ईश्वर दुबे
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Bhilai
शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए राज्यपाल शिक्षक दिवस पर करेंगीं सम्मानित
स्कूल पहुंचकर तालीम लेना कठिन होने के बावजूद शिक्षक ने की अनूठी पहल
जांजगीर-चापा। शिक्षा से वंचित आदिवासी मुहल्ले में अपने खर्चे से डिजिटल स्मार्ट क्लास स्थापित कर शिक्षा का अलख जगाने वाले कर्मठ शिक्षक देवकुमार सूर्यवंशी को 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के मौके पर राजधानी रायपुर के राजभवन दरबार हाल में राज्यपाल पुरस्कार राज्यपाल अनुसूईया उइके द्वारा प्रदान किया जाएगा।
देवकुमार सूर्यवंशी विकासखंड बम्हनीडीह के शासकीय प्राथमिक शाला धनुवारपारा सोंठी में सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत है। मूलतः यहाँ आदिवासी लोग निवास करते है। इस धनुवारपारा में बरसात के दिनों आवागमन पूरी तरह से बंद रहता है । खेत के मेड़ो में बने पगडंडी वाले रास्ते मे जाना पड़ता है आज भी यहाँ विकास कोसो दूर है। यहाँ के आदिवासी सहित मुहल्ले में बसने वाले लोग घर घर शराब बनाने का काम करते है । पढ़ाई के प्रति काफी कम लोगो की ही रुचि है । ऐसे चुनौती पूर्ण जगह में शिक्षक देवकुमार सूर्यवंशी ने शिक्षा के क्षेत्र में जो उल्लेखनीय कार्य किया है काबिले तारीफ है वास्तव में ऐसे शिक्षक ही ऐसे पुरस्कार के हकदार है । जब से उनकी इस स्कूल में पदस्थापना हुई है घर घर जाकर आदिवासी बच्चों को शिक्षा के प्रति रुचि पैदा करने का काम किया उनके प्रयास से बच्चे स्कूल जाने लगे । फिर बच्चो को पढ़ाई में रुचि लेने के लिए नवाचार आधारित शिक्षा का प्रयोग किया। इसके बाद उन्होंने अपने खुद के पैसे से क्लास रूम को डिजिटल बनाकर स्मार्ट क्लास की तर्ज पर शिक्षा दे रहे है ।आदिवासी बच्चों को शराब की लत न लगे इसके लिए वे उन्हें जागरूक कर रहे है । शराब के दुष्परिणाम का वीडियो दिखाकर उन्हें बताते है । शिक्षक देवकुमार को एससीआरटी रायपुर द्वारा भी शिक्षा के क्षेत्र नवाचार गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण पाने का अवसर भी प्रदान करती है । सहज सरल व शिक्षा के क्षेत्र में कर्मठता के साथ शिक्षा का अलख जगाने वाले देवकुमार सूर्यवंशी के राज्यपाल पुरस्कार से नवाजे जाने पर क्षेत्र के शिक्षकों में काफी खुशी है।