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सरकार विदेश में फंसे नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस नवीकृत कराने की सुविधा देगी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक मसौदा अधिसूचना जारी की है ...जिसमें केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में संशोधन के लिये टिप्पणी और सुझाव मंगाये गये हैं।

नयी दिल्ली। सरकार ने शनिवार को कहा कि वह उन नागरिकों के अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट (आईडीपी) के नवीनीकरण की सुविधा के लिये कदम उठायेगी, जिनकी आईडीपी की वैधता विदेश में रहते हुए समाप्त हो गयी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा इस संबंध में एक मसौदा अधिसूचना जारी की गयी है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक मसौदा अधिसूचना जारी की है ...जिसमें केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में संशोधन के लिये टिप्पणी और सुझाव मंगाये गये हैं, ताकि उन नागरिकों के आईडीपी के नवीनीकरण की सुविधा दी जा सके, जिनकी आईडीपी की वैधता विदेश में रहते हुए समाप्त हो गयी है।’’
मंत्रालय ने कहा, यह देखने में आया है कि कुछ ऐसे नागरिक जो विदेश यात्रा कर रहे हैं और किसी अन्य देश में हैं, उनके आईडीपी की समय सीमा समाप्त हो गयी है और विदेश में इसके नवीकरण की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रस्ताव में देश में आईडीपी के लिये अनुरोध करते समय एक चिकित्सा प्रमाण पत्र और एक वैध वीजा की शर्तों को हटाना भी शामिल है।

नई दिल्ली,नोएडा के कमिश्नर आलोक सिंह का ऑपरेशन धरपकड़ जारी है. ऑपरेशन धरपकड़ में नोएडा और गाजियाबाद के अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की पुलिस भी शामिल हुई. ऑपरेशन में पुलिस अब तक दो दर्जन से ज्यादा बदमाशों को पकड़ चुकी है. 

नोएडा पुलिस कमिश्नर की टीम ने गाजियाबाद के खोड़ा से बदमाशों को पकड़ा है. नोएडा पुलिस ने 100 से ज्यादा मकानों में मारा छापा था. एसीपी रजनीश वर्मा छापेमारी में नोडल अधिकारी रहे हैं.

दिल्लीः नाले के पास से मिली लाश

आउटर दिल्ली के रनहोला इलाके में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) निगम पार्षद की ऑफिस के सामने के नाले से एक युवती का शव मिला है. युवती की उम्र लगभग 28 साल बताई जा रही है. मृतक युवती के पास से मोबाइल फोन और कान में लगा हेडफोन बरामद हुआ है.

हालांकि मृतक युवती की शिनाख्त नहीं हो सकी है. फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर मृतक युवती की शिनाख्त करने में जुट गई है. आउटर दिल्ली के रनहोला इलाके में उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक युवती का शव स्थानीय निगम पार्षद के ऑफिस के सामने से जा रहे नजफगढ़ नाले में तैरता हुआ मिला. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने मामले की सूचना पुलिस को दी.

मौके पर पहुंची रनहोला थाना पुलिस ने मृतक युवती के शव को नाले से बाहर निकलवाया और फॉरेंसिक जांच के बाद शव को सरकारी हॉस्पिटल की मोर्चरी में भिजवा दिया. जानकारी के मुताबिक युवती की उम्र लगभग 28 साल थी.


मृतक युवती ने सूट और सलवार पहना हुआ था. जहां पुलिस को शव के पास से एक एंड्रॉयड मोबाइल फोन और उसके कानों में लगा हुआ हेडफोन मिला है. नाले के किनारे से युवती की एक चुनरी भी पुलिस को मिली है. हालांकि अभी तक मृतक युवती की शिनाख्त नहीं हो सकी है, लेकिन पुलिस युवती के पास मिले फोन के जरिए युवती के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही है. हालांकि जिस स्थिति में युवती का शव मिला है उससे पुलिस मामले को कई पहलुओं से खंगाल रही है.

गाजियाबादः डकैती की वारदात से खौफ में पूरा परिवार
गाजियाबाद के कविनगर थाना क्षेत्र के अवंतिका में बीती 23 तारीख को सुबह तड़के हुई डकैती की सनसनीखेज घटना के बाद से पीड़ित परिवार बेहद खौफजदा है. वहीं घटना को लेकर इलाके के लोगों में भारी नाराजगी है. आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के लेकर परिवार और इलाके के लोगों सुरक्षा की मांग को लेकर अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन ने धरना और गाजियाबाद प्रशासन को ज्ञापन दिया है.

