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कोरबा : मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति की बैठक आयोजित
कोरबा 12 अप्रैल 2024/ कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी तथा मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति के अध्यक्ष श्री अजीत वसंत के दिशा-निर्देशन में जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में निर्वाचन आयोग द्वारा सौंपे गए दायित्वों के बारे में बताया गया और उनका पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। समिति की बैठक में निर्देशित किया गया कि एमसीएमसी का कामकाज आचार संहिता के प्रभावशील होने के साथ ही शुरू हो गया है। कोरबा लोकसभा क्षेत्र से नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ होने के साथ ही प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रकाशित विज्ञापनों तथा प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने वाले पेड न्यूज पर विशेष नजर रखी जाए। प्रतिदिन प्रकाशित और प्रसारित समाचारों के साथ विज्ञापनों पर सत्त निगरानी रखने के साथ अखबारों के कतरन, स्क्रीन शॉट और विजुअल संग्रहित करने के निर्देश दिए गए। इसी प्रकार भ्रामक विज्ञापनों एवं समाचारों पर भी नजर रखते हुए कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में अपर कलेक्टर श्री दिनेश कुमार नाग, समिति के सदस्य श्री निलेश कुजूर, श्री हेमंत जायसवाल, डॉ. राजेश सक्सेना, डॉ. एम. एम. जोशी, श्री विनोद सिंह, डॉ. एम. महतो, श्री प्रखर सिंह व श्री कमलज्योति उपस्थित थे।
गौरतलब है कि भारत निर्वाचन आयोग के मार्गदर्शी बिन्दुओं के अनुरूप आदर्श आचार संहिता, राजनीतिक विज्ञापन, पेड न्यूज, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से प्रचार प्रसार पर नियमानुसार कार्यवाही का प्रावधान है। लोकसभा निर्वाचन कें लिए गठित एमसीएमसी द्वारा इलेक्ट्रानिक मीडिया, केबल नेटवर्क, सोसल मीडिया आदि पर जारी किये जाने वाले विज्ञापनों की सत्त मानिटरिंग की जायेगी। विज्ञापन प्रकाशित होने पर जो भी खर्च है उसे अभ्यर्थी के खाते में जोड़ा जायेगा। अलग-अलग इलेक्ट्रानिक चैनलों में यदि एक ही तरह के फोटो और मैटर लगातार एक ही अभ्यर्थी के पक्ष में प्रचारित हो तो ऐसे समाचार प्रसारण पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। ऐसे सभी समाचार पेड न्यूज की श्रेणी में शामिल होंगे तथा उसका खर्च संबंधित अभ्यर्थी के निर्वाचन खर्च में जोड़ा जायेगा। मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति द्वारा पेड न्यूज की मानिटरिंग की जायेगी। पेड न्यूज होने पर उसकी जानकारी समिति द्वारा रिटर्निंग आफिसर को दिया जायेगा। रिटर्निंग आफिसर द्वारा उम्मीदवार को नोटिस जारी किया जायेगा।

रायपुर : कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. गौरव सिंह के पहल पर लोकसभा निर्वाचन 2024 के तहत आज मतदाता जागरूकता अभियान में इतिहास रच दिया है। एक ही दिन में 29 विभाग और संस्थान के सात लाख एक हजार आठ सौ इन्क्याबे लोगों ने मतदाता जागरूकता की शपथ ली। साथ ही जिले में 100 प्रतिशत मतदान की अपील की गई। कलेक्टर डाॅ. सिंह ने कहा कि आज पूरे जिले के विभिन्न कार्यालयों और संस्थानों ने मतदान की शपथ लेकर इतिहास बनाया है। मल्टीलेवल पार्किंग के छत पर बरसते पानी में अधिकारी व कर्मचारियों ने एक साथ मतदान करने की शपथ ली। कलेक्टर ने कहा कि 7 मई को रायपुर जिले में मतदान है। उस दिन जाकर हर परिस्थिति में मतदान करें और दूसरों को भी मतदान करने के लिए प्रेरित करें।

 

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन, जनपद ग्राम पंचायत रायपुर, शासकीय विद्यालय, मत्स्य विभाग, नालंदा, सेंट्रल व तक्षशिला लाइब्रेरी, महिला एवं बाल विकास, उद्यानिकी विभाग, तहसील कार्यालय रायपुर एवं धरसीवां, लोक निर्माण विभाग, समाज कल्याण विभाग, सांख्यिकी विभाग, निर्माण विभाग, विधिक मापविज्ञान, महानदी जलाशय परियोजना, छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण, जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति, मनरेगा पशु चिकित्सा विभाग, कलिंगा यूनिवर्सिटी, जिला सहकारिता विभाग, कार्यपालन अभियंता तिल्दा नेवरा, कृषि विभाग नगर पालिका मंदिरहसौद, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, इंडस्ट्रियल एरिया, नगर निगम रायपुर एवं बीरगांव, कार्मिक विभाग रायपुर मंडल दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बैंक इत्यादि स्थानों पर सामूहिक तौर पर मतदाता जागरूकता की शपथ ली गई।

