मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश (9158)

भोपाल. प्रदेश कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा सरकार पर राज्य के साथ लगातार भेदभाव किए जाने का आरोप लगाते हुए राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर भाजपा सांसदों के आवास और कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया।
कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार मध्यप्रदेश को विभिन्न मदों में मिलने वाली राशि देने के मामले में लगातार भेदभाव कर रही है। राज्य के 28 भाजपा सांसदों का इसको लेकर ‘मूक समर्थन’ है। इसलिए कांग्रेस के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने भाजपा सांसदों को ‘जगाने’ के लिए उनके निवास एवं कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।

भोपाल में प्रदेश एवं जिला कांग्रेस द्वारा भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के घर एवं कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर उन्हें अपने कर्तव्य का बोध कराया गया। इंदौर में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा सांसद शंकर लालवानी के घर के बाहर प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, रीवा, दमोह, सागर, बालाघाट, गुना, राजगढ़ सहित प्रदेश के अन्य भाजपा सांसदों के घर एवं कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया।

मंत्री व सांसद प्रहलाद पटेल को सौंपा ज्ञापन 

दमोह कांग्रेस द्वारा भाजपा सांसद और केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद पटेल के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर उन्हें कर्तव्य बोध कराया गया। साथ ही मौके पर मौजूद मंत्री पटेल को ज्ञापन भी सौंपा। 

भोपाल । प्रथम दौड़ 21 किमी- एक दिसम्बर 2019 को मोती लाल नेहरु स्टेडियम से टीटीनगर स्टेडियम तक रन भोपाल रन का आयोजन प्रात 6.20 बजे से प्रारंभ होकर प्रबंध द्वार से बायी ओर पीएचक्यू तिराहा से बाये होकर खटलापुरा रोड से मछलीघर तिराहा, केएन प्रधान तिराहा, पालिटेक्निक कालेज चौराह, किलोल पार्क तिराहा, रेतघाट से होते हुए करबला पंप हाउस पहुंचकर यूटर्न लेकर रेतघाट तिराहा, कमला पार्क से होकर गोयल कोठी से अंदर भारत भवन के सामने से होते हुए बोट क्लब से होकर मानव संग्रहालय गेट क्रमांक-1 में प्रवेश करेगी जो मानव संग्रहालय गेट क्रमांक -2 से होकर डिपो चौराहा, भदभदा चौराहा, जवाहर चौक, रंगमहल चौराहा से टीटीनगर थाना चौराहा, मटका तिराहा होते हुए गेट क्रमांक -2 से स्टेडियम में प्रवेश कर सम्पन्न होगी। 
द्वितीय  दौड़ 11 किमी दौड़ - प्रात- 6.30 बजे से मोतीलाल नेहरु स्टेडियम से प्रारंभ होकर विजय द्वार से दाहिने ओर पीएचक्यू तिराहा से बाये होकर खटलापुरा रोड से मछलीघर तिराहा, केएन प्रधान तिराहा रेतघाट से होते हुए करबला पम्प हाउस पहुंचकर यूटर्न लेकर रेतघाट तिराहा कमला पार्क बाणगंगा चौराहा पलाश होटल तिराहा से बाये रंगमहल चौराहा से टीटीनगर थाना चौराहा मटका तिराहा होते हुए गेट क्रमांक -2 से स्टेडियम में प्रवेश कर सम्पन्न होगी।
तृतीय दौड़ 5 किमी दौड़- प्रात- 7.30 बजे से मोतीलाल नेहरु स्टेडियम से प्रारंभ होकर विजय द्वार से दाहिने ओर पीएचक्यू तिराहा से बाये होकर खटलापुरा रोड से मछलीघर तिराहा, केएन प्रधान तिराहा, पालिटेक्निक कालेज चौराहा से बाये बाणगंगा चौराहा पलाश होकर तिराहा से बाये रंगमहल से टीटीनगर थाना चौराहा, मटका तिराहा होते हुए क्रमांक -2 से स्टेडियम में प्रवेश कर सम्पन्न होगी।

 

