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भाजपा के संकल्प पत्र में 10 वर्षो के ट्रैक रिकार्ड के साथ 25 सालो का विजन:अरुण साव


दुर्ग। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने लोकसभा चुनाव के लिए जारी भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र 'मोदी की गारंटी' को विकसित भारत का संकल्प पत्र बताते हुए कहा है 76 पन्नों का यह संकल्प पत्र के देशभर से मिले 15 लाख सुझावों का प्रतिबिम्ब है जिसे 24 समूहों में बाँटा गया है। 10 सोशल ग्रुप में गरीब, युवा, मध्यम वर्ग, मछुआरे, वंचित वर्ग, सीनियर सिटीजन, पिछड़े एवं कमजोर वर्ग शामिल हैं। वहीं, गवर्नेंस को 14 सेक्टर्स में बाँटा गया है। श्री साव ने कहा कि संकल्प पत्र में भारत के अन्य देशों से संबंध, आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा, समृद्ध भारत, ईज ऑफ लिविंग, विरासत का विकास, गुड गवर्नेस, सुशासन, स्वस्थ भारत, शिक्षा, खेल, सभी सेक्टर्स का विकास, इनोवेशन और टेक्नोलॉजी और पर्यावरण को रखा है।

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री साव ने मंगलवार को दुर्ग में आहूत पत्रकार वार्ता में कहा कि पूरे देश ने इस बात को माना है कि "मोदी की गारंटी, यानी गारंटी के पूरे होने की गारंटी।" भाजपा जो कहती है, उसे तो पूरा करती ही है और जो नहीं भी कहती है लेकिन जनता के हित में यदि वे जरूरी होते हैं, तो उसे भी पूरा करके दिखाती है। श्री साव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पेश किए जाने वाला संकल्प पत्र विकसित भारत की ओर लंबी छलांग लगाने वाला है। आज देश की जनता को विश्वास है कि यदि मोदी की गारंटी है तो यह पूरा होकर रहेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 2014 और 2019 में प्राप्त पूर्ण बहुमत को गांव, गरीब, वंचित, दलित, महिला, युवा और किसान को समर्पित किया। उनके शरीर का कण-कण और जीवन का क्षण-क्षण राष्ट्र का विकास और गरीब कल्याण के प्रति समर्पित है।

सोशल मीडिया पर कौन सा यूजर कब ट्रोल हो जाए इसके बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता। फिल्म जगत के लोग तो आए दिन ट्रोलिंग का शिकार होते रहते हैं। कुछ सितारे तो पलटकर मुंहतोड़ जवाब दे देते हैं तो कुछ चुप रहना ही पसंद करते हैं। इसी सिलसिले में अब अभिनेत्री भूमि पेडनेकर और उनकी बहन समीक्षा पेडनेकर को ट्रोल किया गया है। इस मामले में समीक्षा ने ट्रोलिंग करने वाले लोगों को दो टूक जवाब दिया, जिसकी सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है।भूमि और उनकी बहन समीक्षा का चेहरा एक-दूसरे से काफी मिलता है। दोनों को साथ देखकर, लोग पहचान ही नहीं पाते कि कौन भूमि है और कौन समीक्षा। अब इसी चीज को लेकर कुछ सोशल मीडिया यूजर ने उन्हें अपने निशाने पर ले लिया है। दो दिन पहले की बात है। भूमि पेडनेकर और समीक्षा पेडनेकर ने एक साथ इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में दोनों बहनें लिपस्टिक लगाते हुए दिखाई दे रही थी। दोनों काफी सुंदर नजर आ रही थी। इस वीडियो पर कुछ लोगों ने अच्छी प्रतिक्रिया दी तो कुछ ने दोनों बहनों को ट्रोल करना शुरु कर दिया।

 