 

रायपुर। सिंगल और डबल इंजन की सरकार का धरातल पर प्रभाव देखना है तो छत्तीसगढ़-ओडिशा के सीमावर्ती गांव धनपुंजी-चांदली आइए। रायपुर से 310 किलोमीटर दूर बस्तर स्थित ग्राम धनपुंजी में रहने वाली देवरानी से ओडिशा के चांदली गांव में रहने वाली उनकी जेठानी व अन्य स्वजन मुंह फुलाए हुए हैं।

वजह, छत्तीसगढ़ की निवासी देवरानी सावित्री को महतारी वंदन योजना में हर महीने एक हजार रुपये मिल रहे हैं। जेठानी व अन्य स्वजन ओडिशा में हैं और इस योजना से वंचित है।

जेठानी कहती हैं कि उनके स्वजन कहते हैं कि यदि उनका घर छत्तीसगढ़ में होता तो उन्हें भी महीने के हजार रुपये मिल रहे होते। गौरतलब है कि केंद्र के साथ छत्तीसगढ़ में भी भाजपा की सरकार है। उधर, ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजद) की सरकार है। गांव की सीमा बदलने से न केवल योजनाएं, बल्कि परिवारों की कहानी और दशा भी बदल जाती है।

घर छत्तीसगढ़ में और खेत ओडिशा में

धनपुंजी के कुछ ग्रामीणों का घर छत्तीसगढ़ में है और उनके खेत ओडिशा में हैं। इसी तरह गांव के ही कुछ परिवारों के घर ओडिशा के चांदली में हैं और उनके खेत धनपुंजी में हैं। ओडिशा के चांदली के किसानों को धान का समर्थन मूल्य नहीं मिल पाता है, जबकि उनके ही परिवार के अन्य भाइयों का घर धनपुंजी में आने से उनका धान 3,100 रुपये प्रति क्विंटल में बिक रहा है।

ओडिशा का भाई उपेक्षित महसूस कर रहा है, जबकि छत्तीसगढ़ में रह रहे ग्रामीणों को भाजपा की डबल इंजन की तीन महीने की सरकार से कई योजनाओं का लाभ मिल रहा है। एक ही परिवार के किसान दो सरकारों की योजनाओं का मूल्यांकन भी कर रहे हैं।

लोकसभा चुनाव से पहले ग्रामीणों के तराजू और विकास के पैमाने पर ओडिशा की बीजू जनता दल (बीजद) पर छत्तीसगढ़ की भाजपा की डबल इंजन सरकार भारी पड़ती दिख रही है।

मायूस हो जाते हैं किसान

धनपुंजी के किसान मालवीय मिसई कहते हैं कि महतारी वंदन योजना का हमारी माताओं-बहनों को लाभ मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में ज्यादा अच्छी सुविधाएं हैं। छत्तीसगढ़ के तेंदूपत्ता संग्राहकों को 5500 रुपये प्रति मानक बोरा कीमत व बोनस मिल रहा है और धान प्रति क्विंटल 3,100 रुपये में बिक रहा है। इससे छत्तीसगढ़ के किसान खुश हैं। ओडिशा के किसान विभिन्न सरकारी योजनाओं से वंचित होने के चलते मायूस हो जाते हैं।

ओडिशा सरकार की योजनाएं नहीं छोड़ पाई छाप

धनपुंजी के सरपंच नीलांबर बघेल के मुताबिक, ओडिशा में बीजद की सरकार है। सरकार ने पात्र किसानों को वित्तीय सहायता देने के लिए कालिया योजना शुरू की। इसके तहत किसानों को 5000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। लाभ कुछ ही किसानों को मिलता है, जबकि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार सभी वर्ग के किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीद रही है।

छत्तीसगढ़ के हिस्से की महिलाएं खुश

लोकसभा और ओडिशा विधानसभा के चुनावों से पहले ओडिशा सरकार ने मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को 10 लाख रुपये तक के ब्याज मुक्त ऋण देने की घोषणा की है। चांदली गांव के महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि छत्तीसगढ़ की महिलाएं महतारी वंदन योजना का लाभ पाने से खुश हैं।

