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नई दिल्ली । जेरोधा के सीईओ नितिन कामत ने युवाओं को सीख दी तो सोशल मी‎डिया पर यूजर्स भी भडक गए। कामत के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ट्वीट करते ही लोग बिफर पड़े। एक यूजर ने तो उन्हें करारा जवाब भी दिया। नितिन कामत सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वह भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर काफी सकारात्मक हैं और समय-समय पर इस बात को जाहिर भी करते रहते हैं। वह लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी और शेयर मार्केट के जालसाजों से बचने की नसीहत देते रहते हैं। इस बार भी उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति सकारात्मक रूख अपनाते हुए एक ट्वीट किया लेकिन लोगों को ये पसंद नहीं आया। कामत ने कहा, मैं पैसे वाले जितने अमरीकियों को जानता हूं वह मानते हैं कि अमेरिका एक राष्ट्र के तौर पर अब शिथिल हो गया है और हम (भारत) भविष्य है। हालांकि, नौजवानों को अब भी किसी कीड़े ने काटा है जो वह अपना भविष्य संवारने के लिए अमेरिका जा रहे हैं। कामत ने इसे विरोधाभास करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में किसी भी और मुल्क के मुकाबले सबसे ज्यादा भारत के छात्र यूएस जा रहे हैं।
ट्विटर पर यूजर्स द्वारा तीखी प्रतिक्रिया दी गई। एक शख्स ने लिखा, अमेरिका जो भारत में निवेश कर रहे हैं उन्हें मौद्रिक फायदे के लिए कर रहे हैं। वहीं, भारतीय छात्र बेहतर जीवन की उम्मीद में देश छोड़ रहे हैं। ये दोनों चीजें अलग हैं और इसमें कोई विरोधाभास नहीं है। एक अन्य शख्स ने लिखा, अगर आपके पास खूब पैसा/बचत है तो भारत रहने के लिए शानदार जगह है लेकिन अगर आप युवा हैं तो आप अभी यूएस में भारत से कहीं ज्यादा कमाई कर सकते हैं। अगले 10 साल में यह बदल सकता है लेकिन तब तक वह बहुत अमीर हो चुके होंगे। यूएस में दूसरे देशों के सर्वाधिक छात्रों के मामले में भारत ने चीन को पछाड़ दिया है। इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन ने यूएस के एजुकेशनल एंड कल्चरल अफेयर्स ब्यूरो के साथ मिलकर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 में 2,68,923 भारतीय छात्र यूएस गए जो अब तक का रिकॉर्ड है।

 

नई दिल्ली । ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन की बर्खास्तगी पर भारती ‎निवेशक भड़क रहे हैं। बता दें ‎कि सैम ऑल्टमैन को कंपनी के बोर्ड से आश्चर्यजनक तरीके से बर्खास्त किए जाने के बाद चैट जीपीटी के इस प्रणेता के समर्थन में कई भारतीय संस्थापकों ने बात की है। निवेशकों और उद्यमियों का कहना है कि यह घटना भारतीय स्टार्टअप में भी संस्थापकों और बोर्ड के बीच उचित तालमेल के महत्त्व को उजागर करती है। जानकारी के अनुसार अनुभवी भारतीय उद्यमियों ने 17 नवंबर को ओपनएआई के बोर्ड से ऑल्टमैन को निकाले जाने के तुरंत बाद उसके फैसले की आलोचना की। शादी डॉट कॉम के संस्थापक अनुपम मित्तल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘जब आप बोर्ड द्वारा संचालित कंपनियों और अजीब प्रबंधन ढांचे के साथ उथल-पुथल मचाने वाली कोई तकनीक विकसित करने का प्रयास करते हैं तो आपको यही मिलता है।
इस मामले में फिनटेक कंपनी भारतपे के सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर ने भी ओपनएआई के बोर्ड को फटकार लगाई है। उन्होंने कहा, ‘मुझे और सैम को भारत में एक जैसी स्थिति से गुजरना पड़ रहा है। पहले वे आपकी भूमिका/शेयर पर और उसके बाद व्यक्तिगत तौर पर प्रहार करते हैं। यह अब वैश्विक स्तर पर स्टार्टअप के बोर्ड और निवेशकों का एक खाका बन गया है जहां कोई बुद्धि नहीं बल्कि पूरा अहंकार दिखता है।’ ग्रोवर को वित्तीय अनियमितता के आरोप में 2022 में कंपनी से बाहर कर दिया गया था। हालांकि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ऑल्टमैन को बोर्ड से बर्खास्त क्यों किया गया। मगर बोर्ड का कहना है कि कंपनी का नेतृत्व करने के लिए ऑल्टमैन की क्षमता में अब उसका भरोसा नहीं रहा। ओपनएआई के एक ब्लॉग पोस्ट के अनुसार, एक समीक्षा में पाया गया कि बोर्ड के साथ अपने संचार में सीईओ का रुख लगातार अस्पष्ट दिख रहा था।

