भिलाई। सूर्य विहार रेसीडेन्स एसोसिएशन एवं ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा श्री कृष्ण की बाल लीलाओं की मनमोहक हृदयस्पर्शी झाँकी का आयोजन सूर्य विहार स्थित सेन्ट्रल पार्क में किया गया। जिसका उद्घाटन ब्रह्माकुमारी प्राची दीदी, साधना सोनी, ब्रह्माकुमारी आशा दीदी, ओमकार महाजन, ब्रह्माकुमारी गीता दीदी एवं सूरी मैडम ने दीप प्रज्ज्वलन्न कर किया।
इस झाँकी में नारद मुनि जी दर्शकों को श्री कृष्ण की जन्म से उनकी बाल लीलाओं के प्रसंग का वर्णन करते हुए कहते है कि एक बुढी माता फल बेचती थी , एक दिन श्री कृष्ण ने उनसे फल लेना चाहा तो उसने मोल-धन या धान देने की बात कही तो कान्हा ने कहा कि मेरी मैया तो मख्खन और बाकि चीजों का कोई मोल नही लेती है। ठीक आप कहती है तो मैं घर से धान लाता हँू कहकर कान्हा धान देकर बदले में मीठे फल लेता है और बुढी माता के गोद में बैठ जाता है, बुढी माता को आपार प्रेम,आनन्द की अनुभुति होती है। कान्हा के जाने के बाद बुढी माता फल की टोकरी देखती है तो उसमें हीरे जवाहरात एवं स्वर्ण आभुषण भरे होते है। इस मार्मिक दृश्य को देखते हुए दर्शक भावुक हो जाते है। तत्पशचात् नारद मुनि जी श्री कृष्ण की रास लीला का आध्यात्मिक अर्थ बताते हुए कहते है कि जीवन में हमें सर्व के साथ आनन्द और प्रेम शांति से ही कर्म व्यवहार में आना ही रास है। जिसे सुंदर नृत्य के माध्यम से दिखाया गया। इस अवसर पर तनावमुक्त जीवन के लिए प्रात: या संध्या समय पर 7 दिवसीय राजयोग शिविर का आयोजन किया गया है।