ईश्वर दुबे
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भोपाल इस साल के आखिर तक 68 सीटें खाली हो रही हैं, जिनके चुनाव में कांग्रेस कई सीटें गंवा सकती है। प्रियंका गांधी वाड्रा, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई दिग्गजों को राज्यसभा में लाने की अटकले तेज हो गई है। इधर, मप्र में प्रियंका गांधी को राज्य कोटे से राज्य सभा में भेजने की मांग उठने लगी है। इस बारे में मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी दिल्ली यात्रा के दौरान कांग्रेस नेताओं ने उनसे बात की है। रविवार को लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने प्रियंका गांधी को मप्र से राज्यसभा से भेजे जाने की मांग की है। वर्मा ने कहा कि मप्र में अनुसूचित जाति-जनजाति का बाहुल्य है और यह वर्ग हमेशा गांधी परिवार की पसंद रहा है।
वर्तमान में विधानसभा के संख्याबल के हिसाब से दो सीटें कांग्रेस और एक भाजपा के पास जाएगी। नामांकन की प्रक्रिया पांच मार्च से शुरू होगी।
सूत्रों ने बताया कि कई राज्यों में कम होती ताकत के कारण कांग्रेस सदन में 19 में से 9 सीटें गंवा सकती है। कांग्रेस को उम्मीद है कि वह 9 सीटों को कायम रख पाएगी, जबकि गठबंधन दलों के सहारे वह एक-दो सीटें और बचा लेगी। पार्टी को छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सरकार होने के कारण फायदा होने की उम्मीद है। बता दें कि अप्रैल में 51 राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं। जून में पांच सीटें खाली हो जाएगी। इसके बाद जुलाई में भी 1 सीट, जबकि नवंबर में 11 रिक्त हो जाएंगी।
दिग्विजय, वोरा और सेलजा के दोबारा सदन में पहुंचने की उम्मीद
कांग्रेस जिन वर्तमान सदस्यों काे फिर से राज्यसभा नामजद कर सकती है उनमें दिग्विजय सिंह, मोतीलाल वोरा और सेलजा कुमारी प्रमुख हैं। बता दें कि 245 सदस्यों वाले उच्च सदन में भाजपा के सबसे ज्यादा 82 सदस्य हैं। कांग्रेस के 46 सांसद हैं। वहीं 12 मनोनीत सदस्यों में से 8 भाजपा से जुड़े हैं।
यदि प्रियंका मप्र कोटे से राज्यसभा जाती हैं तो क्या होगा?
कांग्रेस की ओर से अभी राज्यसभा के लिए दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया दावेदार हैं और दोनों ही राजघराने से हैं। प्रियंका गांधी को राज्यसभा में भेजने के बाद दोनों को राज्यसभा में भेजना कांग्रेस के लिए मुश्किल निर्णय हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस के पास बेहतर विकल्प यह है कि वह एक सीट पर प्रियंका को राज्यसभा भेजे और सिंधिया और सिंह में से किसी एक को दूसरे प्रदेश में भेज दे।