ग्राम पंचायत सकरेली के आश्रित गांव बरपेल्हाडीह का सनसनीखेज मामला
विकास के दावों के बीच इस अमानवीय घटना ने शासन-प्रशासन को दिखाया आइना
-चांपा। बाराद्वार क्षेत्र के ग्राम पंचायत सकरेली के आश्रित ग्राम बरपेल्हाडीह में जो घटना घटी उसने शासन प्रशासन के तमाम विकास के दावों की पोल खोलकर रख दी। इस गांव के एक ग्रामीण की जान सिर्फ इसीलिए गई, क्योंकि सड़क के अभाव में एबुलेंस वहां तक नहीं पहुंच सकी।
दरअसल, रविवार की सुबह करीब 5 बजे बरपेल्हाडीह निवासी 35 वर्षीय युवक संतोष पटेल के सीने में अचानक दर्द शुरू हुआ और कुछ ही देर में संतोष पटेल बेचौन होने लगा। देखते ही देखते तबियत बिगड़ी। ऐसे में परिजनों ने एंबुलेंस बुलवाया, लेकिन सड़क नहीं होने से एंबुलेंस जेठा पहुंचकर रूक गई। ऐसे में ग्रामीण बीमार संतोष पटेल को चारपाई में लेटाकर दलदल भरे रास्ते से 2 किलोमीटर पैदल चलकर जेठा ले गए। लेकिन दो किमी का सफर तय करने में करीब तीन घंटे लग गए। एंबुलेंस के डॉक्टर ने मरीज की जांच करते हुए बहुत देर होने की बात कहकर मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर के मुताबिक संतोष पटेल को हार्ट अटैक आया था। ऐसी हालत में मरीज को तत्काल चिकित्सा की जरूरत थी लेकिन आज के इस दौर में भी मरीज को खाट में उठाकर 2 किमी लेकर जाना, और फिर वहां इलाज में विलंब होने की वजह से मृत घोषित करना समाज को आइना दिखाना है। इस गंभीर समस्या से ग्राम बरपेल्हाडीह के ग्रामीण वर्षों से जूझ रहे हैं। इस घटनाक्रम के बाद सवाल उठता है कि क्या शासन प्रशासन हरकत में आकर कुछ सार्थक कदम उठाएगा या फिर कागजी विकास के दावों के साथ कुंभकर्णी नींद में विलीन रहेगी।