ईश्वर दुबे
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लंदन| टॉवर ऑफ लंदन के सामने एक ऐतिहासिक भूखंड पर स्थित एक अपार्टमेंट परिसर के निवासी चाहते हैं कि ब्रिटेन के राजा चार्ल्स इसे फिर से खरीद लें, उनका दावा है कि इसका वर्तमान मालिक चीन इसे अपने राजनयिक गतिविधि के केंद्र में बदल देगा। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। सीएनएन के मुताबिक, ब्रिटिश राजशाही ने 2010 में रॉयल मिंट कोर्ट, यानी 5.4 एकड़ का प्लॉट एक संपत्ति कंपनी को बेच दिया, जहां कभी ब्रिटेन के सिक्के बनाने वाली फैक्ट्री थी।
बीजिंग ने 2018 में वह साइट खरीदी और अब युनाइटेड किंगडम में इसे अपने नए दूतावास में बदलने के लिए लाखों डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहा है।
स्थानीय परिषद, टॉवर हैमलेट्स, गुरुवार को साइट के प्रस्तावों पर निर्णय लेने के लिए है, जिसमें बड़े पैमाने पर डिकमीशन किए गए कार्यालय और रॉयल मिंट के लिए निर्मित 19वीं शताब्दी की एक भव्य इमारत शामिल है। यदि आर्किटेक्ट डेविड चिपरफील्ड द्वारा तैयार की गई योजनाओं को मंजूरी मिल जाती है, तो यह साइट चीन के सबसे बड़े राजनयिकों के केंद्र में से एक बन जाएगी, जहां सैकड़ों कर्मचारियों के लिए आवास, एक सांस्कृतिक आदान-प्रदान और एक व्यापार केंद्र है।
लेकिन रॉयल मिंट कोर्ट में कुछ ऐतिहासिक विसंगति है। लगभग 30 साल पहले क्राउन एस्टेट इस जमीन का मालिक था, जो ब्रिटिश राजशाही के गैर-निजी संपत्ति हितों का प्रबंधन करता है। इसने पुलिस अधिकारियों और नर्सो को घर उपलब्ध कराने के लिए एक सरकारी योजना के हिस्से के रूप में साइट के हिस्से पर अपार्टमेंट का एक सेट बनाया, जिसका उद्घाटन महारानी एलिजाबेथ-द्वितीय ने 1989 में किया था।
नए अपार्टमेंट के मालिकों को भूमि पर 126 साल का पट्टा दिया गया था - ब्रिटिश संपत्ति कानून में यह एक आम प्रथा है, जहां निवासी अपनी संपत्ति की ईंटों और मोर्टार के मालिक होते हैं, लेकिन अब एक फ्रीहोल्डर इकाई इस जमीन का मालिक है।
चीन पर विदेशों में चीनी नागरिकों की निगरानी करने और उन्हें घर लौटने के लिए मजबूर करने के लिए विदेशी पुलिस स्टेशनों के रूप में अपने राजनयिक चौकियों, शिथिल संबद्ध सामुदायिक संघों का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है। ब्रिटेन में ऐसे तीन परिसरों की खबरों पर ब्रिटिश सांसदों ने चिंता जताई है।
निवासी समूह के अध्यक्ष डेविड लेक ने किंग चार्ल्स को पत्र में लिखा है, "मुझे डर है कि एक कूटनीतिक घटना घटित होगी, क्योंकि चीनी सरकार के पास दूरगामी दृष्टि और अत्यधिक शक्तियां हैं।"
अमेरिकी राज्य हवाई में दुनिया का सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी 'मौना लोआ' लगभग 40 वर्षों में पहली बार फटा है। लावा प्रवाह ज्यादातर शिखर के भीतर समाहित है, लेकिन निवासियों को अलर्ट पर रखा गया है और पहले राख गिरने के जोखिम के बारे में चेतावनी दी गई थी। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने कहा कि सक्रिय ज्वालामुखी रविवार रात फूटना शुरू हुआ और सोमवार सुबह इसका लावा अपने शिखर से बह रहा था। लावा पहाड़ियों से नीचे की ओर से बह रहा है। इसे आबादी तक पहुंचने में एक हफ्ते का समय लग सकता है।
हवाईन वोल्कानो ऑब्जर्वेटरी (एचवीओ) ने कहा, "शिखर क्षेत्र से लावा का प्रवाह दिखाई दे रहा है। तेज हवाएं ज्वालामुखीय गैस और संभवत: महीन राख को नीचे की ओर ले जा सकती हैं।" दरअसल, मौना लोआ भारी मात्रा में सल्फर डाई ऑक्साइड और दूसरी ज्वालामुख्यी गैसें उगल रहा है। ये गैसें भाप, ऑक्सीजन और धूल से मिलकर स्मॉग बनाती हैं। हालांकि, अधिकारियों ने कहा है कि इस लावा से आबादी वाले इलाकों को खतरा होने की उम्मीद नहीं है।
