ईश्वर दुबे
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Bhilai
एमआईआर के लिए मेकाहारा रायपुर ने दिया महीने भर का समय
दिनोंदिन बिगड़ रही बीमार बच्ची की हालत, सिस्टम को नहीं चिंता
जांजगीर-चांपा। जिला मुख्यालय जांजगीर के समीपस्थ ग्राम सरखों की एक बीमार बच्ची सिस्टम के जाल में बुरी तरह उलझ गई है। तीन वर्षीय बच्ची के कमर के नीचे शून्य हो गया। मेकाहारा रायपुर के डॉक्टरों ने एमआईआर के लिए लिखा है लेकिन इसके लिए 19 सितंबर का समय दिया गया है। इधर, दिनोंदिन बच्ची की हालत खराब होते जा रही है।
आपकों बता दें कि सरखों निवासी धनंजय राठौर की माली हालत बेहद खराब है। किसी तरह मजदूरी कर वह परिवार की गाड़ी खींच रहा है। इसी बीच उसे कुदरत के कहर का भी शिकार होना पड़ रहा है। उसकी तीन वर्षीय पुत्री नीलिमा राठौर करीब डेढ़ माह पहले तक ठीक थी। वह उधमबुन के साथ ही घर में खूब शरारत करती थी लेकिन बीते डेढ़ माह से वह बिस्तर पर ही पड़ी है। अचानक उसके कमर के नीचे काम करना बंद कर दिया। तब धनंजय राठौर ने अपनी पुत्री का चेकअप गांव के ही चिकित्सक से कराया। वहां ब्लड व यूरिन टेस्ट के लिए सैंपल लिया गया, लेकिन उसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। इधर, बच्ची की हालत दिनोंदिन बिगड़ रही है। उसे ध्यान में रखते हुए धनंजय राठौर अपनी बीमार पुत्री को सिम्स बिलासपुर ले गया। वहां चेकअप के बाद बच्ची का एमआईआर कराने को कहा गया, लेकिन तकनीकी कारणों से बच्ची का वहां एमआईआर नहीं हो पाया। ऐसे में सिम्स बिलासपुर ने बच्ची को अर्जेन्ट उपचार लिखकर मेकाहारा रायपुर भेज दिया। वहां जांच कराने के बाद एमआईआर के लिए सुझाव दिया लेकिन एमआईआर के लिए 19 सितंबर का समय दिया है। इधर, बच्ची ने आज खाना पीना भी छोड़ दिया था। इस सिस्टम के जाल में फंसकर बीमार बच्ची जिंदगी और मौत के बीच जूझने मजबूर हैं।