छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (17643)

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 7 सितंबर को बिलासपुर जिले के प्रवास पर रहेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री सुबह 11 बजे पुलिस ग्राउंड रायपुर से हेलीकॉप्टर द्वारा बिलासपुर के लिए प्रस्थान करेंगे। वे 11.30 बजे तखतपुर शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मैदान में आयोजित तीज मिलन कार्यक्रम में शामिल होंगे। 
मुख्यमंत्री दोपहर 12.30 बजे एसईसीएल हेलीपैड बिलासपुर पहुंचेंगे। जहां वे खेल परिसर सरकंडा में लोकार्पण और अभिनंदन समारोह में शामिल होंगे। बघेल दोपहर 2 बजे सरकंडा से कार द्वारा प्रस्थान कर कृषि महाविद्यालय कोनी पहुंचेंगे और यहां नवीन भवन का लोकार्पण एवं कृषकों से परिचर्चा करेंगे।

रायपुर. प्रदेश (Cyclone effect in Chhattisgarh) में कुछ स्थानों पर गुरुवार को भारी बारिश दर्ज की गई। रायगढ़ में सबसे ज्यादा 17 सेमी बरिश हुई। वहीं मस्तूरी में 12, अकलतरा में 9, बालोद में 7, तमनार, जांजगीर में 8, नगरी, राजनांदगांव में 5, बिलासपुर, शिवरी नारायण में 4 सेमी बारिश रिकॉर्ड हुई।

मौसम विभाग (weather) के आंकड़ों के अनुसार 1 जून से 5 सितंबर तक प्रदेश में औसतन 981.9 मिमी बारिश होनी चाहिए, जबकि हकीकत में 982.2 मिमी बारिश हो चुकी है। अब प्रदेश में कम वर्षा वाले जिलों की संख्या सिर्फ 9 रह गई है। बीजापुर में औसत से बहुत अधिक बारिश है। वहीं पांच जिलों में ज्यादा और 12 जिलों में सामान्य वर्षा है।

मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए नौ जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। रायगढ़, जांजगीर, बिलासपुर, गरियाबंद, बलौदा बाजार, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव और महासमुंद जिले में एक-दो जगह भारी बारिश की संभावना है। वहां अगले 48 घंटे में बस्तर संभाग के सभी जिलों के एक-दो जगह अति भारी बारिश हो सकती है। वहीं रायपुर समेत पड़ोसी जिलों के एक-दो जगहों पर भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है।

मानसून द्रोणिका का असर
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार तटीय ओडिशा पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। आसपास चक्रवाती घेरा भी है। उधर मानसून द्रोणिका बीकानेर, जयपुर, गुना, पेंड्रारोड, झारसुगुड़ा, तटीय ओडिशा के आसपास कम दबाव के क्षेत्र में स्थित है। इसके साथ ही चक्रवाती घेरा पूर्वी मध्यप्रदेश आसपास है। इन तीनों सिस्टम के कारण प्रदेश में कुछ जगह भारी बारिश की संभावना है। रायपुर में शुक्रवार को दिन में बादल छाए रहने की संभावना है। वहीं दिन में रुक-रुक कर कुछ बार बारिश के भी आसार हैं।

