ईश्वर दुबे
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Bhilai
ताइपे,ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने बुधवार को कहा कि अगर चीन ने उनके देश पर हमला किया तो पेइचिंग उसकी बड़ी कीमत चुकाएगा। वेन ने इसके साथ ही कहा कि चीन को उनके देश के प्रति कठोर रुख के बारे में दोबारा विचार करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि साई ने हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव जीता है और यह उनका लगातार दूसरा कार्यकाल है। उन्हें रेकॉर्ड 82 लाख मत मिले हैं। चीन ने साई को सत्ता से हटाने की अपनी इच्छा को कभी नहीं छुपाया क्योंकि उनकी पार्टी इस विचार से इनकार करती रही है कि उनका द्वीप देश चीन का हिस्सा है। पेइचिंग ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और उसका संकल्प है कि वह एक दिन उसपर कब्जा कर लेगा चाहे उसे बलप्रयोग ही क्यों न करना पड़े।
उधर, मीडिया को दिए अपने साक्षात्कार में साई ने कहा कि उन्हें अपने देश को औपचारिक रूप से आजाद घोषित करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह देश पहले से ही आजाद है।
आधुनिक ताइवान चीन से 70 सालों से अलग सरकार चला रहा है। यह कई दशकों तक चियांग कई-शेक के तानाशाही के अंदर रहा है । लेकिन 1980 के दशक से यह एशिया के सबसे अधिक प्रगतिशील लोकतंत्र के रूप में आगे बढ़ा है। हालिया चुनाव ने यह साबित किया ताइवान में बड़ी संख्या में अपने देश को स्वतंत्र हिस्सा मानते हैं।
सैन्य ताकत में कहां टिकता है ताइवान
ताइवान ने चीन को धमकी तो दे डाली है, लेकिन क्या वाकई चीन के सैन्य ताकत के सामने टिक पाएगा। ताइवान के पास 290,000 सैन्यकर्मी हैं जिनमें 1,30,000 आर्मी, 45, 000 नौसेना व मरीन कॉर्प्स में हैं। वहीं, उसके पास 80,000 वायु सैनिक हैं। वहीं, दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश चीन की बात करें तो उसके पास 9,75,000 थल सैनिक हैं जो इसके पीपल्स लिबरेशन ऑफ ऑर्मी का आधा है।