मध्य प्रदेश

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इन्दौर। मनोरमागंज स्थित गीताभवन हॉस्पिटल को समाजसेवी किशन गोपाल पुंगलिया एवं पाचूलाल अग्रवाल पारमार्थिक ट्रस्ट की ओर से दो डायलिसिस मशीनें भेंट की गई। करीब 12.50 लाख रू. लागत की इन दोनों मशीनों का लोकार्पण गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष गोपालदास मित्तल, मंत्री राम ऐरन, अस्पताल समिति के अध्यक्ष सोमनाथ कोहली, सचिव महेशचंद्र शास्त्री एवं अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. आर.के. गौड़ ने समाजसेवी किशन गोपाल पुंगलिया के आतिथ्य में किया। इन दो नई डायलिसिस मशीनों सहित गीता भवन अस्पताल में अब 8 डायलिसिस मशीनें काम कर रही है। निर्धन एवं जरूरतमंद मरीजों के लिए सुंदरम पैकेजिंग, गीता भवन ट्रस्ट एवं सांई बाबा केंद्र के सौजन्य से प्रति माह दो से तीन डायलिसिस निःशुल्क किए जाने का प्रावधान रखा गया है।

इन्दौर । लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने आज सांवेर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नाहरखेड़ा, बसांद्रा, कांकरिया बोर्डिया, कांकरियापाल और बालोदा में 85 लाख रूपये के सामुदायिक भवन, सीसी रोड और गार्डन का लोकार्पण और भूमिपूजन किया।
उन्होंने ग्राम कांकरियापाल में सीसी रोड और सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया तथा गार्डन और एक अन्य सीसी रोड का भूमिपूजन किया। उन्होंने ग्राम कांकरिया बोर्डिया में और बसांद्रा में सीसी रोड का भूमिपूजन किया। उन्होंने ग्राम कांकरिया पाल में हाईस्कूल और उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की भी घोषणा की।
स्वास्थ्य मंत्री सिलावट ने इस अवसर पर कहा कि मध्यप्रदेश सरकर गांव, गरीब और किसानों की सरकार है। राज्य सरकार ने किसानों के बिजली बिल कम किये हैं। पचास हजार रूपये तक के कर्ज माफ किये है। आगामी एक माह में 10 लाख किसानों के दो लाख रूपये तक के कर्ज माफ किये जाएंगे। प्रदेश में अभी तक 22 लाख किसानों के कर्ज माफ किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद, बीज और बिजली की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। लोक निर्माण विभाग, प्रधानमंत्री सड़क योजना और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के जरिये प्रदेश में और सांवेर विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया जायेगा। पेयजल, बिजली और सड़क हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में है। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के कल्याण के लिये राज्य सरकार कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि सांवेर क्षेत्र को अगले पांच साल में इंदौर मेट्रो सेवा से जोड़ा जायेगा।
इस अवसर पर देपालपुर क्षेत्र के विधायक विशाल पटेल ने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिये विधायक निधि से मांग के अनुसार आवश्यक राशि समय-समय पर प्रदान की जायेगी। हमारा उद्देश्य किसानों का कल्याण करना है। किसानों को 24 घंटे बिजली, हर गाँव में सड़क और हर घर के आसपास पेयजल की व्यवस्था की जायेगी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पंच-सरपंच और नागरिक मौजूद थे।
:: स्वास्थ्य मंत्री ने मरीजों के बीच मनाया अपना जन्मदिन ::
स्वास्थ्य मंत्री ने आज एमवाय अस्पताल और पीसी सेठी अस्पताल में मरीजों के बीच मिठाई, फल और बिस्किट बांटकर अपना जन्मदिन मनाया। ग्राम बसांद्रा, ग्राम कांकरिया बोर्डिया, ग्राम कांकरियापाल में भी स्वास्थ्य मंत्री का जन्मदिन मनाया गया।