यूएसजीएस के मुताबिक, मौना लोआ 1843 के बाद से 33 बार फूट चुका है। यह आखिरी बार 1984 में फूटा था, तब इसका लावा पहाड़ियों पर 4.5 मील तक आया आया था। एवीओ ने कहा कि वह आपातकालीन प्रबंधन के साझेदारों के साथ परामर्श कर रहा है और वह गतिविधि पर और अपडेट देने के लिए ज्वालामुखी की बारीकी से निगरानी करेगा।
सुरक्षाबलों ने मंगलवार को पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में मुठभेड़ के दौरान 10 संदिग्ध आतंकवादियों को मार गिराया। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के अनुसार, बलूचिस्तान प्रांत के होशब इलाके में खुफिया जानकारी के आधार पर एक आतंकवादी ठिकाने को खाली करने के लिए सुरक्षाबलों ने एक ऑपरेशन चलाया था, इसी ऑपरेशन के दौरान ये आतंकवादी मारे गए।
मारे गए आतंकवादियों पर सुरक्षाबलों और नागरिकों पर सशस्त्र हमला करने और ग्वादर-हशब (एम-8) रोड पर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) प्लांट करने के आरोप थे। आईएसपीआर ने कहा कि चूंकि सुरक्षाबल 12-14 आतंकवादियों के ठिकानों की पहचान करने के बाद उसे खाली कराने की प्रक्रिया में थे, लेकिन आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। दोनों के बीच भारी गोलीबारी के दौरान 10 आतंकवादी मारे गए, जबकि एक आतंकवादी को घायल हालत पकड़ लिया गया है और दो आतंकवादी भागने में सफल रहे। बयान में यह नहीं बताया गया कि मारे गए आतंकवादी किस संगठन से जुड़े थे।
चीन ने अपने निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन के लिए मंगलवार को तीन अंतरिक्ष यात्रियों अंतरिक्ष यान से रवाना किया था। अब खबर है कि इस चालक दल ने स्पेस स्टेशन में पहले से मौजूद तीन अन्य अतंरिक्ष यात्रियों से मुलाकात की है। पहले से मौजूद दल ने नए अंतरिक्ष यात्रियों का स्वागत किया और एक तस्वीर भी ली।
बता दें, तीन अंतरिक्षण यात्रियों के चालक दल के साथ शेनझोउ-15 अंतरिक्ष यान को उत्तर-पश्चिम चीन में जियुक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्च किया गया था। इसमें तीन अंतरिक्ष यात्री- फी जुनलॉन्ग, डेंग किंगमिंग और झांग लू सवार थे। फी मिशन के कमांडर होंगे। यह प्रक्षेपण लॉन्ग मार्च-2एफ कैरियर रॉकेट से किया गया।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, छह अंतरिक्ष यात्री पांच दिनों तक अंतरिक्ष स्टेशन के काम को पूरा करेंगे, इसके बाद बचे हुए काम को नए चालक दल को सौंपकर पहले से मौजूद दल वापस पृथ्वी पर लौट आएगा। यह दल अंतरिक्ष में छह महीने का समय पूरा करके पृथ्वी पर लौट रहा है।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने मंगलवार को देश के नए सेना प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभाला। मुनीर जनरल कमर जावेद बाजवा की जगह लेंगे। बाजवा को 2016 में तीन साल के लिए सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था। साल 2019 में उन्हें तीन साल का सेवा विस्तार दिया गया था। मुनीर ने ‘जनरल हैडक्वार्टर’ में आयोजित एक समारोह में कार्यभार संभाला और इसी के साथ वह ‘आर्मी स्टाफ’ के 17वें प्रमुख बन गए।
देश के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुनीर को 24 नवंबर को सेना प्रमुख नामित किया था। पाकिस्तान में पूर्व में कई बार तख्तापलट हुआ है, जहां सुरक्षा एवं विदेशी नीति के मामलों में सेना के पास काफी ताकत है। मुनीर पहले ऐसे सेना प्रमुख है, जिन्होंने दो सबसे शक्तिशाली खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस और मिलिट्री इंटेलिजेंस के प्रमुख के रूप में सेवाएं दी हैं। हालांकि वह अब तक सबसे कम समय के लिए आईएसआई प्रमुख रहे।
