ईश्वर दुबे
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Bhilai
छात्राओं ने की शिकायत, जांच में हुआ खुलासा भोपाल। छात्राओं की शिकायत पर हुई जांच में यह खुलासा हुआ है कि राजधानी के शहीद नगर जूनियर गर्ल्स हॉस्टल वार्डन करुणा शर्मा बेहद बुरा बर्ताव करती है। जांच में यह भी सामने आया कि वार्डन करुणा शर्मा 8 दिन में एक बार हॉस्टल आती है। वहीं रात के समय कभी हॉस्टल में नहीं रहती है। छात्रावास में कोई चौकीदार नहीं है, जबकि छात्रावास में छठवीं से 12वीं तक की छात्राएं रहती है। छात्रावास के टीवी और कम्प्यूटर वार्डन अपने घर ले गई। साफ-सफाई नहीं होती है। कमरे के बल्व फ्यूज होने पर छात्राओं को खुद ही बल्व लाना पड़ता है। नास्ते में सिर्फ पोहा दिया जाता है कभी-कभी तो नास्ता ही नहीं दिया जाता। दाल-चांवल दिया जाता है कभी-कभी तो सिर्फ चांवल ही दिया जाता है। वार्डन छात्राओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करती है और हमेशा धमकियां देती है। छात्राओं ने अधिकारियों को बताया, कि करुणा शर्मा हमसे कहती है कि तुम्हारे मां-बाप ने पैदा कर मेरे भरोसे छोड़ दिया है। मांसाहारी कहकर प्याज, लहसुन कभी नहीं खरीदती है। कुछ मांगने पर छात्राओं को हॉस्टल से बार-बार निकाल देने की धमकी देती है। इन सभी शिकायतों की पुष्टि विगत दिनों हुई एसडीएम बैरागढ़ की जांच रिपोर्ट में हुआ। इसके बाद हॉस्टल वार्डन को तीन दिन के अंदर अपना चार्ज संध्या हारोड़े को सौंपने के आदेश दिए है। ऐसा ना करने पर वार्डन के सस्पेंशन का प्रस्ताव कलेक्टर को भेजा जाएगा।
बता दें कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर 54 हॉस्टलों की जांच की गई थी। इसके लिए पटवारी और एसडीएम की टीम बनाई गई थी। सभी टीम ने अपनी-अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास अवनीश चतुर्वेदी ने बताया कि 60 हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव तैयार बनाया है। कलेक्टर की मंजूरी के बाद कैमरे लगाए लगा दिए जाएंगे। इसके बाद इन हॉस्टलों का ई-निरीक्षण भी किया जाएगा। जांच में सामने आया कि 4 हॉस्टलों में पर्याप्त चौकीदार नहीं है। ऐसे में कई बार रात के समय बच्चों को अकेले रहना पड़ता है। जांच में सामने आया कि हॉस्टलों में शौचालय निर्माण, नया भवन निर्माण, सफाई के लिए स्वीपर व पेयजल व्यवस्था की समस्या है। इसके लिए कलेक्टर को प्रस्ताव भेजा गया है।एसडीएम द्वारा जिन बिंदुओं पर जांच की गई उनमें 6 हॉस्टलों में बिजली की व्यवस्था पर्याप्त नहीं होना, दो छात्रावासों में छात्रों की संख्या के हिसाब से पर्याप्त शौचालय नहीं, दो हॉस्टलों में छात्रों की संख्या के हिसाब से पर्याप्त बिस्तर भी नहीं होना, 4 हॉस्टलों में बाउड्रीवॉल नहीं होना, 3 हॉस्टलों में मीनू के हिसाब से खाना नहीं दिया जाना, दो हॉस्टल में गर्मियों में पानी की व्यवस्था नहीं होना, आदि शामिल है।