ईश्वर दुबे
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नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग वाली 2 याचिकाओं पर केंद्र और अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है. मुख्य याचिकाकर्ता सुप्रियो चक्रवर्ती और अभय डांग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि यह विशेष विवाह अधिनियम के तहत समान लिंग विवाह के लिए एक याचिका है. पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी शामिल हैं, ने कहा कि उच्च न्यायालय पहले से ही मामले की सुनवाई कर रहा है.
वकील ने प्रस्तुत किया कि केंद्र ने केरल उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि शीर्ष अदालत के समक्ष स्थानांतरण याचिका दायर की जाएगी. दूसरी याचिका में अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह नवतेज जौहर और पुट्टुस्वामी मामले की अगली कड़ी है और यह एक जीवित मुद्दा है न कि संपत्ति का मुद्दा. नीरज किशन कौल ने प्रस्तुत किया कि मुद्दा ग्रेच्युटी, गोद लेने, समान-लिंग वाले जोड़ों की सरोगेसी और संयुक्त खाते खोलने जैसे बुनियादी अधिकारों को प्रभावित करता है. चक्रवर्ती और डांग लगभग 10 वर्षों से एक-दूसरे के साथ हैं और उन्होंने दिसंबर 2021 में एक सेरेमनी की थी, जहां उनके रिश्ते को उनके माता-पिता, परिवार और दोस्तों ने आशीर्वाद दिया था.
शीर्ष अदालत ने दलीलें सुनने के बाद केंद्र और अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी को भी नोटिस जारी किया. याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत ने माना है कि अनुच्छेद 21 गारंटी देता है कि एक वयस्क व्यक्ति को अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार है. याचिका में कहा गया, विवाह के रिश्ते में प्रवेश करने के लिए व्यक्तियों की स्वतंत्रता और निजता के अधिकार के महत्वपूर्ण पहलू हैं. इस माननीय न्यायालय ने हमेशा अंतर-धर्म और अंतर-जाति जोड़ों की रक्षा की. साथ ही समय-समय पर ऐसे जोड़ों की रक्षा के लिए कदम उठाया है, जहां उनके रिश्तों को अन्यथा सामाजिक और पारिवारिक दबाव से खतरा था.
सर्दियों में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है। ऐसे में व्यक्ति जल्दी बीमार पड़ जाता है। व्यक्ति को बार-बार सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार से परेशान होना पड़ता है। इसके साथ ही सर्दियों में बैक्टीरिया और वायरस भी फैलता है। साथ ही सर्दियों में शरीर को गर्म रखना भी बहुत जरूरी होता है। इसके लिए अकसर लोग तरह-तरह की चीजों का सेवन करते हैं। अगर आप भी सर्दियों में अपनी बॉडी को गर्म और हाइड्रेट रखना चाहते हैं, तो कुछ खास तरह की ड्रिंक्स को अपनी विंटर डाइट में शामिल कर सकते हैं।
1. बादाम का दूध
सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए आप बादाम का दूध पी सकते हैं। बादाम के दूध की तासीर गर्म होती है। साथ ही बादाम के दूध में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। आप चाहें तो मार्केट में मिलने वाला बादाम का दूध पी सकते हैं। या फिर घर पर ही बादाम का दूध बनाकर पी सकते हैं। बादाम का दूध पीने से आपको एनर्जी और ताकत मिलेगी। साथ ही आपको गर्माहट भी मिलेगी। बादाम का दूध आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट करेगा। इससे आपका सर्दी-जुकाम से बचाव हो सकता है। बादाम के दूध में एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी कैंसर और एंटीडिप्रेसेंट गुण पाए जाते हैं।
2. टमाटर सूप
