राजनीति

राजनीति (6223)

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में आखिरकार सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो गया। प्रदेश में 11 सीटों पर कांग्रेस लोकसभा चुनाव लड़ेगी। अखिलेश ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा- कांग्रेस के साथ 11 मजबूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है। ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा।
उन्होंने लिखा- इंडिया की टीम और पीडीए की रणनीति इतिहास बदल देगी। इससे पहले, सपा और रालोद में 7 सीट पर गठबंधन हुआ था। यानी, अब यूपी में इंडिया गठबंधन में सपा, कांग्रेस और रालोद के बीच सीटों पर सहमति बन गई है। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि अखिलेश के ट्वीट पर केंद्रीय नेतृत्व को फैसला लेना है। फिलहाल, दोनों पार्टियों के बीच सकारात्मक और अच्छे माहौल में बातचीत चल रही है। इससे पहले, 17 जनवरी को दिल्ली में कांग्रेस के साथ सपा महासचिव राम गोपाल यादव की बैठक हुई थी। बैठक में बाहर निकलकर राम गोपाल ने कहा था, हमने आधा रास्ता तय कर लिया है। बाकी आधा रास्ता भी जल्द तय कर लिया जाएगा। राम गोपाल के इस बयान के बाद से यह संकेत मिल गए थे कि सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और सपा में बात बन गई है।
इससे पहले, 19 जनवरी को अखिलेश यादव ने 7 सीट आरएलडी को देने का ऐलान किया था। वहीं, 1-1 सीट अपना दल कमेरावादी और चंद्रशेखर की पार्टी की दे सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि बची हुई 60 सीटों पर सपा चुनाव लड़ेगी।
कांग्रेस को प्रदेश की कौन-सी 11 सीट दी जाएगी। इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, वाराणसी, गोरखपुर, महाराजगंज, प्रयागराज, झांसी, कुशीनगर, गाजियाबाद , अमेठी, रायबरेली, लखनऊ और बांसगांव कांग्रेस को दी जा सकती है।