आठ महीने के अंदर 2019 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के कहने पर उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को आईएसआई प्रमुख नियुक्त किया गया था। पाकिस्तान को अस्तित्व में आए 75 से ज्यादा साल हो चुके हैं और देश में आधे से अधिक समय तक सेना का शासन रहा है। ऐसे में देश के सुरक्षा और विदेश नीति मामलों में सेना का काफी दखल रहा है।
मुनीर ‘फ्रंटियर फोर्स रेजिमेंट’ के जरिए सेना में शामिल हुए थे। जब जनरल बाजवा एक्स कोर के कमांडर थे, तब मुनीर उनके मातहत फोर्स कमान नॉर्दन एरिया में ब्रिगेडियर थे। तब से मुनीर बाजवा के करीबी रहे हैं। बाद में 2017 की शुरुआत में मुनीर को ‘मिलिट्री इंटेलिजेंस’ का प्रमुख नियुक्त किया गया था और उसके अगले साल अक्टूबर में आईएसआई प्रमुख बनाया गया था, लेकिन उन्हें कुछ समय बाद ही इस पद से हटा दिया गया था।
इसके बाद उन्हें गुजरांवाला कोर कमांडर के तौर पर तैनात किया गया था और वह दो साल इस पद पर रहे। बाद में उन्हें क्वार्टरमास्टर जनरल के तौर पर स्थानांतरित कर दिया गया। वह पहले ऐसे सेना प्रमुख हैं, जिन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया है। नए सेना प्रमुख को आतंकवादियों के खतरे समेत कई समस्याओं से निपटना होगा, लेकिन उनकी अहम परीक्षा यह होगी कि वह पूर्व सेना प्रमुख जनरल बाजवा के इस फैसले पर कैसे टिके रह पाते हैं कि सेना राजनीति से दूरी बनाए रखेगी।
आईएसआई (ISI) के पूर्व प्रमुख और पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों में से एक, लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद ने मंगलवार को अपनी सेवानिवृति को लेकर बड़ी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वे समय से पहले रिटायरमेंट ले लेंगे। जनरल फैज हामि के इस फैसले के पीछे उनकी नाराजगी बताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त नहीं होने की वजह से उन्होंने यह फैसला लिया है।
डॉन अखबार ने सहयोगी मीडिया आउटलेट डॉनन्यूज टीवी के हवाले से बताया कि बहावलपुर कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट-जनरल हामिद ने देश के सेना प्रमुख के रूप में नहीं चुने जाने के बाद जल्दी सेवानिवृत्ति लेने का फैसला किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जनरल हामिद ने अपना इस्तीफा आलाकमान को भेज दिया है। सेना प्रमुख जनरल मुनीर के मंगलवार को कार्यभार संभालने के बाद होने वाली नई पोस्टिंग से पहले अधिकारियों ने उनका इस्तीफा पहले ही स्वीकार कर लिया है।
पाकिस्तान में सोमवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई। सूत्र ने बताया कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के दक्षिणी वजीरिस्तान कबायली जिले की सीमा से सटे अशांत लक्की मरवत में मुठभेड़ हुई। सुरक्षाबलों की गोलीबारी में TTP कमांडर टीपू और दस अन्य आतंकवादी मारे गए।
सूत्र ने कहा कि दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में सुरक्षा बल भी घायल हुए हैं। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं की गई है। अफगान सीमा से आने वाले TTP के लड़ाकों और सुरक्षाबलों का आमना-सामना हो गया, जिसके परिणामस्वरूप गोलीबारी हुई। आतंकवादी पूरी तरह से अमेरिकी नाइट विजन डिवाइस (एनवीडी) उपकरण और भारी हथियारों से लैस थे।
प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने जून में सरकार के साथ हुए अनिश्चितकालीन संघर्ष विराम को सोमवार को वापस ले लिया और अपने उग्रवादियों को देश भर में हमले करने का आदेश दिया। आतंकवादी समूह ने एक बयान में कहा विभिन्न क्षेत्रों में मुजाहिदीन (आतंकवादियों) के खिलाफ सैन्य अभियान चल रहे हैं। इसलिए पूरे देश में हमले कर सकते हैं।