सर्दियों में टमाटर का सूप पीना भी काफी फायदेमंद होता है। टमाटर में विटामिन सी पाया जाता है। ऐसे में अगर आप रोजाना टमाटर का सूप पिएंगे, तो इससे आपके शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट होगी। सर्दी के मौसम में आप दिन में एक बार टमाटर का सूप पी सकते हैं। आपको घर पर बने टमाटर सूप का ही सेवन करना चाहिए। टमाटर का सूप पीने से आपको गर्मी मिलेगी, आपको ताकत मिलेगी और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजूबत बनेगी। अगर आप रोजाना टमाटर का सूप पिएंगे, तो इससे आप जल्दी से बीमार नहीं पड़ेगे।
3. अदरक का काढ़ा
सर्दियों में अकसर लोग अदरक का सेवन करते हैं। अदरक की तासीर बेहद गर्म होती है। इसलिए आप चाहें तो सर्दियों में अपने शरीर को गर्म रखने के लिए भी अदरक का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। इसके लिए आप एक बाउल में पानी डालें। इसमें अदरक का टुकड़ा डालें और अच्छी तरह से उबाल लें। जब पानी आधा रह जाएगा, तो आप इसे छानकर गिलास में रख सकते हैं। इसमें शहद मिलाकर पी लें। रोज सुबह खाली पेट अदरक और शहद ड्रिंक पीकर आप सर्दियों में हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं। अदरक और शहद ड्रिंक पीने से आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होगी, साथ ही आपको एनर्जी भी मिलेगी। प्रत्येक व्यक्ति को सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए अदरक और शहद ड्रिंक जरूर लेना चाहिए।
4. हल्दी वाला दूध
सर्दियों के मौसम में हल्दी वाला दूध पीना भी काफी फायदेमंद होता है। आप सर्दी के मौसम में रोज रात को सोते समय हल्दी वाला दूध पी सकते हैं। हल्दी के दूध में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं। अगर आप खुद को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में हल्दी वाला दूध जरूर शामिल करें। हल्दी वाला दूध पीने से आपको गर्म मिलेगा। आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होगी और आप जल्दी से बीमार नहीं पड़ेंगे।
5. दालचीनी की चाय
सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए आप दालचीनी की चाय बनाकर पी सकते हैं। इसके लिए आप एक पैन में पानी और दालचीनी डालें। अब इसे अच्छी तरह से उबाल लें। फिर छानकर दालचीनी की चाय को पी लें। दालचीनी की तासीर गर्म होती है, इसलिए आपको इसे अपनी विंटर डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। सर्दियों में दालचीनी की चाय पीने से आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होगी। साथ ही आप सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से बच सकते हैं।
6. तुलसी की चाय या रस
आप सर्दी के मौसम में तुलसी की चाय भी पी सकते हैं। तुलसी की चाय पीने से आपको गर्माहट मिलेगी, आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत बनेगी। इसके लिए आप एक गिलास पानी में तुलसी के पत्ते डालें। इसमें तुलसी की 5-6 पत्तियां डालें और फिर अच्छी तरह से उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए, तो इसे छानकर एक गिलास में डाल दें। अब इसमें नींबू का रस और शहद मिला लें। इस तुलसी की चाय को आप रोजाना पी सकते हैं। तुलसी में मौजूद गुण आपको बीमार होने से भी बचाएंगे।
फल का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इन फलों में मौजूद पोषक तत्व हमें कई स्वास्थ्य समस्याओं से दूर रखने का काम करते हैं। आइए जानें आप कौन से फलों को डाइट में शामिल कर सकते हैं।ये विटामिन और मिनरल जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। सेहत के साथ-साथ ये बालों और त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं।
अनार - अनार में विटामिन सी होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसमें आयरन, पोटैशियम और जिंक जैसे पोषक तत्व होते हैं। ये शरीर में खून की कमी नहीं होने देता है।
