खास खबर

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आजकल देखा गया है कि लोग आम सिगरेट की जगह ई-सिगरेट पीने लगे हैं। उनका मानना है कि धुंआ देने वाली सिगरेट की जगह यह इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेट ज्‍यादा बेहतर है क्‍योंकि यह सेहत को कम नुकसान पहुंचाती है लेकिन वास्ताविकता इससे अलग है। ई-सिगरेट भी सेहत पर बुरा असर डालती है।
ई-सिगरेट बैटरी से चलने वाले ऐसी डिवाइस हैं जिनमें लिक्विड भरा रहता है। यह निकोटीन और दूसरे हानिकारक केमिकल्‍स का घोल होता है। जब आप कश खींचते हैं तो हीटिंग डिवाइस इसे गर्म करके भाप में बदल देती है। इसीलिए स्‍मोकिंग की तर्ज पर वेपिंग कहते हैं।
ई-सिगरेट में निकोटीन और दूसरे हानिकारक केमिकल का घोल होता है। निकोटीन अपने आप में ऐसा नशीला पदार्थ है जिसकी लत लग जाती है। इसलिए विशेषकर हृदय रोगियों को ई-सिगरेट से दूर रहना चाहिए। वैज्ञानिक शोधों में यह कहा गया है कि यह दिल की धमनियों को कमजोर भी करता है। इसकी लत पड़ जाती है इसलिए इसे छोड़ने पर विदड्रॉल सिंड्रोम और डिप्रेशन की समस्‍या हो सकती है।
गर्भवती महिलाओं के लिए वेपिंग बहुत खतरनाक है इससे उनके गर्भस्‍थ शिशु पर बुरा असर पड़ता है। छाटे बच्‍चों के आसपास इसे पीना ठीक नहीं क्‍योंकि हानिकारक भाप उनके दिमागी विकास पर असर डालती है।
इसमें निकोटीन के अलावा जो खुशबूदार केमिकल भरा होता है वह गर्म होने पर सांस के साथ फेफड़ों में जाता है और फेफड़ों के कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।

सर्दी को सेहत बनाने वाला मौसम माना जाता है और ऐसे में लोग खानपान पर जोर देते हैं। अधिकतर लोगों को लगता है कि सर्दी में कुछ भी खाने से सेहत को ज्यादा नुकसान नहीं होता है। इसी कारण लोग जमकर खाते-पीते हैं लेकिन ऐसा बिलकुल भी सही नहीं है। सर्दी में भी कुछ चीजों का सेवन आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
कफ वाले न पीयें दूध
दूध में वो सभी गुण पाए जाते हैं जो सेहतमंद रहने के लिए जरूरी होते हैं लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि सर्दी के मौसम में दूध का सेवन आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल, दूध की तासीर ठंडी होती है. जिस कारण दूध का सेवन शरीर में कफ बनाने का काम करता है। जिन लोगों को पहले से कफ कि शिकायत होती है उनमें दूध पीने से यह परेशानी ज्यादा हो जाती है। जिस कारण गले की तकलीफ बढ़कर सांस लेने में परेशानी हो सकती है
ड्रिंक्स
कॉफी, चाय, हॉट चॉकलेट ज्यादातर लोगों को पसंद होते हैं। सर्दी के मौसम में लोग जमकर इन सभी चीजों का सेवन करते हैं क्योंकि यह चीजें सर्दी में गर्माहट का एहसास कराती हैं लेकिन बता दें कि, इन सभी चीजों में मौजूद फैट और कैफीन शरीर को डी- हाइड्रेट कर देता है जिस कारण हमें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
रेड मीट
रेड मीट और अंडे में सबसे ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है लेकिन सर्दी के मौसम में ज्यादा प्रोटीन के सेवन से आपके गले में बलगम बन सकता है। मीट के बजाए आप मछली का सेवन कर सकते हैं हालांकि मछली में भी प्रोटीन होता है, लेकिन इसके सेवन से सेहत को किसी तरह की परेशानी नहीं होती है।
ऑफ सीजन फ्रूट
कभी भी ऑफ सीजन फ्रूट्स ना खाएं क्योंकि ताजा ना होने की वजह से ऐसे फल सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
अधिक मीठा न खायें
ज्यादा मीठा खाने से प्रतिरोधी शक्ति कम हो जाती है। एक अध्ययन के मुताबिक, ज्यादा मीठा खाने वाले लोगों में बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारियों से मुकाबले की क्षमता क्षमता कम हो जाती है।
पानी पीयें अल्कोहल नहीं
सर्दी के मौसम में अधिकतर लोग पानी कम पीते हैं जिस वजह से शरीर डी- हाइड्रेट हो जाता है। सर्दी में अक्सर लोग खुद को गर्म रखने के लिए अल्कोहल का सेवन जमकर करते हैं। लेकिन इसका सेवन शरीर को काफी ज्यादा डी- हाइड्रेट कर देता है, जो आपके लिए काफी खतरनाक हो सकता है.

