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देहरादून/चोपता(चपाता) । उत्तराखंड में पहाड़ों पर बर्फबारी से जहां कई रास्ते बंद हो गए और ठंड बढ़ गई तो मैदानी इलाकों में बारिश और ओले गिरने से किसानों की फसल बर्बाद हो गई। एसडीआरएफ ने जनपद रुद्रप्रयाग में चोपता सड़क मार्ग पर पेड़ गिरने के कारण अवरुद्ध मार्ग को सुचारु करते हुए 15 सदस्यीय पर्यटक दल को रेस्क्यू किया है। मंगलवार को उखीमठ पुलिस ने एसडीआरएफ टीम को सूचित किया कि चोपता मार्ग पर ज्यादा बर्फ पड़ गई है, जिस कारण 15 सदस्यीय पर्यटक दल फंस गया है। बता दें कि कुछ दिनों से मौसम लगातार खराब चल रहा है। पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश और ओले गिरे, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बर्फबारी के कारण चोपता में 15 पर्यटक फंसे हुए थे, जिन्हें मंगलवार को एसडीआरएफ ने सुरक्षित निकाला।

भुवनेश्वर । पुरी के जगन्नाथ मंदिर में अनाधिकृत रूप से 9 बांग्लादेशी घुस आए। ओडिशा पुलिस ने सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। विश्व हिंदू परिषद के कुछ कार्यकर्ताओं ने कई बांग्लादेशियों को गैर-हिंदू मंदिर के मानदंडों का उल्लंघन करते मिले थे।
दरअसल, ये सभी मंदिर में प्रवेश कर रहे थे, तभी उन्हें हिरासत में लिया गया। पुरी के अतिरिक्त एसपी सुशील मिश्रा ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और पूछताछ के लिए पर्यटकों को हिरासत में लिया। हमें शिकायत मिली है कि बांग्लादेश से कुछ गैर-हिंदू लोग मंदिर में प्रवेश कर गए हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि नौ बांग्लादेशियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
केवल हिंदुओं को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति
मंदिर के नियमों के अनुसार, केवल हिंदुओं को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति है।अगर वे गैर-हिंदू पाए गए तब उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। हम उनके पासपोर्ट का सत्यापन कर रहे हैं। पता चला कि उनमें से एक हिंदू है। हम अन्य लोगों के पासपोर्ट की जांच कर रहे हैं। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि नौ में से चार बंदियों ने मंदिर में प्रवेश किया था।

नई दिल्ली । दिल्‍ली से कोलकाता जाने वाली स्‍पाइस जेट की फ्लाइट को बम से उड़ाने की धमकी के बाद इंदिरा गांधी अंतर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया। इस बार ई-मेल के द्वारा एयरपोर्ट ड्यूटी मैनेजर को बम के बारे में आगाह किया गया था। ई-मेल में बताया गया था कि दिल्ली से कोलकाता जाने वाली फ्लाइट में एक यात्री अपने साथ विस्‍फोट लेकर एयरपोर्ट पहुंचा है। लिहाजा, सभी यात्रियों के सामान की सघन जांच के साथ आवश्‍यक कदम उठाने की जरूरत है।
इस पर आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी ऊषा रंगनानी ने बताया कि गंभीरता और संवेदनशीलता को देखकर दिल्ली एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट के साथ फुल इमरजेंसी घोषित की गई। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए निर्धारित एसओपी के तहत एयरपोर्ट पर तेज तलाशी अभियान चलाया। फ्लाइट के सभी यात्रियों और उनके चेक-इन बैगेज की सघन तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान, शामिल किसी भी सुरक्षा एजेंसियों को कुछ भी संदिग्‍ध नहीं मिला। सबकुछ दुरुस्‍त मिलने के बाद स्‍पाइस जेट की इस फ्लाइट को उड़ान भरने की इजाजत दे दी गई। वहीं मामले की गंभीरता को देखकर जांच कमेठी गठित की गई। जांच टीम ने पहले इसतरह के यात्रियों से सघन पूछताछ की, जिनकी फ्लाइट किन्‍हीं कारणों से छूट गई थी। लेकिन, इनमें से किसी यात्री की मामले में संलिप्‍तता के साबित नहीं की जा सकी।
डीसीपी रंगनानी के अनुसार, जांच में यह भी पता चला कि जिस एड्रेस से एयरपोर्ट ड्यूटी मैनेजर को ई-मेल आया था, उस ई-मेल करने से महज एक घंटे पहले ही बनाया गया था। पुलिस को मेल को भेजने के लिए कोलकाता के पार्क स्‍ट्रीट होटल के वाई-फाई कनेक्‍शन का इस्‍तेमाल किया गया था। खुलासे के बाद, पुलिस टीम को कोलकाता के लिए रवाना कर दिया गया। जांच के दौरान पता चला कि होटल में ठहरे सभी 40 गेस्‍ट बांग्‍लादेशी हैं और वे सभी वाई-फाई कनेक्शन का उपयोग कर रहे थे। पुलिस टीम ने होटल को इंटरनेट की सुविधा देने वाले कंपनी के राउटर से डेटा लेने की कोशिश की, लेकिन वहां भी पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा। इसके बाद, पुलिस टीम ने होटल में ठहरे सभी गेस्‍ट के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया। इसी कड़ी में पुलिस को पता चला कि होटल में ठहरे नजरूल इस्लाम से मिलने उसका एक रिश्‍तेदार दिल्‍ली से आया था, जिसका नाम अमरदीप कुमार था। जांच में पता चला कि यह रिश्‍तेदार स्‍पाइस जेट की उसी फ्लाइट से आया था, जिसको लेकर धमकी भरा ई-मेल भेजा गया था।