भिलाई। जब दो बड़े संगठन एक दूसरे का हाथ थामते हैं तो जन्म लेती है एक ऐसी कहानी जो आने वाली कई पीढिय़ों के सुनहरे भविष्य और सपनों को पूरा करती है। रेल और सेल की साझेदारी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जिसने देश के एक छोर से दूसरे छोर के लोगों को एक कर दिया है। पिछले 6 दशकों से रेल और सेल मिलकर देश के निवासियों को उनकी हर जरुरत के सफर के दौरान सबसे भरोसेमंद साथी साबित हुए हैं तो दूसरी तरफ माल ढुलाई के जरिये व्यापारिक गतिविधियों के बड़े साझेदारी के तौर पर भी हर समय मौजूद रहे हैं।
अगर हम भारतीय रेलवे को देश के परिवहन के बुनियादी ढांचे का दिल कहें तो सेल देश की इस परिवहन की आत्मा है, जो रेलवे को रेल और फोज्डऱ् व्हील की सप्लाई करने वाला विश्वसनीय साथी है। यही नहीं सेल और रेल एक दूसरे के पूरक हैं। देश की बुनियादी विकास के इन दोनों साझेदारों ने अपने बेहतर तालमेल के जरिये हमारे देश के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सेल का छत्तीसगढ़ के भिलाई में स्थित भिलाई इस्पात संयंत्र देश को एक छोर से दूसरे छोर को जोडऩे वाले, विश्व स्तर के रेल का उत्पादन करता है और इसका पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में स्थित दुर्गापुर इस्पात संयंत्र रेलवे के डिब्बों, वैगनों और इंजनों के लिए भारत में एकमात्र फोज्र्ड व्हील का उत्पादक है। जब रेल और सेल मिलते हैं तो देश का कोई न कोई किनारा किसी दूसरे किनारे से गले मिल रहा होता है और देश के हर किसी की जिंदगी से जुड़ रहा होता है। सेल ने भारतीय रेलवे की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए, उनके अनुरूप न केवल उत्पादों का लगातार विकास किया है बल्कि कुछ मामलों में निर्धारित मानकों से भी आगे जाकर उत्पादन और आपूर्ति की है। सेल के रेल की आवश्यक मात्रा, गुणवत्ता और लंबाई को साल-दर-साल लगातार बढ़ (जो कि धीरे-धीरे 13 मीटर से 260 मीटर तक विकसित की गई है) रही है। इसी तरह से पिछले छह दशकों में भारतीय रेलवे को 720 मिमी से 1100 मिमी व्यास वाले विभिन्न आयामों के 18 लाख से भी अधिक पहियों की आपूर्ति की गई है। झारखंड के रांची में स्थित एशिया के सबसे बड़े रिसर्च एंड डिवलपमेंट फॉर आयरन एंड स्टील (आरडीसीआईएस) के शोध से पता चलता है कि सेल-भिलाई संयंत्र में रेल का उत्पादन करने की क्षमता है, जो 25 टन एक्सल लोड का भार सुरक्षा के सभी मानकों के साथ सहन कर सकता है और जिस पर कोई भी यात्री रेलगाड़ी 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गुजर सकती है। मौजूदा समय में, सेल देश में 130 मीटर लंबाई की सबसे लंबी सिंगल पीस रेल का एकमात्र उत्पादक है। संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) की एक विश्व स्तरीय परिवहन अनुसंधान और परीक्षण संगठन तथा एसोसिएशन अमेरिकन रेलरोड्स (एएआर) की पूरी तरह से स्वामित्व वाली एक सहायक संस्था ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी सेंटर इंक (टीटीसीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार सेल-दुर्गापुर इस्पात संयंत्र में निर्मित व्हील अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं और ट्रेन परिचालन को उत्कृष्ट सेवा क्षमता प्रदान करते हैं। सेल सुरक्षा के मानकों पर किसी भी तरह का समझौता किये बिना भारतीय रेलवे के ट्रैफिक की औसत गति को किफायती लागत में बढ़ाने के प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है। उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे द्वारा उपयोग की जा रही सेल के भिलाई इस्पात संयंत्र के रेल की गुणवत्ता और यूरोपीयसंघ (यूरोपियन यूनियन) द्वारा रेल यातायात में उपयोग की जा रही रेल की गुणवत्ता बराबर है।
वास्तव में, यूरोपीय संघ द्वारा जिस गुणवत्ता के रेल का उपयोग 150 किमी / घंटा की गति के लिए किया जा रहा है, वह सेल द्वारा उत्पादित यूटीएस -90 रेल के बराबर ही है। सेल के दुर्गापुर इस्पात संयंत्र में उत्पादित व्हील्स ने देश के विभिन्न इलाकों और जलवायु में अपने उत्कृष्टता को साबित किया है और जिनका उपयोग 160 किलोमीटर/घंटा तक की गति के लिए किया जा रहा है।
सेल अपनी रेल की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने पर लगातार काम कर रहा है। इसी दिशा में सेल ने रेल स्टील में हाइड्रोजन कंटेंट को वैश्विक बेंचमार्क 1.6 पीपीएम से भी कम करके रेल उत्पादन करने में सफलता हासिल की है। इसके अलावा सेल 110 यूटीएस रेल, थिक वेब असीमिट्रिकल रेल, वैनेडियम रेल और निकेल-कॉपर-क्रोमियम (एनसीसी) रेल सफलतापूर्वक विकसित कर रहा है। सेल के भिलाई इस्पात संयंत्र से देश के तटीय क्षेत्रों के लिए विकसित और आपूर्ति किए जा रहे जंग प्रतिरोधी एनसीसी रेल फील्ड ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर चुके हैं। यही नहीं व्हील की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए, व्हील को हीट ट्रीटमेंट के साथ अत्याधुनिक विनिर्माण प्रक्रिया के माध्यम से उत्पादित किया जाता है और कठोर प्रक्रिया और गुणवत्ता नियंत्रण उपायों के माध्यम से विकसित किया जाता है। इसके साथ ही प्रत्येक पहिये को अल्ट्रासोनिक परीक्षण और चुंबकीय कण निरीक्षण से गुजारा जाता जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह सब-सर्फेस की खामियों से मुक्त है। व्हील की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हीट ट्रीटमेंट के प्रत्येक बैच से चयनित सभी व्हील को प्रतिरोधात्मक क्षमता परीक्षणों से गुजारा जाता है।
हाल ही में, सेल ने इन-हाउस संसाधनों से लिंके-हॉफमैन-बुश (एलएचबी) व्हील्स का विकास किया है, जिसकी पहली खेप भेजी जा चुकी है। सेल के दुर्गापुर इस्पात संयंत्र ने कालका-शिमला नैरो गेज रेल मार्ग को उसकी तत्काल जरूरतों के लिए नैरो गेज पहियों का विकास, उत्पादन और आपूर्ति प्राथमिकता के आधार पर किया है। इस तरह से सेल ने शिमला नैरो गेज रेल मार्ग की यात्रा को सुचारु रूप से चालू रखने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। सेल ने कोलकाता मेट्रो के लिए भी पहियों का विकास और आपूर्ति की है, जिसका पहले आयात किया जाता था। इसके जटिल वेब प्रोफाइल के कारण इन पहियों की डिजाइन अलग और महत्वपूर्ण है।
भारतीय रेलवे और सेल की साझेदारी ने देश की परिवहन की दुनिया को सहज, सरल और किफायती बनाने के जरिये देश के उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक के हर एक नागरिक को आपस जोडऩे के सपने को वास्तविक धरातल पर साकार करके दिखाया है। यह सफल साझेदारी, जो दशकों से देश को लगातार उन्नति के पथ पर अग्रसर करने में लगी हुई है, देश के विकास और नए भारत को गति देने के लिए हमेशा एक मजबूत ताकत बनी रहेगी।