इंदौर/भोपाल. मध्यप्रदेश समेत देशभर के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए भारत सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। अब पीजी की पढ़ाई के दौरान छात्रों के लिए जिला अस्पतालों में तीन महीने की प्रैटिक्स अनिवार्य की जाएगी इसके लिए मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) जल्द ही अधिसूचना जारी करने वाली है। अगले सत्र से निजी व सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए यह व्यवस्था लागू होगी। इसका फायदा यह होगा कि जिला अस्पतालों में इमरजेंसी ड्यूटी, वार्ड ड्यूटी व ओपीडी के लिए डॉक्टर मिल जाएंगे। एमसीआई का यह प्रयोग सफल रहा तो आगे चलकर प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी पीजी डॉक्टरों को 3 से 6 महीने के लिए इन अस्पतालों में पदस्थ किया जाएगा। इसका मकसद यह है कि यह डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों को अच्छे से समझ सकें। इसका फायदा यह होगा कि पीजी के बाद अनिवार्य ग्रामीण सेवा बंधपत्र या सरकारी सेवा के तहत यहां पदस्थ होने पर उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में होनी वाली बीमारियां, अस्पतालों में संसाधन और अन्य हालातों का ज्ञान रहेगा।
यह होगा फायदा
- जिला अस्पतालों में इलाज के लिए डॉक्टर मिल सकेंगे।
- इनकी पदस्थापना से सर्जरी व एनेस्थीसिया में भी मदद मिलेगी।
- ओपीडी व इमरजेंसी में मरीजों को जल्दी इलाज मिलेगा।
प्रदेश के छह सरकारी कॉलेजों में एमडी-एमएस की सीटें - 693
प्रदेश के निजी कॉलेजों में पीजी सीटें - 307
प्रदेश में जिला अस्पताल - 51
एक समय पर पीजी करने वाले कुल छात्र - 3000
पीजी छात्रों को तीन महीने के लिए जिला अस्पतालों में पदस्थ किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही अधिसूचना जारी होने वाली है। - डॉ. वीके पॉल, चेयरमैन, बीओजी (एमसीआई)

सतना। अमरपाटन की पुरानी बस्ती में जिला समूह खाना वितरण केंद्र (सेंट्रल किचन) में मंगलवार अल सुबह 5:30 बजे खाना बनाते वक्त गैस चूल्हे में धमाका हो गया। जिससे चूल्हे के परखच्चे उड़ गए, हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। अगर यह घटना दिन में होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। जहां प्रेशर गैस चूल्हा लगा है वहां हैंडपंप भी लगा है। यहीं पर मोहल्ले के लोग पानी भरने के लिए आते हैं। ऐसे में सार्वजनिक स्थान के पास प्रेशर गैस चूल्हा क्यों लगवाया गया, इसमें अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है। सेंट्रल किचन से ही आंगनबाड़ियों में मध्यान भोजन का वितरण किया जाता है। सूचना मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी।
सिंगरौली में एक ऑटो रिक्शा गहरी खाई में जा गिरा, घटना के बाद ऑटो में सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में 5 लोग घायल हो गए। घायलों को बड़ी मुश्किल से खाई से बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। सूचना मिलने के बाद पुलिस और एंबुलेंस भी मौके पर पहुंच गई थी। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।
कटनी के समीप माधवनगर स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर क्रेक आ गया। यहां से गुजर रही जबलपुर-रीवा ट्रेन यहां दुर्घटना होने से बच गई। करीब डेढ़ घंटे तक ट्रेन को वहीं रोका गया और ट्रैक को ठीक करने के बाद ट्रेन को गुजारा गया।

भोपाल . शहर में होर्डिंग्स और फ्लेक्स लगाने की अनुमति की प्रक्रिया अब तक तय नहीं हुई है। यदि मौजूदा नियमों की बात की जाए तो न्यूनतम एक महीने के लिए फ्लेक्स या होर्डिंग लगाने के लिए  नगर निगम में कलेक्टर गाइडलाइन के एक प्रतिशत के बराबर फीस जमा कराना होगी। लेकिन इन नियमाें के मुताबिक भी नेताओं और सामाजिक कार्यक्रमों के पसंदीदा स्थानों चौराहे, रोटरी, रोड के सेंट्रल और साइड वर्ज सहित ट्रैफिक में बाधक अन्य स्थानों पर ऐसे फ्लेक्स और होर्डिंग्स की अनुमति नहीं दी जा सकती। लेकिन हकीकत यह है कि सरकारी कार्यक्रमों के फ्लेक्स भी इन्हीं स्थानों पर लगाए जाते हैं।
पिछले दिनों कैबिनेट ने ऐसे होर्डिंग्स और फ्लेक्स की अनुमति देने के लिए कलेक्टर को अधिकृत किया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जैसे ही यह कहा कि यदि उनका भी फ्लेक्स लगा है तो उसे भी हटा दें, उसके बाद निगम शहर में लगे राजनीतिक और सामाजिक विज्ञापन हटाने में जुट गया। तीन दिन में 6,700 होर्डिंग्स और फ्लेक्स हटा दिए गए।  अभियान के बीच 9 नवंबर को आयोजित सैन समाज के कार्यक्रम के लिए 9 स्थानों पर दो दिन के लिए फ्लेक्स की अनुमति का पहला आवेदन सोमवार को निगम में आया। हालांकि  इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।

भोपाल . राजाभोज एयरपोर्ट के अराइवल और डिपार्चर सेक्शन में चार-चार इमिग्रेशन चैक पोस्ट काउंटर बनेंगे। इन काउंटर एयरपोर्ट प्रबंधन बनाएगा। इसके अलावा एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग पर डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए पैसेंजर्स की एंट्री और एग्जिट गेट अलग-अलग बनाएं जाएंगे। सोमवार को राजाभोज एयरपोर्ट के इंस्पेक्शन के बाद मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स (एमएचए) की इमिग्रेशन सेक्शन के अंडर सेक्रेटरी शमीम अहमद की अध्यक्षता में यह निर्णय हुए।
एमएचए के अंडर सेक्रेटरी शमीम अहमद, मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन के अंडर सेक्रेटरी नरेंद्र सिंह ने अपनी तीन सदस्यीय टीम के साथ सोमवार सुबह 10.30 से दोपहर 3 बजे एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग का इंस्पेशन किया।  इस दौरान टीम ने एयरपोर्ट डायरेक्टर अनिल विक्रम से इंटरनेशनल फ्लाइट ऑपरेशन को लेकर सवाल-जबाव भी किए।
इंस्पेक्शन के बाद अनौपचारिक चर्चा में एमएचए के अंडर सेक्रेटरी शमीम अहमद ने मप्र के डिप्टी सेक्रेटरी (गृह) आरआर भौंसले को इमिग्रेशन चैक पोस्ट पर 16 से 18 सिक्योरिटी आॅफिसर्स की तैनाती की बात कही। इस पर भौंसले ने उन्हें जरूरी अमला मुहैया कराने की सैद्धांतिक सहमति दी है। संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने बताया कि टीम द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर जरूरी बदलाव दो माह में कर लिए जाएंगे।

जबलपुर | तहसीलदार से मारपीट और बलवे के मामले में भोपाल की विशेष कोर्ट से मिली 2 साल की सजा के खिलाफ पवई के पूर्व भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी ने हाईकोर्ट में अपील की है। इसी सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है। सजा मिलने के बाद विधानसभा ने लोधी की सदस्यता समाप्त कर दी थी। मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सोमवार को केन्द्रीय चुनाव आयोग को लोधी की सदस्यता निरस्त करने की सूचना भेज दी है।  
 गौरतलब है कि प्रहलाद लोधी समेत 12 लोगों पर आरोप था कि उन्होंने रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई करने वाले रैपुरा तहसीलदार को बीच सड़क पर रोककर मारपीट की थी। सभी पर बलवा करने का आरोप भी था। पिछले सप्ताह भोपाल स्थित सांसदों-विधायकों के मामले देखने वाली विशेष कोर्ट ने लोधी को 2 साल के कारावास की सजा सुनाई थी।
सजा पर स्थगन मिला तो सदस्यता बरकरार रहेगी
 यदि हाईकोर्ट सजा पर स्थगन देता है तो सदस्यता बरकरार रहेगी। नियम के तहत विधानसभा अध्यक्ष को विधायक की सदस्यता समाप्त करने का अधिकार नहीं है। अनुच्छेद 192 के तहत निर्वाचन आयोग की राय लेने के बाद राज्यपाल ही सदस्यता समाप्ति पर अंतिम निर्णय ले सकते हैं।  - आरएन सिंह, पूर्व महाधिवक्ता

भोपाल। मध्य प्रदेश में अतिवर्षा प्राकृतिक आपदा के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार ने अब तक राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से एक पैसा नहीं दिया है, जबकि भाजपा शासित कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों को क्रमश: 2411 व 2500 करोड़ रुपए की राशि इसी फंड से दी जा चुकी है। इसी तरह राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) में से राज्य का हिस्सा देने में भी केंद्र सरकार राजनीतिक विद्वेष भावना से काम कर रही है। यह आरोप मप्र कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे, पीसीसी अध्यक्ष के मीडिया समंवयक नरेंद्र सलूजा व पीसीसी के प्रदेश प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने संयुक्त पत्रकारवार्ता में लगाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अतिवर्षा से 60 लाख हेक्टेयर में 16 हजार करोड़ की फसल को नुकसान हुआ है।
19 हजार स्कूल भवनों, 17 हजार आंगनवाड़ियों, 1.20 लाख मकानों को पूर्ण व आंशिक क्षति हुई है। साथ ही करीब 11 हजार किलोमीटर की सड़कें खराब हो चुकी हैं और 647 लोगों को अतिवर्षा से जान गंवाना पड़ी हैं। इतने नुकसान के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर राज्य को सहायता के लिए 6621 करोड़ रुपए का राहत पैकेज देने की मांग की थी, जिसमें एक रुपया भी राज्य को नहीं मिला है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि संघीय ढांचे की व्यवस्था में प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राज्य को केंद्र सरकार द्वारा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ में से राशि दी जाती है। केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ में से राज्य के हिस्से को कम कर दिया है। केंद्र सरकार कांग्रेस शासित मप्र को एनडीआरएफ में से राशि नहीं दे रही है। जबकि भाजपा शासित कर्नाटक व महाराष्ट्र को इससे मदद दी गई है। कांग्रेस का आरोप है कि मध्य प्रदेश की जनता ने जिन 28 भाजपा सांसदों को जिताकर दिल्ली भेजा है, वे भी इस पर चुप्पी साधे हैं। मप्र को अब तक केंद्र द्वारा आपदा कोष से 247 करोड़ रुपए की राशि ही उपलब्ध कराई गई है। बिहार को 1030 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।

भोपाल। किसानों को लेकर आज भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा बिजली बिल और किसानों के मुआवजे पर प्रदर्शन कर रही है तो कांग्रेस केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कोई सहायता राशि उपलब्ध नहीं करवाई है। जबकि भाजपा शासित राज्यों में प्राकृति आपदा आने पर यह उपलब्ध करवाई गई है। मध्यप्रदेश के सभी शहरों और जिलों में भाजपा और कांग्रेस नेताओं का प्रदर्शन जारी है। मंत्री जीतू पटवारी ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि वो घड़ि‍याली आंसू बहा रहे हैं। उन्हें केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में जाकर धरना देना चाहिए। उधर इस पर पलटवार करते हुए जबलपुर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि केंद्र की ओर से प्रदेश सरकार को सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है।

इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय और अन्य नेताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। शहडोल में भाजपा ने प्रदर्शन किया। खरगोन में जिला कांग्रेस कमेटी नेताओं ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि प्रदेश में अतिवृष्टि से खराब हुई 50 प्रतिशत अधिक फसलों की नुकसानी के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा कोई भी आर्थिक सहायता नहीं दी गई। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे भेदभाव पूर्ण रवैया को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। बड़वानी जिले के सेंधवा में भी कांग्रेस का प्रदर्शन जारी है, केंद्र सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। नीमच में जिला कांग्रेस कमेटी के नेताओं ने कलेक्ट्रट के बाहर धरना प्रदर्शन किया। डिंडौरी में अतिवृष्टि में भी कांग्रेस ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

कहते हैं आंखों के बिना सतरंगी दुनियां भी बेरंगी है, लेकिन समय पर सही मददगार मिल जाए तो बेरंगी दुनियां भी सतरंगी हो सकती है। सीहोर के कमल झंवर पिछले बीस साल से ऐसे लोगों के मददगार साबित हो रहे हैं, जिनकी दुनियां बेरंगी है। बिना किसी सरकारी मदद के ये अभी तक 400 दृष्टिहीन को रोशनी दे चुके हैं। 150 से अधिक व्यक्तियो का नेत्रदान कराने ने लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में इनका नाम पहले नंबर पर दर्ज है। 60 वर्षीय कमल झंवर कहते हैं कि उनका वह हर उस शख्स की मदद करना चाहते हैं, जिसके लिए सतरंगी दुनियां बेरंगी है।
कमल झंवर ने बताया कि वह साल 1995 से नेत्रदान कराने का काम कर रहे हैं। वे 5 साल से लेकर 100 साल तक के लोगों के नेत्रदान करा चुके हैं। अभी तक करीब 200 से अधिक  लोगों ने उसके माध्यम से नेत्रदान किया है। वे सीहोर स्वास्थ्य अमले की मदद से नेत्रों को बैरागढ़ सेवा सदन ट्रस्ट में भेजते हैं। यहां नेत्र रोगियों का इलाज किया जाता है।  
कमल झंबर को सीहोर में नेत्र पेरक के रूप में जाना जाता है ऐसा नही की ये काम आसान है अपने परिजन की मौत से गम जादा परिवार के लोगो को नेत्र दान करने के लिए प्ररित करना बहुत मुश्किल कार्य है और कई बार परिजनों से अपमानित भी होना पड़ा मगर इन सबके बावजूद कमल झवर ने हार नही मानी और अपने कुछ मित्रों के साथ कमल झ्वर इस पुनीत कार्य मे लगे रहे  उम्र के इस पड़ाव में कमल झंबर  की सिर्फ एक ही पीड़ा है कि मेरे बाद कोई इस कार्य को कोई संभाल ले ताकि नेत्रहीनों की दुनिया भी रोशन हो सके ।
आज भी अपनी ढलती उम्र के बावजूद कमल झ्वर नेत्रहीनो की जिंदगी को रोशन करने का कार्य कर समाज को दे रहे है एक नई दिशा

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