TTP को पाकिस्तान तालिबान के रूप में भी जाना जाता है। यह 2007 में कई आतंकवादी संगठनों को मिलाकर बना था। TTP ने कहा कि खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू और लक्की मरवत क्षेत्रों में सैन्य संगठनों द्वारा लगातार किए जा रहे हमलों के बाद युद्धविराम को समाप्त करने का निर्णय लिया।
चीन अंतरिक्ष जगत में खुद का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने जा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को वह शेनझोऊ-15 अंतरिक्ष यान लॉन्च करेगा, जो अंतरिक्ष स्टेशन के आखिरी चरण को पूर्ण करने में मदद करेगा। इसमें तीन अंतरिक्ष यात्री सवार होंगे। एजेंसी ने कहा कि अंतरिक्ष यान में फी जुनलॉन्ग, देंग किंगमिंग और झांग लू सवार होकर अंतरिक्ष स्टेशन तक जाएंगे।
बता दें कि हाल ही में चीन का अंतिम लैब मॉड्यूल ‘मेंग्शन’ उसके निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचा था। यह अमेरिका के साथ बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच अंतरिक्ष में अपनी मौजूदगी बनाए रखने के चीन के एक दशक से भी ज्यादा पुराने प्रयासों का हिस्सा है। मेंग्शन को दक्षिणी द्वीपीय प्रांत हैनान पर वेनचांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से भेजा गया था। मेंग्शन या ‘सेलेस्टियन ड्रीम्स’ चीन के निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन तियांगोंग के लिए दूसरा लैब मॉड्यूल है।
चीन की अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, तियांगोंग में अभी दो पुरुष और एक महिला अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं। चेन डोंग, काई शुझे और लियु यांग छह महीने के अभियान पर जून की शुरुआत में अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचे थे।
दुनिया के सबसे अमीर और टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क ने जब से ट्विटर को खरीदा है तब से आए दिन कोई न कोई नया विवाद सामने आ रहा है। इस बार जो मामला है वह आईफोन बनाने वाली कंपनी एपल को लेकर है। दरअसल, एलन मस्क ने आरोप लगाते हुए कहा है कि एपल ने अपने एप स्टोर से 'ट्विटर' को हटाने की धमकी दी है।
एलन मस्क ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कंटेंट मॉडरेशन की मांग पर एपल, ट्विटर पर दबाव डाल रहा है। एपल द्वारा की गई कार्रवाई आसामान्य नहीं है, क्योंकि बार-बार अन्य कंपनियों पर भी नियम थोपने की कोशिश की जा रही है। इसी के तहत उसने गैब और पार्लर जैसे ऐप्स को हटा दिया है। पार्लर को एपल द्वारा 2021 में एप द्वारा अपनी सामग्री और कंटेंट मॉडरेशन को अपडेट करने के बाद बहाल किया गया था।
एलन मस्क ने कहा कि Apple ने ट्विटर पर ज्यादातर विज्ञापन देना बंद कर दिया है। क्या वे अमेरिका में स्वतंत्र भाषण से नफरत करते हैं? बाद में उन्होंने एक अन्य ट्वीट में Apple के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक के ट्विटर अकाउंट को टैग करते हुए पूछा कि यहां क्या चल रहा है? हालांकि, Apple ने टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया।
एलन मस्क ने एक ट्वीट में एपल एप स्टोर से दूसरे एप को डाउनलोड करने पर ली जाने वाली फीस को लेकर भी आलोचना की है। मस्क ने लिखा है कि, क्या आप जानते हैं के एपल अपने एप स्टोर के माध्यम से खरीदी जाने वाली हर चीज पर गुप्त रूप से 30 फीसदी टैक्स लगाता है।