खतरे की घंटी हो सकता है बार-बार प्यास लगना, जान लें उपाय
डॉक्टर हमें फिट रहने के लिए और बीमारियों से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह देते हैं। कुछ लोग अपनी रूटीन में 2 से 3 लीटर पानी पी जाते हैं जो कि हमारी सेहत के लिए अच्छी बात है लेकिन इतना पानी पीकर भी अगर आपको बार-बार प्यास लगती है तो इसका मतलब है कि आपकी बॉडी आपको कुछ संकेत दे रही है जिन्हें आपको इग्नोर नहीं करना चाहिए क्योंकि बार-बार प्यास लगने से आपको यह गंभीर बीमारियां हो सकती हैं इसलिए समय रहते इसका इलाज जरूर करें।
इन बीमारियों का हो सकता है संकेत
हालांकि ज्यादा पानी पीना हमारी सेहत के लिए अच्छा होता है क्योंकि हम जितना पानी पीते हैं उससे शरीर के सारे गंदी चीजें पेशाब द्वारा निकल जाती हैं। इससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। हां ज्यादा गर्मी होने के कारण या फिर ज्यादा वर्कआउट करने के कारण आपको प्यास लग सकती है लेकिन अगर बार-बार आपको प्यास लगती है तो यह कुछ गंभीर बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं।

पहलें आप जान लें कि ज्यादा प्यास लगने की क्या वजह है?

मेडिकल टर्म में ऐसी स्थिती को पॉलीडिप्सिया कहा जाता है जिसमें एक व्यक्ति ज्यादा पानी पीता है जिसके कराण उसके शरीर में सोडियम की कमी होने लगती है। कईं बार आप ने यह भी नोट किया होगा कि ज्यादा पानी पीने के कारण कईं बार आपका मन भी घबरा जाता है और आपको उल्टी जैसा होना लगता है।

शरीर देता है इन बीमारियों के संकेत
1. हो सकती है डिहाईड्रेशन
इसका सबसे बड़ा कारण यह हो सकता है कि आपके शरीर में पानी की कमी है जिसकी वजह से आपको बार-बार पानी की प्यास लग रही है।

क्या हैं इसके लक्षण
. बार-बार प्यास लगना
. मुंह सूखना
. थकान
. उल्टी
. मतली और बेहो

अगर आपको भी ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो आप तुंरत डॉक्टर से संपर्क करें।
2. डायबिटीज का खतरा
अगर आपको बार-बार प्यास लगती है तो इसे नजरअंदाज न करें क्योंकि इससे आपको डायबिटीज का खतरा हो सकता है। आज कल डायबिटीज तो आम बीमारी हो गई जो हर एक व्यक्ति को है। इसके कईं अन्य कारण भी हो सकते हैं साथ ही इसका एक प्रमुख लक्षण यह भी है कि अगर आपको बार-बार प्यास लगती है तो हो सकता है कि आपको डायबिटीज का खतरा हो।

दरअसल डायबिटीज में खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कराण आपकी किडनी साफ नहीं हो पाती है और शुगर यूरिन के साथ बाहर निकलता है, जिसके कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। यही बार-बार प्यास लगने की वजह बनती है।

3. एंग्जायटी होना
बहुत से लोगों को इसका अर्थ और इसके लक्षण नहीं पता होते हैं। दरअसल अगर आपकी धड़कन बढ़ रही है, आपको बेचैनी हो रही है या फिर आपको घबराहट हो रही है तो आप एंग्जायटी हो सकती है। कईं बार तो स्थिती ऐसी हो जाती है कि व्यक्ति के मुंह भी सूखने जाता है जिसके कारण से उसे बार-बार प्यास लगती है।