पीच - आड़ू बहुत ही हेल्दी और स्वादिष्ट होता है। इसमें विटामिन सी और विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है। ये इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। ये थकान और सुस्ती को दूर करता है।
प्लम - प्लम में फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसमें विटामिन सी होता है। ये बहुत ही पौष्टिक फल है। ये शरीर में कोलेजन उत्पादन में मदद करता है। ये आपकी त्वचा को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है।
पपीता - पपीते में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। आप पपीते का सेवन सलाद या फिर जूस के रूप में कर सकते हैं। इसका सेवन आपके पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है।
कुछ मसालों को कोलेस्ट्रॉल से लेकर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने तक में लाभकारी पाया गया है, ऐसे में अगर इनके सेवन की आदत बना ली जाए तो बीमारियों से बचाव करके इन पर खर्च होने वाले लाखों रुपये को बचाया जा सकता है।आइए ऐसी ही कुछ प्रभावी औषधियों के बारे में जानते हैं जो हम सभी के घरों में आसानी से उपलब्ध होती हैं। आहार में इनके सेवन को जरूर सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
डायबिटीज में दालचीनी के लाभ
दालचीनी में कई प्रकार के प्रभावी गुण होते हैं जो शरीर को विशेष लाभ दे सकते हैं, विशेषतौर पर इससे डायबिटीज में लाभ देखा गया है। अध्ययनों में पाया गया है कि दालचीनी इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता में सुधार कर सकती। डायबिटीज की स्थिति के कारण शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध की समस्या हो सकती है, जिसके कारण रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने लगता है। इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाकर, दालचीनी रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकती है जिससे डायबिटीज की जटिलताओं का खतरा भी कम होता है।
एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए मशहूर है लौंग
लौंग में रोगाणुरोधी गुण पाए गए हैं, जिसका अर्थ है कि ये बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्मजीवों के विकास और इसके संक्रमण को रोकने में मदद करता है। एक टेस्ट-ट्यूब अध्ययन से पता चला है कि लौंग के तेल में तीन सामान्य प्रकार के जीवाणुओं को मारने की क्षमता होतीहै जिसमें ई. कोलाई भी शामिल है, जो फूड पॉइजनिंग का कारण बनती है। लौंग के जीवाणुरोधी गुण ओरल हेल्थ को बढ़ावा देने और दांत के दर्द को कम करने में भी लाभकारी हैं।
काली मिर्च से कोलेस्ट्रॉल रहता है कंट्रोल
हाई कोलेस्ट्रॉल को हृदय रोग के बढ़ते जोखिमों के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है, इसे नियंत्रित करने में काली मिर्च के सेवन से लाभ हो सकता है। जानवरों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि काली मिर्च का अर्क कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायक है। काली मिर्च के अर्क से एलडीएल (बैड) कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा काली मिर्च के औषधीय गुण इसे गले के संक्रमण को ठीक करने में भी कारगर बनाते हैं।
जीरा पाचन अंगों के लिए फायदेमंद
जीरा का सेवन या जीरा का पानी पीना आपके पाचन तंत्र को गजब का बूस्ट दे सकता है। अध्ययन में इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के कारण होने वाले पेट में ऐंठन, मतली और सूजन को ठीक करने में जीरा को लाभकारी पाया है। जीरा के पानी का सेवन करना पाचन को ठीक रखने के साथ कब्ज, पेट दर्द को कम करने और लिवर को साफ करने में आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
