ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र (प्रोसेस्ड फूड) तैयार करने वाली मल्टीनेशनल कंपनियां बड़ी तादाद में भारत का रुख कर रही हैं। ऐसे में यह क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। जिसको देखते हुए इस क्षेत्र में पारंगत लोगों की मांग भी बढ़ रही है। इस क्षेत्र में कभी भी मंदी नहीं हो सकती। यही कारण है कि अब युवाओं की इसमें रुचि इसमें बढ़ती जा रही है। इस क्षेत्र को युवा अब आकर्षक कॅरियर के रूप में देख रहे हैं और इसके लिए जरुरी तकनीकी शिक्षा भी हासिल कर रहे हैं। कारोबार जगत के संगठन (फिक्की) की एक रिपोर्ट के मुताबिक फूड प्रोसेसिंग के कारोबार में भारत में कुशल लोगों की बेहद कमी है। आने वाले समय में फूड टेक्नोलॉजी का भविष्य बहुत ही सुनहरा होने वाला है। अगर आंकड़ों की मानें तो आने वाले कुछ सालों में यह उद्योग इस रफ्तार से बढ़ेगा कि नौकरियों की बहार होगी।
जरुरी योग्यता
ऐसे में यदि आप इस उभरते क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी अथवा मैथमेटिक्स विषयों के साथ 10+2 में कम से कम 50 प्रतिशत अंक जरूरी हैं। एमएससी कोर्स करने के लिए फूड टेक्नोलॉजी से संबंधित विषयों में स्नातक की डिग्री भी आवश्यक होती है।
फूड टेक्नोलॉजिस्ट का काम
फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के तहत वे सभी कार्य शामिल हैं, जिनसे प्रोस्सेड फूड जैसे- मक्खन, सॉफ्ट ड्रिंक, जेम व जेली, फ्रूट जूस, बिस्कुट, आइसक्रीम आदि की गुणवत्ता, स्वाद और रंग-रूप बरकरार रह सके। इसके अलावा वह कच्चे और बने हुए माल की गुणवत्ता, स्टोरेज तथा हाइजिन आदि की निगरानी भी करता है। वह कंपनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। कच्चे माल से लेकर प्रोडक्ट तैयार होने तक कंपनी को उसकी हर स्तर पर जरूरत होती है। ग्लोबल स्तर पर कंपनी का भविष्य फूड टेक्नोलॉजिस्ट की योग्यता पर ही निर्भर रहता है।
मैनुफैक्चर्ड प्रोसेसेज : इस प्रक्रिया के जरिए कच्चे कृषि उत्पादों और मीट आदि पशु उत्पादों के भौतिक स्वरूप में बदलाव लाया जाता है। इससे यह उत्पाद खाने और बिक्री योग्य बन जाते हैं। वैल्यु एडेड प्रोसेसेज के जरिए कच्चे खाद्य उत्पादों में कई ऐसे बदलाव किए जाते हैं। जिससे वह ज्यादा समय के लिए सुरक्षित रहते हैं और कभी भी खाने लायक बन जाते हैं। उदाहरण के लिए टमाटर से बने सॉस और दूध से तैयार आईसक्रीम जैसे उत्पादों को देखा जा सकता है।
किस लिए है जरूरत
फूड टेक्नोलॉजिस्ट की जरूरत आज सभी देशों को है। इसका उदेद्श्य लोगों को ऐसी खाघ सामाग्री पहुंचाना है जो गुणवत्ता और स्वाद के साथ-साथ पोषक तत्वों से भी भरपूर हो।
इस क्षेत्र में किये जाने वाले प्रमुख कोर्स
बीएससी (ऑनर्स) फूड टेक्नोलॉजी
बीटेक फूड टेक्नोलॉजी
एमटेक फूड टेक्नोलॉजी
पीजी डिप्लोमा इन फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी
एमबीए(एग्री बिजनेस मैनेजमेंट
अवसर
इस कोर्स के बाद आपके पास नौकरी के कई सारे विकल्प होते हैं। आप फूड प्रोसेसिंग यूनिटों, रिटेल कंपनियों, होटल, एग्री प्रोडक्टस बनाने वाली कंपनियों से जुड़ सकते हैं। या फिर खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता जांचने, उनके निर्माण कार्य की निगरानी करने और खाद्य वस्तुओं को संरक्षित करने की तकनीकों पर काम करने वाली प्रयोगशालाओं से भी जुड़ सकते हैं।
वेतनमान
इस क्षेत्र में आप शुरुआती स्तर पर आप 8 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह आसानी से कमा सकते हैं। सालों के अनुभव के बाद 30 हजार रुपये प्रतिमाह या इससे भी ज्यादा कमाया जा सकता है। यदि आप स्वरोजगार से जुड़ते हैं, तो आपकी कमाई और बढ सकती है। इस क्षेत्र में सैलरी और काम दोनों दिलचस्प होते हैं।
किस तरह की होती है पढ़ाई
जिस तरह अलग-अलग तरह के खाने को देखकर मन खुशी बढ़ती है। ठीक उसी तरह फूड टेक्नोलॉजी में पढ़ाई जाने वाली पढ़ाई भी बहुत दिलचस्प होती है। फूड टेक्नोलॉजी तथा इससे संबंधित कोर्सेज के अंतर्गत खाद्य पदार्थों के रख-रखाव से लेकर पैकेजिंग, फ्रीजिंग आदि की तकनीकी जानकारियां शामिल होती हैं। इसके अंतर्गत पोषक तत्वों का अध्ययन, फल, मांस, वनस्पति व मछली प्रसंस्करण आदि से संबंधित जानकारियां भी दी जाती है।
यहां होते हैं कोर्स
यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी
जी. बी. पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रिकल्चर ऐंड टेक्नोलॉजी, पंतनगर, उत्तराखंड
बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी
कानपुर यूनिवर्सिटी, कानपुर, उत्तर प्रदेश
कोलकाता विश्वविद्यालय, कोलकाता
गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर, पंजाब
मुंबई यूनिवर्सिटी, मुंबई
नागपुर यूनिवर्सिटी
सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैसूर
बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा, रांची, बिहार।
23 जुलाई ईएमएस फीचर