क्या है उपाय?
1. एक बार में ज्यादा पानी न पीएं
2. आंवला पाउडर और शहद को मिक्स कर के खाएं
3. भिगी सौंफ को पीस कर भी खा सकते हैं
4. 1 चम्मच काली मिर्च पाउडर को 4 कप पानी में उबाल कर ठण्डा कर भी पी सकते हैं।

सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है ब्लड प्रेशर

High Blood Pressure In Winters : खराब लाइफस्टाइल और पौष्टिक आहार की कमी के कारण आज हर दूसरा व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान है। बल्ड प्रेशर को 'साइलंट किलर' भी कहा जाता है। खास बात यह है कि लोगों को यह समस्या सर्दी में मौसम में अधिक परेशान करती है। इस मौसम में व्यक्ति का ब्लड प्रेशर ऊपर-नीचे होता रहता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ठंड की वजह से ब्लड सप्लाई के लिए हार्ट पर ज्यादा दबाव पड़ता है। आर्टरीज और हार्ट पर ज्यादा दबाव पड़ने के कारण ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। जिसकी वजह से व्यक्ति को दिल, किडनी, आंखों पर बुरा असर पड़ने के साथ डिमेंशिया जैसे रोग का भी खतरा बना रहता है।

सर्दियों में यह लक्षण बताएंगे गड़बड़ है आपका ब्लड प्रेशर-
-सिरदर्द
-पसीना आना
-पाचन तंत्र
-घुटन होना

हाई ब्लड प्रेशर से ऐसे करें बचाव-

रोज करें एक्सरसाइज- हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से दूर रहने के लिए रोजाना कम-से-कम आधा घंटा कार्डियो एक्सरसाइज करें ।

-नमक का सेवन कम करें -खाने में नमक की मात्रा का सेवन कम करें। डाइट में अधिकांश सोडियम पैक, संसाधित भोजन से आता है, जिससे बचने की जरूरत है।

-ध्यान लगाएं- रिसर्च के मुताबिक, ध्यान लगाने के अलग-अलग तरीकों से न सिर्फ व्यक्ति का तनाव दूर होता है बल्कि हाई ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है।

-घी-तेल का इस्तेमाल कम-
फास्ट फूड, मैगी, चिप्स, सॉस, चॉकलेट, सैचरेटेड फैट जैसे कि देसी घी, वनस्पति या फिर नारियल तेल का सेवन अधिक करने से बचें।

-म्यूजिक और डांस- हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने के लिए टेंशन, थकान और तनाव से दूर रहने की कोशिश करें। मूड हल्का रखने के लिए म्यूजिक सुनें,डांस करें।

-हेल्दी डाइट- ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने के लिए डाइट में हाई-फाइबर युक्त चीजें जैसे ज्वार, बाजरा, गेंहू, दलिया और स्प्राउट्स आदि को शामिल करें। रोजाना कम से कम 10 गिलास पानी पिएं।

-धूप सेंकना- त्वचा की परत में मौजूद नाइट्रिक ऑक्साइड ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। त्वचा पर धूप पड़ने पर त्वचा में घुलने वाले नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है।

-नारियल पानी- नारियल पानी में पोटेशियम की मात्रा अधिक होने से शरीर में सोडियम का असर कम करने में मदद मिलती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने में मदद मिलती है।

थायराइड की समस्या में कारगर हैं ये 4 ऑयल, यूं करेंगे इस्तेमाल तो मिलेगा फायदा
थायराइड की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पुरूषों की तुलना में महिलाओं को थायरड का खतरा ज्यादा होता है। थायरड तो अब ऐसी आम बीमारी बन चुकी है जिससे हर कोई पीड़ित है। यह रोग हार्मोनल प्रॉब्लम से जुड़ा होता है। दरअसल गले में वोकल कोर्ड के दोनों ओर थायराइड ग्रंथि होती है, जिसका आकार तितली जैसा होता है। इन्हीं में से T3, T4 हार्मोन निकलते हैं, जो शरीर के कई क्रियाओं में मदद करते हैं लेकिन जब यह हार्मोन गड़बड़ाने लगते हैं तो थायराइड की समस्या शुरू हो जाती है। बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं जो इसका शिकार हैं और इस समस्या से हल पाने के लिए वह अलग-अलग तरीके भी अपनाती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ एसेंशियल ऑयल की मदद से भी आप थायरड की समस्या को काफी हद तक काम कर सकते हैं। तो चलिए आज हम आपको इस बारे में बताते हैं और बताते हैं कि आप इस कैसे इस्तेंमाल कर सकती हैं।

