ईश्वर दुबे
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Bhilai
दमोह. दमोह जिले में कोरोना पाॅजिटिव मरीज के रूप में खाता खोलने वाले तेंदूखेड़ा के ग्राम सर्रा निवासी यशवंत पटेल के द्वारा बनाये गये वायरल वीडियो ने हडकम्प मचा दिया है। उन्होंने खुद को एक जागरूक और समझदार व्यक्ति बताते हुए कारोना की लड़ाई लड़ने वाले कद्दावरों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उनके पाॅजिटिव पाये जाने के बाद न उनका परिवार और पूरा गांव तो दहशत में था ही उनके मिलने-जुलने और चहल कदमी के कदमों को नापने में पूरा प्रशासन और डाक्टर्स भी मैराथन में लगे हुऐ थे। गांव को कंटेनमेंट एरिया घोषित कर छावनी में तब्दील कर दिया गया तथा पूरे परिवार और संपर्क में आये लोगों के सेंम्पिल भेजे गये। इस घटना को चैबीस घंटे भी नहीं हुए थे कि कोरोना पाॅजिटिव मरीज के वायरल वीडियो ने हडकंप मचा दिया।
यशवंत का कहना है कि वह पिछली 10 तारीख को मुबई से गढाकोटा आया और गढाकोटा से गांव पहुंचा इस बीच उसे किसी भी कोराना यो़द्धा ने छेड़ने की हिमायत नहीं की। चूंकी चारों तरफ खौफ कोराना का है इसीलिये यशवंत का कहना है कि उसने स्वमेव समझदारी दिखाते हुए गांव के ही एक स्कूल में कोरोनटाइन करा दिया। गांव का सचिव मददगार बना उसके बुखार के इलाज के लिये उसकी सलाह पर मरीज तेंदूखेड़ा आया छात्रावास में कोरोनटाइन हुआ 12 तारीख को उसका सेंपिल लेकर जांच के लिये भेजा गया। 13 तारीख और 14 तारीख की दोपहर तक मरीज को हल्के में लिया गया और उससे यह कहके की तुम्हें कुछ नहीं हुआ है तुम अपने गांव चले जाओ। उसके गांव चले जाने के बाद जहाॅ बो बेधड़क अपने परिवार और गांव वालो के के बीच रहा और जब साढ़े तीन के आसपास उसकी पाॅजिटिव रिपोर्ट आने के बाद यशवंत को फोन पर कहा जाता है कि तुम्हारी पाॅजिटिव रिपोर्ट आयी है संबसे दूरी बना कर रखे। लगभग पाॅच बजे मीडिया से चर्चा में एक मरीज होने की पुष्टि की गयी। इस पूरे मामले पर यशवंत ने स्वास्थ्य विभाग को आढे हाॅथों लिया है और यदि उसके परिवार और गांव में यह संक्रमण फैलता है तो इसका दोष भी स्वास्थ्य विभाग पर मढा है। प्रश्न है कि जब चैराहों पर चेक पोस्ट है तो यह मरीज गांव तक कैसे पहुंच गया? दूसरी बात स्वास्थ्य विभाग ने बगैर रिपोर्ट आये छात्रावास से गांव क्यों जाने दिया?
पगडंडियों से निकल गया होगा यशवंत - जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि दिन रात काम कर रही उनकी 12 टीम मुख्य मार्गो के चैराहों पर पर जहाॅ चेक पोस्ट बनाये गये है बो कैसे बच के निकल गया समझ से परे है हो सकता है किसी पगडंडियों के राश्ते निकल गया होगा? उन्होंने यशवंत के आरोपों को गलत बताया और कहा कि उसकी सुरक्षा के लिये स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने त्वरित कदम उठाये।
सिविल सर्जन ने बताया कि मरीज के आरोप निराधार है स्वास्थ्य अमला लगातार ग्राम सर्रा और तेंदूखेड़ा में काम कर रहा है। गंामीणों और परिजनों के सेंपिल जाॅच को भेजे गय रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहना संभव होगा।
कलेक्टर तरूण राठी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है उन्होंने कहा कि ग्राम सर्रा को कंटेनमेंट किया गया है। पूरे परिवार को संरक्षण देकर सुरक्षा की जा रही है। मरीज की सुरक्षा पहली जिम्मेदारी है। यशवंत ने जो वीडियो वायरल किया है बो किसी के बहकाने में आकर किया हुआ लगता है अधिकारी लगातार उसके संपर्क में है।
देश और दुनिया में कोरोना का संकट बदस्तूर जारी है। यह पहला मामला है जब किसी कोराना पाॅजिटिव मरीज मीडिया के सामने आया चाहे चाहे उसने खुद का वीडिया बनाकर उसे वायरल करने का सहारा ही क्यों न लिया हो। पर इस घटना से साफ है कि कोरोना योद्धाओं को अपने युद्ध कौशल और चैकसी पर ध्यान देने की जरूरत होगी।