 

नईदिल्ली । ऑटोमोबाइल सेक्टर की कंपनी टोयोटा ने अपनी अर्बन क्रूजर हायराइडर पर वेटिंग पीरियड कम कर दिया है, जो पहले 17 महीने का था अब 16 महीने का हो गया है। टोयोटा अर्बन क्रूजर हाईराइडर में टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, 360-डिग्री कैमरा, फ्रंट और रियर पार्किंग सेंसर, इसोफिक्स चाइल्ड सीट माउंटिंग पॉइंट, फ्री-स्टैंडिंग टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट, एचयूडी,पैनोरमिक सनरूफ, रियर एसी वेंट्स, क्लाइमेट कंट्रोल, 6 एयरबैग्स, ईबीडी के साथ एबीएस ट्रैक्शन कंट्रोल, हिल-होल्ड, थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट को भी जोड़ा गया है। इस गाड़ी के हाइब्रिड वेरिएंट पर 6 से 7 महीने का इंतजार करना होगा। वहीं पेट्रोल वेरिएंट की डिलीवरी के लिए 10-11 महीने का समय लगेगा। इसके अलावा इसके सीएनजी वर्जन की डिमांड काफी ज्यादा है। इस पर वेटिंग पीरियड 15-16 महीने का है।

 

मुंबई । भारतीय जीवन बीमा निगम ऑफ इंडिया (एलआईसी) ने बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) में अतिरिक्त शेयरों का अधिग्रहण किया है, जिससे इसकी हिस्सेदारी 5 प्रतिशत सीमा से अधिक हो गई है। सोमवार को ये हिस्सेदारी का लेनदेन लगभग 48.3 करोड़ रुपये में पूरा हुआ। एलआईसी की हिस्सेदारी में इस वृद्धि की घोषणा के बाद, बैंक ऑफ बड़ौदा और एलआईसी दोनों के शेयर की कीमतों में मंगलवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर थोड़ी गिरावट देखी गई। एलआईसी द्वारा यह खरीदारी तब हुई है जब बैंक ऑफ बड़ौदा सक्रिय रूप से अपने पूंजी आधार को बढ़ा रहा है। इस महीने की शुरुआत में, बॉब ने कहा था कि वह टियर-टू और इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिए 15,000 करोड़ रुपये जुटाने की दिशा में काम कर रहा है। यह पहल बैंक की अपनी विकास महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने की व्यापक रणनीति का एक हिस्सा है।
बीओबी के हालिया वित्तीय प्रदर्शन ने सकारात्मक संकेत दिखाए हैं, वित्त वर्ष 2023-24 की सितंबर तिमाही की रिपोर्ट में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में मुनाफे में पर्याप्त वृद्धि का पता चला है। बैंक की शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) में भी बढ़ोतरी देखी गई। इन वित्तीय सुधारों का श्रेय बढ़ी हुई परिसंपत्ति गुणवत्ता और मुख्य आय प्रदर्शन को दिया गया है। 21 नवंबर को, बैंक ऑफ बड़ौदा का स्टॉक एनएसई पर 1.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 195.5 रुपये पर बंद हुआ। एलआईसी के शेयर 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 610.6 रुपये प्रति इक्विटी शेयर पर बंद हुए। पीएसयू बैंक ने कहा, बैंक की पूंजी जुटाने वाली समिति ने 18 नवंबर को बैठक की और टियर-टू बांड के माध्यम से 5,000 करोड़ और इंफ्रास्ट्रक्चर बांड के माध्यम से 10,000 करोड़ रुपये जुटाने का फैसला किया। पीएसयू ऋणदाता ने 4 नवंबर को 2023-24 की सितंबर तिमाही के लिए 4,252.89 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो कि बेहतर परिसंपत्ति गुणवत्ता और स्वस्थ मुख्य आय वृद्धि के कारण पिछले वर्ष से 28.3 प्रतिशत अधिक है। बैंक की शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) साल-दर-साल 6.4 प्रतिशत बढ़कर 10,831 करोड़ रुपये हो गई।