1. चंदन का तेल
चंदन हमारे शरीर को कईं तरीकों से फायदा पहुंचाता है। वहीं देखा जाए तो इसका तेल भी काफी फायदेमंद माना जाता है।और अगर आपको थायरड की समस्या है तो इस समस्या के लिए भी यह तेल काफी फायदेमंद होचा है।

ऐसे करें प्रयोग-
. चंदन के तेल की कुछ बूंदें लें
. आप उसमें थोड़ा सा नारियल तेल मिलाएं
. इस तेल के साथ आप पेट, गर्दन पर मालिश करें
. ऐसा आप रोज करें और आप धीरे-धीरे राहत मिलने लगेगी

2. लौंग तेल
लौंग खाने से ही शरीर को भरपूर लाभ मिलते हैं। इसका प्रयोग खाने में भी किया जाता है और लोग तो इसे चाय में भी डालते हैं। और यह लौंग का तेल थायरड की समस्या के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। लोग आम घरों में भी इस तेल के साथ मालिश करते हैं।

ऐसे करें इस्तेमाल
. लौंग के तेल की कुछ बूंदे लें
. अब आप इसे तलवे, पेट और गर्दन पर लगाकर मालिश करें
. कुछ मिनट तक मालिश करते रहें

3. लेडुम तेल
लेडुम तेल शरीर की सूजन को कम करने के लिए काफी असरदार होता है। वहीं इसे लगाने से और इसकी मालिश करने से आपके शरीर को काफी फायदे भी मिलते हैं। खासकर इससे थायरड की समस्या से भी निपटा जा सकता है। ऐसा देखा जाता है कि थायरड की मरीजों की गर्दन सूज जाती है और वहां दर्द भी होने लगता है ऐसे में आप लेडुम तेल से मसाज करें।

4. असरदार है पुदीने का तेल
पुदीने का तेल भी काफी असरदार रहेगा। यह आपको आसानी से बाजार में मिल जाएगा साथ ही इसके प्रयोग में थायरड की सूजन भी कम करता है। इससे आपका तनाव भी कम होचा है और आपको दर्द से भी राहत मिलती है।

ऐसे करें इस्तेमाल
. पुदीना तेल लें
. उसमें पानी डालें
. इसे अच्छे से मिक्स करें
.अब आप इस पानी से नहाएं

लौकी के पराँठे

लौकी की सब्जी ज्यादातर हर किसी को पसंद नही आती है लेकिन फिर भी लौकी को स्वास्थ की दृष्टि से काफी लाभकारी माना जाता है इसलिए लौकी को अलग अलग तरह अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिये, आज हम आपसे लौकी के प्रयोग से लौकी के परांठे बनाने विधि शेयर करेंगें जो खाने में स्वादिष्ट होने के साथ साथ बहुत ही पौष्टिक भी होते है। खासतौर पर नॉर्थ इंडिया में हर घर में परांठो को नाश्ते के लिए एक बहुत ही आसान और अच्छा विकल्प माना जाता है, जब हम परांठो को अलग अलग तरह की स्टाफिंग और हरी सब्जियों को सीधा आटे के साथ गूंथ करके बनाकर तैयार करते है तो परांठे खाने में स्वादिष्ट होने साथ काफी पौष्टिक भी हो जाते है तो आईये आज हम पौष्टिक लौकी के परांठे (Lauki Paratha) बनायेंगें।

आवश्यक सामग्री :-
गेंहू का आटा (Wheat Flour) – ढ़ाई कप
लौकी (Bottlegourd) – 1 कप (कद्दूकस की हुई)
हरी मिर्च (Green Chilli) -2 (बारीक कटी हुई)
लाल मिर्च पाउडर (Red Chilli Powder) -आधा चम्मच
अजवाईन (Carom seeds)- चौथाई चम्मच
जीरा (Cumin seed)- आधा चम्मच
हींग (Asafoetida)-1 पिंच
नमक (Salt) – स्वादानुसार
तेल (Edible oil)- 2 चम्मच (मोयन के लिये)
तेल (Oil)– परांठे सेंकने के लिए
विधि :-
लौकी के परांठे बनाने के लिए सबसे पहले हम परांठे के लिए आटा लगायेंगें, आटा लगाने के लिये एक बड़े बर्तन में गेंहू का आटा छान कर निकाल लें,

