ईश्वर दुबे
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Bhilai
तेल अवीव । इज़राइल में वैज्ञानिकों का कहना है कि वे बुढापे की प्रक्रिया को उलटा करने में सफल हो गए हैं। 35 रोगियों को शामिल कर एक स्टडी में उसके टेलोमेरेस की लंबाई बढ़ा दी है। इस स्टडी में शामिल लोग तीन महीने तक हर हफ्ते 90 मिनट के 5 सेशन्स में शामिल हुए। सभी को हाइपरबेरिक ऑक्सीजन रूम में बिठाया गया। इसके परिणामस्वरूप सभी के टेलोमेरेस 20 फीसदी तक बढ़ गए। यह एक प्रभावशाली दावा है। इससे पहले भी कुछ अन्य रिसर्चर्स ने कोशिश की, लेकिन निश्चित उन्हें सफलता नहीं मिली।
तेल अवीव यूनिवर्सिटी में मेडिसिन और फैकल्टी स्कूल ऑफ न्यूरोसाइंस के डॉक्टर और लीड रिसर्चर शेयार एफर्टी ने बताया कि उनके इस शोध की प्रेरणा उन्हें बाहरी दुनिया से मिली। शेयार ने बताया 'नासा द्वारा जुड़वा बच्चों में से एक को अंतरिक्ष में भेजा गया और दूसरा पृथ्वी पर रहा। हमारे शोध में टेलोमेरेस की लंबाई जितनी बढ़ी उससे हमें पता चला कि बाहरी वातावरण में परिवर्तन उम्र बढ़ने के कोर सेलुलर को प्रभावित कर सकता है। 'एफर्टी ने कहा 'लंबे टेलोमेरेस बेहतर सेलुलर परफॉरमेंस से जुड़े होते हैं।' इस शोध में यह भी सामने आया कि थेरेपी के जरिए सेन्सेंट सेल 37 फीसदी तक कम हो गए जिससे नई हेल्दी सेल फिर से बनने लगीं। पशु अध्ययनों से पता चला है कि सेन्सेंट सेल को हटाने से बाकी जीवन 33फीसदी से अधिक हो जाता है।
शोध में शामिल हुए किसी भी इंसान की जीवन शैली या डाइटिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ। हर एक को एक मास्क के जरिए 100 फीसदी ऑक्सीजन साँस लेते हुए हाइपरबेरिक रूम में रखा गया था। वैज्ञानिकों का मानना है कि उम्र बढ़ना खुद अल्जाइमर, पार्किंसंस, गठिया, कैंसर, हृदय रोग और मधुमेह जैसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार है। वैज्ञानिकों की माने तो हर बार जब आपके बॉडी में एक सेल दोबारा बनता है तो आपकी जवानी और कम होती चली जाती है। ऐसा टेलोमेरेस की कमी की वजह से होता है। यह वही स्ट्रक्चर है जिसके जरिए हमारे क्रोमोजोम्स 'कैप' होते हैं।