Diabetes : आजकल लोगों की खराब जीवनशैली, शारीरिक रूप से एक्टिव ना रहना, मोटापा और खान-पान की गलत आदतों की वजह से ज्यादातर लोग मधुमेह या डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं। आज के समय में देश की एक बड़ी आबादी इस रोग की चपेट में है। शरीर में पेंक्रियाज जब इंसुलिन का उत्पादन बंद कर देता है तो व्यक्ति के शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है और वो डायबिटीज का शिकार हो जाता है। अगर आप भी डायबिटीज के रोगी हैं तो अपने रूटीन में ये 3 योगासन जरूर शामिल करें।
डायबिटीज कंट्रोल करने वाले योगासन-
हलासन: हलासन करने के लिए सबसे पहले अपनी पीठ के बल लेटें अपने हाथों को साइड में रखते हुए धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर उठाएं अपने पैरों को सीधा रखते हुए ऊपर लाना जारी रखें। अपने पैरों को अपने सिर के ऊपर ले जाए और अपने पैर की उंगलियों को सिर के ऊपर जमीन पर रखें। इस स्थिति के दौरान आपकी पीठ को भी फर्श से ऊपर उठाना चाहिए। इस स्थिति को 15-20 सेकंड के लिए होल्ड करके शरीर को रिलीज करें। इस प्रकिया को कुछ देर बार दोबारा करें।
सावधानी: ऐसी महिलाएं जो गर्भवती हैं या डायरिया, हाई बीपी या कमर दर्द से पीड़ित लोग इस आसन को ना करें। इसके अलावा आसन करते समय अपनी गर्दन पर दबाव बिल्कुल ना बनाएं।
सेतुबंधासन: सेतुबंधासन करने के लिए अपने हाथों को अपने हाथों से छत का सामना करते हुए जमीन पर लेट जाएं। धीरे-धीरे अपने कूल्हों को जमीन से ऊपर उठाएं। इस बिंदु पर फर्श को छूने वाली एकमात्र चीज आपका ऊपरी धड़, सिर, हाथ और पैर होना चाहिए। इस स्थिति को 10 सेकंड के लिए रखें और 4-5 दोहराएं।
सावधानी: अगर हाल ही में आपकी किसी तरह सर्जरी हुई है तो इस आसन को बिल्कुल ना करें। साथ ही कमर दर्द और स्पाइनल प्रॉब्लम में भी यह आसन करने से बचें।
भुजंगासन: फर्श पर लेट जाएं और चेहरा जमीन की ओर रखें। अब अपनी हथेलियों को अपनी तरफ रखते हुए धीरे-धीरे अपने धड़ को ऊपर उठाएं। इस बिंदु पर केवल शरीर के हिस्से जमीन को छूते हुए आपकी हथेलियां और निचले शरीर को 30 सेकंड के लिए इस स्थिति में रखें और छोड़ें दिन में 3-4 बार दोहराएं।
बदलते मौसम में ज्यादातर लोग सर्दी-खांसी और गले की खराश की चपेट में आ ही जाते हैं। वैसे तो ये बीमारियां काफी कॉमन हैं, लेकिन जब किसी व्यक्ति को हो जाती हैं तो कई मुश्किले होने लगती हैं। इससे बचाव के लिए सभी लोग दवा का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिना दवा के भी आपको इस वायरस से छुटकारा मिल सकता है।
सूखे अदरक के पाउडर के साथ उबला पानी
ये पानी मेटाबॉलिज्म में सुधार करने में मदद करता है। ये अमा को पचाने के साथ ही आपके गले को शांत करता है। इसके अलावा जमा कफ से राहत दिलाने में मदद करता है। इसे बनाने के लिए 1 लीटर पानी में आधा छोटा चम्मच सोंठ पाउडर या फ्रेश अदरक का टुकड़ा डालकर मीडियम आंच पर 10 मिनट तक उबालें। फिर छान लें और इसे कमरे के तापमान पर आने दें और फिर इसे स्टील की बोतल में भरकर रख लें।
राहत के लिए बनाएं ये हर्बल मिश्रण
इसके लिए आधा छोटा चम्मच हल्दी, आधा छोटा चम्मच सूखा अदरक पाउडर, 1 काली मिर्च पाउडर और1 छोटा चम्मच शुद्ध शहद को मिलाकर दिन में दो-तीन बार लें। इसे खाने के एक घंटे पहले या एक घंटे बाद में लें तो बेहतर होगा।
हल्दी पानी से गरारे
एक गिलास पानी में एक चम्मच हल्दी डालकर 3-5 मिनट तक उबालें। फिर इस पानी से दिन में 2-3 बार गरारे करें। यह सभी के लिए काम करता है। बच्चों के लिए इसे बना रहे हैं तो खुराक को कम करें।