नई दिल्ली । अब मैजिकल ट्रीटमेंट को असम सरकार ने बैन कर ‎दिया है। इससे ईसाई समुदाय नाराज हो रहा है। क्यों‎कि इस ‎बिल से प्रार्थना से इलाज भी लपेटे में आ गया है। बता दें ‎कि पूर्वोत्तर राज्य असम में एक के बाद एक कई बड़े फैसले हो रहे हैं। कुछ समय पहले ही वहां की कैबिनेट ने स्वदेशी मुस्लिम आबादी के सामाजिक-आर्थिक सर्वे को मंजूरी दी। इससे उन मुस्लिमों को ज्यादा सुविधाएं मिल सकेंगी, जो असम के मूल निवासी हैं, जबकि बांग्लाभाषी समुदाय अलग छंट जाएगा। इस बात पर विरोध थमा भी नहीं था, कि हिमंत सरकार ने एक और बिल पारित कर दिया। असम हीलिंग (प्रिवेंशन ऑफ एविल) प्रैक्टिसेस बिल एक तरह से जादू-टोने और झाड़-फूंक से इलाज पर रोक लगाता है। लेकिन सवाल ये है कि इसपर कोई समुदाय क्यों खुद को निशाने पर आया महसूस कर रहा है। स्टेट में धर्मांतरण की शिकायतों के साथ ही उसका विरोध करने वाले दल भी बढ़े।
‎पिछले महीने एक हिंदू समूह कुटुंब सुरक्षा परिषद ने स्थानीय मिशनरी स्कूलों से कहा कि वे अपने कैंपस से क्रिश्चियन प्रतीक हटा लें। एक और ग्रुप ने कई शहरों में कैंपेन चलाया, जिसमें स्कूलों से एंटी-भारत गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग है। संगठनों का कहना है कि स्कूलों का इस्तेमाल धार्मिक चीजों के लिए हो रहा है। इस गहमागहमी के बीच सोमवार, 26 फरवरी को वहां की विधानसभा में एक बिल पारित हो गया। कथित तौर पर ये ईसाई कम्युनिटी को टारगेट करने वाला है। हीलिंग प्रैक्टिसेस बिल में कहा गया है कि ये मासूम और भोले-भाले लोगों का शोषण करने के लिए बनी गैर-वैज्ञानिक हीलिंग प्रैक्टिस को क्राइम घोषित करता है।
इधर असम क्रिश्चियन फोरम नामक संगठन ने कहा कि ईसाइयों में मैजिकल हीलिंग जैसा कोई शब्द नहीं। यहां प्रेयर के जरिए इलाज होता है, जैसा दूसरे धर्मों में भी है। अगर कोई बीमार शख्स हमारे पास आए तो उसके लिए सामूहिक रूप से प्रार्थना की जाती है। ये जादू नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में ऐसा किया जाता है। क्रिश्चियन्स ही नहीं, कई धर्मों में प्रार्थना से इलाज की बात होती है। इसे फेथ हीलिंग भी कहते हैं। इसमें किसी बीमारी को ठीक करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर या ग्रुप में दुआएं की जाती हैं। यही वजह है ‎कि चंगाई सभाएं भी संदेह के घेरे में आने वाली हैं।