भिलाई। नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत आने वाले विभिन्न विद्यालयों में बतौर मुख्य अतिथि देवेंद्र यादव पहुंचे जहां पर उन्होंने शिक्षकों के सम्मान में कहा कि गुरु हमेशा सर्वोपरि होते हैं वह हमें अपने बच्चों की तरह सिखाते हैं, सही राह और दिशा में ले जाने के लिए गुरुओं का महत्वपूर्ण योगदान है, छात्र एवं शिक्षक का संबंध हमेशा अटूट होता है, आज हम जो कुछ भी हैं हमारे शिक्षकों की देन है, अच्छी शिक्षा के साथ ही अच्छे संस्कार इनसे ही हमें प्राप्त होते हैं गुरुओं का सदैव सम्मान है। श्री यादव ने अपने छात्र जीवन में बिताए हुए पलों को याद कर स्कूली बच्चों से अपनी बातों को साझा किए तथा सेक्टर 11 स्कूल पहुंचने पर उन्होंने कहा कि हरेली के अवसर पर इसी विद्यालय के विद्यार्थियों ने कबड्डी की प्रतियोगिता में हमारी टीम को हराया था वह पल बहुत ही अनोखा था। शिक्षक दिवस के इस विशेष समारोह पर श्री यादव शासकीय उत्तर माध्यमिक विद्यालय छावनी, शासकीय उत्तर माध्यमिक विद्यालय सेक्टर 11 खुर्सीपार, हाई स्कूल अंडा चौक, नेहरू स्कूल खुर्सीपार तथा दुर्गा मंदिर स्कूल पहुंचे।
इस दौरान विशिष्ट अतिथि डी काम राजू, पार्षद तुलसी पटेल,काली प्रसाद, कृष्णावेणी, जनभागीदारी अध्यक्ष मुरलीधर, कोटेश्वर राव, नंदकुमार यादव, नागमणि, शब्बीर अहमद आदि मौजूद रहे।
जल है तो कल है
जल ही जीवन है!

