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शाहजहांपुर । शाहजहांपुर में सातवीं बेटी के पैदा होने पर दंपती ने चौंकाने वाला कदम उठाया है। दंपती ने लालन पालन की जिम्मेदारी उठाने से बचने बेटी को मुस्लिम परिवार को दे दिया हैं। जिसके बाद यह बच्ची अब मुस्लिम परिवार का घर रोशन करेगी। दंपती ने पुत्र की चाहत में सातवीं संतान उत्पन्न की।जो बेटी हुई। सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है। बेटियां भी हर क्षेत्र में अपना दमखम दिखा रही हैं। बावजूद इसके लोगों की सोच नहीं बदल पा रही। बेटे की चाहत में दंपती ने छह बेटियों को जन्म दिया। सातवीं बार भी बेटी हुई, तब बोझ मानकर निसंतान मुस्लिम दंपती को गोद दे दिया। निगोही के गांव तिलोका निवासी रमाकांत की पत्नी संगीता देवी ने बच्ची को सीएचसी में जन्म दिया था। दंपती ने गांव के नईम अहमद व उनकी पत्नी शाहजिया को बच्ची गोद दे दी। बेटी को गोद देने के सवाल पर रमाकांत ने बताया कि उसकी यह उसकी सातवीं बेटी है।एक बेटी की मृत्यु हो चुकी है।सबसे बड़ी बेटी खुशबू 14 वर्ष तथा सबसे छोटी नन्ही की उम्र दो वर्ष है। रमाकांत ने बताया कि उसकी व पत्नी की इच्छा थी कि बेटे का जन्म हो, लेकिन इस बार भी बेटी पैदा हुई। उसके पास पांच बीघा जमीन ही है। पांच बेटियों का खर्च उठाना मुश्किल पड़ रहा था।
इस बेटी का पालन अच्छे से हो इसके लिए गांव के निसंतान दंपत्ति नईम व शाहजिया को बेटी गोद दे दी। ब्यूटी पार्लर चलाने वाली शाहजिया बच्ची को पाकर खुश है। शाहजिया ने बताया कि छह साल पहले शादी हुई थी। कोई संतान नहीं हुई। दो वर्ष से किसी बच्चे को गोद लेने की कोशिश कर रहे थे। संगीता से बात हुई थी। उसने कहा था कि अगर इस बार भी बेटी हुई गोद दे देगी।

तिरुवल्लुर । हाल ही में घोषित किए गए नीट-यूजी परीक्षा के नतीजों के बाद तमिलनाडु के तिरुवल्लुर जिले में 19 वर्षीय लड़की की कथित तौर पर आत्महत्या करने के बाद मौत हो गई। लड़की अपने आवास पर लटकी हुई पाई गई थी। बताया जा रहा है कि नीट-यूजी परीक्षा में पास नहीं कर पाने के कारण वह सदमे में थी। पुलिस ने बताया कि चोलापुरम की निवासी लक्ष्य श्वेता ने सुसाइड कर लिया। ये छात्रा फिलीपींस में एमबीबीएस सेकेंड ईयर की पढ़ाई भी कर रही थी। स्वेता सरकारी स्कूल की प्रधानाध्यापिका की बेटी थी, लड़की 2019 में 12वीं कक्षा पास की थी। वह फिलीपींस जाने से पहले अपनी मां के साथ रह रही थी, क्योंकि उसकी मां उसके पिता से अलग हो गईं थीं। पुलिस ने कहा कि अपनी असफलता के बाद उसने हॉल में शॉल से फांसी लगा ली। जिससे उसकी मौत हो गई। नीट परीक्षा के नतीजे के आने के बाद नोएडा में भी सेक्टर 151 स्थित अमन सोसाइटी में एक छात्रा ने 7वीं मंजिल से छलांग लगाकर सुसाइड कर लिया। नीट की परीक्षा में फेल होने के बाद 20 वर्षीय छात्रा ने ये कदम उठाया। छात्रा का परिवार सोसायटी के टॉवर 5 में रहता है। जबकि छात्रा ने खुदकुशी करने के लिए 7वें टॉवर से छलांग लगाई।