केरल में पाला के पास एक ही परिवार के पांच सदस्य अपने किराए के घर में मृत पाए गए। मृतक की पहचान 44 वर्षीय जेसन थॉमस, उनकी 28 वर्षीय पत्नी मेरिना और तीन बच्चों के तौर पर हुई है। वे मूल रूप से नजन्दुपारा, अकलाकुन्नम के रहने वाले थे। जेसन रबर फैक्टरी में ड्राइवर के तौर पर काम करता था।पूवारानी कोचुकोट्टारम क्षेत्र में वे किराए के मकान में रहते थे। जेसन का शव घर के अंदर लटका पाया गया। वहीं उनकी पत्नी और बच्चों का शव जमीन पर पड़ा मिला। शव के आसपास खून के निशान भी पाए गए हैं। पुलिस को संदेह है कि जेसन ने अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या करने के बाद आत्महत्या कर ली।आंगनबाड़ी की एक शिक्षक ने बताया कि सोमवार को जेसन और उसके परिवार से मिली थी। इस दौरान वे दुखी थे। जेसन और मेरिना एक दूसरे से प्यार करते थे और फिर दोनों ने शादी कर ली थी। वे अपने परिजनों के संपर्क में नहीं थे और इलाके में भी उनका कोई नजदीकी नहीं था। ऐसा बताया जा रहा है कि जेसन वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहा था। घर की तलाशी लेने पर पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला।

 

नई दिल्ली, केन्द्र सरकार, खाद्य मंत्रालय ने इस साल 320 लाख टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य ‎निर्धा‎रित ‎किया है। इसके साथ ही बाजरा के लिए भी छह लाख टन की खरीदी ‎निर्धा‎रित की है। खाद्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि केंद्र ने राज्यों के साथ परामर्श के बाद आगामी रबी विपणन सीजन 2024-25 के दौरान 300-320 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का पूर्वानुमान तय किया है। इसी तरह, खरीफ विपणन सीजन 2023-24 (रबी फसल) के दौरान धान की खरीद का अनुमान 90-100 लाख मीट्रिक टन तय किया गया है। खरीफ विपणन सीजन 2023-24 (रबी फसल) के दौरान राज्यों द्वारा खरीद के लिए लगभग छह लाख मीट्रिक टन मोटे अनाज/बाजरा की मात्रा का भी अनुमान लगाया गया है। राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को फसलों के विविधीकरण और आहार पैटर्न में पोषण बढ़ाने के लिए बाजरा की खरीद पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह भी दी गई थी। केंद्र के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा रबी और खरीफ फसलों की खरीद व्यवस्था पर चर्चा के लिए राज्य के खाद्य सचिवों के साथ यहां आयोजित एक बैठक के बाद यह अनुमान जारी किया गया है।
इस दौरान खरीद को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों जैसे मौसम की स्थिति का पूर्वानुमान, उत्पादन अनुमान और राज्यों की तैयारी की समीक्षा की गई। इसके अलावा, तेलंगाना सरकार ने आपूर्ति श्रृंखला अनुकूलन के संबंध में अपनाई गई अच्छी प्रथाओं को साझा किया और केंद्र सरकार की इस पर्यावरण अनुकूल पहल के माध्यम से सालाना 16 करोड़ रुपये की बचत का संकेत दिया। यूपी सरकार ने ई-पीओएस को इलेक्ट्रॉनिक वजन पैमाने के साथ जोड़ने के संबंध में सफल पहल साझा की, जिसने लाभार्थियों को उनकी हक की मात्रा के अनुसार खाद्यान्न की आपूर्ति प्रभावी ढंग से सुनिश्चित की है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तत्तवावधान में आयोजित बैठक के दौरान, नामित डिपो से उचित मूल्य की दुकानों तक खाद्यान्न के परिवहन के मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
बैठक में एफसीआई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, राज्यों के प्रधान सचिव/सचिव (खाद्य), भारतीय मौसम विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड के अ‎धिकारी शा‎मिल हुए। साथ ही भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड के अधिकारियों ने भी बैठक में ‎हिस्सा लिया।