धरना दे रहे वैश्य समाज ने नाराजगी जताई है और प्रशासन से अपील की है कि या तो उनके समाज के लोगों की सुरक्षा की जाए या उन्हें गाजियाबाद से पलायन की लिखित अनुमति दी जाए. दूसरी ओर, डकैती की घटना से पीड़ित परिवार इतना ज्यादा खौफजदा है और खुद को घर के अंदर ही कैद कर रहा था. घटना के तीन दिन बीत जाने और इलाके के लोगों के समर्थन के बाद पीड़ित परिवार आज मीडिया के कैमरे के सामने आया और आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने की मांग की. 
 

प्रख्यात पार्श्व गायक एस पी बालासुब्रमण्यम का निधन चेन्नई में शुक्रवार को 1.04 बजे एक निजी अस्पताल में हुआ। । वह 74 वर्ष के थे।COVID-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण के बाद, बालासुब्रमण्यम को 5 अगस्त को MGM हेल्थकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

प्रख्यात पार्श्व गायक एस पी बालासुब्रमण्यम का निधन  चेन्नई में शुक्रवार को 1.04 बजे एक निजी अस्पताल में हुआ। । वह 74 वर्ष के थे।COVID-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण के बाद, बालासुब्रमण्यम को 5 अगस्त को MGM हेल्थकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, बालासुब्रमण्यम ने शुरूआत में ठीक रिकवरी कर ली थी लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी हालत खराब हो गयी थी। 25 सितंबर को वह जिंदगी की जंग हार गये। 7 सितंबर को, उन्होंने COVID-19 के लिए नकारात्मक परीक्षण किया लेकिन उन्हें वेंटिलेटर पर ही रखा गया।
एसपीबी के रूप में लोकप्रिय, बालासुब्रह्मण्यम ने 1966 में तेलुगु फिल्म श्री श्री श्री मरियम रमन्ना के साथ अपना गायन किया। उन्होंने तेलुगु, तमिल, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी सहित 16 भाषाओं में 40,000 से अधिक गाने गाए हैं। बालासुब्रह्मण्यम भी एक आवाज वाले कलाकार थे। वह अभिनेता कमल हसन के लिए वॉइस-ओवर कलाकार थे, जब भी तमिल फिल्मों को तेलुगु में डब किया गया था। तो वहीं उनकी आवाज देते थे। बालासुब्रह्मण्यम ने भी कुछ फिल्मों में अभिनय किया।

 गुरुवार को, चेन्नई के एमजीएम अस्पताल से एक प्रेस विज्ञप्ति  रिलीज की गयी थी जिसमें कहा गया थी कि एसपीबी, जो 5 अगस्त से अस्पताल में इलाज कर रहा है, अत्यंत गंभीर है। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “पिछले 24 घंटों में उनकी हालत और अधिक खराब हो गई है, वह अत्यंत गंभीर हैं। एमजीएम हेल्थकेयर के विशेषज्ञों की टीम उनकी स्वास्थ्य स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है।

22 सितंबर से, उनके बेटे, एसपी चरण, जो अपने पिता के स्वास्थ्य के बारे में नियमित अपडेट दे रहे थे, ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था कि गायक अच्छी तरह से ठीक हो रहे है और अस्पताल छोड़ने के लिए उत्सुक थे। पिताजी बेहतर होने की दिशा में निरंतर प्रगति जारी रख रहे थे लेकिन उनकी हालत अचानक बिगड़ गयी है। उनका अभी भी इलाज चल रहा है।

7 सितंबर को, चरण ने घोषणा की कि एसपीबी ने कोरोनावायरस के लिए नकारात्मक परीक्षण किया था। 74 वर्षीय ने उस सप्ताह के अंत में अस्पताल में अपनी शादी की सालगिरह भी मनाई। फिर भी, चारण ने कहा कि उनके पिता के फेफड़ों में अभी भी सुधार की जरूरत है। एसपी चरण के लगातार अपडेट का प्रशंसकों और फिल्म उद्योग ने समान रूप से इंतजार किया है। उसने पहले अपडेट किया था कि एसपीबी अस्पताल में संगीत सुन रहे थे और प्रगति दिखा रही थी। फिल्म उद्योग भी साथ आ गया था, उन्होंने प्रशंसकों को गायक के गाने बजाने और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करने को कहा गया।