कशिश प्राइड फिल्म फेस्टिवल ने अपने नए लोगो को लॉन्च किया है। इसके साथ ही फेस्टिवल लुक का भी अनावरण किया है। इस लोगो को मुंबई की जोड़ी ने डिजाइन किया है। इसके साथ ही बेंगलुरु के डिजाइनर ने इसका पोस्टर फाइनल किया है। कशिश मुंबई इंटरनेशनल क्वीर फिल्म फेस्टिवल, शहर का वार्षिक एलजीबीटीक्यू+ फिल्म फेस्टिवल है, जिसे अब कशिश प्राइड फिल्म फेस्टिवल का नाम दिया गया है। इसने अपने 15वें संस्करण के लिए फेस्टिवल लुक का अनावरण किया है।बेंगलुरु स्थित ग्राफिक डिजाइनर और सीतेश गोविंद के डिजाइन को कशिश 2024 अंतर्राष्ट्रीय पोस्टर डिजाइन प्रतियोगिता के जवाब में भारत भर के विभिन्न डिजाइनरों द्वारा प्रस्तुत दो दर्जन डिजाइनों में से चुना गया था। इसके अंतिम डिजाइन को पुणे स्थित सिरेमिक डिजाइनर दलीप दासवानी ने फाइनल किया था। उन्होंने कहा, 'इस डिजाइन में जो गौरव के रंग स्पष्ट हैं, वे आपके चेहरे पर नहीं हैं। ग्राफिक्स काफी मजबूत हैं। साथ ही रंग काफी अच्छे हैं। यह डिजाइन सिनेमाई जीवन की कहानियों की ओर संकेत करते हुए उड़ान की भावना के साथ ऊर्जा का जश्न मनाता है।डिजाइनर सीथेश सी गोविंद ने अपने डिजाइन के बारे में कहा, 'रील्स फिल्म महोत्सव के मूल का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो सिनेमा का उत्सव है। फिल्म रीलें फिल्म निर्माण के इतिहास और परंपरा का संकेत हैं। तितलियां अक्सर परिवर्तन और सुंदरता का प्रतीक होती हैं। पोस्टर में तितलियां नजर आ रही हैं, जो हमेशा आत्म-खोज की यात्रा और किसी की वास्तविक पहचान को उजागर करने का संकेत देती हैं। साथ ही ये समलैंगिक समुदाय के अनुभवों से मेल खाती है।'

 


BRS नेता के. कविता को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से करारा झटका लगा है। कोर्ट ने उन्हें 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उनकी रिमांड खत्म होने पर आज कोर्ट के सामने पेश किया गया था। उन्हें हाल ही में एक्साइज पॉलिसी मामले में CBI द्वारा गिरफ्तार किया गया था।कोर्ट से निकलते वक्त BRS नेता के. कविता ने कहा कि यह CBI की हिरासत नहीं है, यह भाजपा की हिरासत है। भाजपा बाहर जो बोल रही है, अंदर से CBI वही पूछ रही है, बार-बार 2 साल मांग रही है, इसमें कोई नई बात नहीं है।

 

 

पंजाब के मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर शुक्रवार को तिहाड़ जेल के अधिकारियों दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस के बीच बैठक हुई थी। इसमें केजरीवाल के साथ मान की मुलाकात के दौरान सुरक्षा उपायों को लेकर चर्चा हुई। तिहाड़ जेल के महानिदेशक संजय बेनीवाल के नेतृत्व में हुई बैठक में एडीजी पंजाब पुलिस एके पांडेय और एक एसीपी स्तर के अधिकारी मौजूद थे।


नीलगिरी । तमिलनाडु के नीलगिरी में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के हेलिकॉप्टर की तलाशी ली। पुलिस ने बताया कि हेलीकॉप्टर के यहां उतरने के बाद उड़न दस्ते के अधिकारियों ने तलाशी ली। राहुल अपने संसदीय क्षेत्र केरल के वायनाड जा रहे थे, जहां वे सार्वजनिक रैली सहित कई चुनावी अभियानों में हिस्सा लेने वाले हैं।

 

लोकसभा चुनाव के चलते भाजपा और कांग्रेस ने अपना प्रचार अभियान तेज कर दिया है। कांग्रेस जहां भाजपा के घोषणापत्र और पुराने वादों को निशाना बना रही है, वहीं भाजपा भी कांग्रेस पर लगातार हमले कर रही है। इस बीच चुनाव आयोग भी इस बार एक्शन मोड में है।इस बार के चुनाव में आयोग ने 75 साल के इतिहास में सबसे ज्यादा नकदी जब्त की है और वो जांच पड़ताल में किसी बड़े नेता को भी नहीं छोड़ रहा है। ऐसा ही एक दृश्य तब सामने आया जब तमिलनाडु के नीलगिरी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहुंचे। राहुल अपने हेलीकॉप्टर से नीलगिरी पहुंचे ही थे कि चुनाव आयोग के फ्लाइंग स्क्वाड के अधिकारी वहां पहुंच गए और हेलीकॉप्टर की जांच में जुट गए।