चंपावत । उत्तराखंड के चंपावत जिले में सुबह एक सड़क दुर्घटना में 12 जवानों को लेकर जा रही आईटीबीपी की बस सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई। आईटीबीपी की बस खाई में गिरने से बाल बाल बच गई। खाई में लुढ़कते वक्त पेड़ में अटकने से बड़ा हादसा होने से बच गया। राहत-बचाव कार्य जारी है। प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार सभी जवान सुरक्षित हैं। सभी 12 जवानों को बस से बाहर निकाल लिया गया है। जवानों को इस घटना में हल्की-फुल्की चोटें आई हैं। दरसअल, गुरुवार सुबह टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे पर आईटीबीपी की बस हादसे का शिकार हो गई। आईटीबीपी की 14वीं वाहिनी की बस 12 जवानों को लेकर पिथौरागढ़ के जाजरदेवल जा रही थी तभी बस खाई में लुढ़कते वक्त पेड़ में अटकने से बड़ा हादसा होने से बच गया। घायल जवानों को चल्थी के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जहां उनका उपचार चल रहा है।

बेंगलुरु । कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में सुबह मेघों की गर्जना के साथ ही अन्य शहरों में भारी बारिश हो रही है। सरजापुर रोड और मराठाहल्ली हिस्सों में बारिश शुरू हो गई है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बेंगलुरु में 11 सितंबर तक बारिश की चेतावनी जारी की है। बारिश ने अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। बेलंदूर, कैकोंद्रल्ली और सोलू झीलें उफान पर हैं। पानी रिहायशी इलाकों की ओर बढ़ रहा है। अगर बारिश नहीं रुकी तो कई इलाकों में बाढ़ आ सकती है। इकोस्पेस बिजनेस पार्क में जलजमाव जारी है। अगर बारिश जारी रही तो मराठाहल्ली आउटर रिंग रोड पर बड़े ट्रैफिक जाम की आशंका है। बुधवार को बारिश थमने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली। रात भर बारिश नहीं हुई, जिससे सरजापुर रोड पर जल स्तर काफी नीचे आ गया और ट्रेफिक सुचारू रूप से चलने लगा। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने 11 सितंबर तक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। मसूलाधार बारिश से सिलिकॉन सिटी में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, खासकर बेंगलुरु पूर्व में महादेवपुरा और बोम्मनहल्ली क्षेत्रों में पीने के पानी की समस्या शुरू हो गई है। आपूर्ति और बुनियादी सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हैं। कर्नाटक राज्य के और क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ और उडुपी के तटीय जिलों को गुरुवार के लिए रेड अलर्ट दिया गया है। चिकमंगलूर, कोडागु और उत्तरी कर्नाटक के जिलों बेलगावी, बीदर और रायचूर में शुक्रवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में गरज के साथ बारिश का अनुमान है और अधिकारियों ने तीन तटीय जिलों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। बागलकोट, धारवाड़, गडग, हावेरी, कालाबुरागी, विजयपुरा, यादगीर, बीदर, रायचूर, बल्लारी, बेंगलुरु ग्रामीण, चामराजनगर, हासन, दावणगेरे, मैसूर, मांड्या में 11 सितंबर तक येलो अलर्ट जारी किया गया है।

नई दिल्ली: पूरे देश में मौसम का उलटफेर जारी है, कर्नाटक की तो स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, यहां की राजधानी बेंगलुरू के कई इलाके जलमग्न हैं तो वहीं दूसरी ओर बंगाल की खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया एक्टिव हो गया है, जिसकी वजह से आज से लेकर अगले दो दिनों तक देश के 6 राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका बनी हुई है।

मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश ,महाराष्ट्र ,गुजरात और कर्नाटक में भारी बारिश की आशंका व्यक्त की है।

बेंगलुरू में आज भी Red Alert जारीबेंगलुरू समेत कर्नाटक के कई स्थानों पर आज भी Red Alert जारी है। आईएमडी ने कहा है कि अगले दो दिन तेलंगाना, तटीय और उत्तर आंतरिक कर्नाटक,केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भारी बारिश के आसार हैं। कर्नाटक में बारिश काफी तेज गति से होने की संभावना है और हो सकता है कि बारिश के दौरान तेज हवाएं भी चलें।

दिल्ली, पंजाब-हरियाणा में मौसम रहेगा शुष्क

मौसम विभाग ने बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ में येलो अलर्ट और हिमााचल में आरेंज अलर्ट जारी किया है तो वहीं दिल्ली, पंजाब-हरियाणा और राजस्थान में मौसम शुष्क रहने का अंदेशा है।

भारी बारिश के लिए Orange Alert जारी

दिल्ली में आज भी उमस भरा वातावरण रहेगा और यहां अधिकतम तापमान 37 और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री के आस-पास रहेगा। ओडिशा के 8 जिलों में गजपति, गंजाम, मलकानगिरी, कोरापुट, नबरंगपुर, रायगढ़, पुरी और कलाहांडी में आज भी भारी बारिश के लिए Orange Alert जारी है।