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर ‎दिया है ‎कि य‎दि हर्बल उत्पादों का कारोबार करने वाली कंपनी पतंजलि गलत दावा करती है तो हर प्रोडक्ट पर एक करोड़ रुपयों का जुर्माना लगाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने पतंज‎लि आयुर्वेद को कई रोगों के संबंध में अपनी दवाओं के बारे में विज्ञापनों में ‘झूठे’ और ‘भ्रामक’ दावे करने के प्रति मंगलवार को आगाह किया। न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक टिप्पणी में कहा, ‘पतंजलि आयुर्वेद के ऐसे सभी झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत रोकना होगा। शीर्ष अदालत ने टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ योग गुरु रामदेव पर अभियान का आरोप लगाने वाली आईएमए की याचिका पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आयुष मंत्रालय तथा पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को नोटिस जारी किया था। पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद से कहा कि वह चिकित्सा की आधुनिक पद्धतियों के खिलाफ भ्रामक दावे और विज्ञापन प्रकाशित न करें। यदि यह गलत दावा किया जाता है कि किसी विशेष बीमारी को ठीक किया जा सकता है तो पीठ प्रत्येक उत्पाद पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने पर भी विचार कर सकती है।
शीर्ष अदालत ने केंद्र की ओर से पेश वकील से भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों के मुद्दे का समाधान तलाशने को भी कहा, जहां कुछ बीमारियों का सटीक इलाज करने वाली दवाओं के बारे में दावे किए जा रहे हैं। पीठ अब आईएमए की याचिका पर अगले साल 5 फरवरी को सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए एलोपैथी और एलोपैथिक चिकित्सकों की आलोचना करने के लिए रामदेव की कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि उन्हें डॉक्टरों और उपचार की अन्य प्रणालियों को बदनाम करने से रोका जाना चाहिए। पीठ ने कहा था, ‘गुरु स्वामी रामदेव बाबा को क्या हुआ है? हम उनका सम्मान करते हैं क्योंकि उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाया। लेकिन, उन्हें दूसरी पद्धति की आलोचना नहीं करनी चाहिए’।

मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हाल ही में असुरक्षित (अनसिक्योर्ड) माने जाने वाले कुछ कर्ज के मानदंडों को कड़ा करना बैंक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के मकसद से सोच-समझकर लिया गया एहतियाती और लक्षित कदम है। आरबीआई गर्वनर दास ने एफआईबीएसी के कार्यक्रम को संबोधित कर कहा कि आरबीआई ने हाउस और वाहन खरीद के अलावा छोटे कारोबारियों द्वारा लिए जाने वाले कर्जों को इससे अलग रखा है। इसकारण उन्हें वृद्धि के मोर्चे पर जो लाभ हो रहा है, उस लाभ को बनाए रखना है। उन्होंने कहा, हमने हाल ही में व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने को ध्यान में रखकर सोच-विचारकर कुछ उपायों की भी घोषणा की है। ये उपाय एहतियाती हैं। ये उपाए सोच-विचारकर और लक्ष्य के हिसाब से किए गए हैं।’’
दास ने कहा कि उन्हें फिलहाल बैंकों में कोई नया दबाव उत्पन्न होता नहीं दिख रहा है, लेकिन वे चाहते हैं कि बैंक सतर्क रहे और दबाव परीक्षण जारी रखे। उन्होंने कहा कि कुछ गैर-बैंक वित्त कंपनियां-सूक्ष्म वित्त संस्थान उच्च ब्याज मार्जिन की सूचना दे रहे हैं। आरबीआई ने उन्हें विवेकपूर्ण तरीके से दरों को निर्धारित करने में लचीला रुख अपनाने को कहा है। आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि हालांकि हेडलाइन (कुल) मुद्रास्फीति में नरमी के संकेत हैं, पर केंद्रीय बैंक कीमत वृद्धि पर पैनी नजर रखे हुए है।
रुपये का जिक्र कर उन्होंने कहा कि अमेरिका में बॉन्ड यील्ड के बढ़ने के बावजूद घरेलू मुद्रा में उतार-चढ़ाव कम रहा है और वह व्यवस्थित था। दास ने निरंतर उच्च वृद्धि, मूल्य को टिकाऊ रूप से स्थिर करने और कीमत वृद्धि के झटके को कम करने के लिये कृषि विपणन तथा संबंधित मूल्य श्रृंखलाओं में सुधारों की भी वकालत की।