पटना । बिहार में सियासी उथल-पुथल मची हुई है. बिहार राजनीतिक महाभारत का कुरूक्षेत्र बन गया है। शह-मात का खेल चल रहा है। जदयू और राजद के अपने-अपने दावे हैं। वहीं भाजपा और कांग्रेस भी अपना गणित बैठा रही है। बिहार में नीतीश-लालू का गठबंधन टूट गया है। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश रविवार सुबह 10 बजे राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। इसके साथ ही वे नई सरकार बनाने का दावा भी पेश करेंगे। जदयू कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया। नीतीश राज्यपाल से रविवार को ही नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाने को भी कहेंगे। पार्टी सूत्रों का दावा है कि नीतीश 2 डिप्टी सीएम के साथ शपथ लेंगे। उधर, बिहार में पल-पल सियासी समीकरण बदल रहे हैं। इसी बीच सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के मुखिया जीतन राम मांझी से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फोन पर बात की है। राहुल ने जीतन राम को इंडिया गठबंधन में आने का न्योता दिया है।
इधर, पटना में राजद की बैठक के दौरान तेजस्वी ने दावा किया कि असली खेला होना अभी बाकी है। नीतीश हमारे आदरणीय थे और रहेंगे। जो काम दो दशकों में नहीं हुआ, वह हमने कम समय में कर दिखाया। लालू ने अपने मंत्रियों से कहा- इस्तीफा नहीं दें। वहीं, दिल्ली से पटना पहुंचे भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिंह ने कहा कि दुनिया ने मोदी का सुशासन देखा है। अब बिहार की जनता भी मोदी का सुशासन देखना चाहती है। बिहार की राजनीति में सियासी उठापटक जारी है। हाल के दिनों में हुए घटनाक्रमों और सामने आए बयानों से अटकलें लग रही हैं कि बिहार में जदयू एक बार फिर एनडीए में शामिल होने को तैयार है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार महागठबंधन को छोडक़र भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के साथ आ रहे हैं। इससे पहले तीन बार जदयू ने साथी बदला है लेकिन दिलचस्प है कि नीतीश कुमार हर बार मुख्यमंत्री रहे। भले उनकी पार्टी के विधायकों की संख्या उनके सहयोगी से कम रही हो।
बिहार में अभी खेल होना बाकी है
बिहार में सियासी गहमागहमी के बीच आरजेडी के नेताओं की बैठक हुई। बैठक में तेजस्वी यादव ने कहा कि मैंने गठबंधन धर्म को निभाया है। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा नीतीश का सम्मान किया। सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी यादव ने राज्य में कई बड़े घटनाक्रम होने के संकेत भी दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेरे साथ मंच पर बैठते थे और पूछते थे कि 2005 से पहले बिहार में क्या था? मैंने कभी प्रतिक्रिया नहीं दी। अब हमारे साथ अधिक लोग हैं, दो दशकों में जो कुछ भी अधूरा रह गया था, हम उसे हासिल करने में कामयाब रहे। भले ही नौकरियां हों, जाति जनगणना हो, आरक्षण बढ़ाना हो, थोड़े ही समय में हमने ये किया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में अभी खेल होना बाकी है। सूत्रों के मुताबिक लालू ने अपने सभी विधायकों को पटना में बने रहने के लिए कहा है। साथ ही मोबाइल फोन बंद नहीं करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अपने विधायकों से ये भी कहा कि किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहें। आरजेडी की बैठक खत्म होने के बाद मनोज झा ने कहा कि बैठक बहुत सकारात्मक रही, हमने मौजूदा हालात के हर पहलू पर चर्चा की। हमारे नेता लालू प्रसाद, जो भी निर्णय लेंगे हम उसे मानेंगे। हम इस सरकार को गिराने के बारे में कभी सोच भी नहीं सकते, इस सरकार ने बिहार की जनता के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि यह विधानमंडल की बैठक थी, जिसमें लालू यादव, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और सभी विधायक शामिल थे। हम सभी ने लालू यादव को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है।
मांझी लगाएंगे पार!
उधर, जीतन राम मांझी के लिए कहा जा रहा है कि वह आरजेडी की नैया पार लगाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं, साथ ही वह एनडीए के लिए भी बेहद अहम हैं। क्योंकि जीतनराम की पार्टी हम के 4 विधायक हैं, अगर आरजेडी उन्हें अपने पाले में ले लेती है, तो महागठबंधन 118 सीटों का आकंड़ा छू लेगा। इसमें आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक भी शामिल हैं।अगर एआईएमआईएम का एक और एक निर्दलीय विधायक भी महागठबंधन के साथ जाते हैं तो ये आंकड़ा 120 तक पहुंच जाएगा। हालांकि सरकार बनाने के लिए 2 विधायकों की जरूरत तब भी पड़ेगी। हालांकि जीतनराम मांझी ने बिहार के सियासी संकट पर कहा था कि राजनीति में कोई किसी का दोस्त नहीं है और कोई किसी का परमानेंट दुश्मन नहीं होता है। वहीं, भाजपा के सहयोगी और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन ने दावा किया है कि बिहार सरकार एक-दो दिन में गिर सकती है।

 

नई दिल्ली । मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा व कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से उनके निवास पर भेंट कर शिक्षा और कौशल विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इंदौर द्वारा उज्जैन में सैटेलाइट परिसर स्थापित करने की परियोजना तैयार कर वर्ष 2023 में शिक्षा मंत्रालय को स्वीकृति के लिए भेजी गई थी। उज्जैन सैटेलाइट परिसर एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिससे पूरे भारत और विशेष रूप से मध्य प्रदेश के छात्रों, शिक्षकों और औद्योगिक कर्मियों को लाभ मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने उज्जैन के सैटेलाइट परिसर को सैद्धांतिक सहमति प्रदान की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली द्वारा मध्य प्रदेश में चार फ्यूचर स्किल कोर्स चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज, भोपाल में ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी (AR/VR), जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में इंटरनेट आफ थिंग्स (IoT) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तथा उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज में ब्लाकचैन कोर्स स्थापित किए गए हैं जो कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की संकल्प योजना के अंतर्गत चलाए जा रहे हैं। प्रत्येक कोर्स में राज्य के एक हजार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य द्वारा स्थापित संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तथा ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी (AR/VR) के क्षेत्र में सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किया जा रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क में संचालित किए जाने वाले कोर्स में तकनीकी सलाहकार के रूप में आईटीई, सिंगापुर के स्थान पर अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली को तकनीकी सलाहकार बनाए जाने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को इन कौशल उन्नयन नवाचारों के शुभारंभ के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित भी किया, जिसे केंद्रीय मंत्री स्वीकार किया। बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री डॉ यादव को उड़ीसा के महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सुरेंद्र साईं के बारे में अवगत कराया। जिन्होंने असीरगढ़ किले के कारावास में लगभग 35 साल से अधिक समय गुजारा था। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने केंद्रीय मंत्री को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही असीरगढ़ किले में स्वतंत्रता सेनानी वीर सुरेंद्र साईं की प्रतिमा स्थापित कर उनके सम्मान में स्मारक बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि इस स्मारक से मध्य प्रदेश और उड़ीसा राज्यों के सांस्कृतिक संबंध मधुर और प्रगाढ़ होंगे।

