छात्राध्यापकों ने सीखे कविता लेखन के गुर Featured

डाइट में कविता लेखन पर हुआ कार्यशाला का आयोजन
जांजगीर-चांपा। राष्ट्रीय कवि संगम के संयोजन में डाइट में कविता लेखन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें वक्ता के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार ईश्वरी यादव, राष्ट्रीय कवि संगम के संभागीय संयोजक विजय राठौर एवं प्रांतीय मंत्री दिनेश रोहित चतुर्वेदी उपस्थित थे।
कविता केवल कविता होती है और सभी कवि मानवता के पक्ष में ही कविता लिखते हैं। मानवीय भाव के इतर कविता नहीं हो सकती। यह बात वरिष्ठ कवि ईश्वरी यादव ने कही। संभागीय संयोजक विजय राठौर ने कहा भक्त कबीर की तरह सरल भाषा और जयशंकर प्रसाद की आंसू कविता सी सहजता वाली कविता, मन पर गहरा प्रभाव छोड़ती हैं। शब्दों को संवेदनाओं में पिरो लेना ही कविता है, जिसमें सहृदयता नहीं है। संवेदना की अनुभूति नहीं है वह कभी कविता नहीं लिख सकता। प्रांतीय मंत्री दिनेश रोहित चतुर्वेदी ने कहा कि अधिक पढ़ें एवं कम लिखें। कविता लिखने के लिए अध्ययन, अभ्यास, कल्पना और अंतरदृष्टि आवश्यक है। अपने आस पास के परिदृश्य को देखने में जिज्ञासा, प्रतिभा और अभ्यास से अच्छी कविताएं उपजती हैं। कविता का शिल्प, कला और कौशल सीखने की भी जरूरत है। इस कार्यशाला में छात्राध्यापकों ने स्वरचित कविता का भी वाचन किया, जिन्हें वक्ताओं के द्वारा प्रोत्साहित का मार्गदर्शन प्रदान किया गया। कार्यशाला का संचालन डाइट के उपप्राचार्य लक्ष्मी पांडेय ने एवं आभार प्रदर्शन व्याख्याता गोपेश साहू ने किया। इस अवसर पर डीएलएड के प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के समस्त छात्राध्यापक उपस्थित थे।

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