भोपाल मध्यप्रदेश में पशुपालन को फायदे का धंधा बनाने के लिए अब राज्य सरकार दो बड़ी कवायद करने वाली है। एक अमेरिका की तर्ज पर मध्यप्रदेश सहित पूरे देश में दूध का समर्थन मूल्य घोषित करवाने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा दूसरा मध्यप्रदेश में अब पशुपालक केवल बछिया के प्रजनन के लिए उत्तराखंड के बाद दूसरी सीमन लैब मध्यप्रदेश के भोपाल में शुरु की जाएगी।

पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव, विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव और पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के प्रबंध संचालक एचबीएस भदौरिया हाल ही में अमेरिका के दौरे से लौटै है। अमेरिका के विभिन्न राज्यों में पशुपालकों को पशुपालन के लिए बढ़ावा देने और इसे मुनाफे का धंधा बनाने के लिए वहां की सरकार ने दूध का समर्थन मूल्य तय कर रखा है। समर्थन मूल्य समय समय पर बदलता रहता है लेकिन इससे कम दाम पर वहां दूध नहीं बिकता। दूध के दाम कम होंने पर सरकार खुद दूध खरीदती है। राज्य सरकार भी मध्यप्रदेश के पशुपालकों को दूध के तय दाम दिलाने के लिए समर्थन मूल्य तय करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजेगी। पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव का कहना है कि वे जल्द ही मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर उन्हें अपने दौरे की रिपोर्ट देंगे और फिर उनकी सहमति से दूध का समर्थन मूल्य तय करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे।

अमेरिका की तर्ज पर राज्य सरकार भी एचटी जेनेटिक्स के जरिए साटेड सीमन तैयार करने की प्रक्रिया भोपाल में शुरु करेगी। इसके लिए 47 करोड़ रुपए मंजूर हो चुके है। भदभदा रोड पर बुल मदर डेयरी फार्म में राज्य सरकार एक आधुनिक प्रयोगशाला शुरु करेगी। अप्रैल में यह प्रयोगशाला शुरु हो जाएगी। इसमें अमेरिका के विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया जाएगा।अमेरिका की तकनीकी पर ऐसा सीमन तैयार किया जाएगा जिसके जरिए केवल बछिया ही पैदा होंगी। ऐसी प्रयोगशाल भारत में केवल उत्तराखंड में है। अब मध्यप्रदेश में यह दूसरी प्रयोगशाला खुलेगी। इससे सड़कों पर घूमने वाले अनुपयोगी पशुओं की समस्या पर भी लगाम लग सकेगा।

 