नई दिल्ली । राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को नई दिल्ली में 14वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह में भाग लिया और उसे संबोधित किया। इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने 2023 के दौरान चुनावों के संचालन के कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राज्य एवं जिला स्तर के अधिकारियों को वर्ष 2023 का सर्वश्रेष्ठ चुनावी कार्य पुरस्कार प्रदान किए। विभिन्न सरकारी विभागों और मीडिया संगठनों सहित महत्वपूर्ण हितधारकों को भी मतदाताओं को जागरूक करने में बहुमूल्य योगदान देने के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए।
सभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे लोकतंत्र की विशालता और विविधता हमारे लिए गर्व की बात है। हमारे लोकतंत्र की गौरवशाली यात्रा में निर्वाचन आयोग की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि अब तक निर्वाचन आयोग द्वारा 17 आम चुनाव और 400 से अधिक विधानसभा चुनाव कराए जा चुके हैं। उन्होंने निष्पक्ष एवं समावेशी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग की वर्तमान और पिछली टीमों की सराहना की।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश की चुनाव प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर आधुनिक तकनीक का सफल उपयोग दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों के लिए एक उदाहरण है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि चुनाव प्रक्रिया से संबंधित सभी गतिविधियों में चुनाव आयोग द्वारा तकनीक के प्रभावी उपयोग को यथासंभव और बढ़ाया जाएगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश के सभी हिस्सों में रहने वाले मतदाताओं के लिए मतदान की व्यवस्था करना आसान नहीं है। सभी प्रकार की चुनौतियों के बावजूद निर्वाचन आयोग की टीम इस कठिन दायित्व को पूरा करती है। यह हमारे लोकतंत्र की बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने मतदान केन्द्रों पर जाने में असमर्थ रहने वाले लोगों के लिए घर पर मतदान की सुविधा प्रदान करने के लिए चुनाव आयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों ने हमारे देश की चुनाव प्रक्रिया को और अधिक समावेशी बना दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे युवा हमारे लोकतंत्र के भावी नेता हैं। उन्होंने मतदाता फोटो पहचान पत्र प्राप्त करने वाले युवा मतदाताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह अधिकार मिलने के बाद उनके कर्तव्य भी बढ़ गये हैं। उन्होंने कहा कि यहां उपस्थित युवा मतदाता देश के उन करोड़ों युवाओं के प्रतिनिधि हैं जो वर्ष 2047 के स्वर्णिम भारत के निर्माण में निर्णायक भूमिका निभायेंगे।
राष्ट्रपति को मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार से ‘आम चुनाव 2024 के लिए ईसीआई की पहल’ की पहली प्रति प्राप्त हुई।
वर्ष 2011 से, भारत निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस को मनाने के लिए हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के बीच चुनावी जागरूकता पैदा करना और उन्हें चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है। ‘वोटिंग जैसा कुछ नहीं, मैं निश्चित रूप से वोट करता हूं’ राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2024 की थीम है।

कोलकाता । विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ब्लॉक के भीतर सीट बंटवारे को लेकर आंतरिक कलह खत्म बनी हुई है। इस बीच, टीएमसी प्रमुख और राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने फिर साफ कर दिया है कि वे पश्चिम बंगाल में अपने गढ़ को ना कमजोर होने देना चाहती हैं और ना किसी दूसरे दल को अपना वोट बैंक देने के मूड में हैं। इसकारण ममता इंडिया के सहयोगी कांग्रेस और वाम मोर्चे को नसीहत देते नजर आईं। इसके साथ ही दोनों दलों को आइना भी दिखाया है।
ममता ने कांग्रेस के सामने सीट शेयरिंग का नया फॉर्मूला दिया है। ममता ने बीजेपी को मात देने के लिए खास इलाकों में स्थानीय पार्टियों को कमान देने की वकालत की है। ममता ने सुझाव भी दिया कि कांग्रेस चाहे तब अपने दम पर 300 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ सकती है। हालांकि, राजनीतिक तौर पर देखा जाए ममता का प्रस्ताव और शर्त इतनी आसान नहीं है।
दरअसल, बंगाल में सीट शेयरिंग पर पेंच फंसा हुआ है। आगामी आम चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने सत्तारूढ़ टीएमसी अलायंस को लीड करना चाहती है और सीट शेयरिंग में कांग्रेस, वाम मोर्चे को हद दिखाने से नहीं चूक रही है। सीपीएम के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा, कांग्रेस और टीएमसी 28 पार्टियों वाले विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हैं। हालांकि, बंगाल में सीपीएम और कांग्रेस के नेता लगातार टीएमसी के खिलाफ हमलावर दिख रहे हैं।
टीएमसी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन के आधार पर दो सीटों का ऑफर दिया है। कांग्रेस को यह प्रस्ताव नागवार गुजरा और दोनों पार्टियों के बीच तनाव बढ़ गया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने सीधे टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को निशाने पर लेकर कहा था कि वो टीएमसी से सीटों की भीख नहीं मांगने वाले है।
इधर, ममता की टिप्पणियों पर कांग्रेस और सीपीआई (एम) दोनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी ने कहा, हम टीएमसी नेतृत्व की सोच और इच्छा पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। उन्हें जो अच्छा लगता है,वहां करने दें। सीपीआई (एम) के सेंट्रल कमेटी के मेंबर सुजन चक्रवर्ती ने इस आरोप को निराधार बताया कि उनकी पार्टी इंडिया ब्लॉक की बैठकों के एजेंडे को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। पश्चिम बंगाल में सीपीआई (एम) के सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा, यह लड़ाई सांप्रदायिक और कम्युनिस्टों के बीच है।