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में विद्यार्थियों ने 'शिक्षक दिवसÓ के अवसर पर गुरू ब्रम्हा गुरू विष्णुु गुरू साक्षात् परब्रगम्हा भाव का अभिव्यक्त करते हुये अनेक कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्री शंकराचार्य नर्सिंग महाविद्यालय की मुख्यकार्य कारी अधिकारी डॉ. मोनिशा शर्मा थी, विशेष अतिथि के रूप में महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ.हंसा शुक्ला उपस्थित हुई।  कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्जवलन के साथ मॉं सरस्वती के पूजा अर्चना से हुआ ग्रंथालय सहायक वत्सला ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में मंच संचालन बी.सी.ए. विद्यार्थी  नितेश व बी.कॉम की विद्यार्थी रक्षा जैन ने किया। कार्यक्रम डॉ. स्वाति पाण्डेय षिक्षा विभाग के निर्देशन में आयोजित किया गया। डॉ. मोनिशा शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा गुरू ज्ञान के सागर है वे हमेशा विद्यार्थियों को ऊॅचाई पर देखना चाहते है। आज परंमरागत् गुरू-शिष्य संबंधों में बदलाव आया है अब शिक्षक विद्यार्थियों के मार्ग दर्शक सरंक्षक व परामर्शदाता की भूमिका में है।
प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने विद्यार्थियों को शिक्षकों के लिये कार्यक्रम आयोजन के लिये बधाई दी व कहा महाविद्यालय  में शिक्षक दिवस का आयोजन सामान्यत: नही किया जाता हमारे लिए गर्व की बात है कि महाविद्यालय के विद्यार्थीयो ने शिक्षक दिवस का आयोजन किया। यह भाव विद्यार्थीयों शिक्षकों के प्रति श्रध्दा को व्यक्त करता है। कार्यक्रम का शुभारंभ रितिका द्वारा गाये गये गीत से माई टीचर से हुआ । बी.सी.ए. अंतिम वर्ष के छात्र आशीष ने गुंजी सी है सारी फिजा प्रस्तुत कर मंत्र मुग्ध कर दिया।  बी.सी.ए. अंतिम वर्ष छात्र  रितेश ने हास्य व्यक्त के माध्यम से बताया माता और पिता पहले गुरू होते है जिसकी मार खा बच्चे अनुशासित  और लायक बनते है। बी.कॉम प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने समूह नृत्य सुनो वो जरा प्रस्ततु किया बी.कॉम प्रथम वर्ष की विधि ंिसंह एवं रेणुका सिंह ने आज आनंद बरसा है ऑगन मेरे स्वागत करे गा शिक्षकों का स्वागत किया।
बी.बी.ए. एवं बी.कॉम. के विद्यार्थियों ने षिक्षकों के लिये विविध खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया । जिसका संचालन फिज़ा एवं अवंतया ने किया।
बी.सी.ए. के विष्वदीप ने ए खुदा मुझ को पता तू कहॉ गीत प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया । अवंतया षुक्ला, दीक्षा रत्नानी, तनु विष्वकर्मा, फिज़ा फिरडॉस, मनमीत भ्रामय, अधिरा नायर, षिवानी सिंग, नित्या, नेहा विजेवार ने नाटको के माध्यम से मनोरंजन में समय व्यर्थ न कर षिक्षा का संदेष से उच्च मुकॉम हासिल करने का संदेष दिया। रक्षा बी.कॉम. अंतिम वर्श ने कविता व सचिन राजभट ने गीत प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक/प्राध्यापिकायें व छात्र-छात्राऐं सम्मिलित हुये ।