नीमच. मध्‍य प्रदेश की नीमच जिला पंचायत (Neemuch District Panchayat) की बैठक में भाजपा ( BJP) के जिला पंचायत सदस्‍य ने व्‍यंग करते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) को आंगनवाडियों में अंडे की जगह मुर्गी पाल लेना चाहिए, जिससे बच्‍चों को ताजे अंडे भी मिलेंगे और खेलने के लिए मुर्गियां भी. इससे आंगनवाडी केंद्रों (Anganwadi Centers) में खिलौनो की जरूरत खत्‍म हो जाएगी. भाजपा की बहुमत वाली जिला पंचायत ने अंडे वितरण नहीं किए जाने को लेकर प्रस्‍ताव भी पास कर लिया है. नीमच जिला पंचायत में 29 नवंबर को हुई एक बैठक में कमलनाथ सरकार के आंगनवाडी केंद्रों में अंडे बांटने के फैसले का जमकर मखौल उड़ाया गया है. जबकि इस घटना के बाद कांग्रेस (Congress) भाजपा को घेरने में जुट गई है.
कांग्रेस और भाजपा में आरोपों का दौर शुरू
इस मामले पर कांग्रेस की जिला पंचायत सदस्‍य मधु बंसल ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा बहुमत वाली जिला पंचायत में हास्‍यासपद निर्णय लिए जा रहे हैं. उनका कहना है एक तरफ जहां कमलनाथ सरकार कुपोषित बच्‍चों को मिडडे मील में अंडे देकर कुपोषण से निकालना चाह रही है, वहीं भाजपा शासित जिला पंचायत ने अंडा निषेध का प्रस्‍ताव पास कर दिया. यह कहते हुए कि कमलनाथ सरकार को अंडे की जगह आंग‍नवाडियों में मुर्गी पाल लेनी चाहिए, जिससे बच्‍चों को ताजे अंडे भी मिलेंगे और बच्‍चों को खेलने के लिए मुर्गियां भी. वहीं इससे आंगनवाडियों में खिलौनों की जरूरत खत्‍म हो जाएगी.
जबकि कांग्रेस नेता सत्‍यनारायण पाटीदार ने कहा कि भाजपा के जिम्‍मेदार सदस्‍य मुर्खतापूर्ण बातों में लगे हुए हैं. इनकी बातें सुनकर हसी आती है, जिनको दूध पीना है, क्‍या वह गाय पालेंगे. सीएम मध्‍य प्रदेश को कुपोषण के दंश से बाहर निकालना चाहते है, ऐसी बातें भाजपा की छोटी मानसिकता बताती है.
भाजपा विधायक ने कही ये बात
इस बैठक में मौजूद भाजपा विधायक अनिरूध्‍द माधव मारू ने अपनी पार्टी का बचाव करते हुए कहा कि बैठक में व्‍यंग करने पर मनाही नहीं है. कांग्रेस मामले को तुल दे रही है, हमने तो अंडा वितरण निषेध किया है. जिला पंचायत की बैठक में घटे इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जिला पंचायत अध्‍यक्ष अवंतिका जाट ने सफाई देते हुए कहा कि जिला पंचायत में जिले में अंडा वितरण को निषेध किया है. मुर्गी पालने वाली बात हमारे सदस्‍य दिनेश परिहार ने व्‍यंग में कही थी, जिसको प्रोसिडिंग में नहीं लिया गया है. कांग्रेस यूं ही मामले को तूल दे रही है. हमने सरकार को यह प्रस्‍ताव भेजा है कि नीमच जिले में अंडा वितरण नहीं किया जाएगा.
बहरहाल, जिला पंचायत की बैठक में हुए इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जहां कांग्रेस भाजपा को घेरने में लगी है, तो वही पूरे मामले में भाजपा व्‍यंग के बाद बैकफुट पर दिखाई दे रही है.

अलीराजुर. झाबुआ (jhabua) का कड़कनाथ मुर्गा ( Kadaknath cock) तो देश-विदेश में प्रसिद्ध हो गया. अब पंजा दरी (claw mat) की बारी है. अलीराजपुर (alirajpur) में बनने वाली इस दरी का पेटेंट कराने की तैयारी है. अलीराजपुर प्रशासन ने इस संबंध में शासन को चिट्ठी भेजी है. अगर पेटेंटे (Patente) हो गया तो दुनिया इस दरी को जानेगी और कारीगरों के दिन फिरेंगे.
मध्य प्रदेश के पश्चिमी ज़िले अलीराजपुर के जोबट में पंजा दरी बनायी जाती है. पीढ़ियों और बरसों से यहां दरी बनाने का काम किया जाता है. लेकिन देश-दुनिया इससे अंजान है. अब प्रशासन इस दरी और कारीगरों को नयी पहचान दिलाना चाहता है. ज़िला प्रशासन ने शासन को पत्र भेजा है. उसने शासन से पंजा दरी का पेटेंट कराने की मांग की है.
हांथ से बनायी जाती है दरी
जोबट की पंजा दरी की खासियत है कि यह बहुत खूबसूरत होती है और बड़ी मज़बूत होती है. ये कई साल बल्कि ये कहना ज़्यादा ठीक होगा कि कई पीढ़ियों तक ख़राब नहीं होती. पंजा दरी इसलिए नाम पड़ा क्योंकि ये हाथ से बनायी जाती है. एक पंजा दरी बनाने में कम से कम तीन से चार दिन लगते हैं. दरी का साइज बड़ा हो तो 20 दिन से ज्यादा समय भी लग सकता है. यह दरी पूरी तरह कॉटन से बनाई जाती है और इसमें रंग भी हाथों से भरा जाता है.
कारीगरों को मिलेगा उनका हक़
जो लोग पंजा दरी के बारे में जानते हैं वो इसे काफी पसंद करते हैं. लेकिन पंजा दरी को वो मार्केट नहीं मिला जिसकी ये और यहां के कारीगर हक़दार हैं. पंजा दरी को सरकार प्रमोट कर रही है. यहां की पुरानी पीढ़ियां घर में ये दरी बनाती थीं. 1986 में सरकार के हस्तशिल्प विकास निगम ने जोबट में सेंटर खोल दिया. अब यहां दरी बनायी जाती है. यहां काम कर रहे कुछ मज़दूरों को रोज़ाना के हिसाब से मजदूरी दी जाती है और कुछ मज़दूरों को दरी के साइज के हिसाब से दाम मिलता है
देश-विदेश में मिले पहचान
पंजा दरी की खुद की पहचान हो और इस नाम और पहचान को कोई कॉपी ना कर सके इसलिए जिला प्रशासन इसका पेटेंट कराना चाहता है. उसने शासन को पत्र भेजकर पंजा दरी का पेटेंट करने के लिए निवेदन किया है. अगर पेटेंट हो जाता है तो मध्य प्रदेश का ये आदिवासी इलाका फिर देश-विदेश में नयी पहचान पाएगा. .

जबलपुर। सालों पहले राजकपूर की फिल्म जिस देश में गंगा बहती है, आवारा फिर सुनील दत्त की फिल्म प्राण जाए पर वचन न जाए सहित शाहरूख खान व करीना कपूर की द ग्रेट अशोका फिल्मों का साक्षी बन चुका शहर का भेड़ाघाट विंटर सीजन में पर्यटकों की खास पसंद बन गया है। यहां रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं।वीकेंड पर तो यहां पर्यटकों की काफी ज्यादा हो जाती है। जबलपुर का भेड़ाघाट पर्यटन की दृष्टि से भी अहम है। ऊंचाई से गिरती जल की दूधिया धार और पानी से निकलने वाला धुएं सा नजारा हर पर्यटक को सम्मोहित कर लेता है। भृगु ऋषि का स्थान होने के कारण भी इस स्थान को भेड़ाघाट के नाम से जाना जाता है। ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, लमेहटाघाट, गोपालपुर, चौंसठ योगिनी मंदिर और पंचवटीघाट जैसे सौंदर्य भी बड़े दार्शनिक हैं।
बढ़ ज्याता है सौंदर्य................
नर्मदा के संगमरमरी घाटों और तटों पर पर्यटकों का दिल रोमांच से चार-चौगुना उस समय हो जाता है। जब दीपक की लौ जलधारा में टिमटिमाती है। भेड़ाघाट का वातावरण भी बेहद शांत रहता है। जब सूरज की रोशनी सफेद और मटमैले रंग के संगमरमर चट्टान पर पड़ती है, तो नदी में बनने वाला इसका प्रतिबिंब अद्भुत होता है। भेड़ाघाट और यहां की संगमरमर चट्टान की खूबसूरती उस समय चरम पर होती है। जब चांद की रोशनी चट्टान और नदी पर एक साथ पड़ती है।
इन फिल्मों की हुई शूटिंग..............
अपनी खूबसूरती के कारण मशहूर भेड़ाघाट में फिल्म बॉबी’, अशोका, प्राण जाए पर वचन न जाए, मोहनजोदाड़ो जैसी कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हुई है। केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी तो इसे मिनी नियाग्रा प्रपात की संज्ञा भी दे चुके हैं।

झाबुआ: पश्चिमी मध्यप्रदेश के आदिवासी झाबुआ जिले में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों का चौकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. जिले के 28 हजार से अधिक 6 से 14 वर्ष के बच्चे स्कूल छोड़ चुके है. सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद सरकारी व्यवस्था बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से नही जोड़ पा रही है.
जिले के ग्रामीण इलाके के इस स्कूल में बच्चे अपने सहपाठियों को अंग्रेजी और गणित का पाठ पढ़ा रहे है. ऐसे हजारों बच्चों की क्वालिटी एजुकेशन और शिक्षा के प्रति प्रोत्साहन के लिये सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है. लेकिन, राज्य शिक्षा केंद्र से जारी आंकड़ों के मुताबिक, जिले के 28 हजार 666 बच्चें स्कूल छोड़ चुके हैं. प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर से स्कूल में प्रवेश दिलवाए जाने के फरमान के बाद जिला प्रशासन महज 3 हजार 192 बच्चों को ही पुनः प्रवेश दिला पाया है.
जिला सर्व शिक्षा अभियान ने निरीक्षण के बाद शाला त्यागी व अप्रवेशी बच्चों के 28 हजार 666 के आंकड़े को गलत बताया. स्थानीय प्रशासन का दावा है कि यह आंकड़ा करीब 15 हजार है. जारी किए गए आंकड़ों में कई ऐसे नाम हैं, जो यहां तो अपने परिजनों के साथ पलायन कर गए हैं या उनकी उम्र अधिक हो गई है. हालांकि, वे शेष बच्चों के जल्द इनरोलमेंट का दावा कर रहे हैं.
शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षा के प्रति जागरूकता के लिये सरकार की योजनाओं में करोड़ों खर्च हो जाने के बावजूद शाला त्यागी बच्चों का आंकड़ा कई सवाल खड़े कर रहा है. ऐसे हालातों से सरकारी सिस्टम की निष्ठा और ईमानदारी पर सवाल खड़े होना लाजमी है.
 

भोपाल मध्यप्रदेश में पशुपालन को फायदे का धंधा बनाने के लिए अब राज्य सरकार दो बड़ी कवायद करने वाली है। एक अमेरिका की तर्ज पर मध्यप्रदेश सहित पूरे देश में दूध का समर्थन मूल्य घोषित करवाने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा दूसरा मध्यप्रदेश में अब पशुपालक केवल बछिया के प्रजनन के लिए उत्तराखंड के बाद दूसरी सीमन लैब मध्यप्रदेश के भोपाल में शुरु की जाएगी।
पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव, विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव और पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के प्रबंध संचालक एचबीएस भदौरिया हाल ही में अमेरिका के दौरे से लौटै है। अमेरिका के विभिन्न राज्यों में पशुपालकों को पशुपालन के लिए बढ़ावा देने और इसे मुनाफे का धंधा बनाने के लिए वहां की सरकार ने दूध का समर्थन मूल्य तय कर रखा है। समर्थन मूल्य समय समय पर बदलता रहता है लेकिन इससे कम दाम पर वहां दूध नहीं बिकता। दूध के दाम कम होंने पर सरकार खुद दूध खरीदती है। राज्य सरकार भी मध्यप्रदेश के पशुपालकों को दूध के तय दाम दिलाने के लिए समर्थन मूल्य तय करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजेगी। पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव का कहना है कि वे जल्द ही मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर उन्हें अपने दौरे की रिपोर्ट देंगे और फिर उनकी सहमति से दूध का समर्थन मूल्य तय करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे।
अमेरिका की तर्ज पर राज्य सरकार भी एचटी जेनेटिक्स के जरिए साटेड सीमन तैयार करने की प्रक्रिया भोपाल में शुरु करेगी। इसके लिए 47 करोड़ रुपए मंजूर हो चुके है। भदभदा रोड पर बुल मदर डेयरी फार्म में राज्य सरकार एक आधुनिक प्रयोगशाला शुरु करेगी। अप्रैल में यह प्रयोगशाला शुरु हो जाएगी। इसमें अमेरिका के विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया जाएगा।अमेरिका की तकनीकी पर ऐसा सीमन तैयार किया जाएगा जिसके जरिए केवल बछिया ही पैदा होंगी। ऐसी प्रयोगशाल भारत में केवल उत्तराखंड में है। अब मध्यप्रदेश में यह दूसरी प्रयोगशाला खुलेगी। इससे सड़कों पर घूमने वाले अनुपयोगी पशुओं की समस्या पर भी लगाम लग सकेगा।

Ads

R.O.NO. 13515/54 Advertisement Carousel

MP info RSS Feed

फेसबुक