हल्की बारिश देखने को मिल सकती है

जबकि मौसम की जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने कहा है कि अगले 24 घंटों के दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, रायलसीमा, तेलंगाना और आंध्रा कोंकण,गोवा में भारी बारिश और राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में हल्की बारिश देखने को मिल सकती है।

नई दिल्ली । दुनियाभर में सड़क दुर्घटनाओं में 11 फीसदी मौतें भारत में होती हैं। तेज रफ्तार, लापरवाही, नींद और नशे में गाड़ी चलाना सड़क दुर्घटना में मौत के प्रमुख कारण रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट से यह बात साबित होती है। पिछले साल ओवरस्पीडिंग के कारण 87,050 और केयरलेस ड्राइविंग के कारण 42,853 लोगों की जान चली गई। एनसीआरबी रिपोर्ट से और कई चौंकाने वाली बातों का खुलासा होता है। सबसे अधिक 38 फीसदी सड़क हादसे दोपहर तीन से रात नौ बजे के बीच होते हैं। सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआई) के चीफ साइंटिस्ट वेलमुर्गन सेनाथिपति कहते हैं भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है।
यहां दोपहर में खाने के बाद लोगों को सुस्ती और नींद आती है। हाइवे पर हल्की झपकी भी बड़े हादसे का रूप ले सकती है। शाम को शराब पीकर गाड़ी चलाना भी एक समस्या है। सेनाथिपति के अनुसार दिन ढलने और पूरी तरह रात होने के बीच हाइवे पर रोशनी कम होती है, यह भी हादसे की एक वजह है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार 2021 में शाम छह से नौ बजे के बीच 19.9 फीसदी हादसे हुए। वहीं 17.6 फीसदी दुर्घटनाएं दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक और 15.5% दुर्घटनाएं दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक हुईं। कुल 4,03,116 हादसों में 59.7% हादसे (2,40,828) तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण हुए। इनकी वजह से 87,050 लोगों की जान चली गई और 2,28,274 घायल हुए। खतरनाक तरीके से वाहन चलाने और ओवरटेकिंग के कारण 1,03,629 हादसे हुए, जिनमें 42,853 लोगों की जान गई और 91,893 को चोट आई।
पिछले साल पूरे देश में 4.03 लाख सड़क दुर्घटनाओं में 1.55 लाख लोगों की जान चली गई। यानी रोजाना औसतन 426 लोगों को या हर घंटे 18 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा। यह किसी कैलेंडर वर्ष में अब तक का रिकॉर्ड है। भारत में हर 4 मिनट में सड़क हादसे में एक मौत हो जाती है। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि प्रति हजार वाहनों पर मृत्यु की दर बढ़ रही है। यह 2019 में 0.52 और 2020 (कोविड वर्ष) में 0.45 थी, लेकिन 2021 में बढ़कर 0.53 हो गई। इससे पहले 2018 में यह दर 0.56 तथा 2017 में 0.59 थी।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार बीते पांच सालों में ड्राइविंग के समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से करीब 40 हजार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। यह संख्या हर साल बढ़ रही है। वर्ष 2016 में 4976, 2017 में 8526, 2018 में 9039 और 2019 में 10522 दुर्घटनाएं मोबाइल के कारण हुईं। साल 2020 अपवाद है जब 6753 दुर्घटनाएं हुई थीं, हालांकि उस साल कोरोना का लॉकडाउन भी था। विशेषज्ञों के अनुसार मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाना हल्के नशे में गाड़ी चलाने से ज्यादा घातक हो सकता है। मोबाइल पर बात करने के दौरान व्यक्ति का रिएक्शन टाइम बढ़ जाता है और वह नियंत्रण खो बैठता है।
राज्य स्तरीय राजमार्गों की तुलना में राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं। संसद में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार 2019 में 30.5% सड़क हादसे राष्ट्रीय राजमार्गों पर और 24.3% राज्यीय राजमार्गों पर हुए। 2021 में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 1,22,204 दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 53,615 लोगों की मौत हो गई। प्रति 100 किलोमीटर पर 92 दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें 40 लोगों की जान चली जाती है। पिछले वर्षों के आंकड़ों से भी इसी ट्रेंड का पता चलता है। 2017 में कुल 4,64,910 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, इनमें राष्ट्रीय राजमार्गों पर 1,41,466 और राज्यीय राजमार्गों पर 1,16,158 दुर्घटनाएं हुईं। 2018 में कुल 4,67,044 सड़क दुर्घटनाओं में से 1,40,843 राष्ट्रीय राजमार्गों पर और 1,17,570 राज्यीय राजमार्गों पर हुईं। 2019 में कुल 4,49,002 सड़क दुर्घटनाओं में 1,37,191 राष्ट्रीय राजमार्गों पर जबकि 1,08,976 राज्यीय राजमार्गों पर हुईं।
आमतौर पर सड़क हादसों में मौत से ज्यादा लोग घायल होते हैं, लेकिन मिजोरम, पंजाब, झारखंड और उत्तर प्रदेश में घायलों की तुलना में मौतें ज्यादा होती हैं। मिजोरम में 64 सड़क हादसों में 64 लोगों की मौत हुई और 28 लोग घायल हुए; पंजाब में 6,097 सड़क दुर्घटनाओं में 4,516 की मौत हुई और 3,034 घायल हुए, झारखंड में 4,728 सड़क दुर्घटनाओं में 3,513 की मौत हुई और 3,227 घायल हुए; और उत्तर प्रदेश में, 33,711 सड़क दुर्घटनाओं में 21,792 लोगों की मौत हुई और 19,813 लोग घायल हुए।

