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मुरैना में अंडों से निकले घड़ियालों के 8 बच्चे, तीन साल देवरी घड़ियाल केंद्र में रखे जाएंगे Featured

मुरैना का मामला, ये घड़ियाल 1.20 मीटर के होने पर चंबल में छोड़े जाएंगे
मुरैना. चंबल नदी में घड़ियालों का परिवार धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को देवरी घड़ियाल केंद्र पर अंडों से निकले 8 बच्चों के बाद नए शावक घड़ियालों की संख्या 233 हो गई है। वहीं चंबल में 1265 से अधिक घड़ियाल विचरण कर रहे हैं। अभी 25 अंडों से बच्चे निकलना शेष हैं। घड़ियाल शावकों का संरक्षण तीन वर्ष तक देवरी घड़ियाल केंद्र पर किया जाएगा।
चंबल का 485 किमी क्षेत्र घड़ियाल अभयारण्य: चार दशक पूर्व विश्व में कराए भारतीय प्रजाति के घड़ियालों के सर्वे में 46 घड़ियाल चंबल में मिले थे। इसके बाद 80 के दशक में चंबल नदी के 435 किमी क्षेत्र को घड़ियाल अभयारण्य घोषित किया गया। इनके संरक्षण व संवर्धन के लिए देवरी पर घड़ियाल केंद्र बनाया गया।
देवरी केंद्र पर हर साल रखे जाते हैं घड़ियालों के 200 अंडे: प्रतिवर्ष घड़ियालों के 200 अंडे नदी के विभिन्न घाटों से लाकर देवरी केंद्र पर रखे जाते हैं। यहां इनकी हेचिंग होती है। तीन वर्ष तक इन शावक घड़ियालों का संरक्षण वयस्क होने तक किया जाता है। ग्रो एंड रिलीज कार्यक्रम के अन्तर्गत यह घड़ियाल 1.20 मीटर की लंबाई होने पर नदी में छोड़े जाते हैं।

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