 

कोलकाता । पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि उनका मानना है, कि अगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस देश के पहले प्रधान मंत्री होते तब भारत का विभाजन रोका जा सकता था। पराक्रम दिवस यानी नेताजी की जयंती पर बीजेपी नेता अधिकारी ने कहा, मेरा मानना है कि अगर नेताजी देश के पहले प्रधानमंत्री होते, तब हमारे देश का विभाजन नहीं होता और भारत में हर कोई खुश होता। भारत को गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से छुटकारा मिल गया होता।
उन्होंने दिल्ली के कर्तव्य पथ पर नेताजी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। अधिकारी ने कहा, आज हम पराक्रम दिवस मना रहे हैं और नेताजी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सर्व-विश्वास रैली (संहति रैली) पर प्रतिक्रिया देकर भाजपा नेता अधिकारी ने कहा कि यह सांप्रदायिक रैली के सिवा कुछ नहीं थी।
अधिकारी ने आरोप लगाया, वह विभिन्न धर्मों की एक समभाव रैली नहीं थी, बल्कि एक सांप्रदायिक रैली थी। यह दंगे भड़काने के लिए की गई थी। ऐसी भाषा! क्या वह मुख्यमंत्री थीं? वह जेल जाने के डर से पागल हो गई हैं। पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को प्राण प्रतिष्ठा दिवस मनाने से रोकने के आरोप को खारिज कर अधिकारी ने कहा, पश्चिम बंगाल में हरेक हिंदू ने कल भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव में भाग लिया, भले ही वे इस दौरान अपने घरों में ही थे। उन्होंने कहा, तृणमूल के पाकिस्तान-प्रेमी नेताओं ने राम पूजा के दौरान हिंदुओं पर हमला किया है। ऐसी 50 से अधिक घटनाएं हुईं। पुलिस उनकी कैडर बन गई है।