भिलाई।  निगम क्षेत्रान्तर्गत मौसमी एवं जलजनित बीमारियों (पीलिया, उल्टी-दस्त) वेक्टर जनित रोग (डेंगू/मलेरिया) के रोकथाम एवं बचाव के लिए नगर निगम भिलाई और शहरी परिवार कल्याण केंद्र सुपेला की संयुक्त टीम ने सघन अभियान चलाकर मच्छरों के लार्वा मिलने की आशंका वाले घरो में टेमीफास का वितरण किया गया। कार्यवाही में निगम की टीम ने वार्ड 2 स्मृति नगर के पास चलित एम्बुलेंस के माध्यम से स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया।
नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्रांतर्गत मौसमी बीमारियों से बचाव एवं रोकथाम हेतु विगत् सप्ताह से चलित एम्बुलेंस द्वारा वार्ड क्र. 2 स्मृति नगर, वार्ड 9 आर्य नगर कोहका, वार्ड 31 मांझी चौक खुर्सीपार, वार्ड 34 मछली मार्केट खुर्सीपार, वार्ड 28 एसीसी चौक छावनी, वार्ड 70 हुडको, वार्ड 44 मौहारी भाठा स्टेशन मरोदा, वार्ड 28 राधाकृष्ण मंदिर छावनी में विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य शिविर में सामान्य बुखार की जांच, ओआरएस पैकेट का वितरण किया गया। निगम की टीम ने गृह भेंट के दौरान घर व आस पास में जमा पानी तथा बंद पड़े कूलर और कन्टेनर में टेमीफास का उपयोग कर खाली कराकर आम जन को साफ -सफाई रखते हुए बीमारियों से बचाव की जानकारी दी गई।
नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम द्वारा विगत् सप्ताह शिविर में 148 मरीजों का पंजीयन किया गया। इस दौरान खून जांच हेतु 51 मरीजों की रक्तपटिका तैयार की गई। डेंगू एवं मलेरिया तथा पीलिया से बचाव संबंधी 970 लोगों को पाम्पलेट बांटा गया। 1225 घरों भेंट कर टेमीफास के घोल का छिड़काव किए, 242 घरों में कूलर की सफाई कराई गई। 152 घरों में पानी टंकी की जांच, नालियों के जमाव पानी एवं गन्दे स्थानों पर. स्प्रेयर पंप द्वारा मैलाथियान छिड़काव किया गया। क्षेत्र भ्रमण के दौरान मौसमी जल जनित बीमारियों के बचाव एवं रोकथाम संबंधी आवश्यक स्वास्थ्य जानकारी भी दिया गया।

भिलाई। अमृत मिशन अंतर्गत शिवनाथ इंटेकवेल में 6 नग मोटर पंप स्थापित किए जाने हैं जिसमें से 4 नग मोटर पंप स्थापित किए जा चुके है वर्तमान में जो कि चलित अवस्था में है। बता दें कि दो मोटर पंप से लगातार जलापूर्ति शिवनाथ इंटकवेल से 77 एमएलडी जल शोधन संयंत्र को प्रदाय किया जाता है तथा दो अन्य मोटर पंप स्टैंडबाई मॉड में रहते हैं किसी भी एक मोटर पंप खराब होने के पश्चात अतिरिक्त स्थापित किए गए मोटर पंप से पानी सप्लाई का कार्य किया जाता है। शिवनाथ इंटकवेल में दो अन्य नए मोटर पंप क्रमांक 5 एवं 6 स्थापित किया गया है जिसे कामन मैनीफोल्ड से जोड़ा जाना है इसके पश्चात 6 मोटर पंप चालू अवस्था में होंगे। जिसमें से दो मोटर पंपों से लगातार पानी दिया जाएगा तथा चार मोटर पंप स्टैंडबाई मोड में रहेंगे। सहायक अभियंता जल कार्य  बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मोटर पंप क्रमांक 5 को कॉमन मैनीफोल्ड से जोडऩे का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है जिसे टेस्टिंग प्रक्रिया पश्चात रात्रि मे जलापूर्ति 77 एमएलडी को प्रदाय की जा सकती है।
एक मोटर पंप को कामन मैनीफोल्ड से जोडऩे के लिए लिए लगभग 12 घंटे के शटडाउन की आवश्यकता होती है। दोनों मोटर पंप को एक साथ जोडऩे में अधिक समय लगने की संभावना को देखते हुए पृथक पृथक शटडाउन लिया जा रहा है। मोटर क्रमांक 5 को आज जोड़ दिया गया है तथा मोटर क्रमांक 6 को जोडऩे के लिए 7 सितंबर को प्रात: 9:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक शटडाउन किया जाएगा। जिससे निगम क्षेत्र में चंद्रा मौर्य, फरीदनगर एवं मदर टेरेसा में द्वितीय पाली में जल प्रदाय प्रभावित होगी। इसके साथ ही 8 सितंबर को आंशिक रूप से जल प्रदाय प्रभावित होगी। आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने जल प्रदाय प्रभावित होने वाले क्षेत्रों के नागरिकों से अपील की है कि इन तिथियों में पानी पूर्व से भरकर विभिन्न पात्रों में रख लें ताकि आवश्यक कार्यों के लिए समस्या न हो तथा जोन आयुक्तों को निर्देशित किया है कि जल प्रदाय प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में पानी टैंकरों के माध्यम से जल प्रदाय किया जावे।

