धार्मिक रीति रिवाज से मना नवाखाई पर्व Featured

नशा बंदी और शिक्षा के उत्थान के लिए नई पीढ़ी को आगे आना पड़ेगा
भिलाई। अभा उडिय़ा समाज द्वारा उडि़सा प्रांत का पवित्र त्यौहार नवाखाई पर्व आज ऋषि पंचमी के दिन पांरपरिक हर्षोल्लास एवं धार्मिक रीतियों से मनाया गया। नगर के प्रत्येक उडिय़ा बस्तियों में नवा अन्न की पूजा-अर्चना कर उसे आराध्य देवी देवताओं को चढ़ाकर प्रसाद ग्रहण किया गया।
अभा उडिय़ा समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के रूप में उपस्थित समाज के अध्यक्ष केदारनाथ महानंद ने समस्त उडिय़ा समाज के लोगों को नवाखाई पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने उडि़सा से आये नया अन्न को भगवान श्रीजगन्नाथ जी को भोग लगाकर लोगो को वितरित किया।महानंद ने कहा कि नवाखाई का त्यौहार प्रत्येक प्रांत के रहवासियों को मिलन एवं भाईचारे का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि नवाखाई त्यौहार का पौराणिक गाथा है। महानंद ने कहा कि आने वाले वर्षो में यह त्यौहार और व्यापक रूप से मनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि अभा उडिय़ा समाज के प्रयासों से नवाखई पर्व पर मण्प्रण् सरकार ने ऐच्छिक अवकाश घोषित किया गया थाएचंूकि नया राज्य बन गया है। इसलिए समाज का प्रयास होगा कि छत्तीसगढ़ में भी नवाखाई के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित हो जिसके तहत समाज ने शासन से सार्वजनिक अवकाश की मांग विगत कई वर्षो से कर रही है जिसे आज तक ध्यान दिया गया। बल्कि और उलटा उडिय़ा समाज की उपेक्षा कर रही है। इस कारण उडिय़ा समाज ने रोष प्रकट किया है। अभा उडिय़ा समाज के कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र नाग ने समाज को आज के नुआखाई पर्व में आव्हान किया कि इस पर्व में देवी-देवताओं के पूजापाठ के साथ नशा बंदी और शिक्षा के उत्थान के लिए नई पीढ़ी को आगे आना है। इस दौरान जनकल्याण युवा उत्कल सेवा समिति के अध्यक्ष लखपति सोना एवं अभा उडिय़ा समाज के प्रदेश संगठन मंत्री रतन ताण्डी ने  विभिन्न उडिय़ा बस्तियों में एवं स्थानीय विधायकध् महापौर से भेंटकर नवााखाई पर्व के महत्व को बताया तथा बधाई दी।

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