पटना । बिहार में सीएम नीतीश कुमार ने आरजेडी कोटे के तीन मं‎त्रियों के ‎विभाग बदल ‎दिए हैं। बताया जा रहा है ‎कि नी‎तीश कुमार व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बीच बढ़ रही दूरी के कारण मंत्रियों के विभाग में फेरबदल करने की प्र‎क्रिया हुई है। जानकार बता रहे हैं ‎कि जिससे इस बात को बल मिल रहा है कि जनता दल यूनाइटेड और राजद के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। दिलचस्प बात ये भी है कि नीतीश कुमार ने 22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर उद्घाटन से ठीक पहले अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया है। सबसे बड़ा फेरबदल शिक्षा विभाग को लेकर है। भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता को अब शिक्षा विभाग का मंत्री बनाया गया है। वहीं, ललित यादव को भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री बनाया गया है। ललित यादव अब तक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मंत्री थे। नीतीश कुमार ने विवादित शिक्षामंत्री चंद्रशेखर, जो लगातार रामचरित मानस, हिंदुत्व और धार्मिक मामलों को लेकर विवादित बयान दे रहे थे, उनका विभाग बदलकर गन्ना उद्योग विभाग का मंत्री बना दिया है। मतलब नीतीश कुमार ने उनके कद को कम कर दिया है और राजद को संदेश भी दे दिया है कि बिहार में कोई बड़ा खेल जल्द खेला जा सकता है।
सूत्रों की मानें तो चंद्रशेखर जो यादव समाज से आते हैं, उनके लालू प्रसाद से काफी अच्छे रिश्ते हैं और नीतीश कुमार ने चंद्रशेखर से शिक्षा विभाग जैसा महत्वपूर्ण विभाग लेकर उन्हें गन्ना उद्योग विभाग दे दिया है, इससे साफ है कि बिहार में आने वाले दिनों में कोई बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। चंद्रशेखर ने पिछले साल जनवरी में पहले रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया था और उसकी कुछ चौपाइयों का हवाला देते हुए इसे नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था। साथ ही मनुस्मृति को लेकर भी विवादित टिप्पणी की थी। बाद में नीतीश कुमार ने खुद ऐसे बयानों से चंद्रशेखर को परहेज करने की हिदायत दी थी, लेकिन इसके बावजूद चंद्रशेखर धार्मिक मुद्दों और हिंदुत्व को लेकर विवादित टिप्पणी करते आ रहे थे।
इस तरह से राजद कोटा के तीन मंत्रियों का विभाग बदलकर नीतीश कुमार ने स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की कि महागठबंधन सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। हालां‎कि इं‎डिया गठबंधन में 2024 लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। नीतीश कुमार की पार्टी लगातार आरजेडी पर दबाव बना रही है कि जनवरी तक सीटों का बंटवारा हो जाना चाहिए, लेकिन दूसरी तरफ लालू प्रसाद ने साफ कह दिया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई जल्दबाजी में वह नहीं है। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी नीतीश कुमार को लेकर अपने तेवर में नरमी दिखाई है। उन्होंने राजस्थान में नीतीश कुमार के दोबारा एनडीए में आने की अटकलें को लेकर कहा था कि अगर कोई प्रस्ताव उनके पास आएगा तो वह विचार करेंगे।

अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में उत्साह और उल्लास का माहौल है। सोमवार को हजारों लोगों की भीड़ अयोध्या पहुंची और भक्तिमय माहौल में डूबी रही। इतिहास की इस बड़ी घटना को हर कोई अपनी नजरों से देखना चाहता था। अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो साझा किया है, जिसमें अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को विस्तार से दिखाया गया है।

पीएम द्वारा साझा किए गए इस वीडियो में उन्होंने लिखा, "अयोध्या में कल हमने जो कुछ भी देखा, वह आगे कई वर्षों तक हमारी स्मृतियों में रहेगा।" पीएम के इस वीडियो में भक्तों की भावनाओं से लेकर कार्यक्रम में शामिल हुई हस्तियों की प्रार्थनाएं और भावुकता को भी प्रदर्शित किया गया है। वीडियो की शुरुआत में ही अयोध्या के भव्य मंदिर पर पुष्पवर्षा दिखाई गई है, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी हाथों में पूजन सामग्री लिए मंदिर के अंदर गर्भगृह में प्रवेश करते दिखे हैं। इस वीडियो में पीएम को रामलला के सामने अनुष्ठान करते देखा जा सकता है।

 

मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने रंजनगांव से अपनी पदयात्रा शुरू की। उन्होंने बताया कि वह मुंबई तक अपनी मार्च जारी रखेंगे। इसके साथ ही उन्होंने मीडिया का धन्यवाद भी किया।मीडिया से बात करते हुए मनोज जरांगे ने कहा, हम मुंबई तक अपनी मार्च जारी रखेंगे। मुझे यकीन है कि आजाद मैदान या शिवाजी पार्क में हमें प्रदर्शन करने की इजाजत मिल जाएगी। मैं मीडिया को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद करता हूं। मैं अपने समुदाय के सदस्यों से मीडिया के लोगों के साथ सहयोग करने की अपील करता हूं। उन्होंने हमें इस आंदोलन में काफी मदद की है।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने मंगलवार को पराक्रम दिवस के मौके पर स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की। संसद के संविधान सदन में पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने पहुंचकर नेताजी की तस्वीर पर फूल भी चढ़ाए। इस दौरान पीएम के साथ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे साथ खड़े दिखाई दिए। दोनों ने श्रद्धांजलि के बाद कुछ पर साथ में बातें भी कीं। इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी साथ रहे।पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी एक पोस्ट किया इसमें उन्होंने कहा, ‘‘पराक्रम दिवस पर भारत के लोगों को बधाई। आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर हम उनके जीवन और साहस का सम्मान करते हैं। हमारे देश की स्वतंत्रता के लिए उनका अटूट समर्पण आज भी प्रेरित करता है।’’

 

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