जीएसटी दर बढ़ने और रुपए के अवमूल्यन के चलते महंगा हुआ रियलमी का स्मार्टफोन Featured

नई दिल्ली। स्मार्टफोन कंपनी रियलमी ने अपने हैंडसेट के दाम बढ़ाने की घोषणा की है। सरकार द्वारा मोबाइल फोन पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने और रुपए में आ रही गिरावट के मद्देनजर कंपनी ने यह कदम उठाया है। कंपनी ने कहा है कि रियलमी के हैंडसेटों पर मूल्यवृद्धि उत्पाद दर उत्पाद भिन्न होगी।यह मूल्यवृद्धि नए और पुराने दोनों उपकरणों पर लागू होगी। सरकार ने मार्च में मोबाइल फोन पर जीएसटी की दर 12 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी थी। हैंडसेट कंपनियों ने सरकार के इस कदम का विरोध किया था। रियलमी इंडिया ने बयान में कहा कि जीएसटी दरों में वृद्धि से स्मार्टफोन खंड प्रभावित होगा। कंपनी ने कहा कि 2018 के बाद उसे पहली बार मूल्यवृद्धि का कदम उठाना पड़ रहा है। कंपनी ने कहा कि कोविड-19 से स्मार्टफोन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इससे कलपुर्जों की आपूर्ति घटी है और कीमतों में भी वृद्धि हुई है। कंपनी ने कहा कि इसके अलावा रुपये में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है और फिलहाल यह लगातार नीचे आ रहा है। इससे स्मार्टफोन उपकरणों की कुल लागत पर असर पड़ा है। कई स्मार्टफोन ब्रांड पहले ही 2019 और 2020 में कीमतों में बढ़ोतरी कर चुके हैं। उद्योग संगठन इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने कहा कि मोबाइल फोन पर जीएसटी दरों में ऐसे समय वृद्धि की गई है जबकि आर्थिक सुस्ती और कोरोना वायरस की वजह से उद्योग की हालत पहले ही काफी खराब है। इससे उद्योग पटरी से उतरेगा और नौकरियां भी कम होंगी। आईसीईए का अनुमान है कि इस फैसले पर आम आदमी पर करीब 15,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा और सौ करोड़ से अधिक उपभोक्ता प्रभावित होंगे।

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