अब छने हुये आटे में कद्दूकस की हुई लौकी, कटी हुई हरी मिर्च, लाल मिर्च पाउडर, अजवाईन, जीरा, हींग, तेल (मोयन के लिये), नमक आदि सभी सामग्री को डालकर अच्छे से मिक्स कर लें और अगर जरूरत लगे तो थोड़ा पानी डालकर परांठे के जैसा आटा गूंथ लें, अब गूंथे हुये आटे को करीब 8-10 मिनट के लिए ढककर रख दें। इसके बाद गैस पर एक नॉन स्टिक तवे को गरम करने के लिये रखे और गूंथे हुए आटे से छोटी छोटी लोइयां काट लें,

फिर एक लोई को लेकर सूखे आटे की मदद से गोल रोटी के आकार में परांठा बेल लें, अब बेले हुए परांठे को गर्म किये हुए तवे पर डाल दें और गैस को मीडियम कर दें।

अब परांठे को तेल लगाकर पलट पलट कर दोनों तरफ से सुनहरा होने तक सेंक लें, इसी तरह से सभी आटे की लोइयों से परांठे सेंक कर तैयार कर लें। स्वादिष्ट लौकी के परांठे (Lauki Paratha) बनकर तैयार हो गये है, गरमा गर्म लौकी के परांठों को सर्विंग प्लेट में निकालकर सब्जी, दही ,चटनी और अचार के साथ सर्व करें।

क्या ब्रशिंग से जुड़ी आप भी करते हैं ये कॉमन गलतियां, जानें क्या है ब्रश करने का सही समय और तरीका
Oral Health: व्यक्ति बातचीत में कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो लेकिन सांसों की बदबू उसका आत्मविश्वास कम कर ही देती है। इसका सबसे बड़ा कारण ब्राशिंग से जुड़ी कुछ कॉमन गलतियां है। ब्रश तो व्यक्ति रोज करता है लेकिन दांतों की खूबसूरती और सेहत बनाएं रखने के लिए दिन में कितनी बार ब्रश करें, कितनी देर तक ब्रश करें, कौन सा पेस्ट यूज करें, इन सब सवालों से अनजान बना रहता है। जो थोड़े समय बाद सांसों की बदबू, कमजोर मसूड़े और कमजोर दांत की समस्या पैदा करता है। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए आइए जानते हैं क्या है ब्रशिंग का सही तरीका।

रोजाना ब्रश करने के फायदे-
- रोजाना ब्रश करने से दांतों में प्लाक की समस्या पैदा नहीं होती है।
- रोजाना ब्रश करने से दांतों में कैविटी नहीं होती है।
- मसूड़ों से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम रहता है।
- ओरल कैंसर का जोखिम भी कम हो जाता है।

कितनी देर तक ब्रश करना सही-
अमेरिकन डेंटल एसोसिसएशन के अनुसार व्यक्ति को रोजाना दिन में 2 बार ब्रश करना चाहिए। ब्रश करने का समय 2 मिनट का होना चाहिए। 2 मिनट से कम समय तक ब्रश करने से दांतों में जमा प्लाक नहीं हटता। जबकि 2 मिनट से ज्यादा समय तक दांतों को रगडने से ते रहते हैं. ऐसा करने से दांतों का इनैमल (Enamel) खराब हो जाता है।

कैसा हो टूथब्रश?
दांतों को साफ करने के लिए हमेशा सॉफ्ट ब्रिसल्स (Bristles) वाले टूथब्रश का इस्तेमाल करें। हार्ड ब्रिसल्स वाले ब्रश न सिर्फ दांतों का इनैमल खराब करते हैं बल्कि मसूड़ों से जुड़ी दिक्कतें भी पैदा कर सकते हैं।

कैसा टूथपेस्ट करें इस्तेमाल-
ब्रश करने के लिए आपको ऐसे टूथपेस्ट (Toothpaste) का इस्तेमाल करना चाहिए जिसमें फ्लोराइड (Fluoride) की मात्रा सही हो। वयस्कों के टूथपेस्ट में 1350 पीपीएम फ्लोराइड तो 6 साल से कम उम्र के बच्चे के टूथपेस्ट में 1000 पीपीएम फ्लोराइड होना चाहिए। 3 से 6 साल के बच्चों को मटर के दाने के बराबर टूथपेस्ट का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

