ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली। चीन और पाक सीमा पर सेना को प्रलय मिसाइल की ताकत मिलेगी। प्रलय मिसाइल कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है। दिसंबर 2022 वायुसेना के लिए 120 मिसाइलों का अप्रूवल मिला था। इसके बाद अप्रैल 2023 में दो यूनिट का अप्रूवल मिला। जिसमें करीब 250 मिसाइलें थीं। ताकि इन्हें भारतीय सेना के रॉकेट फोर्स में शामिल किया जा सके। इसके बाद सितंबर 2023 में डीएसी ने इस मिसाइलों के लिए आर्मी रेजिमेंट बनाने की अनुमति दी। अब एक यूनिट जिसमें 120 मिसाइलें होंगी, उनका अप्रूवल मिलना बाकी है। इसके बाद कुल मिलाकर 370 मिसाइलें सेना में शामिल होंगी। प्रलय मिसाइल कम दूरी की सतह से हवा और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है।
प्रलय मिसाइल की रेंज 150 से 500 किमी है। प्रलय की स्पीड 1200 किमी प्रति घंटा है। जिसे बढ़ाकर 2000 किमी प्रति घंटा किया जा सकता है। यानी हवा से टारगेट पर गिरते समय इसकी गति ज्यादा हो जाती है। चीन के पास इस तरह की डोंगफेंग-12 मिसाइल है। जबकि, पाकिस्तान के पास गजनवी, एम-11 (चीन से मिली) और शाहीन मिसाइल है।
कम रेंज का फायदा ये है कि यह सीमा के पास मौजूद दुश्मन के अड्डों को चुटकियों में खत्म कर देगी। साल 2021 के दिसंबर महीने में 24 घंटे के अंदर इस मिसाइल का दो बार परीक्षण किया गया था। चीन और पाक सीमा पर इस मिसाइल की तैनाती से दोनों देश हद में रहेंगे। अगर सीमा के पास से इसे दागे तो चीन या पाक के बंकरों, तोपों, मिलिट्री बेस या उनके हथियार डिपो को खत्म करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
प्रलय मिसाइल की एक्यूरेसी और गति ही इसे सबसे ज्यादा घातक बनाती है। 5 टन वजनी यह मिसाइल अपनी नाक पर 500 से 1000 द्मद्द वजन का पारंपरिक हथियार ले जा सकती है। इस मिसाइल को बनाने में तीन मिसाइलों की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। ये मिसाइलें हैं- प्रहार, पृथ्वी-2 और पृथ्वी-3।
प्रलय मिसाइल रात में भी हमला करने की क्षमता रखती है। यानी चीन के ठिकानों पर रात में भी हमला संभव है। यानी इसमें इंफ्रारेड या थर्मल स्कैनर लगा होगा जो रात में हमला करने में मदद करता है। प्रलय मिसाइल इनर्शियल गाइंडेंस सिस्टम पर चलती है। सॉलिड प्रोपेलेंट फ्यूल है। यानी इस मिसाइल के वॉरहेड में हाई एक्सप्लोसिव, पेनेट्रेशन, क्लस्टर म्यूनिशन, फ्रैगमेंटेशन, थर्मोबेरिक और केमिकल वेपन लगा सकते हैं। प्रलय की टारगेट ध्वस्त करने की सटीकता 10 मीटर यानी 33 फीट है। यानी टारगेट से 33 फीट के दायरे में यह मिसाइल गिरती है, तो भी उतना ही नुकसान करेगी, जितना सटीक निशाने पर गिरती तो करती। यानी जितना इलाका नष्ट करना है, उतना ही बर्बाद होगा।