अगस्त के अंत में, एसपीबी को स्थिर कहा गया था, हालांकि वह वेंटिलेटर समर्थन और ईसीएमओ पर थे। उनकी वर्तमान नैदानिक ​​स्थिति स्थिर है। वह सचेत, संवेदनशील और निष्क्रिय फिजियोथेरेपी में भाग ले रहे है। अस्पताल की टीम ने कहा है कि  वह हमारी बहु-चिकित्सीय नैदानिक ​​टीम द्वारा बारीकी निगरानी में है।

गायक को 5 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने कोरोनावायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया था। उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें अपने प्रशंसकों को अपने COVID-19 टेस्ट के बारे में बताया और उन्हें आश्वस्त किया कि वे दोस्तों, परिवार और डॉक्टरों और सहायक कर्मचारियों सहित सक्षम चिकित्सा कर्मियों के बीच अच्छे हाथों में हैं।

साल 2012 में मैगजीन ने अपने जुलाई अंक में मनमोहन सिंह को अपने फ्रंट कवर पर जगह तो दी लेकिन टाइम मैग्जीन ने मनमोहन सिंह को 'अंडरअचिवर' करार दिया। टाइम ने 2019 में अपने संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कवर पेज पर जगह देते हुए उन्हें India's Divider in Chief यानी की 'भारत का प्रमुख विभाजनकारी' बताया।

 

नाहक ही स्कूलों के पाठयक्रमों में गिरगिट को रंग बदलने के खेल का विजेता घोषित किया जाता रहा है। कुछ पत्रिका और लेखक इस खेल में उससे भी काफी आगे निकल चुके हैं। टाइम यानी समय जो कि किसी के लिए रूकता नहीं है और न ही समय को कोई रोक सकता है। लेकिन आज बात समय वाले टाइम की नहीं बल्कि मैगजीन वाले टाइम की करेंगे। जो पल-पल बदलते अपने स्टैंड के लिए फेमस है। टाइम मैगजीन की पहचान कभी कुछ और फिर कभी कुछ और कहने वाली मैगजीन के रूप में देखने को मिली है। लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव होना ही काफी नहीं है क्योंकि इससे सिर्फ ये पता चलता है कि किसे अधिक वोट मिले।

भारत की 130 करोड़ की आबादी में ईसाई, मुसलमान, सिख, बौद्ध, जैन धर्म के लोग भी रहते हैं। भारत की 80 प्रतिशत जनसंख्या हिन्दुओं की है और अब तक के अधिकतर प्रधानमंत्री इसी धर्म के मानने वाले रहे हैं। नरेंद्र मोदी ऐसे शासन कर रहे हैं जैसे उनके लिए और कोई मायने ही नहीं रखता। मुस्लिम समुदाय नरेंद्र मोदी की हिन्दु राष्ट्रवादी पार्टी बीजेपी के निशाने पर रहा है। ये टाइम मैगजीन ने भारत के चुने हुए प्रधानमंत्री के बारे में लिखा है। यहां पर चुने हुए शब्द का प्रयोग करना इसलिए भी जरूरी है कि वर्तमान में कोई गठबंधन या इधर-उधर से समर्थन लेकर चल रही सरकार नहीं है बल्कि पूर्ण बहुमत लेकर बनाई गई सरकार है।  

साल 2009 में मनमोहन सिंह को बताया

'टाइम' ने साल 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा था कि उन्होंने भारत को विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यस्थाओं में शामिल कर दिया है। पत्रिका में लेखक माइकल इलियट ने अपने लेख 'नो करिज्मा? डोन्ट वरी, यू कैन स्टिल बी ए लीडर' में कहा था कि मनमोहन सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की और वर्ष 2004 से ही देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने वाला नेता बताया। 

