ईश्वर दुबे
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नई दिल्ली। पर्व और त्यौहारों के समय खासकर ईद-दिवाली के मौके पर मिठाइयों की मांग तेजी से बढ़ती है। इस सीजन में मिलावट का खतरा भी उतना ही बढ़ जाता है। त्योहारों के दौरान कई दुकानदार अधिक मुनाफा कमाने के उद्देश्य से मिठाइयों में मिलावट का सहारा लेते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन (एफडीए) के अधिकारियों ने एक बातचीत के दौरान बताया कि दिवाली के समय मावा, पनीर और देसी घी जैसे प्रमुख सामग्रियों में मिलावट के मामले सबसे अधिक देखे जा रहे हैं। इन अधिकारियों के अनुसार, मिलावटी मावा में आलू या सूजी का स्टार्च मिलाया जा रहा है, जिसे आयोडीन सॉल्यूशन से पहचाना जा सकता है। इसी प्रकार, पनीर और घी में वनस्पति तेल और अन्य कृत्रिम तत्वों की मिलावट भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि रंगीन और अत्यधिक चमकीले रंग की मिठाइयों से परहेज करें और प्रतिष्ठित दुकानों से ही खरीदारी करें। चिकित्सकों के अनुसार मिलावटी मिठाई के सेवन से पेट, किडनी और हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा रहता है। लंबे समय तक मिलावटी मिठाई का सेवन लिवर और किडनी पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि मिठाइयों की खरीददारी करते समय शुद्धता का ध्यान रखें और प्रमाणित दुकानों से ही उत्पाद खरीदें ताकि त्योहारों का आनंद सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से मना सकें।