ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
नई दिल्ली. हैदराबाद के दिशा रेप कांड की बात हो या फिर दिल्ली का निर्भया कांड. ऐसे रूह कंपा देने वाले मामलों को घर बैठे नहीं रोका जा सकता. यह किसी फिल्म का डायलॉन नहीं बल्कि खूंखार अपराधियों को फंदे से लटकाने वाले पवन जल्लाद का यह कहना है. उन्होंने कहा, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बहुत जरूरी है कि जितनी जल्दी हो सके निर्भया के मुजरिमों को फांसी पर लटका दो. दिशा के हत्यारों को जल्दी से मुजरिम करार दिलवा दीजिए.
उन्होंने कहा, हिंदुस्तान में निर्भया और दिशा कांड खुद-ब-खुद ही बंद हो जाएंगे. जब तक ऐसे जालिमों को मौत के घाट नहीं उतारा जाएगा, तब तक बाकी बचे हुए ऐसे क्रूर इंसानों में भला भय कैसे पैदा होगा?’ फिलहाल मेरठ में मौजूद पुश्तैनी जल्लाद पवन ने मंगलवार देर रात फोन पर बातचीत करते हुए अपने दिल में उठ रहे तमाम गुबार को बेझिझक निकाला.
पवन बोले, अगर निर्भया के हत्यारों को सरकार लटका चुकी होती तो शायद, हैदराबाद की मासूम बेकसूर दिशा बेमौत मरने से बच गई होती. निर्भया के हत्यारों को आखिर तिहाड़ जेल में पालकर रखा ही क्यों जा रहा है? निर्भया कांड के मुजरिम हों या फिर दिशा के हत्यारे. इनका इलाज जब तक आनन-फानन में नहीं होगा, तब तक यह मुसीबतें समाज में बरकरार रहेंगीं.
पवन ने कहा, मैं तो एकदम तैयार बैठा हूं. निर्भया के मुजरिमों को डेथ-वारंट मिले और मैं तिहाड़ जेल पहुचूं. मुझे मुजरिमों को फांसी के फंदे पर टांगने के लिए महज दो से तीन दिन का वक्त चाहिए. सिर्फ ट्रायल करूंगा और अदालत के डेथ वारंट को अमल में ला दूंगा.’ खुद को खानदानी जल्लाद बताते हुए पवन ने कहा, 'इसमें मुझे शर्म नहीं लगती. मेरे परदादा लक्ष्मन जल्लाद, दादा कालू राम जल्लाद, पिता मम्मू जल्लाद थे. मतलब जल्लादी के इस खानदानी पेशे में मैं अब चौथी पीढ़ी का इकलौता जल्लाद हूं.’ पवन ने पहली फांसी दादा कालू राम जल्लाद के साथ पटियाला सेंट्रल जेल में दो भाईयों को दी थी.