साल 2012 में अंडर अचीवर करार दिया

साल 2012 में मैगजीन ने अपने जुलाई अंक में मनमोहन सिंह को अपने फ्रंट कवर पर जगह तो दी लेकिन टाइम मैग्जीन ने मनमोहन सिंह को 'अंडरअचिवर' करार दिया। टाइम ने अपने एशिया संस्करण के मुखपृष्ठ पर मनमोहन सिंह की तस्वीर प्रकाशित करते हुए 'द अंडरअचीवर' लिखा यानी ऐसा नेता जो उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। पत्रिका ने उनके नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए लिखा है, 'भारत को नई शुरुआत की जरूरत है, क्या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इसके लिए योग्य हैं।' पत्रिका के मुताबिक, सिंह उन सुधारों को जारी रखने के इच्छुक नहीं हैं, जिनसे देश को दोबारा प्रगति के रास्ते पर लौटाया जा सकेगा। यानी, पत्रिका ने प्रधानमंत्री की उपलब्धि को नाकाफी बताया है। 

मोदी का मतलब व्यापार

साल 2012 में ही कवर पेज पर लिखा था- Modi Means Business यानी मोदी का मतलब व्यापार। लेकिन उसके नीचे लिखा गया- But Can He Lead India? इस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उनके प्रधानमंत्री बनने की चर्चाएं हो रही थीं।

मोदी सरकार के पहला साल पूरा होने पर लिखा Why Modi Matters

वर्ष 2015 में भी टाइम मैगजीन के कवर पेज पर नरेंद्र मोदी नजर आए। ये मोदी सरकार के पहला साल पूरा होने के मौके पर छपा कवर था। इसमें लिखा गया- Why Modi Matters... यानी मोदी इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं? लेकिन इसके नीचे एक सवाल पूछा गया कि Can He Deliver? यानी क्या वो अच्छा काम कर पाएंगे?

साल 2019 में PM मोदी को बताया डिवाइडर इन चीफ

टाइम ने 20 मई  के अपने संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कवर पेज पर जगह देते हुए उन्हें "India's Divider in Chief" यानी की 'भारत का प्रमुख विभाजनकारी' बताया। टाइम पत्रिका के एशिया एडिशन ने लोकसभा चुनाव 2019 और पिछले पांच सालों में नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज पर लीड रिपोर्ट करते हुए शीर्षक दिया “Can the World's Largest Democracy Endure Another Five Years of a Modi Government?”

लोकसभा चुनाव 2019 के बाद बदले सुर

लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी को भारत को बांटने वालों का प्रमुख’ कहने वाले टाइम ने चुनाव खत्म होने के बाद उन्हें ‘भारत को एक धागे में पिरोने वाला’ बताया। लेख में मनोज लाडवा ने लिखा कि अपने पहले कार्यकाल और उसके बाद चुनाव के दौरान मोदी की नीतियों की बुरी तरह आलोचना की गई लेकिन पिछले पचास वर्षों में कोई भी प्रधानमंत्री इस तरह इंडियन इलेक्ट्रोरेट को एक सूत्र में नहीं पिरो पाया है जैसे मोदी ने किया है। 

वास्तविकता पर गौर करें तो में टाइम का स्वामित्व बीते एक ही साल में दो हाथों में जा चुका है। साल 2018 के मार्च में इसे बेटर होम्स और गार्डन्स जैसी मैग्जीन्स के प्रकाशक मेरेडिथ ने खरीदा था। जिसके सात महीने के भीतर ही उसी साल सितंबर में इसे सेल्सफोर्स के संस्थापक और टेक उद्यमी मार्क बेनिऑफ तथा उनकी पत्नी ने खरीदा था।

रायपुर, 23 सितम्बर 2020 मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में गौठानों को आजीविका केन्द्र बनाने के उदेद्श्य से संचालित गतिविधियों को परिणाममूलक बनाने के उद्देश्य से ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिए जाने की कार्ययोजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य में मत्स्य पालन के साथ-साथ उच्च क्वालिटी के मत्स्य बीज के उत्पादन को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने राज्य में बांस की उपलब्धता को देखते हुए बांस निर्मित सामग्री तथा औषधीय पौधों की खेती और नेचुरोपैथी को भी बढ़ावा देने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी। बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम सहित मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डाॅ. आलोक शुक्ला, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, संचालक लोक शिक्षण श्री जितेन्द्र शुक्ला, उप सचिव सुश्री सौम्या चैरसिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