नई दिल्ली । शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों के 21 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। पत्र में न्यायपालिका को कमजोर करने के प्रयासों पर चिंता जताई गई है। चिट्ठी लिखने वालों में हाईकोर्ट के 17 पूर्व जज और सुप्रीम कोर्ट के चार पूर्व न्यायाधीश शामिल हैं। इसमें कुछ गुटों की ओर से सोचे-समझे दबाव, गलत सूचना और सार्वजनिक अपमान के जरिए न्यायपालिका को कमजोर करने के बढ़ते प्रयासों का जिक्र किया गया है।

न्यायिक प्रणाली पर जनता के विश्वास को कम करने का प्रयास

पत्र में कहा गया कि ऐसा करने वाले संकीर्ण राजनीतिक हितों और व्यक्तिगत लाभ के लिए न्यायपालिका को कमजोर और न्यायिक प्रणाली पर जनता के विश्वास को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने उन घटनाओं के बारे में नहीं बताया, जिसके कारण उन्होंने सीजेआई को पत्र लिखा है। हालांकि, यह पत्र ऐसे वक्त लिखा गया है, जब भ्रष्टाचार के मामले में विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दलों के बीच जुबानी जंग जारी है।

न्यायाधीशों की ईमानदारी पर सवाल उठाने का आरोप

सेवानिवृत्त न्यायमूर्तियों दीपक वर्मा, कृष्ण मुरारी, दिनेश माहेश्वरी और एमआर शाह समेत पूर्व जजों ने आलोचकों पर अदालतों और न्यायाधीशों की ईमानदारी पर सवाल उठाने का आरोप लगाया है। उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने के स्पष्ट प्रयासों के साथ गलत तरीके अपनाने का भी आरोप लगाया है।

 

नई दिल्ली । BRS नेता के. कविता को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से करारा झटका लगा है। कोर्ट ने उन्हें 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उनकी रिमांड खत्म होने पर आज कोर्ट के सामने पेश किया गया था। उन्हें हाल ही में एक्साइज पॉलिसी मामले में CBI द्वारा गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट से निकलते वक्त BRS नेता के. कविता ने कहा कि यह CBI की हिरासत नहीं है, यह भाजपा की हिरासत है। भाजपा बाहर जो बोल रही है, अंदर से CBI वही पूछ रही है, बार-बार 2 साल मांग रही है, इसमें कोई नई बात नहीं है।

 

 

सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के 21 रिटायर्ड जजों के एक समूह ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। इसमें उन्‍होंने कुछ गुटों द्वारा सोचे-समझे दबाव, गलत सूचना और सार्वजनिक अपमान के माध्यम से न्यायपालिका को कमजोर करने की बढ़ती कोशि‍शों का जिक्र किया है।ये आलोचक संकीर्ण राजनीतिक हितों और व्यक्तिगत लाभ से प्रेरित हैं और न्यायिक प्रणाली में जनता के विश्वास को कम करने का प्रयास कर रहे हैं।हालांकि, रिटायर्ड जजों ने उन घटनाओं के बारे में नहीं बताया, जिनके कारण उन्हें सीजेआई को पत्र लिखना पड़ा।न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दीपक वर्मा, कृष्ण मुरारी, दिनेश माहेश्वरी और एम आर शाह सहित सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने आलोचकों पर अदालतों और न्यायाधीशों की ईमानदारी पर सवाल उठाकर न्यायिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने के स्पष्ट प्रयासों के साथ कपटपूर्ण तरीके अपनाने का आरोप लगाया।न्यायिक परिणामों को अपने पक्ष में प्रभावित करने का प्रयास उन मामलों में खासकर हो रहा है सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक महत्व शामिल हैं।इन समूहों द्वारा अपनाई गई रणनीति बेहद परेशान करने वाली है। उद्देश्यहीन सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार से लेकर प्रत्यक्ष और गुप्त कार्यों में संलिप्त होकर न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को धूमिल करना, न्यायिक परिणामों को अपने पक्ष में प्रभावित करने का प्रयास इनमें शामिल है।

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