बेरंग जिंदगी में मंत्री कवासी लखमा ने भर दिया रंग Featured

मंत्री के प्रयास से सुकमा की पीडि़त महिला की आंख का हुआ सफल आपरेशन
अचानक महिला की एक ने देखना बंद कर दिया था
जांजगीर-चांपा। जिंदगी की सफर में यदि अचानक आंखों के सामने अंधेरा छा जाए तो जिंदगी दुश्वार हो जाती है। इसी तरह का एक मामला सुकमा में सामने आया, जहां एक महिला की एक आंख ने अचानक देखना बंद कर दिया। इतना ही नहीं आंख की वजह से महिला का ब्रेन प्रभावित हो रहा था। इस वजह से उसकी जान खतरे में थी। जब इसकी खबर उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा तक पहुंची तो उन्होंने पीडि़त महिला की न केवल आंख की रोशनी वापस लाने प्रयास किया, बल्कि उसकी जान भी बचाई। आज मंत्री की पहल पर वह महिला फिर से दुनिया देख पा रही है।
आपकों बता दें कि सुकमा निवासी एलिसा बेथ पति समियल टुडु सुकमा में नगर कांग्रेस का झंडा उठाने वाली सिर्फ एक कार्यकर्ता है। करीब साल भर पहले तक वह पूरी तरह स्वथ्य थी। लेकिन धीरे-धीरे उसकी आंख के सामने अंधेरा छा गया। वह दुनिया देखने से वंचित हो गई। उसे दुनिया की हर चीज बेजार लगने लगी। कुल मिलाकर कहा जाए तो उसकी जिंदगी बेरंग हो गई और उसे दुनिया दुश्वार होने लगी। इतना ही नहीं आंख की जांच कराने पर पता चला कि उसकी आंख की समस्या धीरे-धीरे उसके ब्रेन को प्रभावित कर रही है, जिसकी वजह से उसकी जान जा सकती है। इसकी जानकारी जब जिला पंचायत अध्यक्ष व मंत्री कवासी लखमा के पुत्र हरीश लखमा तक पहुंची। तब उन्होंने अपने मंत्री पिता कवासी लखमा को महिला के संबंध में पूरी जानकारी दी। तब मंत्री के कहने पर पीडि़त महिला को रायपुर स्थित मंत्री के बंगले में भेजा गया। रायपुर पहुंचने पर मंत्री कवासी लखमा ने पीडि़त महिला का न केवल अच्छे से खातिरदारी की, बल्कि उसका रायपुर के रामकृष्ण केयर हास्पिटल में इलाज के लिए तीन माह पहले भर्ती कराया। इसी बीच हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बंगलुरू से आंख डोनेट कराया और उसकी आंख का दो माह पहले सफल आपरेशन किया गया। अब पीडि़त महिला पहले की तरह दुनिया देख पा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक महिला अब पूरी तरह स्वस्थ है। इस तरह मंत्री कवासी लखमा के प्रयास से एक महिला की बेरंग हो चुकी जिंदगी में न केवल रंग भर गया, बल्कि उसकी जान भी बच गई।
उल्लेखनीय प्रयास
मंत्री कवासी लखमा ने महज एक कार्यकर्ता के लिए जो कुछ किया है उसकी तारीफ करते हुए पीडि़त महिला और उसका परिवार नहीं थक रहा है। क्योंकि आज के दौर में लोग अपने परिवार के सदस्य के बीमार होने पर ही मुंह फेर लेते हैं। ऐसे में मंत्री कवास लखमा का मानवता के नाते किया गया प्रयास उल्लेखनीय है।

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