लोकतंत्र सेनानी मानदेय राशि पर निर्णय नही हुआ तो आत्महत्या के लिए होगे विवश Featured

दुर्ग। छग शासन सामान्य प्रशासन विभाग से हाल ही में प्रेषित पत्रक जिसमें लोकतंत्र सेनानियों का भौतिक सत्यापन सरकार स्तर पर विचाराधीन होने का जिक्र किया गया है। उक्त उल्लेखित पत्रक के हवाले पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व संभागीय संगठन सहायक एवं प्रवक्ता लोकतंत्र सेनानी गोवर्धन प्रसाद जायसवाल ने तीखी प्रतिक्रिया जारी करते हुए इस मसले को गंभीर मुद्दा होने का जिक्र किया है। उल्लेखनीय है कि छग शासन द्वारा भौतिक सत्यापन के नाम पर माह फरवरी से मानदेय राशि रोक दिया गया है जो लंबे समय के बाद भी भौतिक सत्यापन का पुनरू जिक्र होना एक उन लोगों के लिए मजाक उड़ाने का विषय हो सकता है जो इस मसले को शब्दजाल के माध्यम से उलझाकर लंबित रखना ही श्रेयस्कर समझते है। लेकिन यह एक सचमुच ही गंभीर एवं संगीन मुद्दा है कि किसी आधार पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा रोक दिया गया थाए जो वर्तमान में पूर्ववत जारी कर दिया गया है छत्तीसगढ़ में भी उनके ही नक्शे कदम पर जारी हो जाना था जो अभी तक नहीं हुआ है। फलस्वरूप ही प्रदेश के भीतर अनेक लोग प्रभावित है इसमें मैं स्वयं प्रभावित हूं। श्री जायसवाल ने कहा कि मेरा जीवन एवं जीवन पद्धति एवं खुली किताब है जिसे प्रायरू सभी लोग भली.भांति जानते हैंए वर्तमान स्थिति असामान्य एवं नाजुक दौर के साथ गुजर रहा है। जिसकी वजह से अप्रिय घटना होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। यदि शीघ्र निराकरण के पहल करने की दिशा में विलंब हुआ तो उस स्थिति में आत्महत्या की अनुमति हेतु महामहिम राष्ट्रपति के समक्ष पेशकश एवं अपील के लिए विवश होंगे।

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