नई दिल्ली । दिवाली और दशहरे से पहले आप सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली में अगले साल 1 जनवरी 2023 तक पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गई है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए एक कार्य योजना तैयार होगी। उन्होंने कहा, दिल्ली की जनता को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए साल 2021 की तरह इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक है, ताकि लोगों की जीवन बचाया जा सकता है। इस बार दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर भी रोक रहेगी। यह प्रतिबंध एक जनवरी 2023 तक लागू रहेगा। प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए दिल्ली पुलिस, डीपीसीसी और राजस्व विभाग के साथ मिलकर एक कार्य योजना तैयार की जाएगी।
पर्यावरण मंत्री राय ने कहा कि दिल्ली में पटाखों के उत्पादन, बिक्री, भंडारण व इस्तेमाल पर एक जनवरी 2023 तक पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी यह प्रतिबंध लागू होता है। राय ने ट्वीट किया, दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है, ताकि लोगों की जिंदगी बच सके।’’ उन्होंने कहा, ‘इस बार दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री/डिलीवरी पर भी प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध एक जनवरी 2023 तक लागू रहेगा।

बेंगलुरु । पिछले तीन दिनों में भारी बारिश के बाद बेंगलुरु में फिर से बाढ़ आ गई है। मौसम विभाग ने 9 सितंबर तक सिलिकॉन सिटी और कर्नाटक के अन्य हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। मूसलाधार बारिश से मुख्य सड़कें जलमग्न हो गईं, पॉश अपार्टमेंट परिसरों और घरों में पानी भर गया, बिजली की लाइनें टूट गईं और यातायात जाम हो गया। कई लोग सड़क पर और अपने घरों में फंसे गए है। जलमग्न क्षेत्रों से निवासियों को बचाने के लिए नावों और यहां तक ​​कि ट्रैक्टरों को भी तैनात किया गया था।मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के मुताबिक, राजधानी के कुछ इलाकों में 1 से 5 सितंबर के बीच सामान्य से 150 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है।
कई टेक कंपनियों ने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है, क्योंकि उपनगरों में प्रमुख टेक पार्क झीलों और तूफानी नालियों के अतिप्रवाह के कारण जलमग्न रहते हैं।
बेंगलुरु 50 वर्षों में सबसे अधिक बारिश वाला स्थान है। मूसलाधार बारिश के कारण 162 झीलें पूरी क्षमता से भर गईं। दो अतिप्रवाहित झीलों -बेलंदूर और वरथुर-ने झील के आसपास के रिहायशी इलाकों में पानी भर दिया है। निवासियों को बाढ़ग्रस्त समाजों से बाहर निकालने के लिए ट्रैक्टर और नावों को तैनात किया गया था। बेंगलुरू के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर भारी बारिश के कारण प्रभावित हुए उड़ानों का संचालन भी बहाल कर दिया गया है। कर्नाटक के मांड्या में भारी बारिश के बाद बंद हुए बेंगलुरु को पेयजल आपूर्ति आंशिक रूप से बहाल कर दी गई है। टीके हल्ली में एक पंपिंग स्टेशन चालू है और दूसरे को बहाल करने का काम चल रहा है। सीएम बोम्मई ने कहा कि अगले कुछ दिनों में आपूर्ति सामान्य हो जाएगी।
राज्य सरकार ने शहर में बाढ़ की स्थिति के प्रबंधन के लिए 300 करोड़ रुपये जारी करने का फैसला किया है। भारी वर्षा के दौरान पानी के अतिप्रवाह को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने बेंगलुरु में सभी झीलों के लिए स्लुइस गेट के निर्माण का भी प्रस्ताव रखा है। बेंगलुरु नागरिक निकाय के अनुसार, शहर के 800 वर्ग किमी क्षेत्र में केवल 56 वर्ग किमी तक ही बाढ़ सीमित है, और बाढ़ को रोकने के लिए जलमार्ग में बाधाओं को दूर करने के लिए कार्रवाई की जा रही है।