चीन में लॉकडाउन के विरोध में चल रहे प्रदर्शन को अमेरिका का साथ मिला है। अमेरिका ने इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हुए कहा कि चीन की ‘शून्य कोविड नीति’काम नहीं करने वाली है। हम समझते हैं कि चीन के लिए शून्य कोविड रणनीति के जरिए इस वायरस को नियंत्रित करना पाना बहुत मुश्किल होगा। हम दुनिया के किसी भी देश में चल रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन का समर्थन करते हैं। इस नीति के तहत चीन एक बार किसी इमारत या इलाके में कोरोना वायरस का मामला मिलने के बाद, उसे पूरी तरह से सील कर देता है जिस वजह से लोगों को असुविधा होती है।
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद समन्वयक फॉर स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशंस जॉन किर्बी ने एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका चीन के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है। किर्बी ने कहा कि अमेरिका ने फिलहाल चीन को किसी तरह की मदद की पेशकश नहीं की है। उन्होंने कहा कि हम दुनिया भर में कोविड टीकों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता हैं। हमें चीन द्वारा हमारे टीकों को प्राप्त करने के लिए कोई अनुरोध या कोई दिलचस्पी नहीं मिली है।
किर्बी ने कहा दुनिया भर में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के लिए हमारा संदेश समान और सुसंगत है। लोगों को इकट्ठा होने और शांतिपूर्ण ढंग से नीतियों या कानूनों का विरोध करने का अधिकार दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन समस्या का हल करता है।
आईजोल । बांग्लादेश के ‘चटगांव हिल ट्रैक्ट’ में हिंसा से बचकर मिजोरम आने वाले कुकी-चिन जनजातीय शरणार्थियों की संख्या बढ़कर 300 के करीब हो गई है। स्थानीय शरणार्थी आयोजन समिति के अध्यक्ष गॉस्पेल हमांगईहजुआला ने बताया कि 21 कुकी-चिन शरणार्थियों ने शुक्रवार देर रात बांग्लादेश के चटगांव हिल ट्रैक्ट (सीएचटी) से सीमा पार की। सीएचटी में कथित हिंसा के कारण मिजोरम आए कुकी-चिन शरणार्थियों के मद्देनजर लवंगतलाई जिले के परवा गांव के ग्रामीण प्राधिकारियों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने हाल ही में इस आयोजन समिति का गठन किया था। कुकी-चिन जनजाति बांग्लादेश मिजोरम और म्यांमार के पहाड़ी इलाकों में फैली हुई है। गॉस्पेल ने बताया कि 21 शरणार्थियों के सीमा पार करने के तुरंत बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सीमावर्ती गांव से लगभग 21 किलोमीटर दूर स्थित परवा गांव में इन्हें लेकर आए। उन्होंने बताया कि इस समय बांग्लादेश के कुल 294 लोगों ने परवा के एक स्कूल एक सामुदायिक सभागार एक आंगनवाड़ी केंद्र और एक उप-केंद्र में शरण ले रखी है। परवा ग्राम परिषद के अध्यक्ष गोस्पेल ने बताया कि कुकी-चिन शरणार्थियों को एनजीओ द्वारा भोजन कपड़े और अन्य राहत सामग्रियां उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि शरणार्थियों का पहला जत्था 20 नवंबर को लवंगतलाई जिले में दाखिल हुआ था। कुकी-चिन समुदाय के लोग बांग्लादेशी सेना और एक जातीय विद्रोही समूह कुकी-चिन नेशनल आर्मी (केएनए) के बीच सशस्त्र संघर्ष के बाद अपने घर छोड़कर मिजोरम आ रहे हैं। राज्य सरकार के अधिकारियों ने इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है। इससे पहले मिजोरम की कैबिनेट ने कुकी-चिन शरणार्थियों के प्रति मंगलवार को सहानुभूति व्यक्त की थी और उन्हें अस्थायी आश्रय भोजन और अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने का निर्णय लिया था। ‘सेंट्रल यंग मिजोरम एसोसिएशन’ ने भी जातीय मिजो शरणार्थियों को मानवीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है।
लंदन| ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कथित तौर पर ब्रिटेन के प्रमुख विश्वविद्यालयों में विदेशी छात्रों को प्रतिबंधित करने की योजना उनके राजकोष के चांसलर जेरेमी हंट के प्रतिरोध का सामना कर सकती है।