पिएं ये आयुर्वेदिक काढ़ा
2 गिलास पानी लें,इसमें मुट्ठी भर तुलसी के पत्ते डालें। 5-7 पुदीना के पत्ते,1 छोटा चम्मच अजवायन,आधा छोटा चम्मच मेथी, आधा छोटा चम्मच हल्दी और इसे मीडियम आंच पर 7 से 10 मिनट तक उबालें। काढ़ा तैयार है इसे पीएं।
पौष्टिक आहार की बात आती है, तो सबसे पहली सब्जियों और फलों का जिक्र होता है। स्वस्थ रहने के लिए अक्सर हरी सब्जियों और फलों के सेवन की सलाह दी जाती है। वहीं किसी रोग विशेष में भी डॉक्टर किसी खास सब्जी या फल के सेवन को डाइट में शामिल करने को कहते हैं। इन पौष्टिक आहारों में पपीता शामिल है।पपीता सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। पपीता का सेवन करने से कई तरह के रोगों से छुटकारा मिलता है। हालांकि पपीता कई बार नुकसानदायक भी हो सकता है। अगर आप भी पपीते का रोजाना सेवन करते हैं तो जान लीजिए कि पपीता आपके लिए कितना फायदेमंद और नुकसानदायक है।
पपीता में पाए जाने वाले पोषक तत्व
पपीता को विटामिन ए का खजाना माना जाता है। पपीते में अत्यधिक मात्रा में विटामिन ए होता है, इसके अलावा विटामिन सी भी पाया जाता है। वहीं पपीते में अधिकांश मात्रा में पानी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट पदार्थ, क्षार तत्व, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, शर्करा आदि पाया जाता है। प्राकृतिक तौर पर इसमें फाइबर, कैरोटिन और मिनरल्स पाए भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
पपीते सेवन के फायदे
पपीता सेवन के नुकसान
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सन 2000 में लाल किले पर हुआ हमले के मामले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी मोहम्मद आरिफ की मौत की सजा को बरकरार रखा हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद आरिफ के अपराध को देखते हुए उसकी सजा को बरकरार रखा। लंबे समय से मौत की सजा को कम करने की मांग की जा रही थी।
साल 2000 में लाल किला हमले के मामले में लक्षर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी मोहम्मद आरिफ को दोषी पाया गया था। उसको मौत की सजा देने का निर्णय सुनाया गया था।
2000 में हुए हमले में सेना के दो जवानों और एक नागरिक की जान चली गई थी। मोहम्मद आरिफ द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मौत की सजा की पुष्टि की।
हमले के तीन दिन बाद आरिफ को गिरफ्तार किया गया था। सितंबर 2007 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी मौत की सजा की पुष्टि की थी।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कोलेस्ट्रॉल को मेंटेन करना काफी जरूरी है।शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं गुड और बैड कोलेस्ट्रॉल।
गुड कोलेस्ट्रॉल : गुड कोलेस्ट्रॉल से शरीर का मेटाबॉलिज्म सही रहता है, साथ ही ये कई बीमारियों को रोकने में मदद करता है।
बैड कोलेस्ट्रॉल : बैड कोलेस्ट्रॉल के कारण आपको कई गंभीर बीमारियां हो सकती है। इसके कारण ही आप हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और हार्ट अटैक आदि के शिकार हो सकते हैं। हालांकि आप अपने डा़इट में इन चीजों को शामिल कर बैड कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं।
पनीर को प्रोटीन का सबसे बेहतर स्रोत माना जाता है। प्रोटीन के साथ इसमें अन्य कई तरह के विटामिन्स और पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए आवश्यक माने जाते हैं। हालांकि अगर कम समय में ज्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए पनीर का अधिक सेवन कर रहे हैं तो इसके कई प्रकार के दुष्प्रभावों के बारे में भी शोधकर्ताओं ने अलर्ट किया है।