     बैठक में गौठान कौशल विकास एवं आजीविका योजना के तहत कौशल विकास के लिए तैयार की गई कार्ययोजना के संबंध में प्रमुख सचिव डाॅ. आलोक शुक्ला ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध है। इसके जरिए 15 से 20 हजार युवाओं को विभिन्न प्रकार के स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में निर्मित गौठानों को ध्यान में रखते हुए इसके माध्यम से पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जैविक खाद, गोबर से विभिन्न प्रकार की सामग्री के निर्माण, नर्सरी वर्कर, माली, मछली एवं कुक्कुट पालन, बांस की सामग्री, औषधीय पौधों की खेती आदि का प्रशिक्षण दिया जाना प्रस्तावित किया गया है। स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार प्रशिक्षण पाठयक्रम में अन्य विषय शामिल किए जा सकते हैं।
    मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में मत्स्य पालक अन्य राज्यों से बेहतर किस्म के मछली बीज मंगाते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए राज्य के मत्स्य पालकों को बेहतर किस्म के मत्स्य बीज उत्पादन के लिए प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने राज्य के जिन जिलों में बहुतायत रूप से बांस की उपलब्धता है, वहां के लोगों को दक्ष प्रशिक्षकों के माध्यम से बांस से बनने वाले सामग्री के निर्माण का भी प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार जोड़े जाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने राज्य के वनांचल क्षेत्रों में औषधीय पौधों की खेती तथा नैचुरोपैथी इलाज के लिए प्रशिक्षण एवं सेंटर की स्थापना को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।

फॉरेंसिक विशेषज्ञों की 'मेडिको लीगल राय', जो बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के रहस्य को उजागर करने की कुंजी रखती है, पुलिस द्वारा दर्ज किए गए अपराध की जांच रिपोर्ट और विवरण से संबंधित कुछ विसंगतियों (Discrepancies) पर संकेत देती है।

फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम जो बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के रहस्य को उजागर करने की कुंजी अपने पास रखती है,ने पुलिस द्वारा दर्ज किए गए अपराध की जांच रिपोर्ट और विवरण से संबंधित कुछ विसंगतियों (Discrepancies) पर संकेत देती है। फॉरेंसिक ने सुशांत की मौत की बहुत ही बारीकी से जांच कर रहा है। इसके लिए सुशांत के शव की अटोप्सी जांच भी की गयी हैं  बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के दृश्य की गहन जांच जिसमें सुशांत का बेडरूम और डुप्लेक्स फ्लैट शामिल है, जहां स्टार ने कथित तौर पर आत्महत्या की थी। इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) के फोरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा मौत का कारण पता लगाने के लिए पूरा क्राइम सीन रिक्रिएट किया गया। सुशांत के दिमाक का पोस्टमार्टम किया गया। तब जाकर काफी चीजें जांच में सामने आ रही हैं जो सुशांत सिंह राजपूत की मौत का सच सामने आ सकती हैं।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट में काफी चीजें हुई साफ

फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग एम्स के उच्च पदस्थ सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मौत पर इसकी विशेषज्ञ टीम के निष्कर्ष निश्चित रूप से प्रकाश डालेंगे। सूत्र ने कहा, "यदि एक जांच रिपोर्ट, जो उन परिस्थितियों के बारे में महत्वपूर्ण विवरण देती है, जिसमें किसी की मृत्यु हुई है, की कुछ विसंगतियां हैं, तो यह एक महत्वपूर्ण खोज हो सकती है। हालांकि जैसा कि यह मामला है, लेकिन विशिष्ट फोरेंसिक निष्कर्षों को साझा नहीं किया जा सकता है। जांच पूरी हो जामे के बाद एजेंसी खुद इन सब बातों को आपके सामने रखेंगी।
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सीबीआई ही साझा करेगी सारी जानकारी

फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग के प्रमुख, एम्स, डॉ. सुधीर गुप्ता ने भी कहा कि निष्कर्ष जो निर्णायक हैं उन्हें केवल सीबीआई के साथ साझा किया जाएगा। डॉ. गुप्ता ने कहा कि इस स्तर पर मैं केवल यह कह सकता हूं कि मेडिकल बोर्ड की राय सभी संदेहों (स्टार की रहस्यमयी मौत से संबंधित) को स्पष्ट कर देगी, डॉ. गुप्ता ने विसंगतियों की प्रकृति या शव परीक्षण में चूक के किसी भी संकेत पर पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

