रीलंका की सरकार ने एक विज्ञापन जारी कर लोगों से रावण के बारे में कोई भी दस्तावेज शेयर करने को कहा है। यह विज्ञापन पर्यटन और उड्डयन मंत्रालय ने अलग-अलग अखबार में जारी किया। अगर किसी भी व्यक्ति को रावण व उसकी एविएशन तकनीक के बारे में कोई भी जानकारी है, कोई पुस्तक या दस्तावेज हैं तो वो सरकार से संपर्क कर सकते हैं।
समस्त संसार इस वक्त कोरोना महामारी से जद्दोजहद में लगा है। लेकिन इस दौर में त्रेता युग के किरदारों को लेकर चर्चा भी खूब तेज है। नेपाल प्रभु श्रीराम को नेपाली बता असली अयोध्या नेपाल में होने का दावा कर रहा है। इसके बाद से नेपाल का पुरातत्व विभाग अपने यहां असली अयोध्या साबित करने के लिए खुदाई करने में जुटा हुआ है। इन सब के बीच श्रीलंका ने रावण को लेकर एक बड़ा दावा किया है। श्रीलंका ने रावण को एविएशन तकनीक का जनक बताते हुए उसके पुष्पक विमान को लेकर रिसर्च शुरू किया है। श्रीलंका का दावा है कि पांच हजार साल पहले रावण मे पहली बार इस विमान का इस्तेमाल किया था। इस बीच श्रीलंका की सरकार ने एक विज्ञापन जारी कर लोगों से रावण के बारे में कोई भी दस्तावेज शेयर करने को कहा है। यह विज्ञापन पर्यटन और उड्डयन मंत्रालय ने अलग-अलग अखबार में जारी किया। अगर किसी भी व्यक्ति को रावण व उसकी एविएशन तकनीक के बारे में कोई भी जानकारी है, कोई पुस्तक या दस्तावेज हैं तो वो सरकार से संपर्क कर सकते हैं। श्रीलंका के खोए गौरव को फिर से हासिल करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। श्रीलंका के सिविल एविएशन अथॉरिटी के पूर्व उपाध्यक्ष शशि दानतुंज ने कहा कि उनके पास ये साबित करने के लिए ढेर सारे तथ्य हैं। अगले पांच वर्षों में, हम ये साबित करेंगे।’
रामायण काल का पुष्पक विमान
रामायण में लिखा है कि रावण ने माता सीता का अपहरण करके पुष्पक विमान के जरिए लंका लेकर गया था। वाल्मिकी रामायण में इस बात का वर्णन मिलता है कि पंचवटी आश्रम से माता सीता का हरण करके रावण पुष्पक विमान से लंका की ओर उड़ चला। प्रभु श्री राम लंका विजय के बाद अयोध्या इसी विमान से पहुंचे थे।रामायण में जिस तरह से पुष्पक विमान का जिक्र मिलता है, उससे तो यही लगता है कि ये आज के हवाई जहाज की तरह था, लेकिन तकनीक के मामले में मॉर्डर्न एयरोप्लेन से कहीं आगे था।
श्रीलंका का रावण प्रेम
श्रीलंका के लोगों के लिए रावण एक महान राजा था। कुछ भारतीय धर्मग्रंथ भी उन्हें "महा ब्राह्मण" के रूप में वर्णित करते हैं, जिसका अर्थ है एक महान ब्राह्मण या एक महान विद्वान।