ब्रश करने का सही समय-
डेंटिस्ट व्यक्ति को दिन में 2 बार सुबह और सोने से पहले दांतों को साफ करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा ध्यान रखें कि किसी भी तरह के एसिडिक (Acidic) फूड या ड्रिंक का सेवन करने के तुरंत बाद ब्रश न करें। ऐसा करने से एसिड की वजह से दांत के इनैमल कमजोर हो जाते हैं और ब्रश करने पर हट जाते हैं।

Tea Lovers चाय पीने का शौक न पड़ जाए सेहत पर भारी, ध्यान रखें ये बातें
tea
Tea Mistakes That You Must Avoid: कश्मीर के कहवा से लेकर मध्य भारत की मसाला चाय तक, देशभर में अलग-अलग चाय के फ्लेवर के लोग दीवाने हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं खाने-पीने की बाकी चीजों की ही तरह चाय पीने के भी कुछ खास नियम होते हैं। अगर आप भी चाय पीना पसंद करते हैं तो चाय का शौक रखने से पहले जान लें ये जरूरी नियम वरना हो सकते हैं कई गंभीर रोगों के शिकार।

भूलकर भी नजरअंदाज न करें चाय से जुड़े ये नियम-
खाली पेट न पिएं चाय-
कभी भी खाली पेट चाय पीने की गलती न करें। ऐसा करने से आप गंभीर रोगों की चपेट में आ सकते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति को गैस और एसिडिटी की शिकायत हो सकती है।

चाय से पहले पिएं गुनगुना पानी-
खाली पेट चाय पीने से आंतों को नुकसान होता है। चाय पीने से पहले कुछ हल्का खाकर एक ग्लास गुनगुना पानी जरूर पी लें। ऐसा करने से व्यक्ति को गैस की शिकायत नहीं होती।

खाने के तुरंत बाद न पिएं चाय-
अक्सर लोगों को खाना खाने के तुरंत बाद चाय पीने की आदत होती है। ऐसा करने से आपका शरीर खाने में मौजूद पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता है और शरीर को कई तरह के रोग घेरने लगते हैं। ध्यान रखें हमेशा भोजन और चाय के बीच में 1 घंटे का अंतर जरूर रखें।

सोते समय न करें चाय का सेवन-
रात को सोने से पहले जो लोग चाय पीते हैं, उन्हें नींद न आने की समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए चाय में मौजूद कैफीन नींद विरोधक होता है।

दिन में दो कप चाय पीना ही फायदेमंद-
पूरे दिन में दो कप चाय का सेवन सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाता है। लेकिन इससे ज्यादा चाय का सेवन करने पर व्यक्ति की भूख मर जाती है और उसे नींद न आने की भी समस्या परेशान करने लगती है।

हाइट बढ़ाने में मदद करते हैं ये फूड्स, बढ़ते बच्चों की डाइट में जरूर करें शामिल
हम सभी जानते हैं कि हाइट बढ़ने एक निश्चित उम्र तक बढ़ती है। वहीं, आनुवांशिक कारणों के साथ कई ऐसी बातें हैं जिससे किसी व्यक्ति की लंबाई कितनी बढ़ेगी, इसका पता चलता है। कई पहलुओं के साथ डाइट भी एक खास वजह है जिससे किसी बच्चे की लंबाई प्रभावित होती है। आज हम आपको ऐसी चीजें बता रहे जिन्हें खाने से लंबाई बढ़ती है।

बैरीज
ब्लूबैरी, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी या रास्पबैरी भी कई प्रकार के न्यूट्रिशन से लैस होती हैं। इसमें मौजूद विटामिन-सी कोशिकाओं को बेहतर करता है और टिशू रिपेयर करने का काम करता है। विटामिन-सी कॉलेजन के सिंथेसिस को भी बढ़ाता है, एक ऐसा प्रोटीन जिसकी मात्रा आपके शरीर में सबसे ज्यादा होती है।

पत्तेदार सब्जियां
पालक, केल, अरुगुला, बंदगोभी जैसी पत्तेदार सब्जियों में भी कई तरह के पोषक तत्व होते हैं। इन सब्जियों में विटामिन-सी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम के अलावा विटामिन-के भी पाया जाता है जो हड्डियों के घनत्व को बढ़ाकर लंबाई बढ़ाने का काम करता है।

