शिव के राज में हावी माफिया: पत्थर खोद रहे माफिया ने वन अमले को घेरा, 20 मिनट तक गोलियां चलाकर JCB और साथी छुड़ा ले गए Featured

शिव के राज में हावी माफिया:

घटना के बाद इलाके में सर्चिंग करते पुलिस जवान।
आधी रात तिघरा के लखनपुरा जंगल में हुआ हमला
SAF जवान की कार्बाइन भी छीनी, लेकिन कुछ दूरी पर पड़ी मिल गई
पुलिस ने रात भर की सर्चिंग कोई नहीं मिला

प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाहे जितने दावे कर लें, लेकिन माफियाराज हावी है। तिघरा के जंगल में पत्थर के अवैध उत्खनन को रोकने पहुंचा वन अमला खुद ही घिर गया। अचानक झाड़ियों से गोलियां बरसने लगीं। माफिया ने 20 मिनट तक रुक-रुक कर गोलियां चलाईं। वन विभाग और SAF के जवानों ने बमुश्किल छिपकर जान बचाई। इस दौरान पत्थर माफिया JCB मशीन के साथ बंधक बने अपने साथी को भी छुड़ा ले गए। घटना गुरुवार-शुक्रवार दरमियानी रात 1.40 बजे की है। बताया जा रहा है कि जवान से कार्बाइन छीन ली गई थी। बाद में वह घटनास्थल पर ही पड़ी मिल गई तो पुलिस ने राहत की सांस ली। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

SDO घाटीगाव सर्किल संजीव कुमार ने बताया कि रात को करीब 12.50 बजे सूचना मिली थी कि तिघरा थाना क्षेत्र के लखनपुरा इलाके में खनन माफिया द्वारा पत्थर का अवैध खनन किया जा रहा है। सूचना पर रेंजर विकास मिश्रा के साथ ही तिघरा चौकी प्रभारी सुनील जेवियर, गेमरेंज सुपरवाइजर शंकर खलको के साथ ही वन विभाग का अमला निकला। साथ में SAF का बल भी था। यह सभी लखनपुरा के जंगल में पहुंचे, जहां एक JCB मशीन से पत्थर का उत्खनन करती मिला। वन विभाग व SAF के बल ने JCB मशीन को घेर लिया और JCB चला रहे ऑपरेटर को अपनी निगरानी में ले लिया।

झाड़ियों से बरसने लगीं गोलियां, छिपकर बचाई जान

वन अमले ने मशीन जब्त कर एक ऑपरेटर को पकड़ा ही था कि तभी अचानक जंगल की झाड़ियों से फायरिंग शुरू हो गई। वन अमले को संभलने का मौका ही नहीं मिला। जवान अपनी राइफल तक नहीं निकाल पाए। किसी तरह छिपकर अपनी जान बचाई। रुक-रुक माफिया गोली चला रहे थे। इसी दौरान वे अपनी JCB मशीन और ऑपरेटर को छुड़ा ले गए। गोलीबारी की सूचना पुलिस को दी गई। जब तक पुलिस पहुंची माफिया सामान समेटकर भाग चुके थे।

कार्बाइन गन लूटने की खबर

माफिया ने हमला करने के बाद एक SAF जवान ने कार्बाइन लूट ली है। यह खबर पुलिस के पास पहुंची थी। पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल पर छानबीन की तो कार्बाइन वहीं पड़ी मिल गई है। पुलिस को आशंका है कि अचानक हमले से जवान छिपने के लिए भागे होंगे तो गन छूट गई होगी।

लगातार हमले कर रहे माफिया

तिघरा के जंगल में लखनपुरा के पास 15 दिन में दूसरी बार वन विभाग के अमले पर हमला हुआ है। इससे पहले पत्थर से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली छुड़ा ले गए थे। इससे पहले घाटीगांव में भी वन अमले पर हमला हुआ था। एक महीने पहले पुरानी छावनी में रेत माफिया ने TI पुरानी छावनी को कुचलने का प्रयास किया था।

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