हंट ने कहा कि विकास को बढ़ावा देने के लिए मीडिया प्रवासन की जरूरत थी। ऐसी दीर्घकालिक योजना होनी चाहिए कि अगर हम इस तरह से प्रवासन को कम करने जा रहे हैं तो अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं पहुंचे। इसके अलावा, ब्रिटिश सरकार का शिक्षा विभाग भी आपत्तियां उठा सकता है, क्योंकि विचाराधीन कटौती से विश्वविद्यालयों के राज्य वित्त पोषण में वृद्धि होगी, जो अन्यथा उच्च शुल्क देने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों से लाभान्वित होते हैं। व्हाइटहॉल की प्रवासन सलाहकार समिति के अध्यक्ष, ब्रायन बेल ने बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि सनक के इन-ट्रे में होने वाला विचार कई विश्वविद्यालयों को नुकसान पहुंचा सकता है। बेल ने जोर देकर कहा, अधिकांश पाठ्यक्रमों के लिए अधिकांश विश्वविद्यालय ब्रिटिश छात्रों को पढ़ाने पर पैसा नहीं पाते हैं और अंतर्राष्ट्रीय छात्रों पर अधिक शुल्क लगाकर उस नुकसान की भरपाई करते हैं। इस समय ब्रिटेन में विदेशी छात्रों का सबसे बड़ा दल भारतीय हैं। अगर सुनक द्वारा लगाए जा रहे प्रतिबंध नीति बन जाए, तो भारतीयों के सबसे ज्यादा पीड़ित होने की संभावना है। नए आंकड़ों से पता चलता है कि प्रवासन आधा मिलियन से अधिक हो गया था- एक ही वर्ष में 300,000 की वृद्धि। इसके अलावा, माना जा रहा है कि सुनक जिन कदमों पर विचार कर रहा है, वह विदेशी छात्रों के आश्रितों के लिए वीजा पर रोक है। सुनक की गृह सचिव, सुएला ब्रेवरमैन ने पहले विदेशी छात्रों के बारे में चिंता व्यक्त की थी। इससे पहले, द स्पेक्टेटर पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में सुएला ने भारतीयों पर यूके में सबसे बड़े अवैध ओवर-स्टेयर्स होने का आरोप लगाया था। सुएला वास्तव में भारत से ब्रिटेन में लोगों की मुक्त आवाजाही का विरोध करती हैं, जो ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर मौजूदा बातचीत में भारत सरकार की मांगों में से एक है। हालांकि, दक्षिणपंथी अंतर्मुखी कंजर्वेटिव पार्टी अपने 42 वर्षीय नए प्रधानमंत्री के साथ आप्रवासन को कम करने के लिए विदेशी छात्रों के प्रवेश पर अंकुश लगाने पर विचार कर रही है। वहीं, उनके कुछ सांसद भी उनका साथ दे रहे हैं। ऐसे ही एक सांसद, जो ऐसे निर्वाचन क्षेत्र से जीते थे जो पूर्व में इंग्लैंड के उत्तर में विपक्षी लेबर पार्टी का गढ़ था, ने कंजर्वेटिव समर्थक डेली मेल अखबार पर कहा : ऋषि एक अच्छे परियोजना प्रबंधक या वरिष्ठ सिविल सेवक होंगे। लेकिन वह स्वाभाविक प्रधानमंत्री नहीं हैं। वह उस तरह के आदमी नहीं हैं, जिसे आप खाइयों से बाहर निकालना चाहते हैं। इस बीच, ब्रिटेन के नेशनल ग्रिड ने शीतकालीन ब्लैकआउट के बारे में अपनी पहली आपातकालीन चेतावनी जारी की और कहा कि महंगाई आसमान छू रही है। सुनक ने हाल ही में रूस के खिलाफ अपनी लड़ाई में यूक्रेन को 125 एंटी-एयरक्राफ्ट गन देने के लिए कीव का दौरा किया। जैसा कि आर्थिक तंगी काटती है, बहुसंख्यक ब्रिटेन युद्ध से थकने लगा है, जो गर्मियों में नहीं था। मेल के अनुसार: बोरिस जॉनसन के वर्षो के अविश्वसनीय बमबारी के बाद और उन्मादी तबाही जो कि ट्रस के समय में था, इस तरह के चिंतनशील विघटन का स्वागत किया जा सकता है..लेकिन देश संकट की बढ़ती भावना का अनुभव कर रहा है। और उसे एक प्रबंधक की नहीं, बल्कि एक नेता की जरूरत है। धमाकेदार मतदान के रूप में 'दागी' टोरीज (रूढ़िवादी) के लिए सख्त चेतावनी से पता चलता है कि सर कीर स्टारर (श्रम नेता) 12 में से 11 प्रमुख मुद्दों पर ऋषि सनक से आगे हैं - जिसमें रहने की लागत, एनएचएस (राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा), आव्रजन और ब्रेक्सिट शामिल हैं।