 

नई दिल्ली । जेरोधा के सीईओ नितिन कामत ने युवाओं को सीख दी तो सोशल मी‎डिया पर यूजर्स भी भडक गए। कामत के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ट्वीट करते ही लोग बिफर पड़े। एक यूजर ने तो उन्हें करारा जवाब भी दिया। नितिन कामत सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वह भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर काफी सकारात्मक हैं और समय-समय पर इस बात को जाहिर भी करते रहते हैं। वह लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी और शेयर मार्केट के जालसाजों से बचने की नसीहत देते रहते हैं। इस बार भी उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति सकारात्मक रूख अपनाते हुए एक ट्वीट किया लेकिन लोगों को ये पसंद नहीं आया। कामत ने कहा, मैं पैसे वाले जितने अमरीकियों को जानता हूं वह मानते हैं कि अमेरिका एक राष्ट्र के तौर पर अब शिथिल हो गया है और हम (भारत) भविष्य है। हालांकि, नौजवानों को अब भी किसी कीड़े ने काटा है जो वह अपना भविष्य संवारने के लिए अमेरिका जा रहे हैं। कामत ने इसे विरोधाभास करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में किसी भी और मुल्क के मुकाबले सबसे ज्यादा भारत के छात्र यूएस जा रहे हैं।
ट्विटर पर यूजर्स द्वारा तीखी प्रतिक्रिया दी गई। एक शख्स ने लिखा, अमेरिका जो भारत में निवेश कर रहे हैं उन्हें मौद्रिक फायदे के लिए कर रहे हैं। वहीं, भारतीय छात्र बेहतर जीवन की उम्मीद में देश छोड़ रहे हैं। ये दोनों चीजें अलग हैं और इसमें कोई विरोधाभास नहीं है। एक अन्य शख्स ने लिखा, अगर आपके पास खूब पैसा/बचत है तो भारत रहने के लिए शानदार जगह है लेकिन अगर आप युवा हैं तो आप अभी यूएस में भारत से कहीं ज्यादा कमाई कर सकते हैं। अगले 10 साल में यह बदल सकता है लेकिन तब तक वह बहुत अमीर हो चुके होंगे। यूएस में दूसरे देशों के सर्वाधिक छात्रों के मामले में भारत ने चीन को पछाड़ दिया है। इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन ने यूएस के एजुकेशनल एंड कल्चरल अफेयर्स ब्यूरो के साथ मिलकर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 में 2,68,923 भारतीय छात्र यूएस गए जो अब तक का रिकॉर्ड है।

नई दिल्ली । चालू वित्त वर्ष में रियल एस्टेट कंपनी गोदरेज प्रॉपर्टीज को 14,000 करोड़ रुपये की बिक्री बुकिंग का लक्ष्य हासिल करने का अनुमान है। कंपनी के कार्यकारी चेयरपर्सन पिरोजशा गोदरेज ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि कंपनी को मौजूदा और आने वाली आवासीय परियोजनाओं से मजबूत मांग की उम्मीद है। गोदरेज समूह की रियल एस्टेट इकाई गोदरेज प्रॉपर्टीज ने पिछले वित्त वर्ष में 12,232 करोड़ रुपये की संपत्तियां बेची थीं। पिरोजशा गोदरेज ने एक साक्षात्कार में कहा कि हम 14,000 करोड़ रुपये की सालाना बिक्री बुकिंग का लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं। उम्मीद है कि हमारा प्रदर्शन इससे भी बेहतर रहेगा। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर में कंपनी की बिक्री बुकिंग 48 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 7,288 करोड़ रुपये रही है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4,929 करोड़ रुपये थी। उन्होंने कहा ‎कि कंपनी के पास चालू वित्त की दूसरी छमाही में चार केंद्रित बाजारों दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), पुणे और बेंगलुरु के लिए आक्रामक पाइपलाइन है। उन्होंने कहा ‎कि दिल्ली-एनसीआर हमारे लिए एक बड़ा बाजार है। हम मौजूदा और अगली तिमाही के दौरान नोएडा, गुरुग्राम और अशोक विहार-दिल्ली में आवासीय परियोजनाएं शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इस वित्त वर्ष के पहले छह माह में 7,288 करोड़ रुपये की कुल बिक्री बुकिंग में दिल्ली-एनसीआर का योगदान 3,186 करोड़ रुपये रहा है। बिक्री बुकिंग में एमएमआर का योगदान 1,458 करोड़ रुपये, बेंगलुरु का 1,239 करोड़ रुपये और पुणे का 1,187 करोड़ रुपये रहा है। परियोजनाओं की आपूर्ति पर पिरोजशा ने कहा कि क्रियान्वयन सही रास्ते पर है और कंपनी ने इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में 65 लाख वर्ग फुट क्षेत्र की आपूर्ति की है। उन्होंने कहा कि हमें पूरे वित्त वर्ष में 1.25 करोड़ वर्ग फुट क्षेत्र की आपूर्ति का लक्ष्य हासिल करने का भरोसा है।