सौतेलापन महसूस कर रहा आधा परिवार

ओडिशा राज्य की स्थापना एक अप्रैल 1936 को हुई थी। आजादी के पहले यह क्षेत्र बंगाल प्रेसीडेंसी का एक हिस्सा था। यह बिहार और बंगाल से अलग हो नया राज्य बना था। जब अविभाजित मध्य प्रदेश व ओडिशा की सीमा निर्धारित हुई तो इस गांव की जनसंख्या कम थी।

धनपुंजी में दो हजार और चांदली की आबादी ढाई हजार है। दोनों राज्य की सरकारें ग्रामीणों से अलग-अलग दर से लगान वसूल रही हैं। ओडिशा के हिस्से में आने वाले ग्रामीणों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में सुविधाएं ज्यादा हैं। ओडिशा के ग्रामीण चाहते हैं कि अब उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार अपने अधीन कर ले।


रायपुर। बात 1977 के लोकसभा चुनाव की है। छत्तीसगढ़ में रायपुर के सप्रे शाला मैदान में भीड़ जमा थी। लोग पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बुआ विजय लक्ष्मी पंडित को सुनने के लिए उमड़े थे। विजय लक्ष्मी ने गुस्सा निकालते हुए कहा था कि देश में तानाशाह सरकार चल रही है। इस सरकार को उखाड़ फेंकना है।

विजय लक्ष्मी के भाषण को सुनने वालों की संख्या अधिक होने की वजह आपातकाल लागू होने के बाद हुए तत्कालीन चुनाव के दौरान कांग्रेस की इंदिरा सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी रही। विजय लक्ष्मी ने जनता दल के प्रत्याशी पुरुषोत्तम लाल कौशिक के समर्थन में सभा की थी।

मुंबई। इस वक्त देशभर में चुनावी माहौल चल रहा है। इसमें पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को और चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे. चुनाव के चलते देशभर में आचार संहिता लागू है. ऐसे में कुछ नियम सिर्फ नेताओं पर ही नहीं बल्कि आम लोगों पर भी लागू होते हैं. चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा के केवल पंद्रह दिनों के भीतर, चुनाव अधिकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने देश के विभिन्न हिस्सों से ड्रग्स और शराब सहित करोड़ों रुपये नकद जब्त किए। सबके जेहन में यही सवाल रहता है कि आचार संहिता लागू होने के दौरान कितनी नकदी, आभूषण या शराब हम ले जा सकते हैं. तो आपको बता दें कि इसकी भी एक सीमा है। अगर आपके पास तय सीमा से ज्यादा कैश है तो उसे जब्त भी किया जा सकता है.


आइए जानते हैं क्या है नियम-
चुनाव के दौरान अगर आपके पास 5,000 रुपये से ज्यादा कैश या 10,000 रुपये से ज्यादा का गिफ्ट है तो आपको इसके दस्तावेज दिखाने होंगे. इसमें बिल या बैंक स्टेटमेंट नहीं दिखाने पर रकम जब्त हो सकती है. अगर आप बिजनेस या कुछ और कर रहे हैं तो उस रकम का आधिकारिक रिकॉर्ड होना जरूरी है। ताकि अगर आपसे अधिकारी इस बारे में पूछताछ करेंगे तो आपको उसकी पूरी जानकारी मिल जाएगी.


- क्या जब्त की गई राशि वापस मिल सकती है?
अगर आप जब्त की गई रकम का उचित दस्तावेज जांच के दौरान अधिकारियों को दिखा देंगे तो उक्त रकम आप वापस पा सकते हैं। चुनाव के दौरान शराब के वितरण को रोकने के लिए शराब के परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। जबकि 10,000 रुपये से अधिक मूल्य की दवाएं, उपहार और शराब रखना अवैध माना जाता है।

 

मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक याचिका पर फैसला सुनाया है कि जिस तरह पत्नी तलाक के बाद अपने पति से गुजारा भत्ता मांगती है, उसी तरह पति को भी अपनी पत्नी से गुजारा भत्ता मांगने का अधिकार है। यदि पति बीमारी या किसी अन्य कारण से बेरोजगार है, तो वह तलाक के दौरान अपनी पत्नी से गुजारा भत्ता मांग सकता है। कोर्ट ने कहा कि पति को भी यह कानूनी अधिकार है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई से सटे कल्याण में एक तलाकशुदा पति को प्रत्येक महीने पत्नी से 10,000 रुपये का गुजारा भत्ता देने की मंजूरी दी है। दरअसल कल्याण सहदिवानी न्यायधीश ने 13 मार्च 2020 को पत्नी को यह आदेश सुनाया. इस फैसले को पत्नी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. न्यायाधीश शर्मिला देशमुख ने पत्नी की ओर से बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर चुनौती याचिका को खारिज कर दिया है. बताया गया है कि आपसी मतभेद के चलते पति ने तलाक लेने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने कल्याण न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. तलाक की अर्जी दाखिल करने के बाद पत्नी ने भरण-पोषण की अर्जी दाखिल की। इस दौरान पति ने भी पत्नी से गुजारा भत्ता पाने के लिए अर्जी दाखिल की. चूँकि महिला के पति बीमार और बेरोजगार हैं, इसलिए उनका आवेदन स्वीकार कर लिया गया। कल्याण कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाते हुए कहा कि पति बीमार है और बेरोजगार भी है. इसलिए पत्नी को पति को गुजारा भत्ता देना चाहिए। अंतरिम गुजारा भत्ता 10 हजार रुपये प्रति माह की दर से तय किया गया. अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी पति के पक्ष में यह फैसला बरकरार रखा है.

नई दिल्ली । निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए तैनात अपने पर्यवेक्षकों को फर्जी खबरों और झूठी सूचना पर समय रहते रोक लगाने का कहा है। आयोग ने कहा कि ‘‘सकारात्मक विमर्श को आगे बढ़ाने के लिए मतदाताओं को तत्परता से तथ्यों से अवगत कराया जाए।
आयोग ने एक बैठक में अपने 127 सामान्य, 67 पुलिस और 167 व्यय पर्यवेक्षकों को निर्वाचन क्षेत्रों में नकदी, शराब, चुनावी तोहफे और मादक पदार्थ एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने और उनके वितरण को रोकने के लिए चौबीसों घंटे प्रयास सुनिश्चित करने को कहा। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत, 21 राज्यों में 102 संसदीय सीट पर 19 अप्रैल को मतदान होना है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने और निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार एवं सुखबीर सिंह संधू ने यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए, विशेष रूप से भीषण गर्मी से निपटने की सभी मूलभूत सुविधाएं हों।
बैठक में, पर्यवेक्षकों को यह देखने का निर्देश दिया गया कि पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों का पर्याप्त उपयोग हो और कानून व्यवस्था कड़ी निगरानी में रहे। आयोग ने उन्हें उन संसदीय क्षेत्रों में पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान मौजूद रहने को कहा, जहां उन्हें तैनात किया गया है।

सनातन धर्म में व्रत का विशेष महत्त्व होता है, हिन्दू धर्मग्रंथों में व्रत-क्रिया को संकल्प, सत्कर्म अनुष्ठान भी कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं. सभी तरह के दुःख – दर्द दूर हो जाते हैं और व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. व्रत सामान्य तौर पर दो तरीके के होते हैं जिनमें एक तो सामान्य व्रत होता है. दूसरा निर्जला व्रत होता है. सामान्य व्रत वह व्रत होता है जिसमें व्रतधारी जल, फल, दूध जैसे फलाहार का सेवन कर व्रत पूर्ण करता है, जबकि निर्जला व्रत में व्रतधारी जल, अन्य, फल समस्त वस्तुओं का त्याग कर व्रत पूर्ण करता है.

साबूदाना व्रत के लिए सही या गलत
कई बार प्रश्न यह उठता है कि क्या व्रत में साबूदाना खाना चहिए या नहीं? वैज्ञानिक आधार पर व्रत के दौरान साबूदन खाना सेहत के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. इससे शरीर को एनर्जी मिलती है, लेकिन शास्त्रीय मत व्रत के दौरान साबूदाना खाने से मना करते हैं. इसके पीछे की मुख्य वज़ह साबूदान को बनाए जाने की प्रक्रिया है, क्योंकि सनातन धर्म में व्रत की पवित्रता महत्वपूर्ण होती है. चाहे वह पूजन के समय हो या प्रसाद बनात समय.

साबूदाना पाम सागो के तने में पाए जाने वाले टैपिओका रूट से बनता है, जिसे कई दिनों तक प्रोसेस करके हम तक पहुंचाया जाता है. ऐसे में शुद्धता संबंधी मानकों में यह उचित नहीं बैठता और धर्मगुरु इसे अशुद्ध मानते हैं, इसलिए शास्त्रीय मत होता है कि फलाहार में साबूदाना से परहेज करें.

