ईश्वर दुबे
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Bhilai
रायपुर :
कवर्धा जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य इस वर्ष अत्यंत सुचारू, पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से जारी है। खरीदी केंद्रों में किसानों की सक्रिय उपस्थिति और उत्साह यह दर्शाता है कि शासन द्वारा अपनाई गई नई व्यवस्था उनके लिए राहत और विश्वास का स्रोत बन रही है।
अब धान बेचना आसान और परेशानी का नाम नहीं - फागू चंद्राकर
कवर्धा के ग्राम ज्ञानपुर के किसान फागू चंद्राकर ने धान खरीदी की इस नई व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए बताया कि इस वर्ष खरीदी प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक सरल और सुलभ हो गई है। उन्होंने बताया कि उन्होंने लगभग 68 क्विंटल धान बिना किसी बाधा के बेच दिया। धान खरीदी शुरू होने से पहले ही उन्होंने कटाई-मिंटाई का कार्य पूरा कर लिया था।
सबसे बड़ी सहूलियत उन्हें तुंहर टोकन ऐप से मिली
उन्होंने बताया कि पहले सोसायटी में टोकन कटवाने के लिए लंबी लाइन में लगना पड़ता था, बार-बार जाना पड़ता था। अब मोबाइल से ही टोकन मिल जाता है, हम जैसे बुजुर्ग किसानों के लिए यह बहुत बड़ी राहत है।
समय और मेहनत दोनों की बचत, तुरंत भुगतान से मिली आर्थिक राहत
फागू चंद्राकर, जो लगभग साढ़े 3 एकड़ में खेती करते हैं, ने बताया कि ऑनलाइन टोकन प्रणाली से धान बेचने में न केवल समय की बचत होती है, बल्कि धान विक्रय के बाद भुगतान भी शीघ्र मिलता है। उन्होंने कहा की सरकार की पारदर्शी व्यवस्था से हमें धान का सही मूल्य मिलता है और तुरंत भुगतान से घर की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी और 3100 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य ने उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
सरकार की नीतियों का ग्रामीण जीवन पर ठोस प्रभाव
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की किसान कल्याण को प्राथमिकता अब जमीनी स्तर पर स्पष्ट दिखाई दे रही है। कृषक उन्नति योजना, बेहतर समर्थन मूल्य नीति, मोबाइल आधारित टोकन प्रणाली और पारदर्शी उपार्जन व्यवस्था ने किसानों की धान विक्रय प्रक्रिया को न केवल सरल बनाया है, बल्कि उनके बीच भरोसा और सुरक्षा की भावना भी बढ़ाई है।