वा‎शिंगटन । मशहूर टेक फर्म आईबीएम के बाद आईफोन निर्माता एप्पल ने भी कथित तौर पर एक्स से विज्ञापन वापस ले लिया है, क्योंकि इसके मालिक एलन मस्क लगातार ऐसी पोस्ट से सहमति जता रहे हैं जो यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा देते हैं। एक्सियोस ने देर रात रिपोर्ट दी कि मस्क द्वारा यहूदी विरोधी साजिश सिद्धांतों के समर्थन के बाद एप्पल मस्क द्वारा संचालित प्लेटफॉर्म पर सभी विज्ञापन रोक रहा है। एप्पल एक्स पर एक प्रमुख विज्ञापनदाता रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि डिज्नी, वार्नर ब्रदर्स, डिस्कवरी, पैरामाउंट और कॉमकास्ट, एनबीसीयूनिवर्सल भी अपने विज्ञापन रोक रहे हैं। कम से कम दो अन्य संगठनों, लायंसगेट और यूरोपीय आयोग ने भी कथित तौर पर दुष्प्रचार के प्रसार से संबंधित व्यापक चिंताओं के कारण एक्स पर विज्ञापन रोक दिया है। गैर-लाभकारी संगठन मीडिया मैटर्स ने कहा कि मस्क श्वेत राष्ट्रवादी और यहूदी विरोधी षड्यंत्र के सिद्धांतों पर आगे बढ़ रहा है, उनका सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एडॉल्फ हिटलर और उनकी नाजी पार्टी का समर्थन करने वाले कंटेंट के आसपास एप्पल, ब्रावो (एनबीसीयूनिवर्सल), आईबीएम, ओरेकल और एक्सफ़िनिटी (कॉमकास्ट) जैसे प्रमुख ब्रांडों के लिए विज्ञापन दे रहा है। मीडिया मैटर्स ने एक रिपोर्ट में कहा ‎कि एक्स ने अपने निर्माता विज्ञापन राजस्व साझाकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में कट्टरपंथियों के कई अकाउंट्स को भी बहाल किया है और दूर-दराज चरमपंथियों को भुगतान किया है, जिसमें जाहिर तौर पर हिटलर-समर्थक और होलोकॉस्ट डेनियर अकाउंट भी शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्क द्वारा प्रेरित इस अराजकता के दौरान, हिटलर समर्थक, होलोकॉस्ट डेनियल, श्वेत राष्ट्रवादी, हिंसा समर्थक और नव-नाजी अकाउंट्स पर कॉर्पोरेट विज्ञापन भी दिखाई दे रहे हैं। मस्क ने एक्स पर पोस्ट किया: मीडिया मैटर्स पूरी तरह से नुकसानदायक है।

 

नई दिल्ली । टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने ऑस्ट्रेलियाई बाजार को अगली पीढ़ी का समाशोधन व निपटान मंच देने के लिए ऑस्ट्रेलियाई प्रतिभूति विनिमय एएसएक्स के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। टीसीएस का कहना है ‎कि एएसएक्स बदलाव को सक्षम करने के लिए बाजार के बुनियादी ढांचे के लिए टीसीएस बीएएनसीएस लागू करेगा। टीसीएस उत्पाद का इस्तेमाल नकद इक्विटी समाशोधन व निपटान के लिए एएसएक्स के मौजूदा मंच को बदलने के लिए किया जाएगा। बीएफएसआई उत्पादों और मंचों के लिए टीसीएस के एक व‎रिष्ठ अ‎धिकारी ने कहा ‎कि हमारा इस मिशन-महत्वपूर्ण व्यवसाय के लिए चयन, हमारे प्रदर्शन, हमारे उत्पादों में निरंतर निवेश और प्रौद्योगिकी-आधारित दुनिया में बाजार के बुनियादी ढांचा संस्थानों के भविष्य को लेकर हमारे साझा दृष्टिकोण की पुष्टि है।

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