ईश्वर दुबे
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Bhilai
बीजापुर। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात जवान न केवल सुरक्षा और शांति बहाली के लिए दिन रात संघर्ष कर रहे हैं बल्कि सामाजिक सरोकार भी निभा रहे हैं।इसी क्रम में गंगालूर मार्ग पर स्थित सीआरपीएफ-85 बटालियन के जवानों द्वारा गर्भवती महिलाओं को कंधे पर लादकर अस्पताल तक पहुंचाया गया। गश्त के दौरान बीमार ग्रामीणों का इलाज भी सुनिश्चित करा रहे हैं। इससे जनसामान्य में जवानों के प्रति सम्मान बढ़ा है।
मंगलवार को जवान गश्त पर निकले थे, इसी दौरान उन्हें एक छात्र ने बताया कि गांव में एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही है। अगर समय पर उसे अस्पताल नहीं पहुंचाया गया तो उसकी जान को खतरा भी हो सकता है। छात्र की बात को सुनते ही जवानों ने तत्काल महिला के घर जाकर उस गर्भवती महिला को चारपाई के सहारे कांधे पर लादकर 6 किलोमीटर पैदल दुर्गम क्षेत्र से सफर कर एंबुलेंस तक पहुंचाया जिसके बाद महिला को एंबुलेंस की मदद से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि अस्पताल में महिला को पर्याप्त चिकित्सा सुविधा मिलना प्रारंभ हो गया है।
इस मामले में चेरपाल में पदस्थ सीआरपीएफ 85 बटालियन के कंपनी कमांडर अविनाश राय ने बताया कि चेरपाल कैंप से सीआरपीऍफ़ की एक टीम नक्सल उन्मूलन अभियान के लिए पदेडा गाँव की तरफ गयी थी। अभियान से जब सीआरपीऍफ़ टीम लौट रही थी। तभी गायतापारा निवासी एक स्कूली छात्र ने उन्हें एक महिला की ख़राब तबियत के संबंध में बताया और मदद मांगी। उस जगह पर अपने फर्स्ट ऐड टीम के साथ जाकर देखने पर पता चला कि महिला बूधी हपका पति अजय हपका निवासी गायतापारा प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी। उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता की जरूरत थी। उनकी टीम के कुछ जवानों ने तत्काल चारपाई एवं बल्ली की सहायता से स्ट्रेचर बनाकर महिला को निकटवर्ती रोड की तरफ रवाना किया।यह इलाका घोर नक्सल प्रभावित है। इसलिए बाकी के जवानों ने इस काफिले को सुरक्षा प्रदान करते हुए करीब छह किलोमीटर दूर सड़क के किनारे सकुशल ले गए।जहां उनकी कंपनी द्वारा पहले से ही एम्बुलेंस की व्यवस्था कर दी गयी थी।जिसकी मदद से महिला को उसके परिजनों समेत बीजापुर जिला अस्पताल भेज दिया गया।