भारत के अलावा इन दो देशों के साथ भी है चीन का बॉर्डर विवाद Featured

एशिया के दो बड़े देशों के बीच साल 1962 में युद्ध हो चुका है। यह युद्ध 20 अक्टूबर 1962 को शुरू हुआ था जो एक महीने तक चला था। इस युद्ध में 10 से 20 भारतीय सैनिकों ने जबकि 80 हजार चीनी सैनिकों ने हिस्सा लिया था।

नयी दिल्ली। दुनिया में सबसे लंबी सीमा होने की वजह से चीन के विवादों की कहानी भी काफी लंबी है। सबसे लंबी जमीनी सीमा होने की वजह से कई देशों के साथ चीन के संबंध काफी अच्छे हैं तो कुछ देशों के साथ तल्ख भी। हाल ही में गलवान घाटी में सीमा विवाद को लेकर सीमा सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक अफसर समेत 20 जवान शहीद हो गए जिसके चलते लोगों के मन में चीन के प्रति काफी आक्रोश नजर आ रहा है। जगह-जगह चीन के सामानों का बहिष्कार किया जा रहा है जबकि भारत सरकार लगातार चीन से बातचीत कर सीमा विवाद को सुलझाने में जुटी हुई है और हिंसक भड़प को लेकर चीन से जवाब भी मांग रही है।
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14 देशों के साथ चीन का हुआ है विवाद

करीब सात दशक में चीन का 14 देशों के साथ विवाद हुआ है। चीन की करीब 22 हजार 117 किमी लंबी जमीन सीमा का हिस्सा है। जिसमें कई देशों ने अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ी हैं। हालांकि सभी देशों के साथ सिर्फ सीमा को लेकर ही विवाद नहीं है बल्कि कुछ देशों के साथ व्यापार युद्ध भी हुआ। लेकिन जब हम चीन के सबसे ज्यादा विवादित सीमाओं की बात करते हैं तो सामने भारत, रूस और वियतनाम ही नजर आता है।

1962 में हुआ था भारत और चीन के बीच युद्ध

एशिया के दो बड़े देशों के बीच साल 1962 में युद्ध हो चुका है। यह युद्ध 20 अक्टूबर 1962 को शुरू हुआ था जो एक महीने तक चला था। इस युद्ध में 10 से 20 भारतीय सैनिकों ने जबकि 80 हजार चीनी सैनिकों ने हिस्सा लिया था। जिसमें भारत को 1300 सैनिकों की क्षति हुई थी जबकि 1000 के आसपास सैनिक जख्मी हुए थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक युद्ध के दौरान 1500 के करीब सैनिक लापता हो गए थे और 4 हजार सैनिकों को चीन ने बंदी बना लिया था। भारत के मुकाबले चीन को कम नुकसान हुआ था क्योंकि चीनी सेना के महज 700 सैनिक मारे गए थे और 1500 के करीब जख्मी हुए थे। हालांकि फिर 21 नवंबर 1962 को युद्ध विराम की घोषणा कर दी गई थी।

इसके बाद साल 1993 में भारत और चीन के बीच एक शांति समाझौत भी हुआ था। लेकिन अक्साई चीन को लेकर अक्सर दोनों देशों के बीच में विवाद होते रहते हैं। इतना ही नहीं डोकलाम में भी दोनों देशों के बीच तनाव देखा जा चुका है और हाल ही में लद्दाख में टकराव देखनों को मिल रहा है।

मंगोलिया बॉर्डर को लेकर हुआ था युद्ध

1962 में जब भारत चीन से युद्ध हारा था उस वक्त रूस और अमेरिका क्यूबा-मिसाइल विवाद में फंसे हुए थे। जिसकी वजह से भारत का सबसे करीबी मित्र रूस चीन के खिलाफ युद्ध में मदद नहीं कर पाया था। अगर उस वक्त रूस भारत की मदद करता तो फिर रूस को चीन और अमेरिकी दोनों देशों का सामना करना पड़ता।

वैसे रूस और चीन के बीच तल्खियां कुछ कम नहीं हैं। 1969 में चीन और तब के सोवियत संघ में मंगोलिया बॉर्डर को लेकर विवाद छिड़ा था और फिर युद्ध भी हुआ था। हालांकि 1991 में चीन और सोवियत सीमा समझौते पर दस्तखत किया था। तब से मतभेद कुछ कम हुए।

वियतनाम सीमा विवाद

भारत और रूस के बाद चीन और वियतनाम के बीच सीमा को लेकर आपस में ठनी रहती है। यह विवाद सदियां पुराना है। 27 दिनों तक चले इस युद्ध में 10 हजार से अधिक सैनिक मारे गए थे। इस युद्ध में चीन की बहुत बुरी हार हुई और फिर चीन ने अपने सैनिकों को पीछे कर लिया था।

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