 

विसरा जांच की रिपोर्ट का इंतजार

सुशांत की मौत पर निर्णायक राय रखने वाले विसरा टेस्ट के नतीजे भी एम्स की टीम अगले हफ्ते की शुरुआत में सीबीआई अधिकारियों के साथ साझा करेगी। एम्स के फोरेंसिक विशेषज्ञों को प्रारंभिक जांच में मुख्य रूप से फोरेंसिक पहलुओं की जांच करने के लिए सीबीआई द्वारा अनुरोध किया गया था। अपराध स्थल पर किसी भी सबूत के साथ छेड़छाड़ या मुंबई पुलिस द्वारा बेईमानी से खेलने का कोई संकेत या पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के पैनल प्रमुख क्षेत्र थे, जहां फोरेंसिक टीम ने गहन जांच के आधार पर जानकारी जुटाई है। एम्स के विशेषज्ञों को दिल्ली से मुंबई तक फ़ॉरेक्सिक्स से संबंधित घटनाओं और दस्तावेजों की जांच के अनुक्रम का ऑन-स्पॉट मूल्यांकन करने के लिए भेजा गया था।

रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार सुबह बिना किसी उकसावे के गुरेज सेक्टर के कंझालवान में संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए हथियारों से गोलीबारी की और मोर्टार के गोले दागे।

श्रीनगर। पाकिस्तानी सेना ने जम्मू कश्मीर के बांदीपोर जिले के गुरेज सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास अग्रिम इलाकों में गोलीबारी की और मोर्टार के गोले दागे। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय सेना ने भी इसका माकूल जवाब दिया। पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और शुक्रवार को एक बार फिर से उसने संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए एलओसी के पास के इलाकों में गोलीबारी की।

रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार सुबह बिना किसी उकसावे के गुरेज सेक्टर के कंझालवान में संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए हथियारों से गोलीबारी की और मोर्टार के गोले दागे। गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना ने गुरुवार को पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा से लगे दो सेक्टरों के पास अग्रिम इलाकों को निशाना बनाते हुए गोलीबारी की थी और मोर्टार के गोले भी दागे थे।

अधिकारियों ने बताया कि राजौरी जिले के सुंदरबनी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास मंगलवार को पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन करते हुए भारी गोलीबारी की थी और मोर्टार के गोले दागे थे। इस घटना में सेना का एक जवान शहीद हो गया था और एक अधिकारी सहित दो अन्य घायल हो गए थे।

वहीं, दो सितम्बर को राजौरी के केरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तानी सेना द्वारा किए संघर्ष विराम उल्लंघन में एक जेसीओ मारा गया था।

अरुणाचल प्रदेश से लापता हुए 5 युवकों को चीनी सेना ने छोड़ दिया। 2 सितंबर को अरुणाचल प्रदेश से 5 भारतीय युवकों के लापता होने की खबर आई थी। इन युवकों को चीन की पीपल्स लिब्ररेशन आर्मी ने अगवा किया था।

चीन की पीएलए द्वारा कथित तौर पर पकड़े गए पांच युवकों को भारत-चीन सीमा पर छोड़ा गया। तेजपुर स्थित रक्षा प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सारी औपचारिकता पूरी करने के बाद सभी पांचों युवकों को किबितु में भारतीय सेना के हवाले कर दिया गया है।
गौरतलब है कि 2 सितंबर को अरुणाचल प्रदेश से 5 भारतीय युवकों के लापता होने की खबर आई थी। इन युवकों को चीन की पीपल्स लिब्ररेशन आर्मी ने अगवा किया था। नागरिको को सौंपने से पहले चीनी प्रोपेगंडा फैलाने वाले अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय युवकों को भारतीय सेना का जासूस बताया था। लेकिन फिर भारतीय सेना के लगातार दबाव के बाद चीनी सेना उन्हें सौंपने पर सहमत हो गई।

कंगना रनौत ने शिवसेना के साथ अपनी इस लड़ाई के लिए कमर कस ली है। वह सोशल मीडिया पर लगातार ट्वीट कर रही हैं। हाल ही में उन्होंने सोमनाथ मंदिर की एक तस्वीर पोस्ट की है उसके साथ ही उन्होंने एक बहुत ही उत्तेजक कैप्शन भी दिया है।