आहार विशेषज्ञ कहते हैं, वैसे तो पनीर में मौजूद पोषकता संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ के लिए सहायक मानी जाती है, हालांकि कुछ स्थितियों में इसका सेवन कम या न करने की सलाह दी जाती है। इसका अधिक मात्रा में सेवन करना पाचन सहित कई अन्य प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
आप जो भी खाते हैं वह आपके शरीर में कैलोरी की मात्रा को बढ़ाता है।ऐसे में ज्यादा कैलोरी काउंट का मतलब है वजन का बढ़ना। हालांकि, आप किस तरह से खाते हैं यह भी आपके वजन घटाने की यात्रा में बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है।कुछ आदतें हैं जो हमारे मेटाबॉलिज्म को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं और वजन कम करने में हमारी मदद कर सकती हैं।आपके खाने के समय से लेकर आपके खाने के क्रम तक, छोटी-छोटी चीजें इस बात को प्रभावित कर सकती हैं कि आपका वजन बढ़ेगा या नहीं।
खाने के साइज का ध्यान रखें
आदर्श रूप से नाश्ते का साइज बड़ा, दोपहर का खाना छोटा, और रात का खाना सबसे छोटा होना चाहिए।
खाने के 45 मिनट पहले या बाद में लिक्विड पिएं
पोषण विशेषज्ञ की मानें तो खाने के बाद कभी भी लिक्विड न पिएं। खाने के 45 मिनट पहले या बाद में पिएं। खाने के तुरंत बाद पानी पीने से आपका पाचन एंजाइम और साथ ही आपका रस पतला हो जाएगा। इसी के साथ पाचन में देरी होगी और पोषक तत्वों की भी हानि होगी
खाने का ऑर्डर देखें
जिस क्रम में आप प्लेट से अपने खाने को अपने मुंह में डालते हैं, वह मायने रखता है। कच्ची सब्जियों से शुरू करें, फिर पकी हुई, फिर अपनी प्रोटीन और फैट लें और अंत में कार्ब्स लें, थोड़ा सा दाल या आपके प्रोटीन और आपकी सब्जियों के साथ। ऐसे में आप अपने शक्कर इंटेक को कम कर सकते हैं।
बच्चे को दें भाप
अगर बच्चे की नाक जाम है तो डिस्टिल्ड वॉटर या पानी उबालकर नाक में स्प्रे कर सकते हैं। बच्चा एक साल से बड़ा है तो 2-3 बूंद डालें एक साल से छोटा है तो 1 बूंद ही डालें। इसके बाद एक नॉस्ट्रिल बंद करके दूसरे से नाक निकालने को कहें, बच्चा छोटा है तो आप उन्हें करवाएं। बच्चे को भाप दें और गुनगुने पानी से नहलाएं।
गुनगुना पानी दें
बच्चा अगर 6 महीने से 1 साल का है तो दिन में चार बार 1 से 2 चम्मच गुनगुना नींबू पानी पीने को दें। बच्चा छोटा है तो डॉक्टर की सलाह लें।
ज्यादा छोटे बच्चे को न दें शहद
एक साल से बड़े बच्चे को आधा चम्मच शहद खिला सकते हैं। बच्चे को हर्बल टी भी दी जा सकती है।लेकिन कम मात्रा में दें। सोते वक्त बच्चे के सिर के नीचे एक्स्ट्रा तकिया रखकर सिर ऊंचा कर दें। बच्चा 2 साल से बड़ा है तो सीने पर विक्स मल सकते हैं।
बड़ी उम्र के लोग करें ये उपचार
बड़ी उम्र के लोगों को भी खांसी की दवाओं से साइड इफेक्ट्स दिखते हैं। ऐसे में घरेलू उपचार के तौर पर ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। अदरक को कद्दूकस करके शहद में मिलाकर खाएं या दांत के नीचे दबाकर इसका रस गले में जाने दें। खूब पानी पिएं। भाप लें। गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारा करें। खांसी के दौरान एसिड रिफलक्स से बचें। कुछ एसिड वाला न खाएं, खाली पेट न रहें और खाने के तुरंत बाद बिस्तर पर न जाएं। सिर ऊंचा करके सोएं।