भिलाई। शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने महत्ती सभा को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के किसी भी कोने में विकास की कमी होने नहीं दी जाएगी। सामाजिक, सार्वजनिक काम सभी पूर्ण होंगे। निजी के काम के बारे में नहीं बोल पाउंगा। हर वो काम पूरे होंगे जो आम जनमानस से जुड़े होंगे।  उन्होंने ग्राम पंचायत घुघुवा (क) में शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला प्रांगण में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में जिले में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 35 शिक्षकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षक हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं। शिक्षक हमारे समाज की रीढ़ हैं। शिक्षक हमारी प्रेरणा का स्त्रोत होते हैं जो हमारी जीवन में आने वाली अनेक बाधाओं का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए तैयार करते हैं। उन्होंने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के संबंध में कहा कि अपने त्याग और समर्पण के साथ कार्य करते हुए वे राष्ट्रपति बने किन्तु उनकी हार्दिक इच्छा रही कि उन्हें शिक्षक के रूप में ही याद किया जाए। इसलिए उनके जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक का स्थान बेहद ऊंचा है। अभिभावक बच्चे को जन्म देता है लेकिन शिक्षक उसके चरित्र को आकार देकर उज्जवल भविष्य का निर्माण करता है। राष्ट्रनिर्माण में शिक्षक की बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।  मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि सार्वजनिक हित के कार्यों में संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने नरवा-गरूवा-घुरवा-बाड़ी योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए योजना के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ करने में इस योजना की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने शिक्षकों को भी नरवा-गरूवा-घुरवा-बाड़ी योजना के संबंध में लोगों को जागरूक करने और योजना की क्रियान्वयन में अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राज्य की प्रमुख समस्या कुपोषण को दूर करने के लिए शासन द्वारा 2 अक्टूबर से विशेष अभियान चलाया जाएगा।
इस अवसर पर दुर्ग संभागायुक्त श्री दिलीप वासनीकर, कलेक्टर श्री अंकित आनंद, रविशंकर विश्वविद्यालय के भूतपूर्व कुलपति श्री एसके पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी व बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

भिलाई-तीन। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भिलाई-3 में मुक्ता (ए-2) सिनेमा हाल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि किसी भी शहर के लिए पीव्हीआर सिनेमा, उसकी पहचान का प्रतीक बताया है। आज इस श्रेणी में भिलाई-3 का नाम भी शामिल हो गया है। सिनेमा मनोरंजन का अच्छा साधन होता है। भिलाई-3 में खुद का पीव्हीआर सिनेमा हॉल हो जाने से अब सिनेमा प्रेमियों को दूसरे शहर नहीं जाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर भिलाई सहित सिनेमा परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने मुक्ता (ए-2) सिनेमा का शुभारंभ होने पर भिलाई वासियों को शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर सिनेमा परिवार से अशोक कुमार सोनी एवं अन्य व छत्तीसगढ़ी फिल्म कलाकार ज्योति पटेल उपस्थित थे। पीवीआर उद्घाटन के अवसर पर सुजीत बघेल, सतीश धुरंधर, बालमुकुंद वर्मा, नजरुल खान, अरुण वर्मा, दया साहू, तुलसी साहू, विजय जैन, सुरेश दिन गाणी सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

धार्मिक नगरी दुर्ग के सत्तीचौरा, गंजपारा में
दुर्ग। छत्तीसगढ़ की धार्मिक नगरी दुर्ग के सत्तीचौरा, गंजपारा में इस वर्ष श्री गणेश पंडाल में छत्तीसगढ़ी कुटिया पैरा से बनायीं गयी है।  कुटिया में छत्तीसगढ़ी व्यजंन बनाने की वर्तमान में विलुप्त होती जा रही सभी छोटी- बड़ी सामग्री एवं खेती, किसानी हेतु उपयोग की जाने वाली सभी औजार देखने को मिल रही हैं।
    श्री गणेश पंडाल में पैरा की कुटिया में वर्तमान में विलुप्त होती जा रही सामाग्री खटिया, खलबत्ता, जाता, सील लोढा, चिमनी, बाहरी, चरिहा, टुकनी, घड़ा, सुपली, शुपा, सिगड़ी, चूल्हा आदि सामाग्री रखी गयी है।  साथ ही साथ माता रिध्दि-सिद्धि द्वारा कुटिया में श्री गणेश को छत्तीसगढ़ व्यंजन ठेठरी, खुरमी, खिला रही है। गणेश पंडाल में नागरिकों के नाम एक संदेश देते हुए वर्तमान में विलुप्त होती जा रही छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बचाने हेतु आव्हान भी किया गया हैं।
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