मुंबई में एक्ट्रेस कंगना रनौत के घर पर बुल्डोजर चलने के बाद सियासत गर्मा गयी हैं। देशभर में शिवसेना सरकार की अलोचना हो रही हैं। बीएमसी द्वारा कंगना का घर तोड़े जाने के बाद कंगना ने उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ मोर्च खोल दिया है। घर तोड़े जाने के बाद कंगना ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने डायरेक्ट उद्धव ठाकरे पर निशाना साथा और कहा कि आज मेरा घर टूटा है कल तेरा घमंड टूटेगा। इसके बाद उन्होंने ये भी कहा कि मैं उस दर्द का एहसास कर सकती हूं जो कश्मीरी पंडितों को हुआ था। जब उन्हें उनके घरों से निकाल कर बाहर कर दिया था। उन्होंने कहा कि वह अयोध्या के अलावा अब कश्मीरी पंडितों पर भी फिल्म बनाएंगी।
कंगना के घर पर बीएमसी ने जो बुल्डोजर चलाया उस तोड़फोड़ की आवाज दिल्ली की सियासत से गुतरते हुए बिहार तक पहुंच गयी। कंगना रनौत के घर पर की गयी तोड़फोड़ का मुद्दा बिहार में भी उठाया गया। देवेंद्र फडणवीस बिहार चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे जहां उन्होंने कहा कि शिवसेना ने प्रदेश में हंगामा मचा रखा हैं। कंगना कोई  बीजेपी की नेता नहीं थी। कंगना किसी पार्टी की सदस्य भी नहीं थी। शिवसेना ने एक आम इंसान के साथ ऐसी हरकत की है। कंगना रनौत का घर तोड़ दिया गया हैं। जाहिर है कंगना रनौत की शिवसेना से ये लड़ाई दूर तक जाएगी। फिलहाल ये मामला कोर्ट में हैं। 22 सितंबर को इस मामले पर सुनवायी होगी।

कंगना रनौत ने शिवसेना के साथ अपनी इस लड़ाई के लिए कमर कस ली है। वह सोशल मीडिया पर लगातार ट्वीट कर रही हैं। हाल ही में उन्होंने सोमनाथ मंदिर की एक तस्वीर पोस्ट की है उसके साथ ही उन्होंने एक बहुत ही उत्तेजक कैप्शन भी दिया है। कंगना का ये ट्वीट उद्धव सरकार पर सीधा निशाना माना जा रहा है। कंगना ने हर हर महादेव के नारे के साथ शिवसेना के साथ युद्ध का ऐलान भी कर दिया हैं।
कंगना ने सोननाथ मंदिर की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा- सुप्रभात दोस्तों यह फ़ोटो सोमनाथ टेम्पल की है, सोमनाथ को कितने दरिंदों ने कितनी बार बेरहमी से उजाड़ा, मगर इतिहास गवाह है क्रूरता और अन्याय कितने भी शक्तिशाली क्यूँ न हो आख़िर में जीत भक्ति की ही होती है, हर हर महादेव  

कंगना रनौत ने शिव सेना पर ये भी आरोप लगाया है कि शिवसेना के आच के नेता बाला साहिब ठारके जी की छवी को खराब कर रहे हैं। बाला साहिब ठाकरे के साज में महिलला के साथ ऐसा व्यवहार नहीं हुआ कभी। शिवसेनिकों ने कभी ऐसी हरकते नहीं की। कंगना रनौत ने शिव सेना को सोनिया सेना कहा हैं। कंगना ने कांग्रेस आलाकमान की भी आलोचना की।

पूर्व केंद्रीय मंत्री, लोकसभा सांसद और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में  उस पत्र के बारे में बात की, जिसने कांग्रेस के भीतर और पार्टी के भविष्य के कार्य के दौरान लहर पैदा कर दी थी। इस बातचीत में उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए जिनमें उन्होंने गांधी परिवार को लेकर अपने नजरिए की बात की, राहुल गांधी पर बात की और ये भी बताया कि उन्होंने उस पत्र पर हस्ताक्षर क्यों किए थे। 