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ईस्टर्न इकोनामिक फोरम को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि रूस-यूक्रेन विवाद की वजह से सप्लाई चेन पर असर पड़ा है। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस विवाद को बातचीत के जरिए ही हल निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि व्लादि-वोस्तोक में आयोजित किए जा रहे सातवें पूर्वी आर्थिक मंच में आपसे वर्चुअल रूप से जुड़ने का मौका मिला। इसी महीने, व्लादि-वोस्तोक में भारत के कांसुलेट की स्थापना के 30 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस शहर में कांसुलेट खोलने वाला पहला देश भारत ही था।
मोदी ने कहा कि 2019 में मुझे इस फोरम में रू-ब-रू हिस्सा लेने का मौका मिला था। उन्होंने कहा कि आज यह नीति भारत और रूस की 'विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' की एक प्रमुख स्तम्भ बन गयी है। उन्होंने कहा कि भारत आर्कटिक विषयों पर रूस के साथ अपनी भागीदारी को मजबूत करने के लिए इच्छुक है। ऊर्जा के क्षेत्र में भी सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।

नई दिल्ली । कोरोना संकट के दौरान और उससे पहले देश में एजिथ्रोमाइसिन जैसी एंटीबायोटिक दवाई का जरूरत से अधिक इस्तेमाल हुआ है। यह खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से अधिकतर दवाएं, तब सेंट्रल ड्रग रेगुलेटर की मंजूरी के बिना ही बाजार में बिक रही थीं। यह रिपोर्ट एक सितंबर को प्रकाशित की गई। रिपोर्ट में कहा गया कि यह स्टडी इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि एंटीबायोटिक के दुरुपयोग से मानव शरीर पर इसका असर होने के बजाए कम होने लगता है। स्टडी बताती है कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर की एजेंसियों के बीच रेगुलेटरी शक्तियों में ओवरलैप की वजह से देश में एंटीबायोटिक दवाओं की उपलब्धता, बिक्री और खपत जटिल हो गई है।
हालांकि, भारत में निजी सेक्टर में एंटीबायोटिक्स की प्रति व्यक्ति खपत कई अन्य देशों की तुलना में कम ही है। भारत में बड़ी मात्रा में एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल होता है, लेकिन इनका उपयोग संतुलित तरीके से किया जाना चाहिए।
रिपोर्ट को तैयार करने में नई दिल्ली के पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया का भी योगदान है। शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने इसके लिए फार्मा ट्रैक के डेटा का विश्लेषण किया। फार्मा ट्रैक ने दवाओं की बिक्री के ये आंकड़ें देशभर में एंटीबायोटिक बेचने वाली फार्मा कंपनियों के प्रतिनिधियों से इकट्ठा किए थे।
शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि 2019 में डिफाइन्ड डेली डोज (प्रतिदिन डोज की दर) 5,071 मिलियन रही। स्टडी में शोधकर्ताओं ने कहा, कोरोना काल में ली गई कुल एंटीबायोटिक में से 12 एंटीबायोटिक का सबसे अधिक इस्तेमाल किया गया, जिसमें एजिथ्रोमाइसिन का सबसे अधिक इस्तेमाल किया गया है। इसके बाद (इफिक्सिम) का भी लोगों ने जमकर इस्तेमाल किया है। स्टडी में कहा गया है कि लोगों ने एजिथ्रोमाइसिन 500एमजी टैबलेट और इफिक्सिम 200 एमजी टैबलेट खूब खाईं। इसमें 1,098 यूनिक फॉम्युलेशन वाली और 10,100 यूनिक ब्रैंड की दवाए हैं।

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