उज्जैन. एमपी में छह साल पुरानी शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने अपने ही विभाग के पूर्व डीजी अरुण गुर्टू, उज्जैन कलेक्टर रहे पांच आईएएस, पीडब्ल्यूडी के अफसरों सहित 16 लोगों पर केस दर्ज किया है. मामला उज्जैन की दताना-मताना हवाईपट्ृटी का है, जिसकी लीज जमा नहीं करने, गैर कानूनी ढंग से हस्तांतरित करने की जांच के बाद लोकायुक्त ने यह कार्रवाई की है. लोकायुक्त में हुई एक शिकायत के मुताबिक साल 2013 में यश एयरवेज की लीज और लाइसेंस निरस्त होने के बाद इस हवाईपट्टी का संचालन सेंटर एविएशन कंपनी द्वारा किया जा रहा है. सेंटर एविएशन कंपनी लोकायुक्त के पूर्व डीजी अरुण गुर्टू की है.
शिकायतकर्ता का आरोप था कि गुर्टू ने अपने प्रभाव का फायदा उठाते हुए 2013 के बाद गैरकानूनी तरीके से हवाई पट्टी का संचालन किया. हर साल जो लीज रेंट कंपनी से जमा करवाने की जिम्मेदारी कलेक्टरों की थी, वो तत्कालीन कलेक्टरों ने पूरी नहीं की. इसे लेकर लोकायुक्त मुख्यालय से जांच के बाद एफआईआर दर्ज कर ली. मेंटेनेंस के नाम पर पीडब्ल्यूडी से 2.66 करोड़ खर्च कराए. लोकायुक्त डीएसपी एवं जांच अधिकारी बसंत श्रीवास्तव ने बताया साल 2013 में इस मामले में शिकायत हुई थी.
जांच के बाद तत्कालीन कलेक्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जांच आगे बढ़ी और इस संबंध में मिले तथ्यों के आधार पर लोकायुक्त ने अब एफआईआर दर्ज कर ली है. हवाईपट्टी की लीज समाप्त होने के बाद भी यश एयरवेज ने सेंटर एविएशन कंपनी के नाम से हवाईपट्टी पर कब्जा जमाए रखा था.
लीज शर्तों का उल्लंघन करते हुए एयरवेज संचालकों ने 9 साल तक लीज रेंट भी जमा नहीं किया. संचालकों ने पीडब्ल्यूडी से सांठगांठ कर 2.66 करोड़ रुपए हवाईपट्टी के रखरखाव के नाम पर खर्च करा लिए. कंपनी ने लीज शर्तों के मुताबिक एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम भी विकसित नहीं किया. इसके कारण सालों से हवाईपट्टी ऐसी ही पड़ी रही और यहां एयरपोर्ट नहीं बन पाया. इस मामले में तत्कालीन कलेक्टर कवींद्र कियावत ने कहा- यश एयरवेज के मामले में किसी प्रकार के तथ्य मेरे संज्ञान में नहीं है.
वे 16 आरोपी, जिनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
लोकायुक्त पुलिस के पूर्व डीजी अरुण गुर्टू, उज्जैन में कलेक्टर रहे शिवशेखर शुक्ला, अजातशत्रु श्रीवास्तव, डॉ.एम.गीता, बीएम शर्मा, कवींद्र कियावत, पीडब्ल्यूडी उज्जैन के पूर्व कार्यपालन यंत्री एसएस सलूजा, एके टूटेजा, जीके पटेल, यश एयरवेज के संचालक भरत टोंग्या, शिव रमन, दिलीप रावल, यशराज टोंग्या, विजेंद्र जैन, दुष्यंतलाल कपूर और शिरीष दलाल.