ईश्वर दुबे
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Bhilai
कुरदा गांव के कुछ युवकों ने पेश की मानवता की मिशाल
सड़क पर बैठी गाय व बछड़े को कुचलकर भाग रहा था भारी वाहन चालक
जांजगीर-चांपा। अक्सर कई लोग दुर्घटना में घायल होकर सड़क पर मदद की गुहार लगाते रहते हैं लेकिन उसकी मदद करने के बजाय लोग मुंह फेरकर चले जाते हैं। ऐसे में कुरदा गांव के कुछ युवकों ने मानवता की मिशाल पेश की है।ं उन्होंने दुर्घटना में घायल गाय व मवेशियों का न केवल इलाज कराया, बल्कि इसके लिए उन्होंने आपस में चंदा भी किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सड़कों पर चलने वाले बेजुबान मवेशियों की चिंता करते हुए महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा व बारी शुरू की है। योजना के तहत गोठान बनाया जा रहा है। लेकिन सरकार के प्रयास के साथ ही आम लोगों को भी बेजुबान मवेशियों के लिए चिंता करनी चाहिए। शनिवार की शाम जिस तरह की पहल कुरदा गांव के कुछ युवकों ने की वह काबिले तारीफ है। चांपा से लगे ग्राम कुरदा में शनिवार की शाम करीब 6 बजे छुइया तालाब के पास गाय व बछड़ा सड़क पर बैठी थी, तभी एक भारी वाहन उन्हें कुचलते हुए भागने लगा। यह देख गांव के सुखसागर माथुर सहित अन्य लोगों का खून खौल गया और उन्होंने दुर्घटनाकारित वाहन का पीछा कर किसी तरह रोका। इसके बाद वाहन के चालक को घटना स्थल लाया गया। सुखसागर माथुर ने बताया कि उस समय वाहन के चालक ने शराब पी रखी थी। वह नशे में बुरी तरह चूर था। वह बात करने की भी स्थिति में नहीं था। ऐसे में वाहन मालिक का नंबर लेकर सुखसागर माथुर ने उससे मोबाइल पर बात की, तब वाहन मालिक ने इलाज का सारा खर्च वहन करने का भरोसा दिलाया। साथ ही उसने चालक को छोड़ने का आग्रह किया। इधर, दुर्घटना के बाद घायल गाय व बछड़ा दर्द से कराहने लगी। उनका दर्द इन युवकों को देखा नहीं गया और उन्होंने आपस में पहले चंदा किया फिर डॉक्टर बुलवाकर घायल गाय व बछड़े का इलाज कराया। कुरदा गांव के इन युवकों के इस प्रयास की सभी ओर सराहना हो रही है।
संयुक्त प्रयास जरूरी
गाय के नाम पर हमेशा से देश में राजनीति होती रही है लेकिन कभी भी गायों की दशा नहीं बदली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मवेशियों के संरक्षण के लिए जो कदम उठाया है उसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है। सरकार के इस प्रयास के बाद प्रदेश के लोगों में भी मवेशियों को लेकर जागरूकता जरूरी है। क्योंकि अकेले सरकार के प्र्रयास से ही कोई काम सफल नहीं होगा। जनहित के किसी भी काम को पूरा करने के लिए संयुक्त प्रयास जरूरी है।
नहीं थम रही दुर्घटना
सुखसागर माथुर ने बताया कि चांपा में सड़कों की हालत काफी चिंताजनक है। गौरवपथ और चांपा कुरदा होते हुए कोरबा रोड तक की सड़क चलने लायक नहीं है। इसके लिए धरना प्रदर्शन और आंदोलन भी किया गया था। यहां तक बारिश से पहले एसडीएम और कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए सड़क की बदहाली दूर करने निवेदन किया गया था। लेकिन कभी किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। यही वजह है कि आए दिन इस मार्ग में सड़क दुर्घटना थमने का नाम नहीं ले रही है।
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प्रशासन मौन, जिम्मेदार कौन!
जब कभी गाय की मौत होती है तो उसे उठाकर उसका अंतिम संस्कार करने के मामले में प्रशासन मौन हो जाता है। मृत गाय की शरीर को उठाने कोई जिम्मेदारी लेने सामने नहीं आता। ऐसा ही एक मामला अभी चांपा में भी सामने आया है। हनुमानधारा के चबूतरा में एक गाय मृत अवस्था में न जाने कितने दिनों से पड़ी है। कितनी बड़ी विडंबना है कि चांपा में ही एक जगह जहां घायल गाय व बछड़े की इलाज कराने कुछ युवक खुद से सामने आ गए तो वहीं हनुमानधारा में मृत पड़ी गाय को देखकर कोई भी जिम्मेदारी लेने सामने नहीं आया। आपकों बता दें कि जिले में जब कभी भी इस तरह गायों की मौत होती है, तब गाय का शव सड़क पर ही पड़ा रहता है। उसे उठाकर उसका अंतिम संस्कार कराने की कोई व्यवस्था नहीं होती। इस गंभीर मसले पर सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।