ईश्वर दुबे
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Bhilai
चांपा में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर बापट जी को किया याद
सभी ने पुष्पांजलि अर्पित कर उनके साथ बिताए पलों को किया याद
चापा। कुष्ठ रोगियों की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले कर्मयोगी सेवाभावी पद्मश्री स्व दामोदर गणेश बापट की श्रंद्धाजलि सभा का आयोजन रविवार को गनेशी मंगल भवन में चापा पत्रकार संघ व नागरिको के द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्हें पुष्पाजंलि अर्पित कर उनके कार्यो व उनके साथ बिताए पलो का याद किया गया।
श्रंद्धाजलि सभा में उपस्थित विधायक नारायण चंदेल ने कहा कि स्व बापट जी श्रद्धा के केंद्र बिन्दू थे। मानव सेवा ही उनके लिए सर्वोपरि था। उन्होंने कभी अपनी चिंता न करते हुए अपना पूरा जीवन समाज सेवा में न्यौछावर कर दिया ऐसे बिरले व्यक्ति होते है। कुष्ठ रोगियों की सेवा कर समाज मे फैले भ्रांतियों को उन्होंने दूर कर उन्हें सम्मान से जीने का अवसर दिया। वर्तमान युवा पीढ़ी सहित हम सबकों उनसे सीख लेते हुए समाज व देश के लिए कुछ करने की जरूरत है। तभी सबकी भलाई है। डाक्टर केआर सिंह ने कहा कि स्व बापट जी का स्नेह अंचल के सभी लोगो को मिला, जो भी उनके पास जाता था उनकी ओ पूरी मदद करते थे। आश्रम में रहकर कुष्ठ रोगियों की सेवा कर उन्हें स्वावलंबी बनाने की दिशा में काम किया। उनके कार्यों को आत्मसात कर समाज के लिए कुछ करना होगा, तभी उन्हे सच्ची श्रंधजलि होगी। परमेश्वर स्वर्णकार ने कहा कि स्व बापट जी मानव नहीं महामानव थे उनका स्नेह सबको मिला। हरिहर तिवारी ने कहा कि 9 साल की उम्र में ही उनमें मानव सेवा का जज्बा था। जशपुर आश्रम में पढ़ाना छोड़कर वे सोंठी स्थित कुष्ठ आश्रम आ गए और उनकी सेवा में लीन हो गए। समाजसेवी कैलाश चंद्र अग्रवाल ने कहा कि स्व बापट जी में परोपकार की भावना कूट कूट कर भरी थी। उन्होंने अपने लिए नहीं हमेशा दूसरो के लिए जीवन जीया है। वे हमेशा सबके दिलों में रहेंगे उनका काम हमेशा प्रसंशनीय रहा है। मीरा पत्की ने कहा कि स्व बापट जी देवतुल्य थे। मानव सेवा ही उनका प्रमुख ध्येय था। सबके प्रति उनका अपार स्नेह था। उनके जाने से क्षेत्र को अपूरणीय क्षति हुई है। वे हमेशा याद किए जाएंगे। नागेंद्र गुप्ता ने कहा कि कुष्ठ रोगी न होते हुए भी उन्होंने कुष्ठ रोगियों के सेवा में अपना जीवन व्यतीत कर दिया जो अपने आप मे अनुकरणीय कार्य है । समाज उनके योगदान को कभी नही भुलाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश का पत्रकार संघ केे अध्यक्ष राजीव मिश्रा ने वाचन किया। इस अवसर रामकिशोर शुक्ला, रविन्द्र द्विवेदी, रमेश देवांगन, सलीम मेमन, विवेका गोपाल, सूर्यकांत साहू, शैलेन्द्र अग्रवाल, अज्जू वीरानी, नारायण मित्तल, योगेश अग्रवाल, राजेश बंसल, अभय मित्तल, शुशील शर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग श्रद्धांजलि देने उपस्थित थे।
अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई
पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि स्व बापट जी केवल दुसरो की चिंता करते थे। हमेशा दिन दुखियों के सेवा की बात करते थे अपने बारे में कभी चर्चा नही करते थे। ऐसे महान व्यक्ति हमेशा याद किए जाएंगे । भगवान उन्हें अपने चरणों मे स्थान दें। शास्स्वत दीवान ने कहा कि स्व बापट जी किसी परिचय के मोहताज नहीं थे बल्कि अपने कामो के बदौलत उन्होंने चांपा को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई है।
बापट जी ने छोड़ी छाप
श्रंद्धाजलि सभा का संचालन करते हुए पत्रकार अनंत थवाईत ने कहा कि बापट जी के सेवाकार्यो के अनेक उदाहरण है जो हमेशा याद किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद में रहने के कारण रचनात्मक कार्यों के तहत उनका सानिध्य मिला जिसके कारण उनसे काफी आत्मीयता थी। मैंने कुछ लेख भी उनके बारे में लिखा है। एक बार एक कार्यक्रम में परिचय पत्र के आभाव में मुझे जाने नहीं दिया, तब बाहर बापट जी मुझे मिले और कागज में लिखकर मुझे जाने को कहा तब मैंने कहा कि आप मुझे तो नही जानते तो उन्होंने कहा तुम तो मुझे जानते हो उस दिन उन्होंने जो छाप छोड़ी वह आज भी याद है।