ईश्वर दुबे
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Bhilai
बीजिंग । चीन में उइगर मुसलमानों के साथ बढ़ते भेदभाव को लेकर असंतोष बढ़ता ही जा रहा है। बढ़ते अमानवीय अत्याचारों के खिलाफ अब उइगर मुस्लिमों की बगावत तेज हो गई है। मुस्लिमों ने ऐलान किया है कि जब तक उन्हें चीन के अत्याचारों से आजादी नहीं मिल जाती उनका संघर्ष जारी रहेगा। उइगर मुस्लिमों ने पूर्वी तुर्किस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके विरोध-प्रदर्शन करते हुए इस जंग का ऐलान किया। प्रदर्शन के दौरान उइगर समुदाय के नेताओं ने कसम खाई कि जब तक चीन से आजादी नहीं मिल जाती, तब तक वह चैन से नहीं बैठेंगे।
बता दें कि पूर्वी तुर्किस्तान भी मध्य एशिया का एक स्वतंत्र हिस्सा हुआ करता था लेकिन चीन ने उस पर कब्जा कर लिया जिसे ही आज शिंजियांग प्रांत के रूप में जाना जाता है। यहां समय-समय पर आजादी के लिए प्रदर्शन होते रहते हैं। बता दें कि 12 नवंबर को पूर्वी तुर्किस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दुनियाभर के कई देशों में चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए। पूर्वी तुर्किस्तान या शिंजियांग में 10 लाख उइगर हैं जो लंबे समय से चीन के शोषण का शिकार हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट में यह बात कई बार सामने आ चुकी है कि चीन की कम्युनिस्ट सरकार मुस्लिमों को तरह-तरह से प्रताड़ित करती है। उनसे जबरन श्रम करवाया जाता है व उनकी आबादी घटाने के लिए महिलाओं का जबरन गर्भपात भी कराया जाता है।
अमेरिका ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने मुस्लिमों पर अत्याचार के मद्देनजर चीन के खिलाफ कई कड़े कदम भी उठाए। कुछ वक्त पहले अमेरिका ने शिंजियांग प्रांत निर्मित सभी उत्पादों के आयात पर रोक लगा दी थी क्योंकि वहां मुस्लिमों से बंधुआ मजदूरों की तरह काम करवाया जाता है। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी ट्रंप सरकार चीन के इस अमानवीय कृत्य को पुरजोर तरीके से उठाती आई है। अब जब अमेरिका में सत्ता परिवर्तन हो गया है तो यह देखने होगा कि नए राष्ट्रपति जो बाइडेन इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं।