ईश्वर दुबे
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Bhilai
जबलपुर, मलाजखंड, मंडला एवं नरसिंहपुर में बीती रात बारिश होने से गर्मी से मामूली राहत मिली है
प्रदेश के विंध्य, बुंदेलखंड, महाकौशल, मालवा निमाड़ के शहर भीषण गर्मी से तप रहे हैं
भोपाल. प्रदेश में भीषण गर्मी का कहर जारी है। दिन के अलावा अब रातें भी बेहद तप रहीं हैं। हालात ये हैं कि ज्यादातर शहरों में रात का तापमान सामान्य से 4 से 6 डिग्री तक ज्यादा है। राजधानी में रात का तापमान 31.6 डिग्री दर्ज किया गया।ये सामान्य से छह डिग्री ज्यादा रहा। होशंगाबाद, खजुराहो, दमोह, नौगांव समेत अन्य शहरों में भी रातें ऐसी ही तप रही हैं। शिवपुरी में रात का तापमान सबसे ज्यादा 36 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
राजधानी में शनिवार को भी पारे की चाल तेज बनी हुई है। सुबह 11.30 बजे तापमान 41.6 डिग्री दर्ज किया गया। शुक्रवार को सुबह 11.30 बजे भी तापमान इतना ही रहा था। प्रदेश के विंध्य, बुंदेलखंड, महाकौशल, मालवा निमाड़ के शहर भीषण गर्मी से तप रहे हैं। इधर, जबलपुर, मलाजखंड, मंडला एवं नरसिंहपुर में बीती रात बारिश होने से गर्मी से मामूली राहत मिली है।
ऑल टाइम रिकार्ड के लिहाज से अब तक का तीसरा सबसे गर्म दिन
शहर में शुक्रवार काे दर्ज 45.9 डिग्री तापमान जून में सबसे ज्यादा और ऑल टाइम रिकार्ड के लिहाज से अब तक का तीसरा सबसे गर्म दिन है। इससे पहले भाेपाल में 2016 में 20 मई काे दिन का तापमान 46.7, 2010 में 25 मई काे 46.0 डिग्री दर्ज किया गया था। इसके बाद 7 जून 2009 यानी शुक्रवार काे तापमान 45.9 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा भाेपाल में अप्रैल, मई और जून में इनसे ज्यादा तापमान कभी दर्ज नहीं किया गया।
शहर में ऐसा पहली बार : मई में भी कभी तापमान लगातार तीन दिन 45 डिग्री से ज्यादा नहीं रहा। पिछले साल मई में सिर्फ दाे बार 28 और 30 तारीख काे तापमान 45.3 डिग्री दर्ज किया गया था। अभी बुधवार काे 45.4 गुरुवार काे 45.3 और शुक्रवार काे 45.9 यानी लगातार तीन दिन पारा 45 डिग्री पार रहा। ऐसा पहली बार हुआ है।
क्याें चल रही है ऐसी सूखी- गर्म हवा
वरिष्ठ माैसम वैज्ञानिक एके शुक्ला का कहना है कि भाेपाल में इस बार प्री मानसून गतिविधि 19 फीसदी कम रही। चक्रवात और या प्रति चक्रवात के जरिए अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से जाे नमी मिलना चाहिए इसका पूरी तरह अभाव रहा। इसका असर यह हुआ कि हवा में सूखापन ज्यादा रहने से तापमान लगातार बढ़ता रहा। भाेपाल और उसके आसपास के इलाकाें में इसका प्रभाव ज्यादा रहा।