मुंबई । पुणे इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। पुणे पुलिस ने बताया कि 3700 करोड़ की जो ड्रग्स बरामद की गई है और उसमें से 1800 करोड़ की ड्रग्स का आर्डर लंदन से दिया गया था। इतना ही नहीं ड्रग्‍स को लंदन सप्‍लाई करने के ल‍िए भी एक प्‍लान तैयार था। करोड़ों की ड्रग्स को बनाने के लिए रसायन वीरेंद्र सिंह बरोरिया नामक शख्स ने सप्‍लाई किया था। पुणे पुलिस ने पुणे, सांगली और दिल्ली से करोड़ों की ड्रग्स की जो खेप पकड़ी है, उसमें पूरा रसायन बरोरिया ने ही सप्लाई किया था। बरोरिया पुणे ड्रग्स रैकेट के मास्टमाइंड संदीप धुनिया का बेहद करीबी साथी है। पुणे पुलिस ने आरोपी बरोरिया के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है। लुक आउट नोटिस जारी कर बरोरिया की तलाश में पुणे पुलिस जुटी है।
3700 करोड़ की ड्रग्‍स में से 1800 करोड़ की ड्रग्स पुणे से दिल्ली और फिर दिल्ली से एक कुरियर कंपनी के द्वारा फूड पैकेट में लंदन भेजी जानी थी। इसकी जिम्मेदारी आरोपी अयूब मकंदर को सौंपी गई थी। सांगली से अयूब मकंदर की गिरफ्तारी के बाद ही लंदन कनेक्शन का खुलासा हुआ था।
पुणे पुलिस की जांच में सामने आया है कि संदीप धुनिया और बरोरिया एक दूसरे को काफी सालों से जानते हैं। पुणे में ड्रग्स फैक्ट्री को स्थापित करने के लिए बरोरिया ने संदीप धुनिया की काफी मदद की थी। संदीप ने ड्रग्स फैक्ट्री लगाने के लिए पैसे खर्च किया था, तब वीरेंद्र सिंह ने केमिकल एक्सपर्ट युवराज भुजबल के साथ मिलकर कुरकुम्भ इलाके में फैक्ट्री लगाने के लिए जगह देखी थी। इसमें सांगली के रहने वाले अयूब नाम के एक शख्स की भी मदद ली गई थी, जो संदीप से 2016 में येरवडा जेल में रहने के दौरान मिला था।

 

नई दिल्ली । हवाई यात्रियों की परेशा‎नियों को बीच में ही दबा ‎दिया गया , इसे ‎लेकर कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है ‎कि अकेले जनवरी के महीने में हजारों या‎त्रियों ने अपनी परेशानी बताई। इस दौरान दिल्‍ली, मुंबई सहित न जाने कितने ही एयरपोर्ट पर यात्रियों को अपनी परेशानी बयां करने के लिए जो भी माध्‍यम मिला, वहां पर उन्‍होंने अपना दर्द बयां किया। एयरपोर्ट और एयरलाइंस के सोशल मीडिया एकाउंट्स यात्रियों की शिकायतों से भरे पड़े हैं। इन सब के बावजूद डायरेक्‍टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) के पास जनवरी माह में सिर्फ 732 यात्रियों की शिकायत पहुंची, जिसमें से 727 यानी 99 फीसदी शिकायतों का निपटारा एयरलाइंस की तरफ से कर दिया गया है। अब यहां पर सवाल उठता है कि शिकायतें सही जगह तक पहुंची नहीं, या फिर एयरपोर्ट पर ही यात्रियों की आवाज को घोंट दिया गया। डीजीसीए के अनुसार, जनवरी माह में विभिन्‍न एयरलाइंस को कुल 732 शिकायतें मिलीं थी, जिनमें स्पाइस जेट की 372, एयर इंडिया की 118, एलायंस एयर की 65, इंडिगो की 62 शिकायतें शामिल हैं। इसके अलावा, इंडियावन एयर की 49, अकासा एयर की 26, एआईएक्स कनेक्ट की 17, स्टार एयर की 17, विस्तारा की 4 और फ्लाई बिग की की 2 शिकायतें मिली थीं।

चंडीगढ़ । धीरे-धीरे अब ‎किसान आंदोलन ठंडा पड़ गया है। ‎किसान नेताओं ने इसे 29 फरवरी तक टाल ‎दिया है। उधर हरियाणा सीमा पर भी पंजाब के किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ने लगा है। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान कैंडल मार्च के दौरान शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन की धार कमजोर पड़ने लगी है। एक ओर शंभू मोर्चा पर किसानों की संख्या कम हो रही है, दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली कूच का कार्यक्रम फिलहाल 29 फरवरी तक टाल दिया है। किसान अब सीधे टकराव से बचना चाह रहे हैं। वहीं किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा है कि अगर नौजवान ही नहीं रहेंगे तो जमीनों का क्या करेंगे। हालांकि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर सभी किसान संगठन सरकार के खिलाफ अपना शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जारी रखेंगे। किसान नेताओं का यह भी कहना है कि किसानों की संख्या कम नहीं हो रही बल्कि वह खनौरी बॉर्डर की ओर बढ़ गए हैं। खनौरी बॉर्डर पर शुभकरण व अन्य किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए शनिवार 24 फरवरी को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर कैंडल मार्च निकाला जाएगा।
जानकारी के अनुसार किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवण सिंह पंधेर ने शुक्रवार शाम को मीडिया को बताया कि 25 फरवरी को दोनों बॉर्डर पर युवा और तमाम किसान संगठनों के लिए सेमिनार होगा, जिसमें किसानी और खेतीबाड़ी से जुड़े बुद्धिजीवियों को बुलाया जाएगा।
26 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च के बाद दोपहर बाद शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पीएम मोदी और हरियाणा के सीएम के अलावा कॉरपोरेट घरानों के करीब 20 फुट ऊंचे पुतले जलाए जाएंगे। इसी तरह 27 को संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा आपसी चर्चा करेंगे। 28 को दोनों एक मंच पर आकर अपनी मांगों पर चर्चा करेंगे, जब‎कि 29 फरवरी को दिल्ली कूच को लेकर फैसला ‎किया जाएगा।

गुवाहाटी । असम सरकार ने राज्य में मुस्लिम मैरिज एंड डिवोर्स एक्ट 1935 को खत्म कर दिया। यह निर्णय शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया। अब राज्य में सभी शादियां स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत की जाएंगी। राज्य मंत्री जयंत मल्लबारुआ ने इसे यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) की दिशा में एक बड़ा स्टेप बताया। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में हो रहे बाल विवाह भी रुकेंगे। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार की देर रात 12:11 बजे मुस्लिम मैरिज एंड डिवोर्स एक्ट 1935 को खत्म करने की जानकारी दी।
राज्यमंत्री मल्लाबरुआ ने कहा की मुख्यमंत्री ने हम समान नागरिक संहिता की ओर बढ़ रहे हैं। इसी को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। अब असम में कोई भी मुस्लिम विवाह या तलाक रजिस्टर नहीं किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास एक स्पेशल मैरिज एक्ट है, इसलिए हम चाहते हैं कि सभी मामले उस एक्ट के माध्यम से सुलझाएं जाएं। अब मुस्लिम विवाह और तलाक का रजिस्ट्रेशन डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर और डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार द्वारा किया जाएगा। जो इस डिवोर्स रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत काम कर रहे थे, उन्हें हटा दिया जाएगा और इसके बदले उन सभी को एकमुश्त दो-दो लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।

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