसा है। इसलिए, हमारी सरकार कल भी स्थिर थी और आगे भी स्थिर रहेगी। - देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम, महाराष्ट्र

शिवसेना में बगावत की पूरी कहानी, क्या हुआ था डेढ़ साल पहले

करीब डेढ़ साल पहले शिवसेना में बड़ी बगावत हुई थी। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कुल 39 विधायक बागी हो गए थे और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। बाद में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया गया। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस चला। शिंदे गुट ने भी उद्धव ठाकरे के साथ बचे रहे 14 विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। कुछ माह बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को सौंप दिया था।

सीएम से मिलने क्यों गए स्पीकर

इस बीच, शिवसेना (उद्धव गुट) ने अभी से विधानसभा अध्यक्ष पर अविश्वास जताना शुरू कर दिया है। दरअसल, पिछले दिनों में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर दो बार मुख्यमंत्री शिदे से मिलने उनके निवास पर जाए। इस पर शिवसेना (उद्धव गुट) ने आपत्ति दर्ज करवाई है। उद्धव ठाकरे का कहना है कि जब जज (राहुल नार्वेकर) स्वयं आरोपी (एकनाथ शिंदे) से मिलने उसके घर जा रहे हों, तो हम जज से क्या उम्मीद कर सकते हैं।

 

3 राज्यों में कोल्ड वेव का अलर्ट; तमिलनाडु-पुडुचेरी में भारी बारिश के चलते स्कूलों की छुट्टी


नई दिल्ली । उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पडऩे का सिलसिला जारी है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में आज कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में आज ओले गिरने की संभावना जताई गई है। उधर, तमिलनाडु और पुडुचेरी के कई इलाकों में रविवार देर रात से शुरू हुई बारिश सोमवार सुबह तक जारी रही। तेज बरसात के चलते पुडुचेरी के सभी स्कूलों और तमिलनाडु के 8 जिलों के स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है।
भारी बारिश के चलते तमिलनाडु के तिरुवरूर जिले में एक मकान की दीवार ढह गई। इससे 9 साल की बच्ची की मौत हो गई। मौसम विभाग ने आज भी तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं, देश के 21 राज्य आज भी कोहरे की चपेट में दिखे। इनमें पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा और नॉर्थ-ईस्ट के अरुणाचल प्रदेश को छोडक़र सभी राज्य शामिल हैं।
उत्तर भारत में कोहरे की वजह से ट्रेनों के लेट होने का सिलसिला भी लगातार जारी है। दिल्ली में आज 20 ट्रेनें अपने निर्धारित समय पर स्टेशन नहीं पहुंच सकीं। पंजाब और राजस्थान से दिल्ली पहुंचने वाली कुछ ट्रेनें 6 घंटे से ज्यादा लेट हुईं। रविवार को भी 22 ट्रेनें प्रभावित हुई थीं।

 

15वें वेतन संशोधन की मांग को लेकर तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम (TNSTC) ने राज्य भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल की है। तमिलनाडु परिवहन संघ मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हालांकि, राज्य में विभिन्न परिवहन कर्मचारी संघों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एमटीसी) सहित कई बसों के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा है।

शहर में एमटीसी एकमात्र बस ऑपरेटर है, जिसने 2,025 बसों के सामान्य संचालन के मुकाबले कुल 2,098 बसों को संचालित किया है। तमिलनाडु में परिवहन कर्मचारी संघों ने सोमवार को एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार के साथ असफल वार्ता के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। मंगलवार को कर्मचारी संघों ने राज्य सरकार पर उनकी मांगों पर विचार नहीं करने का आरोप लगाया।

परिवहन संघ ने सरकार पर लगाया आरोप

सीटू नेता ए सुंदरराजन के अनुसार, राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि परिवहन कर्मचारियों की कोई भी मांग अब स्वीकार नहीं की जा सकती है, जो एक "अन्यायपूर्ण उत्तर और अनुचित रुख" है।

सुंदरराजन ने कहा, "यह सरकार परिवहन निगम के कर्मचारियों के साथ दोयम दर्जे के नागरिकों के रूप में व्यवहार कर रही है... एक प्रमुख मांग पेंशनभोगियों के लिए आठ साल से लंबित महंगाई भत्ता जारी करने की है और हम इसमें बढ़ोतरी की मांग नहीं कर रहे हैं, हम देय डीए जारी करने के लिए कह रहे हैं।"

सरकार से 15वें वेतन संशोधन समझौते के तहत बढ़ी हुई मजदूरी तय करने के लिए बातचीत शुरू करने की तारीख तय करने का आग्रह करते हुए सीटू नेता ने कहा, “अगर वे इस मांग को भी स्वीकार नहीं कर सकते हैं, तो सरकार को हमें हड़ताल रद्द करने के लिए कहने का क्या अधिकार है।”

बता दें कि ट्रांसपोर्ट यूनियनों की हड़ताल प्रमुख तमिल त्योहार 'पोंगल' से पहले हुई है, जिससे उत्सव की भीड़ में खलल पड़ने की संभावना है।

हड़ताल करने पर उचित कार्रवाई करने की चेतावनी

राज्य के परिवहन मंत्री एस एस शिवशंकर ने सोमवार को आरोप लगाया था कि परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल "राजनीतिक मकसद" है और इससे जनता को परेशानी होगी। हड़ताल पर उचित कार्रवाई की चेतावनी देते हुए मंत्री ने कहा था कि वित्तीय स्थिति में सुधार होने पर उनकी मांगें उचित समय पर पूरी की जाएंगी।

इस बीच, अन्नाद्रमुक प्रमुख और विपक्ष के नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी ने कर्मचारी संघ द्वारा रखी गई किसी भी मांग को पूरा करने के लिए द्रमुक सरकार की आलोचना की।

8 हजार से ज्यादा बसें संचालित की गईं

वहीं, प्रबंध निदेशक एल्बी जॉन बसों के संचालन का निरीक्षण करने के लिए विभिन्न बस डिपो में जा रहे हैं, ताकि हड़ताल के कारण यात्रियों विशेषकर कार्यालय जाने वालों को कोई परेशानी न हो। एमटीसी ने एक परिपत्र जारी कर सभी छुट्टियां रद्द कर दी हैं और बस चालक दल को नियमित छुट्टी लिए बिना उपस्थित रहने के लिए कहा है।

परिवहन विभाग ने कहा कि आठ परिवहन निगमों ने मंगलवार, 9 जनवरी, 2024 की सुबह तक 9,452 बसों के सामान्य बस संचालन के मुकाबले 8,787 बसें संचालित कीं।

तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम (टीएनएसटीसी) ने वेतन बढ़ाने के लिए 15वें वेतन संशोधन समझौते पर हस्ताक्षर करने, बस चालक और कंडक्टर पदों में रिक्तियों को भरने और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) जारी करने की मांग को लेकर राज्य भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल की है।

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