मनीष तिवारी से जब पूछा गया कि उन्होंने ये चिट्ठी क्यों लिखी तो उन्होंने कहा, कांग्रेस आज गहन चुनावी, वैचारिक और संगठनात्मक चुनौतियों का सामना कर रही है। चुनौती 2014 और 2019 के चुनावों में हमारी लगातार दो हार और देश भर में हमारे कम हो रहे पदचिह्न से रेखांकित है। एक समग्र चुनावी कायाकल्प 2024 में कांग्रेस के लिए एक शानदार रास्ते पर होना महत्वपूर्ण है। वर्तमान में हम उस राह पर नहीं हैं। कुछ दिनों पहले कांग्रेस से असंतुष्ट नेताओं ने हाईकमान को चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी और पार्टी को बेहतर करने करने के लिए कई सुझाव भी दिए थे।

धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाने में असफल
इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने मनीष तिवारी से पूछा पार्टी में किस तरह की वैचारिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है? तिवारी कहते हैं कि फिलहाल सेक्यूलिरज्म का सवाल सबसे अहम है लेकिन क्या कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता की सर्व धर्म समभाव के रूप में व्याख्या करने को तैयार है या फिर कोई और तरीका पार्टी अनैतिक आकर्षण का मुकाबला कैसे करती है? इसके अलावा तिवारी कहते हैं, "राष्ट्रवाद ने चुनौती को और बढ़ा दिया है हम ये स्पष्ट करने में असफल रहे हमारा राष्ट्रवाद भाजपा की जासूसी और बहिष्कारवादी पेशी से असीम रूप से श्रेष्ठ है। विडंबना यह है कि कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया, जबकि दक्षिणपंथियों ने उपनिवेशवादी के साथ सहयोग किया। यह आश्चर्यजनक है कि हम अपनी खुद की विरासत को उपयुक्त बनाने में असफल हो रहे हैं। "

पूर्व केंद्रीय मंत्री, लोकसभा सांसद और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में  उस पत्र के बारे में बात की, जिसने कांग्रेस के भीतर और पार्टी के भविष्य के कार्य के दौरान लहर पैदा कर दी थी। इस बातचीत में उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए जिनमें उन्होंने गांधी परिवार को लेकर अपने नजरिए की बात की, राहुल गांधी पर बात की और ये भी बताया कि उन्होंने उस पत्र पर हस्ताक्षर क्यों किए थे। 

मनीष तिवारी से जब पूछा गया कि उन्होंने ये चिट्ठी क्यों लिखी तो उन्होंने कहा, कांग्रेस आज गहन चुनावी, वैचारिक और संगठनात्मक चुनौतियों का सामना कर रही है। चुनौती 2014 और 2019 के चुनावों में हमारी लगातार दो हार और देश भर में हमारे कम हो रहे पदचिह्न से रेखांकित है। एक समग्र चुनावी कायाकल्प 2024 में कांग्रेस के लिए एक शानदार रास्ते पर होना महत्वपूर्ण है। वर्तमान में हम उस राह पर नहीं हैं। कुछ दिनों पहले कांग्रेस से असंतुष्ट नेताओं ने हाईकमान को चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी और पार्टी को बेहतर करने करने के लिए कई सुझाव भी दिए थे।

धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाने में असफल
इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने मनीष तिवारी से पूछा पार्टी में किस तरह की वैचारिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है? तिवारी कहते हैं कि फिलहाल सेक्यूलिरज्म का सवाल सबसे अहम है लेकिन क्या कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता की सर्व धर्म समभाव के रूप में व्याख्या करने को तैयार है या फिर कोई और तरीका पार्टी अनैतिक आकर्षण का मुकाबला कैसे करती है? इसके अलावा तिवारी कहते हैं, "राष्ट्रवाद ने चुनौती को और बढ़ा दिया है हम ये स्पष्ट करने में असफल रहे हमारा राष्ट्रवाद भाजपा की जासूसी और बहिष्कारवादी पेशी से असीम रूप से श्रेष्ठ है। विडंबना यह है कि कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया, जबकि दक्षिणपंथियों ने उपनिवेशवादी के साथ सहयोग किया। यह आश्चर्यजनक है कि हम अपनी खुद की विरासत को उपयुक्त बनाने में असफल हो रहे हैं। "
 

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