ईश्वर दुबे
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वाशिंगटन | हाल ही में एलएसी पर चीन का बदमाशियों को देखते हुए भारत ने ड्रैगन के डिजिटल मार्केट पर वार किया और एक ही झटके में टिकटॉक समेत चीन के 59 ऐप पर पूरी तरह देश में बैन कर दिया। उधर कोरोना से त्रस्त अमेरिका भी चीन से कम ऊबा हुआ नहीं है। चीन के खिलाफ रोज नए नए बयान दे रहे अमेरिका में भी अब टिकटॉक को बैन करने की मांग उठ रही है।
दरअसल भारत की तर्ज पर कुछ अमेरिकी सांसद इस बैन की मांग उठा रहे हैं। सांसदों ने अमेरिकी सरकार से कहा कि छोटे छोट वीडियो शेयर करने वाले ये ऐप देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं।
गौरतलब है कि सोमवार को भारत सरकार ने 59 चाइनीज ऐप्स को बैन कर दिया है, जिसे चीन के खिलाफ डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक भी कहा जा रहा है। सरकार ने इस फैसले से जहां चीन को सख्त संदेश दिया है वहीं भारत में मोटा मुनाफा कमाते हुए यूजर्स डेटा से खिलवाड़ करने वाली कंपनियों को तगड़ा झटका दिया है। टिकटॉक जैसी ऐप्स के लिए भारत एक बहुत बड़ा बाजार था, जिसके सहारे बाइट डांस जैसी कंपनियां फेसबुक जैसी कंपनियों को टक्कर देने का सपना देख रही थी।
कुछ ही सालों में टिकटॉक ने भारत पर अपनी पकड़ बेहद मजबूत कर ली थी। करोड़ों मोबाइल में ऐप डाउनलोड से टिकटॉक खूब कमाई भी करने लगा था। अक्टूबर से दिसंबर 2019 के बीच महज तीन महीनों में इस ऐप से कंपनी को 25 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था, जबकि इस साल जुलाई से सितंबर के बीच कंपनी ने 100 करोड़ रुपए रेवेन्यू का लक्ष्य रखा था। ऐप पर विज्ञापनों के जरिए कंपनी की आमदनी में लगातार इजाफा हो रहा था।