अंडा
अंडा न्यूट्रिशन का पावरहाउस है। इसमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसमें हड्डियों की सेहत के लिए जरूरी कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। 874 बच्चों पर हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि नियमित रूप से अंडा खाने वाले बच्चों की हाइट बढ़ती है। अंडे के पीले भाग (यॉक) में मौजूद हेल्दी फैट भी शरीर को फायदा दे सकता है।

बादाम
बादाम में मौजूद कई प्रकार के विटामिन और मिनरल भी लंबाई के लिए बेहद जरूरी हैं। इसमें हेल्दी फैट के अलावा, फाइबर, मैग्नीज और मैग्नीशियम भी पाया जाता है। इसके अलावा, इसमें विटामिन-ई भी होता है, जो एंटीऑक्सिडेंट के रूप में दोगुना हो जाता है। एक स्टडी के मुताबिक, बादाम हमारी हड्डियों के लिए भी फायदेमंद चीज है।

साल्मन फिश
ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर साल्मन फिश भी सेहत के लिए बड़ी फायदेमंद है। ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल की सेहत को फायदा पहुंचाने वाला एक फैट है, जो शरीर की ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए भी अच्छा माना जाता है। कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि ओमेगा फैटी-3 एसिड हड्डियों की ग्रोथ को भी बढ़ावा दे सकता है। ये बच्चों में नींद की समस्या को भी दूर कर सकता है, जो कि उनकी ग्रोथ पर बुरा असर डालती है।

शकरकंद
विटामिन-ए से युक्त शकरकंद हड्डियों की सेहत को सुधारकर लंबाई बढ़ाने में मदद करती है। इसमें सॉल्यूबल और इनसॉल्यूबल दोनों प्रकार के तत्व होते हैं, जो आपकी डायजेस्टिव हेल्थ को प्रमोट करते औंर आंतों के लिए अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देते हैं। यह विटामिन-सी के अलावा मैग्नीज, विटामिन बी6 और पोटेशियम का भी अच्छा स्रोत है।

रोजाना पिएं तुलसी अजवाइन का पानी

जानें क्या है बनाने का सही तरीका
Weight Loss Drink: सर्दियों के मौसम में अक्सर ज्यादा और तला-भुना खाने की वजह से लोग वजन बढ़ने की शिकायत करने लगते हैं। अगर आपकी भी यही शिकायत है तो आप बड़ी आसानी से इस मौसम में अपने शरीर को डिटॉक्स करके सभी हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर बढ़ते वजन से छुटकारा पा सकते हैं। इसमें तुलसी-अजवाइन का ड्रिंक आपकी मदद कर सकता है। आइए जानते हैं कैसे।
तुलसी और अजवाइन का डिटॉक्स पानी डाइजेशन, मेटाबॉलिज्‍म और डिटॉक्सिफिकेशन को अच्छा करके शरीर को सभी जरूरी पोषक प्रदान करता है। इसकी वजह से व्यक्ति बहुत जल्द अपना वजन कम कर सकता है।
अजवाइन के फायदे-
अजवाइन गैस्ट्रिक रस को स्रावित करके डाइजेशन बढ़ाता है। अजवाइन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालकर वजन कम करने में मदद करते हैं।
तुलसी के फायदे-
तुलसी शरीर के लिए प्राकृतिक डिटॉक्स की तरह काम करती है। तुलसी शरीर से सभी हानिकारक विषाक्त पदार्थों को साफ करके वजन घटाने में मदद करती है। यह पाचन तंत्र के लिए भी बेहद फायदेमंद है।
तुलसी-अजवाइन का पानी बनाने का सही तरीका-
तुलसी-अजवाइन का पानी बनाने के लिए रात-भर एक चम्मच सूखी अजवाइन को एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें। अगले दिन सुबह 4 से 5 तुलसी के पत्तों को अजवाइन के पानी के साथ उबालें। अब इस पानी को एक गिलास में छानकर गर्म या ठंडा करके पी लें। जल्दी फर्क के लिए आप रोजाना इस पानी को सुबह पिएं। लेकिन ध्यान रखें इस पानी का बहुत ज्‍यादा सेवन न करें।

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