व्रत में कैसा फलाहार लें
लोकल 18 से बात करते हुए आचार्य पंकज सावरियां ने बताया कि व्रत के दौरान आप साबूदाना और रेवड़ी दाना, जो कि शक्कर और आटे से बनता हैं, इनका सेवन नहीं करें. इसके अलावा, दूध, फल, आलू, सिंघाड़ा इत्यादि को फलाहार लेने की सलाह देते हैं. आचार्य पंकज ने बताया कि प्रातः पूजा संपन्न होने के बाद दूध या जल का सेवन करें. उसमें प्रसाद रूप में फल ले सकतें है, उसके बाद संध्या आरती के पश्चात ही फलाहार करें. दोपहर में भी शुद्ध कपड़ों के पहन कर ही जल लेना चहिए, व्रत एक प्रतिज्ञा है, जिसे पूर्ण करने के लिए कड़ाई से पालन करें. इसके अतिरिक्त तामसी भोजन से दूर रहें. उसका स्पर्श आप के व्रत को खंडित कर सकता है, इसलिए तामसी वस्तुओं से उचित दूरी बना कर रखें.

अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ स्टारर 'बड़े मियां छोटे मियां' ने सिनेमाघरों में धूम मचा दी है। पूजा एंटरटेनमेंट की पावर पैक्ड एक्शन थ्रिलर 'बड़े मियां छोटे मियां' ने पहले ही दिन बॉक्स ऑफिस पर धमाका कर दिया है। इस पावर पैक्ड एक्शन फिल्म को भारत में ही नहीं दुनियाभर में दर्शक पसंद कर रहे हैं। चलिए आपको बताते हैं कि फिल्म ने अपनी रिलीज के पहले दिन कितनी कमाई की।


अजय देवगन की स्पोर्ट्स ड्रामा ‘मैदान’ की रिलीज का फैंस को बेसब्री से इंतजार था. ये फिल्म ईद के मौके पर सिनेमाघरों में रिलीज हुई और इसे बॉक्स ऑफिस पर अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ की ‘बड़े मियां छोटे मियां’ से क्लैश भी करना पड़ा. हालांकि ‘मैदान’ को भी दर्शकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला है और इसकी बॉक्स ऑफिस पर शुरुआत अच्छी हुई है. चलिए यहां जानते हैं ‘मैदान’ ने रिलीज के पहले दिन कितने करोड़ का कलेक्शन किया है?

‘मैदान’ ने रिलीज के पहले दिन कितनी की कमाई?

अजय देवगन की ‘मैदान’ को क्रिटिक्स और ऑडियंस से पॉजिटिव रिव्यू मिला है. तमाम सेलेब्स और दर्शकों ने भी सोशल मीडिया पर इस फिल्म की जमकर तारीफ की है. फेमस राइटर जावेद अख्तर ने भी सोशल मीडिया पर फिल्म में अजय देवगन की दमदार एक्टिंग की जमकर सराहना की है और इसे 'मस्ट वॉच' कहा है. इसी के साथ ‘मैदान’ की पहले दिन की बॉक्स ऑफिस परफॉर्मेंस भी काफी शानदार रही है. वहीं अब फिल्म की रिलीज के पहले दिन की कमाई के शुरुआत आंकड़े भी आ गए हैं.

‘मैदान’ नहीं तोड पाई 'शैतान' का रिकॉर्ड

अजय देवगन की ‘मैदान’ की ओपनिंग बेशक अच्छी रही है लेकिन ये फिल्म एक्टर की पिछली हिट फिल्म ‘शैतान’ का रिकॉर्ड ब्रेक नहीं कर पाई है. दरअसल ‘मैदान’ ने रिलीज के पहले दिन 7.10 करोड़ से ओपनिंग की है जबकि ‘शैतान’ ने रिलीज के पहले दिन 15.21 करोड़ रुपये की कमाई की थी. वहीं ‘मैदान’ अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ की लेटेस्ट रिलीज ‘बड़े मियां छोटे मियां’ से भी पिछल गई है. बता दें कि ‘बड़े मियां छोटे मियां’ ने रिलीज के पहले दिन 15.50 करोड़ की कमाई की है. वहीं मेकर्स को वीकेंड पर फिल्म की कमाई में उछाल आने की उम्मीद है.

‘मैदान’ स्टार कास्ट

अमित रविंदरनाथ शर्मा द्वारा निर्देशित, ‘मैदान’ देश के बेहद पॉपुलर कोच सैयद अब्दुल रहीम की बायोपिक है. उन्होंने अपना जीवन फुटबॉल के लिए समर्पित कर दिया था और भारत को बहुत गौरव कराया था. फिल्म में अजय देवगन ने सैयद अब्दुल रहीम का किरदार निभाया है. फिल्म में प्रियामणि, गजराज राव और बंगाली अभिनेता रुद्रनील घोष ने भी अहम रोल प्ले किया है.. फिल्म में ऑस्कर विजेता एआर रहमान ने म्यूजिक कंपोज किया है.

 

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