अखरोट एक सुपरफूड है, जो हेल्थ के साथ ही ब्यूटी के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। इस दिमाग की शेप वाले नट को खाने से दिमाग तेज होता है। विटामिन, फाइबर, आयरन, कार्बोहाइड्रेट से भरपूर ये मेवा काफी ज्यादा हेल्दी होती है। अपने दिन को अच्छे से शुरू करने के लिए आप रोजाना सुबह इसे अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं। बूस्ट होता है मेटाबॉलिज्म - अखरोट आयरन, पोटैशियम, जिंक और कैल्शियम से भरपूर होता है जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है और वजन कम करने में भी मदद करता है। इसी के साथ फाइबर की मात्रा शरीर को भरा रखती है जिससे आपको बार-बार स्नैकिंग से बचने में मदद मिल सकती है। ऐसे में अपना वजन भी कम होता है। बेहतर होगी ब्रेन फंक्शनिंग - अखरोट मस्तिष्क के आकार का होता है, जो मानसिक फ्लैक्सिबिलिटी, मेमोरी को बूस्ट करता है और सुधार भी करता है। यह चीजों को संसाधित करने की आपकी गति को भी बढ़ाता है। छोटा अखरोट कई पोषक तत्वों से भरा होता है जो आपके ओवरऑल ब्रेन फंक्शनिंग के लिए बेहतर है और आपके कॉन्सनट्रेशन लेवल को बढ़ाता है। हड्डियां होती है मजबूत - कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर अखरोट हमारे शरीर में हड्डियों को मजबूत करते हैं और हड्डियों के निर्माण में मदद करते हैं। नियमित रूप से इनको खाने से आपकी हड्डियों के ओवरऑल हेल्थ स्ट्रक्चर में भी सुधार होता है। स्ट्रेस होता है कम - भीगे हुए अखरोट खाने से तनाव कम करने में मदद मिलती है। ये तनाव के समय ब्लडप्रेशर को कम करने में भी मदद करते हैं।
पर्याप्त तरल पदार्थ : व्रत के दौरान शरीर को हाइड्रेट रखने की जरूरत होती है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के साथ, अन्य तरल पदार्थ जैसे नींबू पानी का जूस या शिकंजी और नारियल पानी पी सकते हैं। फलों के रस का सेवन करें लेकिन बिना छाने यानी फलों के रस में रेशे के साथ ही खाएं। फलों का रस के साथ साथ फाइबर भी मिलेगा जो कि भोजन को पचाने के लिए बहुत जरूरी है। तरल पदार्थ से शरीर को जरूरी विटामिन और खनिज मिलते हैं। फाइबर युक्त भोजन व्रत के दरमियान ग्रहण करने से कब्ज की समस्या हो सकती है।
खानपान की सलाह : अधिक वसा युक्त दूध लेने के बजाय डबल टोंड मिल्क लें। इसमें वसा कम होती है और पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है। इसी तरह कम वसा युक्त दही, लस्सी और छाछ ले सकते हैं। तेल की बहुत कम मात्रा में भुनी हुई मूंगफली, कुट्टू के आटे की रोटियां ले सकते हैं। कम घी में बने हुए फलाहारी आलू, साबूदाना खिचड़ी या टिक्की ले सकते हैं। तेल से बनी टिक्कियां खाने से बचें। आलू के बजाए लौकी की सब्जी और हलवे का सेवन कर सकते हैं। सबसे जरूरी है व्रत के दौरान घर का बना शुद्ध भोजन ही खाएं।
फल सब्जियों का सेवन : व्रत में फल और सब्जियों के सलाद का सेवन कर सकते हैं। एक या अधिक तरह के मौसमी फल, जैसे कि सेब, अनार, पपीता और केला पर्याप्त मात्रा में ले सकते हैं। गैर मौसमी फल, जैसे तरबूज, खरबूजा और संतरे का सेवन करने से बचें। सब्जियों में खीरा, टमाटर, चुकंदर, हरा धनिया और शकरकंद आदि पर सेंधा नमक और काली मिर्च पाउडर डालकर खा सकते हैं।
थोड़ा- थोड़ा खाएं : व्रत के दौरान कुछ लोग पूरा दिन फलाहार करते हैं, तो वहीं कई लोग उपवास में दिनभर कुछ नहीं खाते। लेकिन जब खाते हैं, तो भूख से अधिक खा लेते हैं। जैसे कि एक प्लेट भरकर फलाहारी खाना, दूध और अन्य खाद्य सामग्री स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है और वजन पर भी असर डालता है। एक साथ बहुत सारा खाने से बेहतर है कि दिनभर में तीन चार बार थोड़ा थोड़ा करके खाएं।
शरीर को आराम दें : नवरात्रि उपवास के दौरान खानपान में बदलाव होता है। इस कारण दिमाग और शरीर पर असर पड़ता है। इस स्थिति में लोग आलस और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है। इसलिए उपवास के दौरान शरीर को थकावट से बचाएं और समय समय पर कुछ देर का आराम दें। रात में जल्दी सोएं व भरपूर नींद लें।