जकार्ता| इंडोनेशिया सरकार ने देश के पश्चिम जावा प्रांत में आए भूकंप पीड़ितों के लिए बड़ा फैसला लिया है। देश की आपदा एजेंसी के प्रमुख ने कहा है कि सरकार ने भूकंप पीड़ितों के लिए सुरक्षित स्थानों पर सैकड़ों घरों के पुनर्निर्माण की योजना बनाई है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के प्रमुख सुहरयांटो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि नए घरों का निर्माण अगले हफ्ते दो हेक्टेयर भूमि पर शुरू होगा। घरों को बनाने का कार्य सार्वजनिक निर्माण और सार्वजनिक आवास मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। नए घरों में वह लोग रह सकेंगे, जिनके घर भूकंप में नष्ट हो गए थे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के प्रमुख के मुताबकि, सरकार भूकंप पीड़ितों को 25 मिलियन रुपये प्रदान करेगी, जिनके घर भूकंप से मामूली रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनके लिए 10 मिलियन रुपये प्रदान करेगी। वहीं सियांजुर जिला प्रशासन के प्रमुख हरमन सुहरमन ने प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि नए स्थान पर कुल 200 घरों का पुनर्निर्माण किया जाएगा। इसके लिए सरकार 50 मिलियन रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया के पश्चिम जावा में सोमवार को आए भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 321 हो गई है और 11 अन्य अब भी लगाता बताए जा रहे हैं। जबकि 73,874 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा गया गया। भूकंप से 62 हर 628 घर भी नष्ट हुए हैं।
चीन में कोरोना एक बार फिर से खतरनाक रूप ले रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो चीन में लगातार तीसरे दिन 30 हजार से ज्यादा कोरोना मामले सामने आए हैं। 26 नवंबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटों में 35,909 नए मामले दर्ज किए गए हैं। गनीमत यह रही कि शुक्रवार को कोविड-19 संक्रमण के कारण किसी की मौत नहीं हुई।
इससे एक दिन पहले 25 नवंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार चीन में बीते 24 घंटों में 32,943 मामले सामने आए थे। कोरोना संक्रमण में खतरनाक वृद्धि को देखते हुए लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा दिया गया है। झोंगझोउ के आठ जिलों की कुल आबादी करीब 66 लाख है और वहां लोगों को गुरुवार से लेकर पांच दिन तक अपने-अपने घरों में रहने को कहा गया है। शहर की सरकार ने संक्रमण से निपटने की कार्रवाई के तहत वहां व्यापक स्तर पर जांच के आदेश दिए हैं।
2019 के बाद सबसे अधिक मामले
इससे पहले 24 नवंबर को चीन में 31,444 नए मामले दर्ज किए गए थे। वहीं दूसरे दिन 32,943 तो तीसरे दिन यानी आज 35,909 मामले सामने आए हैं। अमेरिका और अन्य देशों की तुलना में चीन में संक्रमण से मौत के कम मामले सामने आए हैं, लेकिन फिर भी देश की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने वायरस को लेकर कोई भी कोताही न बरतने की नीति अपना रखी है, जिसके तहत मामलों की संख्या देखते हुए इलाकों में लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई जाती है।
चीन के चाओयांग में 35 लाख लोग घर में कैद
स्वास्थ्य अधिकारियों की अपील के बाद 35 लाख लोग घर में कैद हो गए हैं। लोगों को घर पर ही सारी सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। कई जगह कैंप लगाकर जांच बढ़ा दी गई है। बीजिंग में इस सप्ताह एक प्रदर्शनी केंद्र में अस्थायी अस्पताल बनाया गया और बीजिंग इंटरनेशनल स्ट्डीज यूनिवर्सिटी में भी आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया।