ईश्वर दुबे
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Bhilai
आटोवा । कनाडा में सीओपी15 जैव विविधता सम्मेलन में भारत की नुमाइंदगी कर रहे वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत का करीब 27 फीसदी क्षेत्र संरक्षित है और वह 2030 तक 30 प्रतिशत भूमि और जल की रक्षा के लक्ष्य को आसानी से पा लेगा है। राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) के सचिव जे. जस्टिन मोहन ने कहा कि भारत 113 देशों के ‘हाई एम्बिशन कोलिशन (एचएसी) का सदस्य है जिसका मकसद 30 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र को 2030 तक संरक्षित करना है। संरक्षित वन राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव अभयारण्य मैनग्रोव रामसर स्थल पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्र और सामुदायिक रूप से संरक्षित क्षेत्र सहित भारत ने पहले ही करीब 27 फीसदी क्षेत्र संरक्षित कर लिया है। भारत 2030 में आसानी से ‘30 गुणा 30’ का लक्ष्य हासिल कर सकता है। ओईसीएमएस वे इलाके होते हैं जो निजी तथा सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा संरक्षित होते हैं।
इस बारे में मोहन ने कहा भारत में ओईसीएमएस के लिए असीम संभावना है इससे अपने 30 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र को संरक्षित करने के हमारे लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। भारत के राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) के पूर्व अध्यक्ष विनोद माथुर ने कहा कि भारत ने ओईसीएमएस को परिभाषित करने के लिए 14 श्रेणी की वर्गीकरण प्रणाली बनाई है। उन्होंने कहा कि हालांकि इन ओईसीएमएस को संरक्षित करने के लिए स्थानीय समुदाय को जागरूक करने की आवश्यकता है।
मोहन ने कहा भारत के पास सभी स्थानीय निकाय में स्थापित 277123 जैव विविधता प्रबंधन समितियां हैं। हमारी वन्य पारिस्थितिकी के बाहर और इलाकों को जैवविविधता धरोहर स्थलों के तहत लाने की असीम संभावना है। उन्होंने कहा ये इलाके औषधीय पौधों और पक्षी से समृद्ध हो सकते है।
ढाका । 14 साल से सत्ता से बाहर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ढाका के गोलाबाग मैदान में एक विशाल रैली का आयोजन किया। हजारों की संख्या में बीएनपी कार्यकर्ता और समर्थक आम चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन को लेकर जमा हुए। मुख्य विपक्षी दल ने आर्थिक शिकायतों और प्रधानमंत्री शेख हसीना की कथित सत्तावादी शैली के खिलाफ लोगों को लामबंद किया।
ढाका रैली में हजारों लोगों ने भाग लिया देश भर में बीएनपी द्वारा इस तरह के विरोध राजशाही चटगांव मैमनसिंह खुलना रंगपुर बरिसाल फरीदपुर सिलहट और कोमिला में पिछले एक महीने में देखने को मिले हैं। ढाका सहित हर रैली में मंच पर दो कुर्सियाँ खाली रखी जाती थीं एक पार्टी नेता और अध्यक्ष खालिदा जिया के लिए जिन्हें 2017 में सात साल के लिए जेल में डाल दिया गया था 2020 में उनकी सजा को इस शर्त पर निलंबित कर दिया गया था कि वह ढाका नहीं छोड़ेंगी। दूसरी कार्यवाहक चेयरपर्सन और उनके बेटे तारिक रहमान के लिए जो 2004 में हसीना हत्या के प्रयास मामले में आजीवन कारावास की सजा के बाद स्व-निर्वासन में लंदन में रह रहे हैं।
महीने भर की लामबंदी ने 2023 के आम चुनावों से पहले बांग्लादेश में राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है। न तो सरकार और न ही अवामी लीग ने मांगों पर आधिकारिक रूप से प्रतिक्रिया दी है। पार्टी कार्यालय के बाहर पुलिस से झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई। रैली से एक दिन पहले बीएनपी के दो शीर्ष नेताओं पार्टी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर और स्थायी समिति के सदस्य मिर्जा अब्बास को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने हालांकि रैली की अनुमति दे दी थी।
एक नेतृत्व शून्य से पीड़ित और जमात-ए-इस्लामी के साथ संबद्ध होने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम एक पार्टी जिसने बांग्लादेश की मुक्ति की कोशिश करने और उस विफल करने के लिए पाकिस्तानी सेना के साथ सहयोग किया था। बीएनपी पिछले 15 वर्षों से बिना चुनाव जीते भटकती रही है। जेआई और अन्य इस्लामी पार्टियों के साथ इसके संबंध ने धर्मनिरपेक्ष बांग्लादेशी मतदाताओं के एक बड़े वर्ग का समर्थन खो दिया था।
मास्को । यूक्रेन पर फरवरी में भीषण हमले शुरू करने वाला रूस पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से बेहाल है। यूरोपीय देशों ने रूस से तेल और गैस का आयात कम कर दिया है। इससे ऊर्जा के बड़े निर्यातक रूस के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है। इस महासंकट की घड़ी में भारत ने अमेरिकी धमकी के बाद भी खुलकर रूस का साथ दिया है। आलम यह है कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस से भारत को तेल के निर्यात में 14 गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। रूस भारत को बेहद सस्ते दर से तेल मुहैया करा रहा है जिससे केंद्र सरकार को महंगाई रोकने में मदद मिली है।
भारत के रूस से तेल का आयात बढ़ाने पर यूक्रेन के विदेश मंत्री ने मोदी सरकार पर खुलकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि भारत को सस्ता तेल इसलिए मिल रहा है कि यूक्रेनी जनता भीषण रूसी हमले झेल रही है। भारत को रूसी तेल का निर्यात जहां 14 गुना बढ़ा है वहीं चीन को भी दो गुना हो गया है। इन दोनों ही खरीददारों की मदद से रूस को यूरोपीय देशों से हुए घाटे की भरपाई करने में मदद मिल रही है। भारत की इस मदद से रूस खुश है।
अमेरिकी दबाव के बाद भी तेल खरीदने पर रूस ने खुलकर भारत की तारीफ की है। भारत में रूस के उपराजदूत रोमन बाबूशकिन ने कहा कि भारत ने तेल खरीदने पर एक स्वतंत्र नीति अपनाई है। रूस ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब जी7 देश ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ ने रूसी तेल पर एक प्राइस कैप लगा दिया है। रोमन बाबूशकिन ने कहा कि यह पूरी तरह से मूर्खतापूर्ण हालात है जहां तेल के खरीदार दाम तय कर रहे हैं न कि विक्रेता। उन्होंने कहा कि रूस ऐसे किसी देश को तेल नहीं देगा जो तेल के दाम तय करने का समर्थन करता है।
इससे पहले यूरोपीय और जी7 देश रूसी तेल का दाम 60 डॉलर प्रति बैरल तय करने पर सहमत हुए हैं। यह प्रतिबंध अगले साल 5 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। इसके दायरे में रूस का 90 फीसदी तेल आएगा। जी7 देशों ने यह प्रतिबंध ऐसे समय पर लगाया है जब रूस भारत जैसे कुछ देशों को कम दाम पर तेल मुहैया करा रहा है। भारत साल 2021 में औसतन 35 हजार बैरल तेल प्रतिदिन आयात करता था जो मार्च 2022 में बढ़कर 68 हजार बैरल प्रतिदिन हो गया। रूस के तेल पर प्राइस कैप से भारत की कंपनियों को बड़ा फायदा होने जा रहा है। इसकी वजह यह है कि रूसी तेल के खरीदार कम हो गए हैं।
वाशिंगटन । अमेरिका के मिनेसोटा में जहर देकर मारे गए जानवरों को खाने से कम से 13 ‘बाल्ड बाज बीमार पड़ गए और उसमें से तीन की मौत हो गई। मिनेसोटा के एक ढलाव घर में अनुचित तरीके से इन मृत जानवरों को फेंका गया था। खबरों के अनुसार इस महीने मिनियापोलिस के उपनगर इन्वर ग्रोव हाइट्स में पाइन बेंड लैंडफिल के समीप इन बाजों के पाए जाने के बाद संघीय वन्यजीव अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। इनमें से 10 बाज यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा रैप्टर सेंटर में भर्ती हैं।
सेंटर की कार्यकारी निदेशक ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि ये पक्षी जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे। हॉल ने बताया कि ये बाज अचेत अवस्था में मिले थे और रैप्टर सेंटर के कर्मियों को यह मालूम नहीं था कि ये जीवित हैं। पशु चिकित्सकों को संदेह है कि जिन बाज की मौत हुई है उन्होंने इसतरह के मृत जानवर को खाया था जिन्हें पेंटोबार्बिटल दवा देकर मारा गया था और जांचकर्ताओं ने पुष्टि की कि इन जानवरों को दो दिसंबर को भराव क्षेत्र में फेंका गया।
ब्रिस्बेन । ऑस्ट्रेलिया के ग्रामीण इलाके में दो पुलिस अधिकारियों सहित छह लोगों की गोली मारकर हत्या की गई। पुलिस अधिकारी एक व्यक्ति के लापता होने की शिकायत की जांच के सिलसिले में मौके पर पहुंचे थे। पुलिस ने बताया कि हिंसा शाम करीब पौने पांच बजे हुई जब चार अधिकारी क्वींसलैंड राज्य में एक दूरस्थ संपत्ति पर पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि कम से कम दो हमलावरों ने वाईंबिला में ग्रामीण इलाके में पुलिस अधिकारियों पर गोलियां चलाईं।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने जवाबी कार्रवाई की लेकिन दो अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए और घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। मौके पर मौजूद एक अन्य व्यक्ति की भी गोली लगी और उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि शुरुआती गोलीबारी में एक अन्य अधिकारी को गोली लग गई जबकि एक अन्य अधिकारी वहां से जान बचाकर निकलने में सफल रहा। अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद विशेष पुलिस अधिकारियों और हवाई बल को सहायता के लिए बुलाकर घटनास्थल की घेराबंदी की गई।
इसके बाद रात करीब साढ़े 10 बजे के बाद पुलिस के साथ एक अन्य मुठभेड़ में दो पुरुषों तथा एक महिला की मौत हो गई। दुर्भाग्य से हाल में किसी एक घटना में हताहत हुए यह सबसे अधिक लोग हैं। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा वाईंबिला में भयानक दृश्य।
मध्य अमेरिकी देश ग्वाटेमाला में एक सक्रिय ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ है ज्वालामुखी विस्फोट के बाद ग्वाटेमाला सिटी में देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट और एक प्रमुख हाईवे को अस्थाई रूप से बंद करना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फुएगो (Fuego) नाम के ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ, जो शनिवार से रविवार तक सक्रिय रहा। इसके कारण आसमान में दो किलोमीटर तक राख उड़ती हुई दिखाई दी। हवा के कारण राख 35 किलोमीटर दूर ग्वाटेमाला सिटी तक पहुंच गई।
सिविल एरोनॉटिक्स के महानिदेशालय ने एक बयान में कहा कि ज्वालामुखी विस्फोट के बाद रनवे पर राख आने के कारण ग्वाटेमाला सिटी से छह किलोमीटर दक्षिण में स्थित ला ऑरोरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सुबह के समय अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, विपरीत परिस्थिति के चलते कम से कम दो आने वाली उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा। हालांकि, गर्द-गुबार के हटने के बाद स्थानीय समयानुसार दोपहर के आसपास फिर से एयरपोर्ट को खोल दिया गया।
यातायात पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि दक्षिणी और मध्य ग्वाटेमाला को जोड़ने वाले हाईवे को एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया था। ज्वालामुखी विस्फोट रुकने के बाद इसे रविवार दोपहर फिर से खोल दिया गया।
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले कई महीनों से संघर्ष जारी है। इस बीच एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन में लड़ाई के लिए जाने से इनकार करने पर रूस अपने ही सैनिकों को जेल में बंद कर रहा है। साथ ही उनकी पिटाई की जाती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसी सैनिकों और उनके परिवारों ने तैयारियों में कमी को लेकर शिकायत की। लेकिन सैनिकों को उनके उद्देश्य के बारे में कम जानकारी के साथ ही आगे बढ़ने का आदेश दिया जा रहा है।
दो रूसी सैनिकों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि उनमें से एक ने रूसी जवानों को मौत के मुंह में धकेलने से इनकार कर दिया था। एक सैनिक ने बताया कि जब रूस ने यूक्रेन पर हमला शुरू किया, तो उसने अग्रिम मोर्च के सैनिकों को कम समर्थन मिलने की वजह से लड़ने से इनकार कर दिया। इसके बाद उसे और अन्य सैनिकों को जेल में बंद कर दिया गया था।
एक अन्य सैन्य अधिकारी ने बताया कि जब उसने युद्ध के लिए मोर्चा संभालने से इनकार कर दिया, तो उसे और चार अन्य सैन्य अधिकारियों को एक इमारत के तहखाने में कैद कर दिया गया था। तब रूसी सेना ने उसकी मां को जानकारी दी थी कि विशेष इमारत पर की गई गोलाबारी के बाद सभी लापता हैं, जबकि उन्हें कैद किया गया था।
कनाडा के अलबर्टा प्रांत में भारतीय मूल के एक सिख युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले को लेकर पुलिस ने बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि पीड़ित की पहचान सनराज सिंह के रूप में हुई है। गोली चलने की घटना तीन दिसंबर को रात को सामने आई थी। कनाडा में इस महीने इस तरह की यह दूसरी घटना है।
मृतक सनराज एक वाहन में घायल अवस्था में मिला था, आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के आने से पहले पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसके बचाने की कोशिश की उसको सीपीआर दिया। लेकिन अस्पताल में उसको मृत घोषित कर दिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत के तरीके को हत्या बताया गया है।
पुलिस के मुताबिक, एक संदिग्ध वाहन को इलाके से निकलते हुए देखा गया था और जांचकर्ताओं ने इसकी तस्वीरें जारी की थीं। निवासियों को तीन दिसंबर की रात को किसी भी संदिग्ध गतिविधि के लिए अपने सीसीटीवी कैमरे फुटेज की जांच करने के लिए भी कहा गया।
इससे पहले ओंटारियो प्रांत में तीन दिसंबर को एक 21 वर्षीय सिख महिला पवनप्रीत कौर की गोली मार दी गई थी। नवंबर में, एक 18 वर्षीय भारतीय मूल के किशोर, महकप्रीत सेठी की ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में एक हाई स्कूल पार्किंग में चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में चीनी लोगों के बीच लोकप्रिय गेस्ट हाउस के पास जोरदार धमाका हुआ है। कुछ लोगों ने होटल के अंदर घुसकर गोलीबारी भी की है। विदेशी मीडिया ने स्थानीय निवासियों के हवाले से बताया कि आसपास के लोगों ने विस्फोट और गोलीबारी की आवाज सुनी। सुरक्षा अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला।
तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि जान बचाने के लिए खिड़की से कूदे दो विदेशी नागरिक घायल हुए हैं, जबकि तीन हमलावरों को मार गिराया गया है। शार-ए-नॉव इलाके में यह होटल स्थित है। किसी संगठन ने अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन इलाके में तालिबान विरोधी आतंकी गुट इस्लामिक स्टेट सक्रिय है और पिछले साल से ही हमले तेज कर दिए हैं।
काबुल पुलिस के प्रवक्ता खालिद जदरान ने कहा, हमला कई घंटे तक जारी रहा। हमलावरों के खिलाफ अभियान चलाया गया है। वहीं, स्थानीय निवासियों ने कहा कि विस्फोट के बाद गोलीबारी की आवाजें भी सुनी गईं। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में होटल से धुएं का गुब्बार निकलते दिखाई दे रहा है। तालिबान के डर से अपना नाम गुप्त रखते हुए कुछ और लोगों ने भी बताया कि धमाकों के बाद बहुत देर तक फायरिंग की आवाज सुनाई दी।
इससे पहले अफगानिस्तान में छह दिसंबर की दोपहर में जलालाबाद शहर के मनी एक्सचेंज मार्केट में जोरदार धमाका हुआ था। जलालाबाद अफगानिस्तान का पांचवां सबसे बड़ा शहर है। इससे पहले इसी दिन उत्तरी अफगानिस्तान के बल्ख प्रांत में एक तेल कंपनी के कर्मचारियों को ले जा रहे वाहन में जोरदार धमाका हुआ था। इस धमाके में कई लोगों की मौत भी हुई थी।
अंकारा| तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने तुर्की-रूस संबंधों पर चर्चा की, जिसमें ब्लैक सी ग्रेन कॉरिडोर के माध्यम से निर्यात और तुर्की-सीरिया सीमा पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई शामिल है। रविवार को जारी बयान के मुताबिक, एर्दोगन ने एक फोन कॉल में पुतिन से कहा कि अनाज सौदे ने 13 मिलियन टन से अधिक अनाज को जरूरतमंदों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया, यह देखते हुए कि वे अनाज गलियारे के माध्यम से विभिन्न खाद्य उत्पादों और धीरे-धीरे अन्य वस्तुओं के निर्यात पर काम करना शुरू कर सकते हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 22 जुलाई को रूस और यूक्रेन ने अलग से तुर्की और संयुक्त राष्ट्र के साथ इस्तांबुल में एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए, ताकि रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच वैश्विक बाजार में अनाज और उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
अंकारा का कहना है कि वह विश्व बाजारों में भी रूसी अनाज और उर्वरक निर्यात को फिर से शुरू करने का मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास कर रहा है।
तुर्की के राष्ट्रपति ने तुर्की सुरक्षा बलों और कुर्दिश पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स के बीच हाल के तनाव पर भी विस्तार से बताया और रूस से 2019 के समझौते को लागू करने का आग्रह किया, जिसमें सीरिया के साथ तुर्की की सीमा से 30 किमी दूर सीरियाई कुर्द लड़ाकों की वापसी की परिकल्पना की गई है।
22 अक्टूबर, 2019 को एर्दोगन और पुतिन ने सोची, रूस में एक बैठक की, जिसमेंपीजी सेनानियों को तुर्की की सीमा से 30 किमी दक्षिण में खींचने और तुर्की और रूसी सैनिकों के बीच संयुक्त गश्त शुरू करने पर सहमति हुई।
तुर्की ने 13 नवंबर को तुर्की के सबसे बड़े शहर इस्तांबुल में बम विस्फोट के बाद उत्तरी सीरिया में वाईपीजी और उत्तरी इराक में कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के खिलाफ 20 नवंबर को एक हवाई अभियान चलाया, जिसमें छह लोग मारे गए और अन्य 81 घायल हो गए।
हमले के बाद तुर्की पुलिस ने कहा कि उन्होंने अहलम अलबशीर नाम की एक सीरियाई महिला को हिरासत में लिया है, जिसने वाईपीजी से आदेश लेने की बात स्वीकार की, जिसे अंकारा पीकेके की सीरियाई शाखा मानता है।
तुर्की सुरक्षा पट्टी बनाने के लिए सबसे सुविधाजनक समय पर उत्तरी सीरिया में एक जमीनी अभियान शुरू करेगा, एर्दोगन ने पिछले हफ्तों में कई बार शपथ ली है।
तुर्की, अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध पीकेके ने तीन दशकों से अधिक समय तक तुर्की सरकार के खिलाफ विद्रोह किया है।
जकार्ता| पश्चिम जावा प्रांत के साइरेबॉन रीजेंसी में एक ट्रेन की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया। पीटी केरेटा एपी इंडोनेशिया (केएआई) के रीजनल ऑपरेशंस-3 साइरबोन के एक प्रवक्ता, अयेप हनापी ने रविवार को कहा कि जब ट्रेन जकार्ता के गाम्बिर से जा रही थी, तब मोटरसाइकिल पर सात साल के बच्चे सहित तीनों ने लेवल क्रॉसिंग पर यात्रा की थी। साइरबन पूर्वाह्न् 11:23 बजे गुजरा।
हनापी ने गवाहों का हवाला देते हुए कहा, "जब चेतावनी सायरन बज रहा, उसी बीच वे पार हो गए।"
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, तीनों को नजदीकी चिकित्सा केंद्र ले जाया गया है।
इंडोनेशिया में इस साल रेलवे क्रॉसिंग पर दुर्घटनाओं के पांच, पिछले साल आठ और 2020 में नौ मामले दर्ज किए गए।
संयुक्त राष्ट्र| पश्चिमी देशों के साथ-साथ चीन और रूस द्वारा आम सहमति जताने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव पर भारत अकेला खड़ा रहा और उसने चेतावनी दी कि यह प्रस्ताव लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे आतंकवादी समूहों को सहायता की अनुमति दे सकता है।
अन्य सभी 14 सदस्यों के समर्थन के साथ शुक्रवार को पारित प्रस्ताव दो साल के लिए आतंकवादी समूहों पर लगाए गए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों से 'मानवीय सहायता' कहे जाने वाले प्रावधान को छूट देता है।
भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने इस कदम को आतंकवादी समूहों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का 'मजाक' बताया और चेतावनी दी, "इस तरह की छूट से हमारे क्षेत्र में राजनीतिक स्थान में आतंकवादी संस्थाओं को 'मुख्यधारा' में लाने में मदद नहीं मिलनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "हमारे पड़ोस में आतंकवादी समूहों के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें इस परिषद द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादी समूह शामिल हैं, जिन्होंने इन प्रतिबंधों से बचने के लिए खुद को मानवतावादी संगठनों और नागरिक समाज समूहों के रूप में फिर से अवतार लिया।"
उन्होंने कहा, "ये आतंकवादी संगठन धन जुटाने और लड़ाकों की भर्ती के लिए मानवीय सहायता क्षेत्र की छत्रछाया का उपयोग करते हैं।"
परिषद ने इस घटना को मान्यता दी है और एलईटी से जुड़े फ्रंट संगठनों जैसे अल-अख्तर ट्रस्ट इंटरनेशनल या जैश से जुड़े अल रशीद ट्रस्ट जैसे संगठनों से जुड़े व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जो मानवतावादी समूहों के रूप में मुखर संगठन पाए गए हैं।
कंबोज ने कहा कि अल कायदा और इस्लामिक स्टेट और जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर सहित उनके सहयोगियों पर परिषद के प्रस्ताव 1267 द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के लिए निगरानी टीम के लिए एक भूमिका देने की भारत की मांग को प्रस्ताव में शामिल नहीं किया गया था।
उन्होंने कहा, "भारत ने 1267 मॉनिटरिंग टीम के लिए मजबूत रिपोर्टिग मानकों और तंत्र के साथ एक सक्रिय भूमिका के प्रस्ताव के पाठ में मांग की थी। हमें खेद है कि इन विशिष्ट चिंताओं को आज अपनाए गए अंतिम पाठ में पूरी तरह से संबोधित नहीं किया गया।"
प्रस्ताव पेश करते हुए अमेरिकी स्थायी प्रतिनिधि लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा, "हम सभी को मानवतावादी भागीदारों को दुनिया के सबसे कमजोर लोगों तक पहुंचने में मदद करने के लिए अपनी शक्ति में सब कुछ करना चाहिए, चाहे वे कहीं भी रहते हों, जिनके साथ रहते हों और जो उनके क्षेत्र को नियंत्रित करते हों।"
उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों ने सहायता प्रदान करने के क्षेत्र में समस्याएं पैदा कीं और मानवीय संगठनों ने छूट के लिए कहा था।
चीन के उप स्थायी प्रतिनिधि गेंग शुआंग ने छूट का समर्थन करते हुए कहा कि बीजिंग ने इस तरह के उपायों के लिए कहा था और संकल्प के सह-प्रायोजक अमेरिका और आयरलैंड इसका जवाब दे रहे थे।
साथ ही उन्होंने अमेरिका और भारत जैसे देशों द्वारा लगाए गए एकतरफा प्रतिबंधों की आलोचना की।
उन्होंने जोर देकर कहा, "वे प्रतिबंध अक्सर बड़ी अराजकता और आपदा पैदा करते हैं और मानवीय संकट को बढ़ाते हैं।"
रूस के स्थायी प्रतिनिधि अन्ना एवतिग्नीवा ने भी देशों द्वारा रखे गए आतंकवादी समूहों पर प्रतिबंधों की आलोचना की।
केवल परिषद को प्रतिबंध लगाने चाहिए और उसे देशों के राजनीतिक दृष्टिकोण से मुक्त मानवीय पहलुओं पर निर्णय लेना चाहिए।
भारत में, कांग्रेस पार्टी के सांसद शशि थरूर ने भारत के बहिष्कार का स्वागत करते हुए इसे 'अच्छा कदम' बताया।
उन्होंने ट्वीट किया, "प्रस्ताव के पीछे की मानवीय चिंताओं को समझते हुए मैं भारत के उन आपत्तियों से पूरी तरह सहमत हूं, जिसने इसके बहिष्कार को प्रेरित किया। हमें रुचिकांबोज के शब्दों को साबित करने के लिए सबूत के लिए सीमा पार देखने की जरूरत नहीं है।"
लाहौर| पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने गठबंधन सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर देश डिफॉल्ट करता है तो इससे 'चोरों के गिरोह' के हितों को कोई नुकसान नहीं होगा। जियो न्यूज के मुताबिक, इमरान खान ने कहा है कि 'चोरों के गिरोह' के पास विदेशों में अरबों डॉलर की संपत्ति है, इसलिए उन्हें देश के आर्थिक पतन की परवाह नहीं है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान ने कहा कि अमेरिकी डॉलर में और तेजी आएगी, यदि पाकिस्तान डिफॉल्ट करता है तो यहां कोई विदेशी निवेश नहीं होगा। उन्होंने कहा कि "हम पर चोरों का एक ग्रुप थोपा गया है, यह गिरोह पिछले 30 साल से राष्ट्रीय संपत्ति की चोरी कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वे लोग हुंडी और हवाला सहित अवैध तरीकों से विदेशों में लूटे गए धन को सफेद कर रहे थे।"
एक दिन पहले वित्तमंत्री इशाक डार ने दोहराया था कि अर्थव्यवस्था सही दिशा में जा रही है और यह डिफॉल्ट नहीं होगी। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के साथ कोई और प्रयोग नहीं किया जा सकता, क्योंकि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान अपने सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजरा था।
इमरान खान ने कहा कि जब हुदैबिया पेपर मिल्स मामला सामने आया तो लोगों को मालूम हुआ कि शरीफ परिवार कैसे लूटे गए धन को सफेद कर रहा है।
जियो न्यूज ने बताया कि शरीफ परिवार के फ्रंट मैन इशाक डार ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज किया और मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा किया।
लाहौर| पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने गठबंधन सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर देश डिफॉल्ट करता है तो इससे 'चोरों के गिरोह' के हितों को कोई नुकसान नहीं होगा। जियो न्यूज के मुताबिक, इमरान खान ने कहा है कि 'चोरों के गिरोह' के पास विदेशों में अरबों डॉलर की संपत्ति है, इसलिए उन्हें देश के आर्थिक पतन की परवाह नहीं है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान ने कहा कि अमेरिकी डॉलर में और तेजी आएगी, यदि पाकिस्तान डिफॉल्ट करता है तो यहां कोई विदेशी निवेश नहीं होगा। उन्होंने कहा कि "हम पर चोरों का एक ग्रुप थोपा गया है, यह गिरोह पिछले 30 साल से राष्ट्रीय संपत्ति की चोरी कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वे लोग हुंडी और हवाला सहित अवैध तरीकों से विदेशों में लूटे गए धन को सफेद कर रहे थे।"
एक दिन पहले वित्तमंत्री इशाक डार ने दोहराया था कि अर्थव्यवस्था सही दिशा में जा रही है और यह डिफॉल्ट नहीं होगी। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के साथ कोई और प्रयोग नहीं किया जा सकता, क्योंकि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान अपने सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजरा था।
इमरान खान ने कहा कि जब हुदैबिया पेपर मिल्स मामला सामने आया तो लोगों को मालूम हुआ कि शरीफ परिवार कैसे लूटे गए धन को सफेद कर रहा है।
जियो न्यूज ने बताया कि शरीफ परिवार के फ्रंट मैन इशाक डार ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज किया और मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा किया।