कार्निया प्रत्यारोपण के लिए शिक्षक ने आंखें कर दी दान Featured

शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन को गढ़ता है आगे बढऩे की प्रेरणा देता है लेकिन ग्राम आलमपुरा में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला के सहायक शिक्षक सुरेंद्र सिंह कचनेरिया ने इन परंपारिक बातों को पीछे छोड़ दिया है उन्होने दूसरों की अंधेरी जिंदगी को रोशन करने के लिए आंखे दान कर रविवार को अपना जन्मदिवस मनाया है। उन्होने नेत्रदान घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए कहा की मेरी मृत्यु के बाद मेरे नेत्र जिला अस्पताल या फिर रोटरी क्लब लायंस क्लब सहित अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं को कार्निया प्रत्यारोपण अथवा अन्धत्व निवारण नेत्र रोग और चिकित्सा संशोधन के लिए उपयोगी हो एैसी मेरी इच्छा थी अब परिजन इच्छा को पूरा करेंगे। 

एैसा नहीं है की शिक्षक श्री कचनेरिया ने संघर्ष नहीं किया हो,उन्होने हर कठिनाई को अपनी कर्तव्य निष्ठा, कठिन परिश्रम आदर्शवादिता और अनुशासित जीवन शैली से सरल कर दिया। यहीं कारण है की स्कूल के बच्चों के साथ आलमपुरा के ग्रामीण भी उनका सम्मान करते है। उत्कृष्ठ शिक्षक श्री कचनेरिया को अभिलेखों के उत्तम रखरखाब और बेतरीन शिक्षण कला के लिए वर्ष २०१६ में स्वतंत्रता दिवस समारोह में पूर्व पीडब्बल्यूडी मंत्री रामपाल सिंह के द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।  

विधायक ने भी किया सम्मानित 
पूर्व प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग कल्पना श्रीवास्तव भी श्री कचनेरिया के स्कूल प्रबंधन की प्रशंसा निरीक्षण के दौरान कर चुकी है इस दौरान आयुक्त श्रीमति श्रीवास्तव को शिक्षक  कचनेरिया के द्वारा कहे गए स्कूल ईज माई लाईफ ने खासा प्रभावित किया था। इछावर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने भी  कचनेरिया के उत्कृष्ठ कार्यो से 
 अभिभूत होकर उन्हे भव्य समारोह में सम्मानित किया। 
स्वयं सफाई करते है कचनेरिया 
आलमपुरा के ग्रामीणों के मुताबिक शिक्षक  कचनेरिया की जागरूकता और लगातार काम करने की क्षमता ने लगभग वर्ष १९५५ में बने स्कूल के पूराने भवन को भी सवार दिया है स्कूल में लगभग सभी शैक्षणिक गतिविधियों के साथ बच्चों को खेल अभ्यास, पर्यावरण सुरक्षा, पौधरोपण, स्वच्छता की भी सर्वोत्तम शिक्षा श्री कचनेरिया के द्वारा दी जाती रहीं है। स्कूल में माध्हन भोजन भी बच्चों के द्वारा प्रेरणादाय गीतों श£ाकों के साथ किया जाता है। अनेक बार शिक्षक श्री कचनेरिया स्वयं ही स्कूल के शौचालयों की साफ सफाई करते देखे जाते रहे है। बच्चों का उनसे स्नेह बना रहता है। 

प्रेरणा बने शिक्षक कचनेरिया 
शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी शिक्षक श्री कचनेरिया की कार्यशैली और उनके द्वारा अपनाएं गए शिक्षकण कार्य की विशिष्ठ शैली और तरीकों के कायल रहे है। मृत्युपारंत अपने नेत्र मानव हित में दान करने का निर्णय लेकर शिक्षक  कचनेरिया शिक्षा जगत और समाज के लिए प्रेरणा बन गए है। उनके इस निर्णय की परिजन मित्रगण और सामाजिकजन विशिष्ठगण सहित जनप्रतिनिधि समाजसेवी और प्रशासनिक अधिकारी भी सराहना कर रहे है।

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