Print this page

एमपी में हनी ट्रेप का खुलासा करने वाले मीडिया संस्थान पर छापा, 67 लड़कियां भी मिली Featured

By December 02, 2019 216

इंदौर. मध्यप्रदेश के चर्चित हनीट्रैप मामले में नए खुलासे करने वाले मीडिया संस्थान के मालिक के इंदौर स्थित ठिकानों पर पुलिस और प्रशासन की टीम ने छापेमारी की कार्रवाई की है. जिसमें संस्थान के मालिक व उनके बेटे पर इंदौर पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है. शनिवार देर रात छह विभागों ने संयुक्त कार्रवाई कर कारोबारी और मीडिया संस्थान के मालिक के घर और प्रतिष्ठानों पर दबिश दी. उनके आलोक नगर स्थित घर, माय होम, बेस्ट वेस्टर्न होटल और  अखबार के प्रिंटिंग प्रेस पर छापा मारा गया.

दस्तावेजों के साथ पकड़ी गई 67 लड़कियां

हनीट्रैप से जुड़े ऑडियो और वीडियो वे अपने अखबार  और चैनल पर पिछले कुछ दिनों से प्रकाशित और प्रसारित कर रहे थे. जिसके बाद प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई की गई है. जिसमें एसडीएम राकेश शर्मा, सीएसपी ज्योति उमठ के साथ प्रशासन, पुलिस, आबकारी, नगर निगम, फूड और बिजली कंपनी के अफसर पूरी रात तक जांच करते रहे, जिसमें कई दस्तावेजों के अलावा 67 लड़कियां भी पकड़ी गईं.

इन पर भी हुई कार्रवाई

बताया जा रहा है कि होटल में देर रात तक शराब परोसे जाने, लड़कियों के अश्लील नृत्य और कई अनैतिक गतिविधियों की शिकायत पुलिस को मिली थी. जिसके बाद हरकत में आई पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया है. रविवार 1 दिसम्बर की सुबह कारोबारी के समाचार पत्र के कार्यालय को भी सील कर दिया गया.

पुलिस ने हनीट्रैप मामले के फरियादी इंदौर नगर निगम के अधिकारी हरभजन सिंह की शिकायत पर जीतू सोनी, उनके बेटे अमित सोनी और अन्य के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. साथ ही आर्म्स एक्ट और ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला भी दर्ज किया गया है.

बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने किया विरोध

इंदौर पुलिस द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया है. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, हनीट्रैप मामले को सरकार दबा रही है क्योंकि इसमें मंत्री से लेकर अधिकारी तक संलिप्त हैं. यदि कोई मीडिया समूह इसे उजागर कर रहा है तो उस पर बदले की भावना से कार्रवाई करना गलत है. कहीं गलत काम हो रहा है और सरकार छापा मारे, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं हैं, लेकिन सिर्फ इस कारण से छापा मारा जाए कि वो अखबार का मालिक है और अपने अखबार के माध्यम से सरकार से जुड़े हुए लोगों के चेहरे उजागर कर रहा है तो छापा मारकर उसे प्रताडि़त करने की कोशिश करना ठीक नहीं है.

Rate this item
(0 votes)
newscreation

Latest from newscreation